Chhapra: सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सारण वासियों को बड़ी सौगात दी है। 24 करोड़ 37 लाख की लागत से निर्मित तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन कर जनता की सेवा में सर्मपित कर दिया।

सारण जिले के लहलादपुर, बनियापुर और नगरा में नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और बनियापुर के भिट्टी में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया।

इस मौके पर उन्होने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की सोच सिर्फ भवन बनाना नहीं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और सेवाओं का विस्तार करना भी है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार की डबल इंजन की सरकार का मकसद आमजनों को सभी सुविधा आसानी से उपलब्ध कराने का है। सरकार का मकसद सामान्य और लाचार व्यक्ति को स्वास्थ सहायता के लिए किसी के सामने हाथ नहीं उठाना पड़े इसका है।

सभी अस्पतालों में आसानी से उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध कराया जा रहा है। मंगल पांडेय ने कहा कि पिछले पांच छह वर्षों से हमने चमकी को लगभग समाप्त सा कर दिया है। शुभारंभ के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने एएनएम को चमकी किट भी प्रदान किया। उन्होंने कहा कि यह हर स्वास्थ्य संस्थानों को दिए जाएगें। इसमें 13 प्रकार के उपकरण हैं। उन्होने कहा कि जल्द हीं स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों की कमी को दूर किया जायेगा।

अब हर मरीज को मिलेगा समुचित इलाज, नए अस्पतालों में सभी आधुनिक सुविधाएं:

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के द्वारा सारण जिले के लहलादपुर, बनियापुर और नगरा में नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, और बनियापुर के भिट्टी में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन के जनता के सेवा के लिए समर्पित कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से लैस सुसज्जित अस्पताल का निर्माण कराया गया है। प्रत्येक सामुदयिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में करीब 7 करोड़ 69 लाख रूपये की लागत आयी है। वहीं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 1 करोड़ 30 लाख की लागत से बना है। उन्होने बताया कि 30 बेड का लहलादपुर और बनियापुर सीएचसी G+2 बना है। वहीं 30 बेड नगरा सीएचसी चार मंजिला बनाया गया है। BMSICL द्वारा निर्माण कार्य किया गया है। प्रत्येक सीएचसी निर्माण लागत ₹7.69 करोड़ है। यहां पर ओपीडी डॉक्टर रूम, Minor OT, एक्सरे, अल्ट्रा साउंड, प्रसव पूर्व और बाद देखभाल की सुविधा मेजर ओटी, आईसोलेशन वार्ड, महिला और पुरुष वार्ड, मेडिकल गैस पाइपलाइन, फायर फाइटिंग सिस्टम, विशेष उपचार इकाई,आरओ जल, महिला-पुरुष-दिव्यांग शौचालय, वर्षा जल संचयन आदि की सुविधा उपलब्ध है। कुल 24 करोड़ 37 लाख की योजनाओं की सौगात दी है।

1 करोड़ 30 लाख की लागत से बना है एपीएचसी:

बनियापुर प्रखंड के भिट्टी में एक करोड़ 30 लाख लागत से बना एपीएचसी का भी उद्घाटन किया गया। Minor OT (ऑपरेशन थियेटर), हेल्थ & वेलनेस हॉल, बच्चों की देखभाल कक्ष, स्टाफ रूम, औषधि भंडारण कक्ष, चिकित्सा अधिकारी कक्ष,अन्य आधुनिक सुविधाएँ: फर्नीचर, सीसीटीवी, शुद्ध पेयजल, शौचालय (महिला, पुरुष व दिव्यांग) है।

तीन माह के अंदर 41 हजार स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली:

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में नौकरी दी जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर पिटारा खोल दिया है। तीन माह के अंदर तकरीबन 41 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। इसके अलावा अगले 15 दिनों के अंदर 10,600 एएनएम की भी नियुक्ति की जाएगी।

इस मौके पर महाराजगंज के सांसद जर्नादन सिग्रीवाल, सारण एमएलसी सच्चिदानंद राय, एकमा के विधायक श्रीकांत यादव, एकमा के पूर्व विधायक धूमल सिंह, सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, लहलादपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रजनी कुमारी, बनियापुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, नगरा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. महेंद्र मोहन समेत अन्य मौजूद थे।

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Chhapra: जिला के सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों को मिले, इसके लिये प्रशासन लगातार प्रयासरत है। कुछ प्रखंड स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न इंडिकेटर में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं तो कुछ प्रखण्डों का प्रदर्शन कमतर है।
उपविकास आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। समाहरणालय सभागर में आहुत बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विभिन्न पैरामीटर्स की एक एक कर समीक्षा की तथा अपेक्षित सुधार हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया। ओपीडी में औसत प्रतीक्षा समय को कम करने के लिये लगातार प्रयासरत रहने को कहा गया।
सभी आशा का भव्या एप्प पर निबंधन हो चुका है, सभी को प्रशिक्षण भी दिया गया है।इस एप्प के माध्यम से शत प्रतिशत आशा के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्टिंग सुनिश्चित कराने को कहा गया।
टेली कंसलटेंसी स्पोक एंड हब प्रणाली
लक्ष्य के विरुद्ध टेली कंसलटेंसी के मामलों में अपेक्षित सुधार लाने का निदेश दिया गया। टेली कंसलटेंसी स्पोक एंड हब प्रणाली के आधार पर कार्य करता है। स्पोक में सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्पोक के रूप में काम करते हैं, जहाँ से सीएचओ हब में बैठे डॉक्टर से मरीज की दूरभाष के माध्यम से बात कराकर चिकित्सीय परामर्श प्राप्त करते हैं। टेली कंसलटेंसी के माध्यम से डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब की गई दवाइयां संबंधित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या हेल्थ सब सेंटर के माध्यम से मरीज को उपलब्ध कराई जाती है।
प्रत्येक आशा के पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की सूची के आधार पर आशावार समीक्षा करने को कहा गया।इसके आधार पर गर्भवती महिलाओं के एएनसी एवं प्रसव की मॉनिटरिंग की जायेगी। अगर कोई आशा किसी गर्भवती महिला को निजी अस्पताल ले जाती है, तो इसकी भी ट्रैकिंग हो सकेगी तथा संबंधित आशा के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी।
टीकाकरण में  लगभग 95 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज
संपूर्ण टीकाकरण में जिला में लगभग 95 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की गई है। कुछ प्रखण्डों की उपलब्धि औसत से कम पाई गई जिन्हें अपेक्षित सुधार लाने का निदेश दिया गया। 102 एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम में कमी लाने एवं सेवा में सुधार लाने हेतु स्पष्ट निदेश दिया गया। सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा मरीजों को जेनेरिक दवाएं ही प्रेस्क्राइब की जानी हैं।
इस संबंध में प्रत्येक पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल में नियमित रूप से रेंडमली प्रेस्क्रिप्शन की जाँच करने को कहा गया।
बैठक में उपविकास आयुक्त, सिविल सर्जन, डीपीएम, सभी एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम आदि उपस्थित थे।
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Chhapra: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा छपरा शहर के इंदिरा नगर में निःशुल्क स्वास्थ जांच शिविर का आयोजन हुआ। जिसमें सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ ओंकार नाथ (फिजिशियन) द्वारा सैकड़ों लोगों की स्वास्थ्य की जांच की गई।

निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर में स्थानीय लोगों ने अपना स्वास्थ्य जांच कराया और चिकित्सकीय परामर्श लिया। इस शिविर का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग के द्वारा किया गया था। 

इस अवसर पर रजनीश सुधाकर, ओमप्रकाश गुप्ता, रमेश कुमार, सिद्धार्थ कुमार, प्रेम कुमार, रंजन कुमार, विकाश कुमार, दिवाकर कुमार, राज किशोर , रिशेष, रंजन, अभिलाष, कामेश्वरी, सुनील त्यागी, सुशील, रुद्र नारायण की गरिमामय उपस्थिति रही।

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Chhapra: अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल में भारतीय मूल के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अंग प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉक्टर सत्यव्रत शर्मा ने अंग प्रत्यारोपण, विशेषकर कॉर्निया प्रत्यारोपण पर कई महत्वपूर्व जानकारियाँ दीं।

उन्होंने बताया कि कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के द्वारा डेलजी की एक संस्था से एमओयू साइन किया गया है। जिसके तहत अब यहाँ भी कॉर्निया प्रत्यारोपण की सुविधा मिल सकेगी।

 डॉक्टर सत्य व्रत शर्मा भारतीय मूल के चिकित्सक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं, जो वर्तमान में यूके में रहते हैं। वे अंग और उत्तक प्रत्यारोपण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके प्रयासों से दुनियाभर में हजारों लोगों को नया जीवन मिला है।

वे बिहार में अंग दान, विशेषकर कॉर्निया दान पर अखंड ज्योति के मार्गदर्शक हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता नेत्र दान को बढ़ावा दे ताकि ज़रूरतमंदों को नई रोशनी मिल सके ।

देखिए उन्होंने और क्या कहा 

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नई दिल्ली, 26 अप्रैल (हि.स.)। सफदरजंग अस्पताल ने अपने रोबोटिक सर्जरी कार्यक्रम में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल में 36 वर्षीय महिला की जटिल रोबोटिक सर्जरी कर विशाल एड्रेनल ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला गया।

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप बंसल ने बताया कि 18.2 x 13.5 सेमी का यह एड्रेनल ट्यूमर दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर है, जिसे रोबोट द्वारा निकाला गया। डॉ. बंसल ने कहा कि यह उपलब्धि रोबोटिक सर्जरी में सफ़दरजंग अस्पताल की विशेषज्ञता और सभी रोगियों को निःशुल्क अत्याधुनिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए समर्पित है। इस तरह की जटिल रोबोटिक सर्जरी सफ़दरजंग अस्पताल में निःशुल्क की जाती है, निजी क्षेत्र में इसकी लागत लाख रुपये से अधिक होती है।


रोबोटिक सर्जरी करने वाली टीम के प्रमुख यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रोफेसर डॉ. पवन वासुदेवा थे और उनके साथ टीम में डॉ. नीरज कुमार और डॉ. अविषेक मंडल शामिल थे। इसके साथ एनेस्थीसिया टीम में डॉ. सुशील, डॉ. भव्या और डॉ. मेघा शामिल थीं।

रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रोफेसर और सर्जरी टीम के प्रमुख डॉ. पवन वासुदेवा ने बताया कि यह प्रक्रिया काफी जटिल और जोखिम से भरी हुई थी क्योंकि ट्यूमर न केवल बहुत बड़ा हो गया था बल्कि शरीर की तीन महत्वपूर्ण संरचनाओं यानी इंफीरियर वेना कावा, लिवर और राइट किडनी पर भी खतरनाक तरीके से चिपक गया था। यह जरूरी था कि ट्यूमर को आसपास की महत्वपूर्ण संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना पूरी तरह से हटाया जाए। डॉ. वासुदेवा ने कहा कि दा विंची रोबोट के 3डी विजन और इसके निपुण रोबोटिक हाथों से जटिल सर्जरी को आमतौर पर लेप्रोस्कोपी से संभव होने वाली तुलना में अधिक सटीकता के साथ की जा सकती है। इस मामले में, सर्जरी तीन घंटे से अधिक समय तक चली और ट्यूमर को बिना किसी जटिलता के पूरी तरह से हटाया जा सका। ऑपरेशन के बाद स्थिति में सुधार हुआ और मरीज को तीन दिन में छुट्टी दे दी गई।

डॉ. वासुदेव ने बताया कि अगर यह सर्जरी खुले रास्ते से की जाती, तो इसके लिए 20 सेंटीमीटर से ज़्यादा त्वचा चीरा लगाना पड़ता और उसके बाद पूरी तरह ठीक होने में कुछ हफ़्ते लगते।

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Chhapra: सारण जिले के मांझी प्रखंड के आदर्श ग्राम बरेजा में 20 फाइलेरिया के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण किया गया। साथ हीं मरीजों सेल्फ केयर के बारे में जानकारी दी गयी। ग्राम पंचायत प्लानिंग एंड फैसलिटेशन फोरम (GPPFT) का गठन किया गया।

इस आयोजन की अध्यक्षता पंचायत के मुखिया राजेश पांडेय ने की। कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायत स्तर पर जन सहभागिता सुनिश्चित करते हुए सतत विकास लक्ष्यों को लागू करना था। बैठक में सतत विकास के 17 लक्ष्यों एवं उनसे जुड़ी 9 प्रमुख थीमों पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेष रूप से “स्वस्थ पंचायत” विषय पर केंद्रित परिचर्चा में पंचायत को एक स्वस्थ, सशक्त एवं रोग मुक्त समुदाय के रूप में विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।

फाइलेरिया मुक्त पंचायत बनाने के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा
कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा पंचायत को “स्वस्थ पंचायत” के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया गया। इस क्रम में फाइलेरिया मुक्त पंचायत बनाने के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा हुई। पंचायत क्षेत्र के फाइलेरिया पीड़ितों की पहचान एवं लाइन लिस्टिंग की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। सभी चिन्हित मरीजों को एमएमडीपी किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई। किट के प्रभावी उपयोग, व्यायाम एवं स्वच्छता नियमों पर विस्तृत जानकारी साझा की गई।

फाइलेरिया से पीड़ित 20 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण
बरेजा पंचायत में फाइलेरिया से पीड़ित 20 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। किट वितरण के पश्चात मरीजों को उसका सही उपयोग कैसे करें, दिनचर्या में किन बातों का ध्यान रखें और रोग की गंभीरता से कैसे बचा जा सकता है, इन बिंदुओं पर चिकित्सकीय परामर्श दिया गया। इसके अलावा 20 फाइलेरिया के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। मरीजों के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए यूडीआईडी (UDID) पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कार्यपालक सहायक को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

इस बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई विभागों की महत्वपूर्ण भागीदारी रही। मुखिया राजेश पांडेय, उप मुखिया, सभी वार्ड सदस्य, पंचायती राज विभाग से प्रतिनिधि, विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, स्वास्थ्य विभाग से सीएचओ, एएनएम, आशा, आशा फैसिलिटेटर, बाल विकास परियोजना से एलएस, आंगनबाड़ी सेविकाएं, जीविका से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, पिरामल फाउंडेशन प्रोग्राम लीड अरविन्द पाठक, पीओ-सीडी पंकज कुमार समेत अन्य मौजूद थे।

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स्वास्थ्य संस्थानों में दवा की उपलब्धता शत-प्रतिशत सुनिश्चित करांए: डीएम
• ओपीडी में आने वाले मरीजों भव्या पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य
• जिलाधिकारी ने की स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक
• मातृ-मृत्यु की रिपोर्टिंग का सुदृढ़ करने का दिया निर्देश
• गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच कराना सुनिश्चित करें
chhapra: स्वास्थ्य संस्थानों में शत-प्रतिशत दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करांए, ताकि मरीजों को आर्थिक बोझ उठाकर बाहर से दवा नहीं खरीदना पड़े। उक्त बातें सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने समाहरणालय सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ससमय दवा का उठाव कर स्वास्थ्य संस्थान में उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। साथ ही स्टॉक गैप को भी दूर करें। इस दौरान जिलाधिकारी अमन समीर ने स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न बिन्दुओं पर गहनता से समीक्षा की और संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों का भव्या पोर्टल पर 100% रजिस्ट्रेशन कराएं और मरीजों का वाइटल रिकार्ड मेंटेन करें। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे की सेवा को सुदृढ़ करें, ताकि आम मरीजों को कहीं बाहर से एक्स-रे नहीं कराना पड़े। रोगी कल्याण समिति की नियमित बैठक कर स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण पर चर्चा करने का निर्देश दिया। डीएम ने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर चिकित्सकों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाया, उन्होंने सिविल सर्जन को आदेश दिया कि कंट्रोल रूम बनाकर रैंडमली किसी भी डॉक्टर को कॉल कर यह जानकारी लेंगे कि वे डॉ स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित है या नहीं, जिलाधिकारी स्वयं भी डॉक्टरों से कॉल पर बात उपस्थिति की जानकारी लेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि टीबी उन्मूलन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। 2025 तक उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों की पहचान जांच और इलाज सुनिश्चित करें।
कायाकल्प आवार्ड योजना, राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि कायाकल्प के लिए कम से कम पांच सीएचसी का चयन करें। साथ हीं राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के लिए भी स्वास्थ्य केंद्रों को चयनित कर संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया।
गर्भवती महिला का प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करें:
जिलाधिकारी अमन समीर ने बैठक में निर्देश दिया कि गर्भवती महिला का प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करें। 4 प्रसव पूर्व जांच शत-प्रतिशत कराएं। साथ हीं उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला का रजिट्रेशन अनमोल एप पर 100% कराना चाहिए। नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया। कहा गया कि टीकाकरण कार्यक्रम स्वास्थ्य के दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। उन पंचायतों को चिन्हित करें जहां पर कम टीकाकरण हुआ है, फिर वहां पर विशेष रूप से अभियान चलाकर टीकाकरण करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि मातृ-मृत्यु दर में कमी लाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। मातृ मृत्यु की रिपोर्टिंग को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। कहीं पर मातृ मृत्यु की सूचना मिलती है तो जिला स्तर पर इसकी सूचना देना सुनिश्चित करेंगे।
चमकी बुखार से निपटने की लिए तैयारी:
जिले में चमकी बुखार और जेई से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की गयी तैयारियों की समीक्षा की। डीएम ने कहा कि एंबुलेंस की टैगिंग करें, ताकि जरूरत पड़ने पर पीड़ित मरीजों को समय पर एंबुलेंस की सुविधा मिल सके। जिला अस्पताल सहित सभी अनुमंडलीय और सीएचसी-पीएचसी में अलग वार्ड बनाया गया है। डीएम ने कहा जन-जागरूकता के लिए प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति की बैठक कर मुखिया और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम चलायें। चमकी बुखार और जेई से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। इसको लेकर सदर अस्पताल में 10 बेड तथा अनुमंडलीय अस्पताल में 5 बेड और सभी सीएचसी और पीएचसी में दो-दो बेड का वार्ड बनाया गया है। इस मौके पर उप विकास आयुक्त येतेन्द्र पाल, सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, सीडीओ डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह, डीआईओ डॉ. सुमन कुमार, एनसीडीओ डॉ. भूपेंद्र सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेशचंद्र कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डीएमएंडई ब्रजेश कुमार, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, सीफार डीपीसी गनपत आर्यन समेत सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और बीएचएम उपस्थित थे।
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भीषण गर्मी से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, लू पीड़ितों के इलाज के लिए विशेष इंतजाम

•अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड,कूल रूम और चिकित्सा टीमों की व्यवस्था
•बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान

छपरा: गर्मियों के बढ़ते कहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लू से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के लिए व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों, सदर अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में विशेष व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। विभाग ने निर्देश जारी कर कहा है कि इन संस्थानों में ओआरएस पैकेट, आई. वी. फ्लूड और जीवन रक्षक दवाइयाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए।

अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड की व्यवस्था :

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि अत्यधिक गर्मी से प्रभावित व्यक्तियों के लिए आवश्यकतानुसार अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की जायेगी। लू से पीड़ित बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रभावित क्षेत्रों में स्टैटिक एवं चलंत चिकित्सा दल भी तैनात किए जाएंगे। लू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु स्थानीय स्तर पर मुद्रित IEC सामग्री जैसे पम्पलेट और पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। साथ ही, स्थानीय प्रचार माध्यमों का भी उपयोग करने की बात कही गई है।

कूल रूम में व्यवस्था की जाएगी:

डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि सभी अस्पतालों में स्वच्छ पेयजल, शीतल छत समाधान और कूल रूम की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। लू से प्रभावित व्यक्तियों के इलाज के लिए प्राथमिकता से कूल रूम में व्यवस्था की जाएगी। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि गर्मी के मौसम में लू से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा।

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Chhapra:विवेकानंद VIP फार्मेसी कॉलेज में “विश्व स्वास्थ्य दिवस” के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के व्यवस्थापक सह वी० आई० पी० ग्रुप के निदेशक डॉ राहुल राज के नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान परिवार के प्राचार्य, अध्यक्ष, शिक्षक, शिक्षिका एवं सभी विद्यार्थीगणो समेत अन्य सदस्यगणों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह रहा कि स्वास्थ्य के प्रति सक्रियता कैसे बरती जाए तथा साथ ही स्वास्थ्य को सुरक्षित और बेहतर कैसे बनाया जाए। कार्यक्रम में उपस्थित वी० आई० पी० ग्रुप के निदेशक सह रिविलगंज प्रखंड प्रमुख डॉ राहुल राज ने इस अवसर पर अपने मन्तव्यों में कहा कि ‘हेल्थ इज वेल्थ’ अर्थात स्वास्थ्य ही हमारा सबसे बड़ा धन है। परन्तु आज की भाग दौर भरे जीवन में स्वास्थ्य के प्रति ध्यान न दिए जाने के कारण तमाम तरह की शारीरिक और मानसिक रूप में स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है और अंततः इसका खामियाजा हम सभी को भुगतना पड़ रहा है। क्यों न समय रहते अपने सेहत का ध्यान रखा जाए जिससे ऐसी दुर्दमनीय स्थिति उत्पन्न ही न हो।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक परिवार के सभी सदस्यों को प्रतिदिन योगासन, व्यायाम, दौड़ इत्यादि अवश्य करना चाहिए, जंक फूड खाने से बचना चाहिए, पौष्टिक आहार लेना चाहिए, जिससे आजीवन उनका स्वास्थ्य सुदृढ़ बना रहे। संस्थान के शिक्षक/शिक्षिकाओं ने भी स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोगों को महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की।

संस्थान के बी० फार्मा व डी० फार्मा की प्रिया कुमारी, शफात, हर्ष राज, दिव्या आदि होनहार विद्यार्थियों ने भी अपने शिक्षकों के सानिध्य में महाविद्यालय परिसर में अपने अपने मन्तव्यों से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर टिप्पणियां प्रस्तुत कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। साथ ही उन विद्यार्थियों द्वारा चार्ट पेपर पर एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट तैयार किए गए, जो लोगों में स्वस्थ परिवार की सुरक्षा को लेकर विशेष संदेश देने का काम किया।

संस्थान के प्राचार्य ने भी इस मौके पर बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। मानसिक तनाव को कम करते हुए तथा लोगों के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहारिक जीवन व्यतीत करना चाहिए, स्वास्थ्यप्रद भोजन करना चाहिए, नियमित रूप से टहलना चाहिए, ये सभी दैनिक कार्य करके हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। अतः हम सभी को स्वस्थ एवं सक्रिय समुदाय विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। संस्थान के सभी सदस्यों में इस कार्यक्रम को लेकर काफी रोचकता देखने मिली।

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हीट-वेव को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, सदर अस्पताल में बना 10 बेड का लू वार्ड

भागलपुर:  जिले में लगातार तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। अप्रैल महीने के शुरुआत में ही पारा 36 से 38 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। वहीं हिट वेव की संभावना क़ो देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रबंधन हाय एलर्ट मोड में है।

मुख्यालय के आदेश के बाद सदर अस्पताल में 10 बेड का लू वार्ड बनाया गया है। सदर अस्पताल में ऑक्सीजन से लेकर पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध है। तेजी से बढ़ते तापमान को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग तैयारी युद्ध स्तर पर कर रही है। वही इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजू कुमार ने बताया कि भागलपुर ओर भागलपुर के आसपास के क्षेत्र में तापमान काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में पर 36 से 38 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। जिसको लेकर हीट वेव की काफी संभावनाएं जताई जा रही हैं।

जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रत्येक जिले में आदेश पारित किया गया है कि हर सदर अस्पताल में लू से बचने के लिए लूं वार्ड बनाया जाए। जिसको लेकर भागलपुर के जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी ने भी आदेश पारित करते हुए सदर अस्पताल में लू वार्ड बनाने का आदेश दिया है। हम लोगों ने 10 सीट का लूं वार्ड बनाया है। हर समय चिकित्सक के साथ-साथ नर्स की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही ऑक्सीजन से लेकर पर्याप्त मात्रा में दवाइयां भी उपलब्ध है।

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Chhapra: भारत सरकार का उपक्रम, न्यूक्लियर पॉवर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NPCIL), की इकाई नरोरा परमाणु विद्युत केंद्र और अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल ने बिहार के विकास के लिए संयुक्त रूप से फरवरी और मार्च 2025 में एक महत्वाकांक्षी नेत्र स्वास्थ्य परियोजना का सफलतापूर्वक संचालन किया। इस परियोजना के तहत भारत सरकार द्वारा चयनित बिहार के 6 आकांक्षी जिलों में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए 6,065 निःशुल्क नेत्र सर्जरी की गईं और 5,200 से अधिक चश्मे निःशुल्क वितरित किए गए।

इसके साथ ही इन जिलों में 335 कैंप आयोजित किए गए, जिनमें लगभग 24,000 लोगों को नेत्र स्वास्थ्य जागरूकता और प्राथमिक नेत्र देखभाल प्रदान की गई। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करते हुए बिहार के समग्र विकास में योगदान देना था।

परियोजना के सफल समापन पर नरोरा परमाणु विद्युत केंद्र के स्टेशन निदेशक प्रतीक अग्रवाल ने कहा, “मुझे अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के मस्तीचक स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आकर बहुत खुशी हुई है। मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि आज हमने अपनी साझेदारी के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह पहल बिहार के विकास के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अखंड ज्योति देश के शीर्ष नेत्र अस्पतालों में से एक है और इतने प्रतिष्ठित संस्थान के साथ साझेदारी करके हमें बहुत खुशी हुई।”

अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के ट्रस्टी मृत्युंजय तिवारी ने न्यूक्लियर पॉवर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और नरोरा परमाणु विद्युत केंद्र के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “इस सहयोग से बिहार में अंधापन और दृष्टि दोष को समाप्त करने के हमारे मिशन को काफी मजबूती मिलेगी। NPCIL, इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम जैसे कई सरकारी उपक्रम हमारे मिशन का समर्थन कर रहे हैं, जो हमारे ‘विजन 2030’ लक्ष्य के तहत बिहार के लोगों के लिए 20 लाख नेत्र सर्जरी की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे।”

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छपरा जेल में बंद 1075 कैदियों की नयी तकनीक से हुई टीबी की स्क्रिनिंग

• सीवाई-टीबी टेस्ट तकनीक से हुई कैदियों की जांच
• अल्ट्रा पोर्टबल एक्स-रे मशीन से की गयी एक्स-रे
• तीन दिवसीय शिविर आयोजित कर की गयी टीबी स्क्रिनिंग
• 48 से 72 घंटे बाद 5 एमएम से अधिक का इंडयूरेशन टीबी संक्रमण माना जाएगा
• इंजेक्टेबल है सीवाई-टीबी टेस्ट प्रक्रिया

छपरा: टीबी उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य ने पहल करते हुए छपरा मंडल कारा बंद कैदियों के लिए विशेष शिविर आयोजित कर टीबी की स्क्रिनिंग की गयी। नई तकनीक सीवाई-टीबी टेस्ट के माध्यम से कैदियों में टीबी की जांच की गयी। इसके साथ हीं अल्ट्रा पोर्टबल एक्सरे मशीन के माध्यम से एक्स-रे भी की गयी। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि विशेष शिविर के दौरान 1075 कैदियों की सीवाई टीबी स्क्रिनिंग की गयी। वहीं 350 कैदियो की पोर्टबल एक्सरे मशीन से एक्सरे की गयी और बीपी जाँच की गयी। उन्होंने बताया कि जेल में टीबी एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन सकती है। बंद जगहों और भीड़-भाड़ वाले वातावरण में टीबी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है जिससे न केवल कैदियों को, बल्कि रिहाई के बाद आम जनता को भी खतरा हो सकता है। इसी उद्देश्य के साथ शिविर आयोजित की गयी।

पोर्टेबल एक्सरे द्वारा स्क्रिनिंग:

सीडीओ डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद ने बताया कि छपरा मंडल कारा में कैदियों की स्क्रीनिंग पोर्टेबल एक्सरे द्वारा की गयी है। एक्सरे में निगेटिव आने वाले कैदियों को सीवाई टीबी इंजेक्शन के माध्यम से टीबी इनफेक्शन की जांच हुई एवं सीवाई टीबी में पॉजिटिव आने वाले कैदियों को टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट की दवा शुरू की जायेगी।

48 से 72 घंटे के बीच सामने आयेगा परिणाम:

डीपीसी-टीबी हिमांशु शेखर ने बताया कि सीवाई-टीबी टेस्ट भी मोंटेक्स टेस्ट की तरह ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) का पता लगाने के लिए एक प्रकार का त्वचा परीक्षण है, लेकिन यह अधिक उन्नत तकनीक का है। मोंटेक्स टेस्ट में, एक छोटी सी मात्रा में ट्यूबरकुलिन नामक एक पदार्थ को त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है। यह पदार्थ टीबी के बैक्टीरिया से प्राप्त किया जाता है। टेस्ट के परिणाम 48 से 72 घंटे के बीच में देखे जाते हैं। यदि टीबी के बैक्टीरिया के प्रति शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है, तो त्वचा पर एक छोटा सा उभार या लाली दिखाई देती है। इस उभार का आकार और गहराई टीबी की उपस्थिति और गंभीरता का संकेत देते हैं। मोंटेक्स टेस्ट भी टीबी की उपस्थिति का संकेत देता है, लेकिन यह टीबी की पुष्टि नहीं करता है। टीबी की पुष्टि के लिए अन्य परीक्षणों की आवश्यकता होती है। इस मौके पर लैब तकनीशियन राज किशोर प्रसाद, संजय कुमार गिरी, संजेश कुमार सिंह, एएनएम मनीषा सोनी, सी-19 रिस्पांस मकानिज्म वर्ल्ड विजन के जिला पर्यवेक्षक पंकज कुमार सिंह, सामुदायिक समन्वयक़ सुनिल कुमार, एक्सरे तकनीशियन प्रतुल कुमार, स्पूटम कुरियर नंदकिशोर प्रसाद समेत अन्य मौजूद थे।

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