कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है छपरा का पोषण पुनर्वास केंद्र

कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है छपरा का पोषण पुनर्वास केंद्र

Chhapra: स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल परिसर में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र विगत कई वर्षों से जिला मुख्यालय सहित आसपास के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने जिलेवासियों से अपील किया है कि जिले में कोई भी बच्चा कुपोषण की समस्या से पीड़ित है, तो वह स्थानीय आंगनबाड़ी सेविकाओं से संपर्क कर सदर अस्पताल परिसर स्थित एनआरसी में नामांकित (भर्ती) हों। अगर इस दौरान उन्हें किसी प्रकार की कोई असुविधा होती है तो वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र या फिर एनआरसी जाकर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में कुपोषित बच्चे की मां को कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को लेकर जागरूक किया जाता है।

मासिक समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा एनआरसी की सतत निगरानी को लेकर दिया जाता है आवश्यक दिशा- निर्देश: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित मासिक समीक्षा बैठक के दौरान जिले के अतिकुपोषित बच्चों की ज़िंदगी का ख्याल रखने के उद्देश्य से पोषण पुनर्वास केंद्र में आने वाले बच्चों को लेकर विचार विमर्श करते रहते हैं। क्योंकि यहां पर मिलने वाली सुविधाएं पूरी तरह से नि:शुल्क हैं। केंद्र में नामांकित बच्चों के वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही उसे यहां से घर वापस यानी डिस्चार्ज किया जाता है। वहीं इस दौरान स्टाफ नर्स और एएनएम के द्वारा मौजूद धातृ महिलाओं को कुपोषण के मुख्य कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाती है। ताकि महिलाओं को कुपोषण से पीड़ित बच्चों की पहचान करने, साफ- सफाई का विशेष ख्याल रखने, कुपोषण से बचाव के तरीके की जानकारी रहे।

 

कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है एनआरसी: डीपीएम
डीपीएम अरविंद कुमार के अनुसार सरकार द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में नामांकित बच्चों को पूरी तरह से पोषणयुक्त बनाकर उन्हें अपने अभिभावकों के साथ घर वापस भेजा जाता है। इसके पहले कुपोषण की समस्या से जूझ रहे बच्चों को 14 दिनों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है। जहां कुपोषित बच्चे को अस्पताल के शिशु रोग से संबंधित चिकित्सकों द्वारा दिए गए सलाह के अनुसार खानपान का विशेष ख्याल रखा जाता है। 14 दिनों के अंदर अतिकुपोषित बच्चा पोषणयुक्त नहीं हो पाता हैं तो वैसी स्थिति में अधिक दिनों तक रखकर विशेष रूप से देखभाल की जाती है। इसीलिए पोषण पुनर्वास केंद्र को कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।

आवासित बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए एनआरसी में स्टाफ नर्स प्रतिनियुक्त: शिशु रोग विशेषज्ञ
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ब्रजेश कुमार ने बताया कि एनआरसी में आवासित बच्चों की देखभाल जीएनएम अंजू कुमारी, कुमारी ममता यादव, कुमारी मीनू यादव और एएनएम लीला कुमारी के द्वारा पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया जाता है। हालांकि प्रतिदिन मेरा द्वारा राउंड लगा कर बच्चों को देखा जाता है। स्थानीय केंद्र में छः महीने से अधिक एवं 59 माह तक के ऐसे बच्चे जिनकी बायां भुजा 11.5 सेमी हो और उम्र के हिसाब से लंबाई व वजन नही बढ़ता हो तो वह कुपोषित माने जाते हैं। वैसे बच्चें को ही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाता है। इसके साथ ही दोनों पैरों में पिटिंग एडीमा हो तो ऐसे बच्चों को भी यहां पर भर्ती किया जाता है।

 

अप्रैल 2022 से अभी तक 327 बच्चों को मिला जीवन दान: नोडल अधिकारी
पोषण पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी रमेश चंद्र कुमार के अनुसार विगत 2022 से अभी तक लगभग 327 बच्चों को नया जीवन दान मिला है। जिसमें अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक 160, अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 133 बच्चे को पूरी तरह से पोषित करने के बाद वापस घर भेज दिया गया है। तो वहीं अप्रैल 2024 में 02, मई में 17 जबकि जून में 15 अतिकुपोषित बच्चे पोषक पुनर्वास केंद्र में एनआरसी कर्मियों द्वारा पोषित किया जा रहा है। एनआरसी के सीबीसीई चंदन के द्वारा आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ताओ से समन्वय स्थापित कर अतिकुपोषित बच्चें लाने की जिम्मेदारी होती है। वही केंद्र में नामांकित बच्चों की देखभाल आशिका कुमारी और लाखपति देवी की रहती हैं।

नामांकित बच्चों के लिए डायट के अनुसार पोषणयुक्त आहार: पुष्पा कुमारी
पोषण पुनर्वास केंद्र की प्रभारी एएनएम पुष्पा कुमारी कार्यरत ने बताया कि एनआरसी में नामांकित बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में डायट के अनुसार पोषण विशेषज्ञ मनीषा कुमारी के देखरेख में आहार दिया जाता है। हालांकि एनआरसी में नामांकित बच्चों के लिए पोषणयुक्त आहार को लेकर प्लान तैयार किया गया है। जिसके अनुसार बच्चों को प्रतिदिन अलग- अलग तरह के व्यंजन के अलावा चिकित्सीय सलाह और दवा दी जाती है। बच्चों को पौष्टिक आहार में खिचड़ी, दलिया, सेव, चुकंदर, अंडा सहित अंकुरित अनाज नियमित रूप से खिलाया जाता है। साथ ही बच्चों को कार्टून दिखाने के लिए टीवी और खिलौना की व्यवस्था है। वही माताओं को सुबह में योगा के साथ मनोरंजन कराया जाता है। इसके अलावा प्रतिदिन क्षतिपूर्ति के रूप में सौ रुपए देने का प्रावधान है।

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें