छपरा: छपरा विधि मंडल के परिसर में ‘राधेश्याम सिन्हा स्मृति भवन’ का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह ने किया. इस अवसर पर पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी ने स्मृति भवन में स्थापित राधेश्याम सिन्हा और गगन देव नारायण सिंह के मूर्तियों का अनावरण किया.

इस दौरान विधि मंडल परिसर में एक आम सभा का आयोजन किया गया. जिसमे कार्यक्रम में उपस्थित सभी न्यायाधीशों का अंग वस्त्र देकर सम्मान किया गया.

सभा को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह ने स्वर्गीय राधेश्याम सिन्हा एवं गगनदेव नारायण सिंह द्वारा छपरा बार के लिए किये गए योगदान से लोगों को अवगत कराया. न्यायमूर्ति ने न्यायिक व्यवस्था में आ रही गिरावट की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि युवा अधिवक्ताओं को अपने सीनियरों से सिखाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि छपरा बार एसोसिएशन की ख्याति पूरे बिहार में है जिसकी गरिमा को आज बरक़रार रखने की जरुरत है.

पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी ने कानून और समाज के बीच बढ़ती दूरी को ख़त्म करने के लिए युवा वकीलों को आगे आकर लंबित पड़े मामलों का त्वरित निपटारा कराने की दिशा में सार्थक पहल करने का आह्वान किया ताकि लोगों का विश्वास कानून व्यवस्था पर बना रहे.

कार्यक्रम को न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह, न्यायमूर्ति हेमंत कुमार गुप्ता, पूर्व निरीक्षी न्यायमूर्ति मिहिर कुमार झा ने संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन छपरा बार एसोसिएशन के महासचिव रविरंजन प्रसाद सिंह ने किया. वहीँ अधिवक्ता राकेश कुमार सिंह ने स्वर्गीय राधेश्याम सिन्हा के जीवन वृतांत से लोगों को अवगत कराया.

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छपरा: किसी भी जिले के नाम राष्ट्रीय पटल पर सुर्ख़ियों में आना बड़ी बात होती है पर उसके कारण में दर्द और वेदना का मंजर छुपा हो तो वही सुर्खियां आंसुओं का सैलाब बन कर धरातल पर दिखने लगती हैं. चीख-चित्कार, करुणा, वेदना,कष्ट और पीड़ा जैसे शब्द उस दिन मामूली से दिखने लगे थे, जिस दिन सारण के इतिहास में ‘गंडामन’ हादसा हुआ था. 16 जुलाई 2013 का वो काला दिन कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है.

जहरीला मिड-डे-मिल खाने से प्राथमिक विद्यालय धर्मासती गंडामन, सारण के 23 बच्चे मौत के मुँह में समा गए थे. उस दिन धर्मासती गाँव के साथ-साथ सारण के हजारों घरों में चूल्हा नहीं जला था. कई दिनों तक सरकारी स्कूल के बच्चों ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया. इस घटना ने देश की सबसे बड़ी योजना पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया था.fb

सरकारी तंत्र से लेकर सामजिक संस्थाओं ने मिलकर इस हृदयविदारक घटना से उबरने के लिए पीड़ित परिवार वालों को हर संभव मदद देने का प्रयास किया. हादसे से से सबक लेकर सरकार ने सरकारी विद्यालयों में चल रही मिड-डे-मिल योजना के साथ-साथ तमाम योजनाओं को सफलतपूर्वक संचालित करने के लिए कमर कस ली. समय के साथ-साथ गंडामन की भी की सूरत भी बदली. हादसे के शिकार बच्चों के स्मृति में समाधी स्थल बनाया गया. तमाम योजनाओं को अमली जामा पहनाने का काम शुरू हुआ. कुछ स्थिति जरूर सुधरी पर आज भी सरकारी स्कूल की स्थिति शिक्षा और एमडीएम के बीच में ही उलझ कर रह गई है.

आज हादसे के 3 साल पूरे होने पर उन बच्चों को हम अपनी श्रद्धांजलि तो जरूर देंगे पर उनके माँ-बाप के आँखों में सुख चुके आंसू आज भी हमें सोंचने पर मजबूर करते हैं. सबक के साथ आगे बढ़ रहे बिहार में क्या सरकारी योजनाएं सफलता पूर्वक संचालित हो रही है, क्या उन मासूमों के साथ अब तक न्याय हो पाया है, क्या चीख और चित्कार की आवाज और उसकी गूँज आज गंडामन से दूर जा चुकी है. इन सवालों का जवाब हमें ही ढूंढना होगा. व्यवस्थाओं को बदलने के लिए आज एक प्रयास की जरूरत है. अगर हम सब मिलकर संकल्प लें तो ‘गंडामन हादसा’ फिर नहीं दोहराया जा सकेगा.fb

‘सरकार और समाज दोनों के सार्थक प्रयास से ही व्यवस्था में परिवर्तन लाना संभव है’.हम संकल्प लें कि फिर कोई मासूम ऐसे हादसों का शिकार न हो. सारण जिला राष्ट्रीय पटल पर छा जाए पर उसके कारण में गंडामन जैसा हादसा न हो. छपरा टुडे गंडामन हादसे का शिकार हुए सभी बच्चों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता है.

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सीवान/पचरुखी: प्रखंड मुख्यालय पर सार्वजनिक शौचालय का न होना महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है. आये दिन हजारों की संख्या में प्रखंड के ग्रामीण इलाक़ों से महिलाओं का आना जाना होता है. मगर शौचालय की आवश्यकता महसूस होने पर उन्हें काफी परेशानी का सामना पड़ता है. ऐसी स्थिति में बिना अपना काम निपटाये ही या तो उन्हें घर लौटना पड़ता है या बाजार से बाहर झाड़ियो का शहरा लेना पड़ता है.

प्रसंग वस बताते चलें कि पुरे प्रखंड मुख्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है. यहाँ तक की प्रखंड कार्यालय के कैंपस में भी महिलाओं के लिए शौचालय की कोई सुविधा नहीं है. यहाँ हर रोज सुदूर देहात से सैकड़ो महिलाओं आना होता है. फिर भी स्थानीय प्रशासन द्वारा उनकी उक्त समस्या के निराकरण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है.

यही नहीं स्थानीय थाना जो मंदिर के कैंपस में चलता है वहां भी शौचालय की सुविधा नहीं है. नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस कर्मी ने बताया की शौचालय न रहने के कारण कैदियों को शौच के लिए रेलवे लाइन की तरफ ले जाना पड़ता है. ऐसे में हमेशा कैदियों के फरार होने की संभावना बानी रहती है. थाने में तैनात महिला चौकीदारों को भी समस्या होती है.

साभार: श्रीनारद मीडिया सर्विसेज, सीवान

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छपरा: नगर परिषद् सभागार में जिला जनसम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम की दो दिवसीय नुक्कड़ नाटक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू हुआ.

कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर अपर समाहर्ता राजेश कुमार ने किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 5 जून 2016 से बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम बिहार राज्य में प्रभावी हुआ है. इस अधिनियम में किसी भी शिकायत की सुनवाई 60 दिनों के अंदर होना है. अधिनियम के तहत सिर्फ आरटीपीएस, न्यायालय में विचाराधीन परिवाद एवं नौकरी संबंधी मामले का शिकायतों का निष्पादन नहीं हो पाएगा. इसके अन्तर्गत 42 विभागों के परिवादो की सुनवाई के लिए कोई भी व्यक्ति शिकायत कर सकता है.

विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी श्री श्याम किशोर से नुक्कड़ नाटक के माध्यम से इस अधिनियम का व्यापक प्रचार करने का आह्वान किया तथा इस अधिनियम का लाभ जन-जन तक पहुंच सके. विशिष्ट अतिथि के रूप में आये वरिष्ठ कलाकार उदय नारायण सिंह ने इस अधिनियम की जानकारी दी तथा तमाम लोगो को इस अधिनियम से लाभ उठाने की बात कही.

सभा की अध्यक्षता करते हुए जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए जिले के 20 प्रखंडो में 323 पंचायतो में 5 कला-जत्था के माध्यम से कराने हेतु नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा. तमाम आये हुए कला जत्था की टीम को हर पंचायत में रूट चार्ट के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराने की बात कही ताकि सारण जिले के जन-जन को बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम की जानकारी मिल सके. इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कला-जत्था की टीम 16 जुलाई की शाम तक अपने-अपने कलाकारो को प्रशिक्षित करेगी.

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छपरा: विधि मंडल में निर्मित स्व.राधेश्याम सिन्हा स्मृति भवन का उद्घाटन शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह द्वारा किया जाएगा. इस अवसर पर पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इक़बाल अहमद अंसारी समेत पटना उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश उपस्थित रहेंगे.

छपरा बार एशोसिएशन के महासचिव रविरंजन प्रसाद सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह 9:30 में मुख्य अतिथियों का स्वागत छपरा परिसदन में गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ किया जाएगा तत्पश्चात न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह द्वारा विधि मंडल में नवनिर्मित स्मृति भवन का उद्घाटन होगा.

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छपरा: शादी का भोज खाने के लिए अब आपको करना होगा चार माह का इंतज़ार क्योंकि इस माह 7 जुलाई से लगन शुरू हुआ है और 15 जुलाई को देवशयनी एकादशी है, इस दिन देव सो जाएंगे. इसके साथ ही चतुर्मास लगने के कारण अगले चार महीने विवाह नहीं होंगे.

सात से 14 जुलाई के बीच शादी के मुहूर्त हैं. यानी जुलाई में सिर्फ सात दिन ही शहनाई की गूंज सुनाई देगी. इसके बाद 15 जुलाई से 10 नवंबर तक एक भी विवाह के मुहूर्त नहीं है. 15 जुलाई के बाद चतुर्मास लगने से चार माह तक शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे.

11 नवंबर को देव उठनी एकादशी से भगवान के जागने के साथ ही विवाह के मुहूर्त फिर एक महीने तक बनेंगे. इस अवधि में लोग सिर्फ भगवान के भजन-कीर्तन कर सकेंगे. चतुर्मास में शादी-ब्याह, उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार आदि सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं.

फोटो: गूगल

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छपरा: शहर से सटे निचले इलाकों में नदी के पानी का स्तर बढ़ने लगा है जिससे इन इलाकों में रहने वाले लोगों में बाढ़ की विभीषिका को ले कर खतरा अभी से ही मंडराने लगा है. छपरा के निचले क्षेत्र के सीढ़ी घाट, नेवाजी टोला घाट, रूपगंज, सोनारपट्टी, दहियांवा डीह जैसे इलाकों में रहने वाले लोग अभी से ही आशंकित है. निचले क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि इन दिनों जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है जिससे इस इलाके में कभी भी बाढ़ का पानी समा सकता है.

हालांकि जिला प्रशासन ने बाढ़ को लेकर पहले से ही अलर्ट जारी किया है और निचले क्षेत्र के लोगों को बाढ़ के प्रभाव से बचाने की पूरी तैयारी कर ली गई है, इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सारण के जिलाधिकारी दीपक आनंद को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उचित दिशानिर्देश जारी किया है.

विदित हो की छपरा शहरी क्षेत्र से जुड़े इन इलाकों में 150 से भी ज्यादा परिवार अस्थायी घरों में निवास करते है और हर वर्ष बाढ़ के आने से इनके घर टूट जाते हैं और इन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

निचले इलाके में रहने वाले रंजीत भगत, अशोक कुमार, मिथिलेश कुमार, कन्हैया कुमार, इंदु देवी ने बताया कि बाढ़ के आने से हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बाढ़ के पानी के साथ-साथ जंगली जानवर, सांप, जहरीले कीड़े, नील गाय भी इस क्षेत्र में बह कर आ जाते हैं, जिससे जानमाल का खतरा हमेशा बना रहता है.खुजली एवं अन्य संक्रमित रोग होने की भी आशंका बनी रहती है.

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छपरा: छपरा में मानवता को शर्मशार करती एक ऐसी घटना सामने आई है. जिसको जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. छपरा रेलवे जंक्शन पर बुधवार की सुबह फुलवरिया-हाजीपुर पैसेंजर ट्रेन के एक बोगी में लावारिस बैग से एक नवजात बच्चे का शव मिला है. एयर बैग में जिस प्रकार बच्चे को रखा गया था. उससे ये प्रतीत हो रहा था कि बच्चे की हत्या कर उसे बैग में भर कर ट्रेन में छोड़ दिया गया है.

मामला उस वक्त संज्ञान में आया जब छपरा जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या 5 पर खड़ी फुलवरिया-हाजीपुर पैसेंजर ट्रेन में एक लावारिस बैग से रिसाव शुरू हुआ और उसमे से दुर्गन्ध आने लगा. छपरा जीआरपी को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने ट्रेन से बैग को बाहर निकाला और उसे खोल कर देखा गया तो उसमे एक नवजात बच्चे की लाश पड़ी हुई थी.

घटना के सन्दर्भ में छपरा जंक्शन के जीआरपी थानाप्रभारी सुनील कुमार द्विवेदी ने बताया कि प्रथमदृष्टया मामला कलयुगी माँ-बाप के द्वारा अपने नाजायज संबंधों को छुपाने और लोकलाज के भय के कारण बच्चे को लावारिस हालत में ठिकाने लगाने का प्रतीत हो रहा है. फिलहाल शव के पोस्टमार्टम के बाद ही अन्य तथ्यों का पता लग पायेगा, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर बदलते समाज के चरित्र पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.

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छपरा(कबीर अहमद):  शहर में नवनिर्मित रेल ओवरब्रिज इन दिनों युवाओं के सेल्फी लेने का केंद्र बन गया है. शहर के इस पहले रेल ओवर ब्रिज के बनने की प्रतीक्षा कर रहे लोग अब इसपर घूमने से अपने को रोक नहीं पा रहे है. फिलहाल, इस ओवरब्रिज को आधिकारिक रूप से चालू नहीं किया गया है फिर भी लोगों ने बाइक, साईकिल और पैदल इस पर घूमना शुरू कर दिया है.

जब छपरा टुडे की टीम ने इस ओवरब्रिज जायज़ा लिया तो एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला. क्या बच्चे, क्या बूढ़े और नौजवान सभी के चेहरे की मुस्कान ही सब बयां कर रही थी. कोई सेल्फी लेता दिख रहा था तो कोई ब्रिज पर चल रही ठंडी हवा का लुत्फ ले रहा था. लोगों का कहना था कि पुल बन जाने से जाम की समस्या का काफी हद तक राहत मिलेगी. इसके साथ ही रेलवे क्रासिंग पर घंटों जाम में फंसे रहने वालों के लिए यह बेहतर विकल्प साबित होगा. जब हमने बच्चों से बात की तो उन्होंने कहा कि रेलवे क्रासिंग पार कर स्कूल जाने में बहुत परेशानी होती थी जो अब ओवरब्रिज के बन जाने से समाप्त हो गयी है.

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वीडियो में देखे क्या कहा लोगों ने

आपको बता दें कि शहर के पहले रेल ओवरब्रिज को बनाने में लगभग 3 सालों का वक्त लगा है. इसके निर्माण से लोगों को रेलवे क्रासिंग पर घंटों जाम में फसने से छुटकारा मिलेगा. हालांकि इस ओवरब्रिज का फिलहाल विधिवत उद्घाटन नहीं हुआ है.

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छपरा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी के साथ बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ या सुखाड़ से निपटने के लिए सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया पहले से निर्धारित है. उन्होने मानक संचालक प्रक्रिया के तहत प्रत्येंक बिन्दु पर तैयारियों की समीक्षा का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन सर्वोच्च प्राथमिकता की नीति है. अगर कोई आपदा आती है तो खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार होता है.

वीडियो कांफ्रेंसिंग की समाप्ति के बाद जिलाधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि सारण जिला अन्तर्गत संभावित बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी यु़द्ध स्तर पर की जा रही है. बाढ़ से निपटने के लिए सारण जिला पूर्णतः तैयार है. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित अंचलो में 190 बड़ी एवं 150 छोटी कुल 340 निजी नावें उपलब्ध है जिनके नाव मालिको के साथ एकरारनामा कर लिया गया है. इसके अतिरिक्त सारण जिला अन्तर्गत निविदा के माध्यम से क्रय किए गए 98 सरकारी नावें उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में सारण प्रमंडल को नोडल जिला बनाने के उपरान्त 300 टेन्ट क्रय किए गए है जो छपरा जिला के गोदाम में भंडारित है. 200 अतिरिक्त टेन्ट के क्रय की कार्रवाई की जा रही है.

जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए राज्य खाद्य निगम के गोदामों में करीब 90 हजार क्विंटल खाद्यान भंडारित है. संभावित बाढ़ हेतु सतू, नमक, चूड़ा, गुड़, मोमबती, दियासलाई किरासन तेल आदि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए निविदा आमंत्रित की गयी है तथा पड़ोसी जिला पदाधिकारियों से उनके यहां निविदा में सफल आपूर्तिकर्ताओ के संदर्भ में टीम गठित की गयी है तथा बाजार सर्वेक्षण हेतु टीम गठित की गयी है. उन्होंने कहा कि जिला में 7000 पाॅलीथिन सीट की उपलब्धता निर्धारित की गयी है. मानव दवा यथा पर्याप्त मात्रा में हेलोजन टबलेट एवं ब्लीचिंग पाउडर सहित 17000 एन्टीरेबीज तथा 450 एन्टीस्नेक भेनम बैक्सिन उपलब्ध है. जिला में पशु दवा की उपलब्धता के लिए जिला अस्पताल सहित 42 पशु चिकित्सालयो में 11 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता के लिए आवंटन की मांग की गयी है. 2.79 लाख की दवा क्रय की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिला अन्तर्गत 20 खोज, बचाव एवं राहत दल एन0डी0आर0एफ0 द्वारा प्रशिक्षित सेवको का दल गठित है. जिलान्तर्गत 356 शरणस्थली चिन्ह्ति किया गया है जो सामुदायिक भवन, पंचायत भवन एवं विद्यालय भवनों में उच्चे स्थान पर अवस्थित है. सभी शरणस्थलियों पर पेय जल, शौचालय की व्यवस्था की गयी है.

उन्होंने कहा कि जिला अन्तर्गत 13 नदियो पर बने तटबंध जो सुरक्षित है. तटबंधो पर गश्ती के लिए प्रत्येक किलोमीटर के अनुसार 80 गृह रक्षको की प्रतिनियुक्ति कनीय अभियंताओ के अधीन की गयी है. जिले से संबंध नदियां, गंगा, घघरा एवं गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है. उन्होंने कहा कि जिलान्तर्गत पथ प्रमंडल छपरा के अधीन 10 तथा कार्य विभाग कार्यप्रमंडलीय के अधीन 13 स्थानों को बाढ़ से प्रभावित होने वाले पथो को चिन्ह्ति किया गया है. संबंधित कार्यपालक अभियंताओ को यातायात बहाल रखने हेतु सड़को की आवश्यकतानुसार मरम्मति के लिए आवश्यक सामग्रियो के भंडारण का निर्देश दिया गया है. जिला प्रखंड एवं पंचायत स्तर के सभी विभागीय तथा महत्वपूर्ण विभागों की डाईरेक्ट्री तैयार की गयी है. 10 इन्फ्लाटेबुल मोटरवोट तथा 200 लाइफ जैकेट उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि फसल अच्छादन एवं वर्षापात हेतु सामुदायिक नर्सरी योजना अन्तर्गत 189 एकड़ में नर्सरी तैयार की गयी है. उन्होंने कहा कि एमडीआरएफ के द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सामुदाय के 372 स्वयं सेवको को बाढ़ से बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया गया है.

जिलाधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में मौजूद सभी संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देशो का शत् प्रतिशत अक्षरशः अनुपालन करने का निर्देश दिया.

इस अवसर पर सारण जिले के एनआईसी में आरक्षी अधीक्षक पंकज कुमार राज, अपर समाहर्ता राजेश कुमार, प्रभारी पदाधिकारी शिव कुमार पंडित, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुरभि सहित सभी संबधित पदाधिकारी उपस्थित थें.

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छपरा: यूजीसी द्वारा प्रायोजित बिहार कृषि परियोजनाओं पर आधारित दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन स्थानीय रामजयपाल कॉलेज में हुआ जिसका उद्घाटन बिहार सरकार के पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद ने किया.

इस कार्यक्रम में बिहार से जुड़ीं खेती की विभिन्न परियोजनाओं एवं गन्ने की खेती तथा उसके उन्नत विकास एवं सम्बंधित समस्याओं के निवारण हेतु विभिन्न विषयों पर परिचर्चा की जाएगी.

इस सेमीनार के उद्घाटन समारोह में  रामजयपाल कॉलेज के प्राचार्य सिद्धार्थ शंकर, प्रो. विजय कुमार सिन्हा, राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के संयोजक बलवंत कुमार, प्रो बिपिन बिहारी, प्रो इमरान अली समेत कई छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए.

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छपरा: बाढ़ पूर्व तैयारियों की सोमवार को जिलाधिकारी दीपक आनंद ने समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में गहन समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने सभी पदाधिकारियों से बाढ़ पूर्व तैयारी पूर्ण तत्परता एवं मुश्तैदी से करने का निर्देश दिया.

डीएम ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को कोई रोक नहीं सकता है लेकिन अगर प्राकृति आपदाओं से निपटने के लिए पूर्ण तैयारी एवं सावधानी बरती जाय तो जान-माल की क्षति कम होती है. समीक्षा के क्रम में सभी अंचलाधिकारियों को अपने-अपने अंचल में निजी नाव, नाव मालिको से एकरारनामा, करने का निर्देश दिया.

डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को तटबंधो पर गश्ती के लिए प्रत्येक किलोमीटर के अनुसार गृहरक्षकों एवं कनीय अभियंताओ की प्रतिनियुक्ति का निर्देश देते हुए प्रतिनियुक्त गृहरक्षकों एवं कनीय अभियंताओं से संपर्क में रहने का निर्देश दिया ताकि तटबंध टूटने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में तत्काल सूचना प्राप्त करने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जा सके. डीएम ने बाढ़ के दौरान स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने को लेकर बाढ़ संभावित क्षेत्रों के चापा नलों को ऊँचा करने तथा उनके मरम्मती का निर्देश भी दिया.

उन्होंने कहा कि हैलोजन टबलेट एवं ब्लीचिंग पाउडर सहित 14 प्रकार के मानव दवाएं उपलब्ध है. शेष 8 दवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 14,414 एन्टीरेबीज तथा 450 एन्टीस्नेक भेनम बैक्सिन उपलब्ध हो चुका है. जिला अस्पताल सहित सभी पशु चिकित्सालयों में पशु दवाएं उपलब्ध है. जिले में पर्याप्त मात्रा में पशुचारा उपलब्ध कराया जा रहा है.

डीएम कहा कि जिले में 2000 पोलिथीन सीट उपलब्ध है और 5000 पोलिथीन सीट उपलब्ध कराया जा रहा है. राज्य खाद्य नियम के कुल 88 गोदामो में 89,972.51 किविंटल अनाज भंडारित की गयी है. पर्याप्त मात्रा मे सतू, नमक, चुड़ा, मोमबती, गुड़, दियासलाई एवं किरासन तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है. जिले में 300 टेन्ट उपलब्ध है तथा 5 महाजाल उपलब्ध है. पर्याप्त मात्रा में जनरेटर सेट एवं पेट्रोमैक्स की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जा रही है. उपलब्ध 98 सरकारी नावों में से 36 नावों की आवश्यक मरम्मति करा ली गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि सारण जिलान्तर्गत 256 शरणस्थली चिन्ह्ति किए गए है. सभी शरणस्थलियों पर पेय जल एवं शौचालय की उपलब्धता अंचलाधिकारियो एवं भूमि सुधार उप समाहर्ताओं के माध्यम से सुनिश्चित करायी जा रही है. जिले में कुल 20 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, 414 उप केन्द्र, 43 अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र तथा 148 चिकित्सक है. माहामारी निरोधक दल जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर पर गठित है. उन्होंने कहा कि वज्रपात से बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

बैठक में अपर समाहर्ता राजेश कुमार, असैनिक शल्य सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता आपदा प्रबंधन शिव कुमार पंडित, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी, सभी अंचलाधिकारी तथा सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

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