जातीय जनगणना के लिए जनप्रतिनिधियों के फंड का उपयोग करे सरकार: वीआईपी

पटना: बिहार में जातीय जनगणना कराए जाने पर बनी सहमति के बाद वीआईपी ने सरकार को कुछ सुझाव दिये हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने शनिवार को यहां कहा कि राज्य में जातीय जनगणना को कराया जायेगा, जिससे आम जनता पर भी बोझ बढ़ेगा और सरकार के राजकोष के ऊपर को भारी-भरकम दबाव बन सकता है। इसलिए राज्य सरकार चाहे तो इसके लिए कुछ और उपाय भी कर सकती है, ताकि जातीय जनगणना भी हो जाए और जनता पर कम से कम भार पड़े।

उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य के सभी एमपी, विधानसभा सदस्य, विधान पार्षद के फंड से भी एक निश्चित राशि जातीय जनगणना कराने के लिए उपयोग करना चाहिए। इससे एक तरफ जहां सरकार के पास फंड एकत्र होगा, वहीं दूसरी तरफ आम जनता पर भी दबाव कम पड़ेगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्थापक सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी पहले ही इस बात की भी घोषणा कर चुके हैं कि अगर राज्य सरकार अपने बूते पर जातीय जनगणना करना चाहती है तो वह पार्टी फंड से पांच करोड़ रुपये देने को तैयार हैं।

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