मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से की बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से की बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा

छपरा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी के साथ बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ या सुखाड़ से निपटने के लिए सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया पहले से निर्धारित है. उन्होने मानक संचालक प्रक्रिया के तहत प्रत्येंक बिन्दु पर तैयारियों की समीक्षा का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन सर्वोच्च प्राथमिकता की नीति है. अगर कोई आपदा आती है तो खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार होता है.

वीडियो कांफ्रेंसिंग की समाप्ति के बाद जिलाधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि सारण जिला अन्तर्गत संभावित बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी यु़द्ध स्तर पर की जा रही है. बाढ़ से निपटने के लिए सारण जिला पूर्णतः तैयार है. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित अंचलो में 190 बड़ी एवं 150 छोटी कुल 340 निजी नावें उपलब्ध है जिनके नाव मालिको के साथ एकरारनामा कर लिया गया है. इसके अतिरिक्त सारण जिला अन्तर्गत निविदा के माध्यम से क्रय किए गए 98 सरकारी नावें उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में सारण प्रमंडल को नोडल जिला बनाने के उपरान्त 300 टेन्ट क्रय किए गए है जो छपरा जिला के गोदाम में भंडारित है. 200 अतिरिक्त टेन्ट के क्रय की कार्रवाई की जा रही है.

जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए राज्य खाद्य निगम के गोदामों में करीब 90 हजार क्विंटल खाद्यान भंडारित है. संभावित बाढ़ हेतु सतू, नमक, चूड़ा, गुड़, मोमबती, दियासलाई किरासन तेल आदि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए निविदा आमंत्रित की गयी है तथा पड़ोसी जिला पदाधिकारियों से उनके यहां निविदा में सफल आपूर्तिकर्ताओ के संदर्भ में टीम गठित की गयी है तथा बाजार सर्वेक्षण हेतु टीम गठित की गयी है. उन्होंने कहा कि जिला में 7000 पाॅलीथिन सीट की उपलब्धता निर्धारित की गयी है. मानव दवा यथा पर्याप्त मात्रा में हेलोजन टबलेट एवं ब्लीचिंग पाउडर सहित 17000 एन्टीरेबीज तथा 450 एन्टीस्नेक भेनम बैक्सिन उपलब्ध है. जिला में पशु दवा की उपलब्धता के लिए जिला अस्पताल सहित 42 पशु चिकित्सालयो में 11 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता के लिए आवंटन की मांग की गयी है. 2.79 लाख की दवा क्रय की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिला अन्तर्गत 20 खोज, बचाव एवं राहत दल एन0डी0आर0एफ0 द्वारा प्रशिक्षित सेवको का दल गठित है. जिलान्तर्गत 356 शरणस्थली चिन्ह्ति किया गया है जो सामुदायिक भवन, पंचायत भवन एवं विद्यालय भवनों में उच्चे स्थान पर अवस्थित है. सभी शरणस्थलियों पर पेय जल, शौचालय की व्यवस्था की गयी है.

उन्होंने कहा कि जिला अन्तर्गत 13 नदियो पर बने तटबंध जो सुरक्षित है. तटबंधो पर गश्ती के लिए प्रत्येक किलोमीटर के अनुसार 80 गृह रक्षको की प्रतिनियुक्ति कनीय अभियंताओ के अधीन की गयी है. जिले से संबंध नदियां, गंगा, घघरा एवं गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है. उन्होंने कहा कि जिलान्तर्गत पथ प्रमंडल छपरा के अधीन 10 तथा कार्य विभाग कार्यप्रमंडलीय के अधीन 13 स्थानों को बाढ़ से प्रभावित होने वाले पथो को चिन्ह्ति किया गया है. संबंधित कार्यपालक अभियंताओ को यातायात बहाल रखने हेतु सड़को की आवश्यकतानुसार मरम्मति के लिए आवश्यक सामग्रियो के भंडारण का निर्देश दिया गया है. जिला प्रखंड एवं पंचायत स्तर के सभी विभागीय तथा महत्वपूर्ण विभागों की डाईरेक्ट्री तैयार की गयी है. 10 इन्फ्लाटेबुल मोटरवोट तथा 200 लाइफ जैकेट उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि फसल अच्छादन एवं वर्षापात हेतु सामुदायिक नर्सरी योजना अन्तर्गत 189 एकड़ में नर्सरी तैयार की गयी है. उन्होंने कहा कि एमडीआरएफ के द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सामुदाय के 372 स्वयं सेवको को बाढ़ से बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया गया है.

जिलाधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में मौजूद सभी संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देशो का शत् प्रतिशत अक्षरशः अनुपालन करने का निर्देश दिया.

इस अवसर पर सारण जिले के एनआईसी में आरक्षी अधीक्षक पंकज कुमार राज, अपर समाहर्ता राजेश कुमार, प्रभारी पदाधिकारी शिव कुमार पंडित, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुरभि सहित सभी संबधित पदाधिकारी उपस्थित थें.

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