छपरा: केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क बढ़ाये जाने के खिलाफ मंगलवार को छपरा सर्राफा संघ के द्वारा मशाल जुलूस निकाला. इस मशाल जुलूस का नेतृत्व सर्राफा संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता ने किया. इस मशाल जुलूस में बड़ी संख्या में दुकानदार शामिल हुए.

मशाल जुलूस में निर्भय जी, राजन सर्राफ, छोटू स्वराज, राजेश आर्य आदि उपस्थित थे.

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छपरा: मैट्रिक परीक्षा के चौथे दिन परीक्षा केन्द्रों पर शांतिपूर्ण परीक्षा सम्पन्न हुयी. वही नकल करते पकड़े गए 6 परीक्षार्थियों को परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया. वही दूसरी ओर सोनपुर के एक परीक्षा केन्द्र से दो मुन्ना भाइयों को दंडाधिकारी द्वारा पकड़ा गया जो किसी दूसरे के नाम पर परीक्षा दे रहे थे. 

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने कहा कि कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन में कोई भी शरारती तत्व यदि बाधा उत्पन्न करेगा तो उसे बख्सा नहीं जाएगा और उसे कानून के शिकंजे में डाला जाएगा. उन्होंने कहा कि परीक्षार्थी अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें और असमाजिक एवं शरारती तत्वों के अफवाहों में न पड़े.

File Photo

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छपरा: पंचायत चुनाव हेतु मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को जारी करते हुए जिलाधिकारी दीपक आनंद ने कहा कि संबंधित कर्मी अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ससमय प्रशिक्षण प्राप्त करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा है कि निर्वाचन कार्य में प्रशिक्षण सबसे अहम हिस्सा होता है और इसमें कोई भी कर्मी किसी प्रकार की कोताही नहीं करेंगे. जिलाधिकारी के हवाले से जिला सूचना जनसंपर्क अधिकारी बी.के. शुक्ला ने बताया कि पंचायत आम निर्वाचन के प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वाले कर्मियों पर राज्य निर्वाचन आयोग की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्रवाई होगी.

पंचायत निर्वाचन कार्य में संलग्न पीठासीन पदाधिकारी, प्रथम मतदान पदाधिकारी, द्वितीय मतदान पदाधिकारी एवं तृतीय मतदान पदाधिकारियों का प्रथम प्रशिक्षण 19 मार्च 2016 से 20 मार्च 2016 तक होगा. जबकि द्वितीय प्रशिक्षण 12 अप्रैल 2016 से 13 अप्रैल 2016 तक होगा. वहीं गश्ती दल दण्डाधिकारियों का प्रथम प्रशिक्षण 21 मार्च 2016 को होगा और द्वितीय प्रशिक्षण 14 अप्रैल 2016 को होगा.

गंगा सिंह काॅलेज, छपरा, बी. सेमिनरी स्कूल, छपरा, रामजयपाल काॅलेज, छपरा, लक्ष्मी नारायण ब्राहम्ण स्कूल, छपरा तथा जे. पी. एम. काॅलेज, छपरा में पीठासीन पदाधिकारी समेत सभी स्तर के मतदान पदाधिकारियों का प्रशिक्षण उनके पिन नं. के आधार पर अंकित संस्थानों में दो पालियों क्रमशः 10 बजे पूर्वा0 से 1 बजे अपराह्न तक तथा 2 बजे अप0 से 5 बजे अप0 तक होगा. वहीं गश्ती दल दंडाधिकारियों का प्रशिक्षण राम जयपाल काॅलेज में अंकित तिथियों को 10 बजे पूर्वा0 से 1 बजे अप0 तक होगा.

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सारण जिले में केंद्र सरकार की ‘मिड डे मिल’ योजना तमाम अड़चनों के बाद भी गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए दिन के भोजन का जरिया बन चूका है.

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गरीबों के बच्चे जब स्कूल पढ़ने आते है तो उनकी आँखों में एक उम्मीद होती है कि आज एक वक्त का खाना तो नसीब होगा, गर्म खिचड़ी, दाल भात, सब्जी चावल जो उन बच्चों के अभिभावक उन्हें बामुश्किल ही दे पाते है उसे उनका विद्यालय प्रतिदिन बड़े चाव से खिलाता है.

गरीब बच्चों में बढ़ती अशिक्षा को दूर करने के लिए उनका स्कूल तक आना जरूरी है. इसी सोंच से प्रेरित होकर सरकार ने सरकारी विद्यालयों में दिन के भोजन अर्थात मध्याह्न भोजन योजना की शुरुआत कराई. इस योजना के पीछे सरकार की एक और सोंच रही थी कि मिड डे मिल योजना के माध्यम से पोषक आहार खिला कर गरीब बच्चों में बढ़ते कुपोषण को भी कम किया जा सकेगा.

पर गरीब अपने हालातों से इस कदर मजबूर है कि उसके लिए आज शिक्षा और कुपोषण से कहीं जरूरी अपने बच्चों का पेट पालन है. वो गरीब जो दिन भर में बड़ी कठिनाइयों के बाद अपने और अपने बच्चों के लिए एक वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाता है उसके लिए तो मिड डे मिल योजना आशा की किरण बन चूकी है. गरीब जब सबेरे घर से कमाने निकलता है तो उसे इस बात की निश्चिन्तता रहती है कि चलो कम से कम बच्चे स्कूल जाएंगे तब उन्हें खाना तो नसीब हो ही जाएगा.

सारण समेत राज्य के कई जिलों में मिड डे मिल योजना हमेशा ही विवादों में रहा है. सारण के गंडामन हादसे को आज भी कोई नहीं भूला जहाँ इसी योजना में लापरवाही के कारण दर्जनों बच्चों को अपनी जान गवानी पड़ी थी. इस घटना के बाद सरकार और उनके आलाधिकारी इस योजना के प्रति काफी सजग हो गए है. विद्यालयों में सही तरीके से भोजन बनाने और उसे प्रीतिदिन परोसने की प्रक्रिया में भी थोड़ा सुधार किया गया है.

इस योजना ने गरीबों के उम्मीद (उनके भर पेट भोजन की उम्मीद) को आज भी जीवित रखा है. हालाँकि सरकार को भोजन के साथ शिक्षा की व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, पर गरीबों और उनके भूख से बिलखते बच्चे स्कूलों में एक वक्त का खाना खाकर भी संतुष्ट रहते है.

भूख और बेकारी के बीच मध्याह्न भोजन योजना उन गरीबों का सबसे मजबूत सहारा बन गया है जो अपने बच्चों के लिए भर पेट भोजन बड़ी मुश्किल से जुगाड़ कर पाते है. मध्याह्न भोजन योजना आज के बदलते भारत की तस्वीर बखूबी दर्शाता है

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आप इसे शौक कहेंगे या नादानी. करतब कहें या बेवकूफी पर आज की युवा पीढ़ी मोटरबाइक को जिस रफ़्तार से चला रही है, उसे देख कर इतना जरूर कहा जा सकता है कि मोटर बाइक की रेस में युवा पीढ़ी अपनी जिंदगी के रेस में हारती नजर आ रही है.

आय दिन देश में बढ़ती दुर्घटनाएं और उन दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या होना कहीं ना कहीं चिंता का विषय है. दुर्घटनाओं में ज्यादातर ऐसे युवा बाईक सवार देखने को मिल रहे है जो अनियंत्रित और तेज रफ़्तार में बाइक चलाने के कारण जिंदगी से हाथ धो बैठ रहे है. आज की युवा पीढ़ी जिस कदर अपनी सुरक्षा को छोड़ रफ़्तार के शौक के पीछे भाग रहे हैं उसे देख कर लगता है कि इनको जिंदगी जोखिम में डालने में कुछ खास ही मजा आता है.

बिना हेलमेट के चलना और तेज़ रफ़्तार में चलना आज के दौर में फैशन सा हो गया है. कुछ युवा ऐसे भी है जो ऐसा ना करने पर औरों से अपने आप को पीछे मानते है. तेज़ रफ़्तार से बाईक चलना उनकी फितरत सी हो गयी है.

आधुनिकता के इस दौर में बाइक बनाने वाली कंपनीयां भी एक से बढ़कर एक बाइकें बाजार में उतार रही है. फ़िल्मी स्टंट को आज के युवा बड़ी आसानी से इन आकर्षक बाइकों से अंजाम देते है. लेकिन ऐसे युवक जितनी तेज़ रफ़्तार और बिना सुरक्षा के बाईक चलना पसंद कर रहे हैं उतना ही अगर अपनी सुरक्षा पर भी ध्यान दें तो शायद कई एक ज़िंदगियाँ बच सकती है और कई घर उजड़ने से बच सकते है.

आज के दौर के कुछ ही ऐसे युवा है जो अपने भविष्य की चिंता करते है. ‘दूर दृष्टि सदा सुखी’ और ‘कृप्या वाहन धीरे चलायें’ जैसे वाक्य आज की युवा पीढ़ी के शब्दकोश में ही नही है. कई युवाओं को अभिभावक की बातों को नज़र अंदाज़ करना उनकी ज़िन्दगी पर भारी पड़ा है.

एक कहावत है ‘अब पश्चात् होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत. समय रहते ही संभल जाना ज्यादा बेहतर है क्योंकि दिनभर का भूला शाम में घर वापस आ जाये तो उसे भूला नही कहते.

 

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छपरा: मैट्रिक परीक्षा जिले के 55 परीक्षा केन्द्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच चल रही है. सोमवार को परीक्षा में नक़ल करने के आरोप में 9 परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित किये गए. वही दूसरी ओर जिलाधिकारी दीपक आनंद ने मैट्रिक परीक्षार्थी एवं अभिभावक को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने वालों के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने हेतु प्रशासन तत्पर है. जिला प्रशासन नकलचियों के प्रति आक्रामक मुद्रा में है और यही कारण है कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा अफवाह फैलाकर अभिभावकों एवं परीक्षार्थियों का ध्यान बटाने का प्रयास कर रहे हैं. जिला प्रशासन ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है.

सोमवार को सामाजिक विज्ञान विषय के पर्चा लीक होने की अफवाह पर डीएम ने उसकी जांच टीम बनाकर करायी. जिसमे उत्तर फर्जी पाए गए. डीएम ने सोशल मीडिया से भी इस तरह के अफवाह न उड़ाने की बात कही है. बिना किसी पुष्टि के इस तरह के अफवाह उड़ाने वालों के विरूद्ध भादवि की धाराओं में तथा साइवर क्राइम के अन्तर्गत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. उक्त जानकारी डीपीआरओ बी.के. शुक्ला ने दी.

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छपरा: पंचायत चुनाव का बिगुल बज चूका है. ऐसे में रविवार को नगरपरिषद के सभागार में मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया. इस प्रशिक्षण शिविर में उपविकास आयुक्त सुनील कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने मास्टर ट्रेनरों को प्रपत्र भरने से लेकर मत पेटी खोलने, बंद करने, पीठासीन अधिकारी व मतदान कर्मियों के कार्यो के बारे में जानकारी दी गई. कर्मियों को पोलिंग एजेंट, मतदाताओं की पहचान, मतदान केंद्र के पास आदर्श आचार संहिता का पालन करने आदि का प्रशिक्षण दिया गया.

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छपरा: विश्व हिन्दू परिषद् स्थानीय कार्यालय में रविवार को श्रध्दांजलि सभा का आयोजन किया गया. सभा में परिषद् के सारण विभाग के अध्यक्ष स्व. श्याम लाल चौधरी के निधन पर उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित की गयी. इस अवसर पर विहिप के आलावे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, मजदूर संघ, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित की. इस अवसर पर दो मिनट का मौन रख दिवंगत आत्मा के शांति की प्रार्थना की गयी.

श्रध्दांजलि सभा में विहिप के जिलाध्यक्ष डॉ. अश्वनी गुप्ता, अवध किशोर मिश्र, अधिवक्ता परस नाथ श्रीवास्तव, धनंजय कुमार, लक्ष्मी गुप्ता, चरण दास, शम्भु कम्लाकर मिश्र आदि उपस्थित थे.

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छपरा: विश्व रोट्रेक्ट दिवस के अवसर पर रोट्रेक्ट सारण तथा रोटरी सारण के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण संरक्षण के तहत प्रकृति को बचाने के लिए साईकिल रैली के माध्यम से जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया.

साईकिल दौड़ को पार्टनर इन सर्विस के सहायक मंडलाध्यक्ष राजेश फैशन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस रैली का नेतृत्व रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने किया .

साईकिल रैली कटहरी बाग से प्रारंभ हो कर करीमचक, साहेबगंज, थाना चौक, नगरपालिका चौक, सलेमपुर, मौनाचौक, गाँधी चौक होते हुए पुन: कटहरी बाग पंहुची.

कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण से सम्बन्धित स्लोगन जैसे प्रदुषण हटाएं पर्यावरण बचाएं, प्रकृति का न करें हरण, आओ बचाएं पर्यावरण इत्यादि का प्रचार-प्रसार किया गया.

इस अवसर पर रोट्रेक्ट सारण के अध्यक्ष तमीम अनवर, क्षेत्रीय प्रतिनिधि मनीष कुमार सोनी,पूर्व अध्यक्ष श्रीराम कुमार, पूर्व अध्यक्ष रविशंकर, मो०चाँद, मो०रिजवान,रोटरी सारण के अध्यक्ष सत्यनारायण प्रसाद, सचिव डाॅ० मदन प्रसाद, रोट्रेक्ट चेयरमैन राजेश गोल्ड, राजेश जायसवाल, पंकज कुमार, प्रदीप कुमार, डॉक्टर शंभू कुमार, अजय प्रसाद, राकेश कुमार, पारस नाथ श्रीवास्तव अधिवक्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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छपरा: जिले में शनिवार को मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है. मौसम के बदले मिजाज से देर शाम बूंदाबांदी होने लगी.

मौसम के बदले मिजाज से किसानों की चिंता बढ़ गई है. इससे गेहूं व सरसों की फसलों को नुकसान पहुँच सकता है. मौसम के बदले मिजाज से तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज की गयी है.

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छपरा: मैट्रिक परीक्षा के दूसरे दिन कदाचार के आरोप में 23 परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित किए गए. वही सारण एकेडमी परीक्षा केन्द्र पर चेकिंग के दौरान परीक्षार्थी के पास फोटो स्टेट उत्तर की प्रति मिलने की खबर पर डीएम दीपक आनंद ने कहा है कि सम्पूर्ण मामले की विस्तृत जांच करने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया है. यदि वास्तव में उत्तर जांच में सही पाए जाएंगे तो परीक्षा रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है.
डीएम ने कहा है कि मैट्रिक परीक्षा में प्रशासन द्वारा कदाचारमुक्त वातावरण में परीक्षा सम्पन्न कराने हेतु पूर्ण सख्ती बरती जा रही है और सभी परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों के प्रवेश के पूर्व उनकी सघन जांच करायी जा रही है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जो भी परीक्षार्थी, अभिभावक नकल में परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से पकड़े जाएंगे उनके विरूद्ध बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम के प्रावधानों के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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छपरा: सदर अस्पताल ओपीडी से दवा प्राप्त करने के लिए मरीजों एवं उनके परिजनों को इन दिनों काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. सदर अस्पताल के OPD से निःशुल्क दवा लेने के लिए सुबह से ही लोगों को कतारबद्ध होना पड़ता है. कतार में लगने के लिए मरीजों अथवा उनके परिजनों को अनूठे तरीके अपनाने पड़ रहे है.

धूप से बचने के लिए मरीजों एवं उनके परिजनों द्वारा पंक्ति में खड़े होने की बजाए अपने चप्पल-जूतों को कतार में रख दिया जाता है. सुनने एवं देखने में भले ही यह अजीब लगे लेकिन जीवन रक्षक दवाओं को प्राप्त करने के लिए यह क्रिया प्रतिदिन चलती है. सदर अस्पताल में पुरुष एवं महिलाओं को दवा उपलब्ध कराने के लिए एक-एक काउंटर ही बनाए गए है. जिस कारण सुबह से ही लंबी कतार लग जा रही है.

जिले के मुख्य अस्पताल में इस व्यवस्था से मरीज काफी परेशान रहते है. दवा वितरण खिड़की खुलने से 2-3 घंटे पूर्व ही चप्पल जूतों की पंक्ति बन जाती है. मरीज या परिजन कतार बनाकर अपने काम पर चले जाते है लेकिन निर्धारित समय पर दवा लेने पहुँच जाते है.

प्रतिदिन की इस व्यवस्था से अस्पताल प्रशासन बेसुध है. सुरक्षा गार्ड की उपस्थिति और कई बार अस्पताल कर्मी, पदाधिकारी द्वारा आने जाने पर भी इस ओर नज़र नहीं पड़ती. जिससे की इसका निदान हो सके.

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