छपरा: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त हो गया. सुबह सवेरे नदियों के घाटों पर पहुँच भगवान् भास्कर के दर्शन देने का इतजार किया. भगवान् भास्कर के दर्शन देते ही व्रतियों द्वारा अर्घ्य दिया गया.
इस से पहले मंगलवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को व्रतियों ने अर्घ्य दिया. शहर से लेकर गाँव तक सभी तालाबों, नदियों के किनारे व्रतियों ने अर्घ्य दिया.
Live: शहर के राजेंद्र सरोवर से छठ पूजा लाइव #छठ चैती छठ के अवसर पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने राजेंद्र सरोवर पर पहुंची व्रती
Posted by Chhapra Today on Tuesday, April 12, 2016
चैत्र के महीने में मनाए जाने वाले इस पर्व का खास महत्व है. कार्तिक में मनाए जाने वाले छठ के समान चैती छठ भी काफी लोकप्रिय है. नहाय-खाय से शुरू होकर खरना और उसके बाद संध्याकालीन अर्घ्य और फिर प्रातः काल में भगवान सूर्य की आराधना तक श्रद्धा और समर्पण के साथ इस पर्व को मनाया जाता है.
छठ-पर्व को लेकर बाजारों में बढ़ी रौनक
लोकआस्था के इस पर्व को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है. कलसुप, नारियल, फल-मूल, आम की लकड़ियाँ, ईख इत्यादि से पूरा बाजार काफी सुन्दर और त्यौहारमय दिख रहा है.
कलसुप 50 रुपये तो 80 रुपये बिक रहा नारियल
छठ पूजा के सामानों की बिक्री बाज़ारों में हो रही है. कलसुप 50 से 60 रूपए जोड़ा, नारियल 80 से 100 रूपए जोड़ा की कीमत से बेचा जा रहा है वहीं आम की लकड़ी 70 से 100 रूपए पसेरी (प्रति 5 किलो) की दर से बिक रही है.
कच्चे फलों को उनकी ताजगी के अनुसार कीमत लगाकर बेचा जा रहा है. ईख की कीमत 30 से 40 रूपए जोड़ा, अंगूर 100 से 120 रूपए प्रति किलो और सेब 70 से 80 रूपए प्रति किलो है.
छठ घाटों की हो रही साफ़-सफाई
चैती छठ के लिए शहर के विभिन्न घाटों की साफ़-सफाई की जा रही है. छठ-पूजा समिति के कार्यकर्ताओं ने छठ-घाटों की साफ़-सफाई और व्यवस्था को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.
इसे भी पढ़े नहाय खाय के साथ शुरू हुआ आस्था का महापर्व चैती छठ