छपरा शहर के निचले इलाकों समेत सरकारी बाजार में घुसा बाढ़ का पानी
Chhapra: छपरा शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। शहर के सरकारी बाजार, साहेबगंज इलाका जलमग्न हो गया है। इसके साथ ही नगर पालिका चौक पर भी हल्का पानी आ गया है। सिविल कोर्ट परिसर, नगर निगम परिसर में भी जलजमाव हो गया है।
इन इलाकों में लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया है। दुकानदारों को परेशानी हो रही है।
सारण सांसद ने लोकसभा में उठाया बाढ़ का मुद्दा
Saran: सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने बिहार में आने वाली बाढ़ से संबंधित मुद्दे को लोकसभा में उठाया. उन्होंने एक नये संदर्भ को रेखांकित करते हुए सरकार का ध्यान आकृष्ट किया. सांसद रूडी ने कहा कक राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर ऐसा प्रयास करे कि बिहारवासियों को हर वर्ष आने वाली बाढ़ की विभीषिका से मुक्ति मिल सके. सांसद ने कहा कि खेती और सिंचाई के लिए जो नहरें, प्राकृतिक नदी-नाले, बरसाती नदियां और कृषि विभाग द्वारा जो आहर पईन का निर्माण किया गया था, उन सब पर काफी हद तक अतिक्रमण हो चुका है.
उन्होंने कहा कि गंडक का पानी बांध टूटने के बाद सारण तक आकर जमा हो गया, जहां तटबंध टूटा वहां कोई पानी जमा नहीं हुआ, पानी बहते हुए अपने अंतिम छोर पर जमा हो गया. गंगा और गंडक में जाने वाले पानी का अंतिम छोर पर जलजमाव मूलतः पानी के बहाव के प्राकृतिक स्रोतों के अतिक्रमण के कारण हुआ.
केंद्र से उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र सरकार एक ऐसा मॉडल कानून बनाये कि लोग आहर पईन, प्राकृतिक नदी नालों को भरकर अतिक्रमण न करें, उसे सड़क का रूप न दें या उसपर आवास न बनायें, जिससे यह कानून देश में सभी राज्य लागू कर सकें. विदित हो कि इस संदर्भ में सांसद रुडी ने राज्य सरकार को अवगत कराया था और इसका विस्तृत प्रस्ताव बनाकर भेजा था. श्री रुडी के प्रस्ताव के अनुरूप राज्य सरकार ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को आदेश निर्गत करते हुए प्राकृतिक नदी-नालों और पुराने समय में बने आहर-पईन को चिन्हित करते हुए उसकी सूची सरकार को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. परन्तु इस संदर्भ में कोई कानून न होने के कारण इस पर कोई यथोचित कार्रवाई नहीं हो पाई और आज भी पुराने आहर-पईन को सड़क दिखाकर जमीन की रजिस्ट्री हो रही है इसपर कोई रोक नहीं लग पाया.
सांसद रुडी ने बताया कि अतिक्रमण के कारण सारण जिला में तेल, महि, डबरा आदि कई नदियां है, जिनका अस्तित्व मिट चुका है या मिटने की कगार पर है. उन्होंने कहा जब नेपाल से डैम से पानी छोड़ा जाता था, तब वह प्राकृतिक नदी नालों से होकर खेतों में सिंचाई के काम में आ जाता था और रिहायशी इलाकों को क्षति नहीं पहुंचती थी. वर्तमान में वो प्राकृतिक स्रोत अतिक्रमित हो गये है, उनपर सड़कें बन गई है और लोग घर बनाकर रह रहे है. कई जगह उनका अस्तित्व मिट गया है और पानी के बहाव का मार्ग अवरूद्ध हो गया है, जिस कारण बाढ़ का पानी निकल नहीं पाता और वहां जलजलमाव हो रहा है.
बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे विधायक शत्रुघ्न तिवारी, मोदी रसोई से लोगों को मिल रहा भोजन
Amnour: सारण जिला बाढ़ से प्रभावित रहा है. ऐसे में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए सरकार के साथ अन्य लोग, स्वयंसेवी संस्थाएं प्रयास कर रही है. वही अमनौर के विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ़ चोकर बाबा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किये गए राहत कार्यों की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है.
अमनौर के विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ़ चोकर बाबा एक ओर जहाँ बाढ़ पीड़ितों तक स्वयं पहुँच राहत पहुंचाते दिखे. वही दूसरी ओर उन्होंने अपने आवासीय परिसर में मोदी रसोई के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों को भोजन उपलब्ध कराते हुए सभी की मदद की. जिसकी सराहना क्षेत्र के लोग कर रहे है.
विधायक श्री तिवारी ने बताया कि इस रसोई के माध्यम से अबतक सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों तक भोजन उपलब्ध करवाने का कार्य हुआ है. जिससे संकट के इस दौर में पीड़ितों को बहुत राहत मिली हुई. उन्होंने कहा कि हमेशा से क्षेत्र की जनता की सेवा करना उनका ध्येय रहा है. आगे भी वे अपनी सेवा अनवरत जारी रखेंगे.
आज अपने आवासीय परिसर में मोदी रसोई के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों को भोजन उपलब्ध कराते हुए। इस रसोई के माध्यम से अबतक सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों तक भोजन उपलब्ध करवाने का कार्य सफल होते दिख रहा है। pic.twitter.com/7chZsEwEX5
— Chokar Baba MLA (@Chokar_baba) September 6, 2020
अमनौर विधानसभा क्षेत्र के कुछ इलाके पिछले कई दिनों से बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। वहां की आबादी को इस विकट परिस्थिति में अधिक कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े, इसकी देख-रेख हम दिन-रात कर रहे हैं।
इसी को लेकर रात्रि में अपने आवास पर मोदी रसोई में बाढ़ पीड़ितों को भोजन उपलब्ध करवाते। pic.twitter.com/QC0Dk3qTZr
— Chokar Baba MLA (@Chokar_baba) September 5, 2020
बाढ़ पीड़ितों की हर जरुरी मदद करने को दिन-रात प्रयासरत हैं हम।
अमनौर विधानसभा क्षेत्र के पैगा कला दलित बस्ती में बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर उनका हाल जाना तथा राहत सामग्री का वितरण किया। pic.twitter.com/zQbAJVNt9q
— Chokar Baba MLA (@Chokar_baba) August 27, 2020
हर मुश्किल में खड़ी है साथ, आपकी अपनी सरकार।
अमनौर विधानसभा क्षेत्र के ख़रीदहा में बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच जाकर उनका हाल जाना तथा उनके बीच चूड़ा-मीठा, ब्रेड और बिस्किट का वितरण किया।#BiharFloodRelief@BJP4Bihar pic.twitter.com/rMIpJu3a6v
— Chokar Baba MLA (@Chokar_baba) August 21, 2020
सारण में बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटी जदयू महिला जिलाध्यक्ष माधवी सिंह, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री का किया वितरण
Chhapra: जदयू सारण की महिला जिलाध्यक्ष माधवी सिंह ने जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों मढौरा, पानापुर, तरैया, मशरख व अन्य प्रखंडों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर उनके हालचाल जाना. इस दौरान माधवी सिंह ने अपनी ओर से इन प्रखंडों में राहत सामग्री का वितरण कराया. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को खाने का सामानों का वितरण किया गया. खाद्य सामग्री पाकर लोगों ने जदयू की महिला जिलाध्यक्ष को धन्यवाद दिया.
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हेल्पलाइन जारी
माधवी सिंह बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंची, जहां उन्होंने लोगों से बातचीत की. इस दौरान लोगों ने बताया कि सरकार ने आपदा के समय उनकी मदद की है, यह काफी सराहनीय है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद बाढ़ के हालातों पर नज़र रख रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो तो वह सीधा मुझसे संपर्क करके समस्या बता सकते हैं ताकि उनका तुरंत निदान हो सके. इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया जो 8877522999 है. इस मौके पर मांझी प्रखण्ड अध्यक्ष हसनैन अंसारी, सुनील कुमार सिंह, रंजन कुमार सिंह, नवरत्न प्रसाद आदि मौजूद रहे.
बाढ़ में फसलों, मवेशियों समेत अन्य नुकसान के लिए मुआवजा दे रही सरकार
इस दौरान जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस आपदा के दौरान कोई भी भूखा नहीं सोया. सरकार ने सबके लिए कम्युनिटी किचन शुरू कराया. साथ ही साथ जदयू के तमाम नेता व कार्यकर्ताओं भी बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आकर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने जदयू के सभी नेताओं कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद का प्रयास करें ताकि कोई भूखा न सोए. उन्होंने नेताओं व कार्यकर्ताओं के पीड़ितों के बीच जाकर राहत सामग्री वितरण करने के साथ-साथ हर रोज बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करके लोगों का हाल चाल जानने की अपील की. महिला जिलाध्यक्ष ने कहा कि जिले में आई बाढ़ ने हर तरह से नुकसान पहुंचाया है. फसलों से लेकर मवेशियों तक का लोगों को नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार में फसलों को नुकसान के लिए मुआवजा दे रही है. इसके अलावा यदि किसी के मवेशी की मौत हुई है तो भी सरकार उन्हें आर्थिक सहायता दे रही है साथ ही साथ बाढ़ में लोगों की सहायता के लिए सरकार ने कई तरह के प्रावधान किया है.
पीड़ितों के खाते में राशि भेजने का काम लगभग पूरा
उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार ने ₹6000 खाते में भेजे हैं. लगभग लोगों को सहायता राशि भेजी जा चुकी है. जिसमें लोग ₹3000 भोजन सामग्री व ₹3000 का अन्य जरूरत के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि सारण में बाढ़ पीड़ितों के लिए सबसे ज्यादा एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है. बाढ़ ने लाखों लोगों की आबादी को प्रभावित किया है. उम्मीद है जल्द ही पानी कम होगा और लोगों की जिंदगी फिर से वापस पटरी पर लौट आएगी. महिला जिलाध्यक्ष माधवी सिंह ने कहा कि बाढ़ के पानी में इधर-उधर ना जाएं. उन्होंने कहा कि जिले में हर रोज किसी न किसी के डूबने की सूचना आ रही है. ऐसे में सावधानी बरतें. उन्होंने बाढ़ में डूबे लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और अधिकारियों से तुरन्त मुआवजा देने के लिए निर्देश दिया.
रोटी बैंक के सेवादारों ने बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का किया वितरण
Chhapra: ऑल इंडिया रोटी बैंक एवं सेवा समर्पण वेलफेयर ट्रस्ट के द्वारा संयुक्त रूप से अमनौर प्रखंड के मदारपुर पंचायत के वार्ड नंबर 13 में बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया गया. रोटी बैंक के सेवादारों के द्वारा बाढ़ राहत किट को बाढ़ पीड़ितों के बीच वितरण किया गया.
समाज सेवी संस्था ऑल इंडिया रोटी बैंक के द्वारा वृहद स्तर पर ग्रामीणों के बीच प्रत्येक परिवार के लिए सूखा भोजन का राहत किट जिसमें 4 किलो चूरा, 2 किलो फरुही, एक बड़ा पैकेट बिस्किट, एक बड़ा पैकेट मिक्चर, बच्चों के पीने के लिए दूध पाउडर और एक साबुन उपलब्ध कराया गया. इस कीट को पाकर ग्रामीणों में कुछ समय के लिए ही सही उनके चेहरे पर एक सुकून का भाव देखने को मिला.
ऑल इंडिया रोटी बैंक के संस्थापक अध्यक्ष रविशंकर उपाध्याय ने बताया गया कि यह जो राहत किट है वह जोमैटो फीडिंग इंडिया और संकल्प एक प्रयास के द्वारा उपलब्ध करवाई गई है.जो बाढ़ पीड़ितों के मदद के लिए है. अभी फिलहाल साढ़े चार सौ राहत किट ऑल इंडिया रोटी बैंक को उपलब्ध कराया गया है. आगे और भी किट उपलब्ध कराया जाएगा.
इस कार्यक्रम में रामजन्म माँझी, राकेश रंजन, संजीव चौधरी, अशोक कुमार, बिपिन बिहारी, राजेश गुड्डू, रंजीत कुमार, शिवकुमार, कन्हैया कुमार, मनोज कुमार, किशन कुमार, पिंटू गुप्ता, किशु कुमार, मणिदीप आदि उपस्थित थे.
एकमा: लौवा पंचायत में बाढ़ पीड़ितो के बीच राहत सामग्री का हुआ वितरण
Chhapra: जिले के लहलादपुर प्रखंड के लौवा पंचायत के वार्ड संख्या 01 में जिला जदयू के अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने बाढ़ पीड़ितों के बीच सूखा राशन का वितरण किया. जहां श्री राजू ने बताया कि जिले में बाढ़ विभीषिका का दंश झेल रहे प्रखंडों में जिले के पदाधिकारियो के अलावा हमारे सभी जद यू के पदाधिकारी, कार्यकर्ता पीड़ितों की सेवा में धन बल, तन मन के साथ लग गए है.
अध्यक्ष ने कहा कि पीड़ितों की मदद में हमारे जुझारू साथी प्रशासन से हर संभव मदद दिलाने में जुटे हुए है. जिले के सभी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रो में सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर राहत शिविर चलाए जा रहे है. समाजिक कार्यकर्ता भी अपने स्तर से लगे हुए है. इस वैश्विक महामारी कोरोना में दूसरी तरफ हमारे किसानों का फसल बर्बाद हो गया है. वही हजारो का आशियाना तबाह है. सभी बिन्दुओ पर हमारी सरकार संवेदनशील है. मौके पर जिला जद यू महासचिव जावेद अब्बास, जयप्रकाश यादव, जद यू अध्यक्ष उमा शंकर चौधरी, जिला महासचिव दीपक कुमार, कुमार वैभव, गुड्डू खा सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे.
बाढ़ पीड़ितों की सहायता में जुटी स्वयंसेवी संस्था युवा क्रांति रोटी बैंक
Chhapra: बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को देखते हुए युवा क्रान्ति रोटी बैंक छपरा एवं A1 कैटरिंग की ओर से बाढ़ से बेघर हुए परिवारों के बीच 2000 लोगो को भोजन एवं राहत सामग्री का वितरण किया गया. सलाहकार सुधाकर प्रसाद ने टीम को शुभकामनाएं देकर रवाना किए. जिसमें चावल, चुरा, गुड़ और साबुन दिया जा रहा है.
राहत वितरण करते हुए युवा क्रान्ति रोटी बैंक के संस्थापक ई० विजय राज ने बताया कि युवा क्रान्ति रोटी बैंक छपरा का एक मात्र यही उद्देश्य है जरूरतमन्दों को हर हाल में मदद करना है. इस प्रकार की आपदा सारण के अंदर कहीं भी आएगी तो हमलोग सबसे पहले मदद के लिए आगे आएंगे. इस कार्य में किसी के भी साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. हमारी टीम यथासंभव बाढ़ पीड़ितों को मदद करने की कोशिश कर रहे है.
मालूम हो कि तरैया,मढ़ौरा,गरखा,मकेर,अमनौर, राजापट्टी व अन्य गांव में यहां के लोगों को जाने – आने के एक मात्र साधन नांव ही है. नदी में पानी बढ़ने के कारण इस गांव के लोगों को प्रत्येक वर्ष इस तरह की समस्याएं झेलना पड़ता है.
मढ़ौरा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष, बाढ़ पीड़ितों से जाना हाल
Chhapra: सारण जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को दौरा किया.
अपने दौरे के क्रम में वे मढ़ौरा पहुंचे जहां उन्होंने अम्बेडकर पार्क में शरण लिए बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को जाना.
उन्होंने सरकार के द्वारा किये गए इंतजामों के बारे में लोगों से पूछा और उसे नाकाफी बताते हुए सरकार पर बरसे. उन्होंने कहा कि सरकार तमाम कैम्पों में स्वास्थ्य, भोजन आदि की सुविधा देने का दावा कर रही है पर हकीकत बिल्कुल उलट है.
उन्होंने कहा कि लालू रसोई के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों को स्थानीय विधायक जितेंद्र राय मदद पहुंचा रहे है. सरकार इस क्षेत्र की जनता की ओर ध्यान नही दे रही है जो खेदजनक है.
श्री यादव इसे बाद गोपालगंज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए निकले.
दोहरी मार, कोरोना काल, बाढ़ से सारण बेहाल
Chhapra: करोना का कहर सारण सहित सूबे में दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर बाढ़ ने सारण सहित बिहार को बेहाल कर रखा है. सारण जिले के तरैया, पानापुर, मकेर, मढ़ौरा व मसरख के 45 पंचायतों के 203 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. बाढ़ से लगभग एक लाख की आबादी प्रभावित है. गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. वही गंगा अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है और घागरा अभी खतरे के निशान से 2 फीट नीचे है. लेकिन गंडक नदी के उफान पर होने से बाढ़ ने तबाही मचा रखी है.
बिजली, सड़क व संचार सेवाएं हुई बाधित
गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने के बाद बाढ़ ने मशरक प्रखंड में विकराल रूप धारण कर रखा है. बाढ़ से परेशान स्थानीय लोग हंगामा व अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं. प्रखंड में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली सड़क व संचार सेवा बाधित हो गया है. प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता पहुंचाने के बाद भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एनएच 104 और एसएच 76 पर बाढ़ का पानी चढ़ रहा है. सारण जिला के तरैया-अमनौर मुख्य सड़क एनएच 104 पर पानी बह रहा है. वही तरैया मशरख मुख्य सड़क एस एच 73 पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. इन मुख्य सड़कों पर यातायात बाधित होने की संभावना है. कई गांव का संपर्क टूट चुका है.
सारण में डूबने से 4 की हुई मौत
बुधवार के दिन सारण के पानापुर के चौसा गांव में 12 वर्षीय लड़की की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई. वही मकेर प्रखंड स्थित जिन्ना पोखरा में नहाने के दौरान एक किशोरी की पानी में डूबने से मौत हो गई. वही तरैया में 18 वर्षीय युवक की एवं 35 वर्षीय मजदूर की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई.
बाढ़ से कई एकड़ फसल बर्बाद
सारण के कई प्रखंडों में बाढ़ में फसल को डुबो दिया. बाढ़ की वजह से कई एकड़ फसल बर्बाद हो गई. किसानों का कहना है कि इस बार अच्छी फसल की उम्मीद थी. लेकिन बाढ़ ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बाढ़ के कहर के साथ आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. इससे पहले कोरोनावायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से आर्थिक हालात खराब है.
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बाढ़ प्रभावित पानापुर प्रखंड के गांवों का जिलाधिकारी ने लिया जायजा, लोगों का जाना हाल
Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन सारण जिला के बाढ़ प्रभावित लोगों से लागातार संपर्क बनाये हुए हैं. उन्होंने बाढ़ राहत कार्यो में संलग्न पदाधिकारियों को स्पष्ट निदेश दिया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को कोई परेशानी नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाय.
उन्होंने कहा कि निचले इलाकों से लोगों को शरणस्थली में लाया जाय जहाँ उनके स्वास्थ्य की जाँच करायी जाय तथा उन्हें समय से भोजन उपलब्ध करायी जाय.
जिलाधिकारी आज पानापुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित गाँवों के अंदर मोटर वोट से गये और वहाँ के लोगों से मिलकर स्थिति की जानकारी प्राप्त की. जिलाधिकारी ने द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को शरणार्थियों को पॉलिथीन सिट्स आज हीं उपलब्ध कराने का निदेश दिया. प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को चार से पाँच मेडिकल टीम का गठन कर शिविर मे रह रहे सभी लोगों के स्वास्थ्य की नियमित जाँच कराने को कहा.
जिलाधिकारी के द्वारा भूमि सूधार उप समाहर्त्ता, मढ़ौरा को, मढ़ौरा अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों मे ंचल रही सभी कार्यों के पर्यवेक्षण करने का निदेश दिया गया.
अपर समाहर्त्ता आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि सारण जिला के पाँच प्रखंडों पानापुर, तरैया, परसा, मकेर और मशरख के कुल 23 पंचायतों के 97 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन 23 पंचायतों में 12 पंचायत पूर्ण रुप से तथा 11 पंचायत आंशिक रुप से प्रभावित हैं. प्रभावित गाँवों में 62 गाँव चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है. अभी तक 17 हजार से अधिक लोगों को चिन्हित शरणस्थली में लाया गया है. कुल 93 नाव परिचालित करायी जा रही है. इसके अतिरिक्त 11 मोटर वोट लगाये गये हैं एवं एनडीआरएफ की टीम भी लोगों का सहयोग कर रही है. अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि 42 स्थानों पर सामुदायिक रसोई की व्यवस्था करायी गयी है जहाँ 20200 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
जिलाधिकारी के निदेश पर अपर समाहर्त्ता डॉ गगन भी लागातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहकर स्थिति का जायदा लें रहें और राहत कार्यों का मोनेटरिंग कर रहे हैं.
भाजपा जिलाध्यक्ष ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया भ्रमण, पीड़ितों का जाना हाल
Chhapra: मकेर, अमनौर और परसा प्रखंड के बाढ़ग्रस्त इलाको का शनिवार को जिला भाजपा के अध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ में फंसे लोगों के पास जाकर उनका हाल चाल पूछा. साथ ही सरकारी स्तरों पर किये जा रहे सहायता की भी जानकारी ली.
उन्होंने बताया कि मकेर प्रखंड के बाघाकोल, हैजलपुर, लगुनिया, बढ़िचक, दादनपुर, भाथा में बाढ़ में फंसे लोगों से बात किया. वहाँ चल रहे सामुदायिक भोजनालय में जाकर व्यवस्था देखा. लोगों की हालत काफी दयनीय है. लोग घर द्वार छोड़कर बाँध पर शरण लिए हुए है. पशुओं की हालत भी चारा के अभाव में ठीक नही है. सरकार की ओर से भोजन तिरपाल सबकी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. परंतु अभी और व्यवस्था की आवश्यकता है.
उन्होंने बताया कि इसके लिये मकेर के प्रखंड विकास पदाधिकारी से वार्ता हुई और जिन्हें तिरपाल नहीं मिल पाया है. उन्हें उपलब्ध कराने की बात उन्होंने की. स्थानीय विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ़ चोकर बाबा भी पहुचे और उन्होंने अपने स्तर से भी फिर से सहयोग करने की बात कही.
वही उन्होंने बताया कि परसा प्रखंड के बलिगांव, लतरहिया, बहलोलपुर में भी बांध पर लोग आश्रय लिए हुए है. ये सब लोग बांध से पूरब बसे गांव के है. यहाँ अंचलाधिकारी से वार्ता किया तो पता चला कि तीन सामुदायिक भोजनालय चल रहे है. एक बांध पर दूसरा बलिगांव मठ पर. परन्तु बांध पर रह रहे लोगो का कहना था कि हमलोगों को प्राइवेट लोग भोजन दे रहे है. परंतु सरकारी स्तर पर कोई सहायता नही मिल रही है. इस संदर्भ में जब बात हुई तो सीओ ने आश्वासन दिया कि कल देखकर व्यवस्था करा देंगे. वहाँ के स्थानीय मण्डल अध्यक्ष महामंत्री और पूर्व मण्डल अध्यक्ष जो मेरे साथ थे उन्हें इसकी जिम्मेवारी सौंपी है.
इस दौरान जिला किसान मोर्चा के महामंत्री जितेंद्र सिंह, जिला के कोषाध्यक्ष सुदिष्ट सिह और दोनों मण्डल के पदाधिकारी मौजूद थे.