DM ने की बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा, अंचलाधिकारियों को दिए निर्देश

DM ने की बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा, अंचलाधिकारियों को दिए निर्देश

छपरा: बाढ़ पूर्व तैयारियों की सोमवार को जिलाधिकारी दीपक आनंद ने समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में गहन समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने सभी पदाधिकारियों से बाढ़ पूर्व तैयारी पूर्ण तत्परता एवं मुश्तैदी से करने का निर्देश दिया.

डीएम ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को कोई रोक नहीं सकता है लेकिन अगर प्राकृति आपदाओं से निपटने के लिए पूर्ण तैयारी एवं सावधानी बरती जाय तो जान-माल की क्षति कम होती है. समीक्षा के क्रम में सभी अंचलाधिकारियों को अपने-अपने अंचल में निजी नाव, नाव मालिको से एकरारनामा, करने का निर्देश दिया.

डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को तटबंधो पर गश्ती के लिए प्रत्येक किलोमीटर के अनुसार गृहरक्षकों एवं कनीय अभियंताओ की प्रतिनियुक्ति का निर्देश देते हुए प्रतिनियुक्त गृहरक्षकों एवं कनीय अभियंताओं से संपर्क में रहने का निर्देश दिया ताकि तटबंध टूटने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में तत्काल सूचना प्राप्त करने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जा सके. डीएम ने बाढ़ के दौरान स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने को लेकर बाढ़ संभावित क्षेत्रों के चापा नलों को ऊँचा करने तथा उनके मरम्मती का निर्देश भी दिया.

उन्होंने कहा कि हैलोजन टबलेट एवं ब्लीचिंग पाउडर सहित 14 प्रकार के मानव दवाएं उपलब्ध है. शेष 8 दवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 14,414 एन्टीरेबीज तथा 450 एन्टीस्नेक भेनम बैक्सिन उपलब्ध हो चुका है. जिला अस्पताल सहित सभी पशु चिकित्सालयों में पशु दवाएं उपलब्ध है. जिले में पर्याप्त मात्रा में पशुचारा उपलब्ध कराया जा रहा है.

डीएम कहा कि जिले में 2000 पोलिथीन सीट उपलब्ध है और 5000 पोलिथीन सीट उपलब्ध कराया जा रहा है. राज्य खाद्य नियम के कुल 88 गोदामो में 89,972.51 किविंटल अनाज भंडारित की गयी है. पर्याप्त मात्रा मे सतू, नमक, चुड़ा, मोमबती, गुड़, दियासलाई एवं किरासन तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है. जिले में 300 टेन्ट उपलब्ध है तथा 5 महाजाल उपलब्ध है. पर्याप्त मात्रा में जनरेटर सेट एवं पेट्रोमैक्स की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जा रही है. उपलब्ध 98 सरकारी नावों में से 36 नावों की आवश्यक मरम्मति करा ली गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि सारण जिलान्तर्गत 256 शरणस्थली चिन्ह्ति किए गए है. सभी शरणस्थलियों पर पेय जल एवं शौचालय की उपलब्धता अंचलाधिकारियो एवं भूमि सुधार उप समाहर्ताओं के माध्यम से सुनिश्चित करायी जा रही है. जिले में कुल 20 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, 414 उप केन्द्र, 43 अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र तथा 148 चिकित्सक है. माहामारी निरोधक दल जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर पर गठित है. उन्होंने कहा कि वज्रपात से बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

बैठक में अपर समाहर्ता राजेश कुमार, असैनिक शल्य सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता आपदा प्रबंधन शिव कुमार पंडित, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी, सभी अंचलाधिकारी तथा सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

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