विक्रम उपाध्याय

भारत के साथ युद्ध के लिए पागलपन की हद तक जाने वाला पाकिस्तान आखिर किस तरह आईएमएफ से 1.3 बिलियन डॉलर का ताजा कर्ज (लोन) पाने में सफल रहा? भारत भी आईएमएफ का एक पार्टनर देश है और उसका अपना वोटिंग शेयर है। भारत ने 09 मई को हुई आईएमएफ बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान के वहशी होने का मुद्दा भी उठाया, लेकिन अंत में वोटिंग से अपने को अलग कर लिया। इसका कारण एक ही है कि अमेरिका समेत तमाम बड़े देश यह आभास दे रहे थे कि पाकिस्तान को आईएमएफ लोन नहीं दिया गया तो वहां और स्थिति खराब हो सकती है। पाकिस्तान में और अफरातफरी मच सकती है। भारत के वोट का भार तीन प्रतिशत से कम है, जो कि फैसले को प्रभावित करने के लिए काफी कम है। आईएमएफ लोन प्राप्त करने के लिए किसी भी देश को कुल वोट का 85 प्रतिशत प्राप्त करना जरूरी होता है और इसमें अमेरिका के वोट का सबसे अधिक प्रभाव होता है।

अमेरिका के वोट का भार 17 प्रतिशत है। यानी केवल अमेरिका ही किसी देश के लोन को अकेले रोक सकता है। अब जबकि सभी बड़े देश जानते हैं कि पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकवाद का एक्सपोर्ट कर रहा है, फिर क्यों उसे आईएमएफ का लोन दिया जा रहा है। पाकिस्तान को लोन मिलने के पीछे जो कुछ आधार बने हैं, उनमें सबसे अधिक वजनी कारण है, पाकिस्तान द्वारा कई प्रमुख देशों को अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत देना है। पाकिस्तान ने चीन, अमेरिका, अरब देश और तुर्किये जैसे देशों को अपने यहां से मिलिट्री और व्यापारिक गतिविधियों को संचालित करने की इजाजत दे रखी है। उसमें भी चीन और अमेरिका पाकिस्तान को अपने उपनिवेश की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और चाहते भी हैं कि इस्लामाबाद उनका पिट्ठू बना रहे, इसलिए आतंकवाद को पालते देख भी आईएमएफ का लोन जारी होने दे रहे हैं।

यह देश पाकिस्तान को अलग से कर्ज देते हैं। वह अपने कर्ज के पैसे वापस पाने के लिए भी पाकिस्तान को कर्ज दिलाने में मदद कर रहे हैं। चीन ने पाकिस्तान को भारी कर्ज दे रखा है। पाकिस्तान चाइना इकोनोमिक कॉरिडोर में चीन ने इस्लामाबाद को 65 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज दे रखा है। तीन दशक में भी यह इकोनोमिक कॉरिडोर बन कर तैयार नहीं हुआ है। इसका आर्थिक लाभ मिलने के बजाय चीन के लिए यह बोझ बन गया है। चूंकि पाकिस्तान की यह हैसियत नहीं है कि वह अपनी आय से चीन का कर्ज उतार सके, इसीलिए उस पर कर्ज लाद कर अपना पैसा निकालना चीन और अमेरिका दोनों के लिए सुविधाजनक रास्ता लगता है।

आईएमएफ के कोष में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अमेरिका की है। आईएमएफ जब लोन देता है, तो पुराने लोन की रिपेमेंट की ताकीद भी करता है। यानी आईएमएफ को अपने पैसे की भी चिंता रहती है। अपने पुराने पैसे की उगाही के लिए नए कर्ज के अलावा इस समय कोई रास्ता भी नहीं है। आईएमएफ केवल एक अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसी नहीं है, बल्कि यह बड़े देशों के लिए आर्म ट्विस्टिंग टूल्स भी है। आईएमएफ अपने लोन की शर्तें मनमाने ढंग से तय करता है। यानी लोन लेने वाले देश की पूरी आर्थिक नीति को अपने ढंग से तय करने का अधिकार रखता है। इसलिए जो भी देश आईएमएफ के लोन की सिफारिश करता है, अपनी-अपनी शर्तों को लादने की कोशिश करता है। पाकिस्तान 1950 से ही आईएमएफ का लोन लेने की आदी हो चुका है। 20 बार से अधिक लोन ले चुका है।

अब भी उसके सामने आईएमएफ के सामने नतमस्तक होने के अलावा कोई चारा भी नहीं है। पाकिस्तान का निर्यात सालों से ध्वस्त पड़ा है। टेरर एक्सपोर्ट से उसे उसे कुछ मिलने वाला भी नहीं है। उसके सामने हमेशा डॉलर की किल्लत बनी रहती है। अभी भी उसका विदेशी मुद्रा भंडार 13 अरब डॉलर के आसपास है। पाकिस्तान को खुद को जिंदा रखने के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। और आयात बिल का भुगतान उसे डॉलर में ही करना है, इसलिए आईएमएफ का लोन उसके अस्तित्व से ही जुड़ गया है। इसलिए वह अमेरिका और चीन दोनों का पिछलग्गू बनने के लिए तैयार रहताहै, ताकि आईएमएफ से उसे लोन आसानी से मिल जाए।

पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान के आर्थिक संकट का समाधान आईएमएफ के इस ऋण से भी नहीं होगा। पाकिस्तान रोज के हिसाब से जी रहा है। 1.3 अरब डॉलर कुछ ही दिन में खर्च हो जाएंगे। अगले साल फिर पाकिस्तान एक नए लोन के लिए जायेगा। हां इस ऋण से पाकिस्तान पुराने ऋणों की कुछ किस्तें चुकाएगा और आवश्यक आयातों का भुगतान भी कर सकेगा। इसका साफ मतलब है कि पाकिस्तान को आईएमएफ लोन के लिए आगे भी अरब, अमेरिका, चीन और यूरोप के सामने मजबूर हो कर खड़ा रहना पड़ेगा। सभी देशों की शर्तें माननी पड़ेगी। इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि पाकिस्तान अपनी व्यापक आर्थिक नीतियों में बदलाव करेगा, आतंकवाद की खेती छोड़कर भविष्य के संकट को हल करने पर जोर देगा।

पाकिस्तान के भ्रष्ट शासक पहले ही पाकिस्तान के नाम पर काफी उधार ले चुके हैं और पाकिस्तान को सुधारने के बजाय अपने निजी व्यवसायों को बढ़ाने में लगे रहते हैं। देश-विदेश में निजी संपत्तियां बनाने में लगे हैं। पाकिस्तान के लिए शर्मसार बात यह भी है कि वह अपने मौजूदा ऋणों को चुकाने में बुरी तरह विफल रहने के बाद भी भारी कर्ज के पीछे भाग रहा है। अब आईएमएफ और अन्य वित्तीय संस्थानों को भी सोचना होगा कि वे आगे कैसे कोई ऋण कैसे स्वीकृत कर सकते हैं, जब देश अपनी पॉलिसी में दूसरे देश में आतंकवाद फैलाने को प्रमुखता देता है और जिसका स्वाद अमेरिका और चीन भी चख रहे है।

(लेखक, वरिष्ठ पत्रकार और आर्थिक विषयों के विशेषज्ञ हैं।)

श्रीनगर, 10 मई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में की गई पाकिस्तान की गोलीबारी में अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त राज कुमार थप्पा कर्तव्य के पथ पर बलिदान हो गए । यह दुखद सूचना प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज सुबह एक्स पर साझा की। उन्होंने लिखा है, ” राजौरी से दुखद समाचार। हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन सेवा के एक समर्पित अधिकारी को खो दिया है। कल ही वे डिप्टी सीएम के साथ जिले में घूम रहे थे और मेरी अध्यक्षता में हुई ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए थे।

इस घटना से आहत मुख्यमंत्री अबदुल्ला ने लिखा, ” आज अधिकारी के आवास पर पाकिस्तानी गोलाबारी की गई, जिसमें राजौरी शहर को निशाना बनाया गया, जिसमें हमारे अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त श्री राज कुमार थप्पा की मौत हो गई। इस भयानक जानमाल के नुकसान पर अपने सदमे और दुख को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।”

उमर अबदुल्ला ने दूसरी पोस्ट पर लिखा, ” मुझे यकीन नहीं है कि ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय’ कैसे सोचता है कि उपमहाद्वीप में मौजूदा तनाव कम हो जाएगा, जब आईएमएफ अनिवार्य रूप से पाकिस्तान को उन सभी आयुधों के लिए प्रतिपूर्ति करेगा, जिनका उपयोग वह पुंछ, राजौरी, उरी, तंगधार और कई अन्य स्थानों को तबाह करने के लिए कर रहा है।”

Chhapra: नगर थाना क्षेत्र के हथुआ मार्केट के पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से कैश लेकर जा रही कैश मैनेजमेंट सर्विस के वाहन से 70 लाख रुपये गायब होने की खबर से सनसनी फैल गई। 

सारण पुलिस ने बताया कि 09 मई 25 को दोपहर लगभग एक 01 बजे नगर थाना को सूचना प्राप्त हुई कि हिटाची कैश मैनेजमेंट सर्विस कंपनी के कैश वैन के द्वारा हथुआ मार्केट के पंजाब नेशनल बैंक से 70 लाख रूपया कैश लेकर ए०टी०एम० में डालने हेतु रखा गया था। गाड़ी के ड्राईवर एवं कस्टोडियल गार्ड हथुआ मार्केट के ICICI बैंक में रूपये लेने के लिए गये बैंक से आने के बाद उन्होनें देखा कि वैन का गेट खुला हुआ है, जिसमें से 70 लाख रूपया गायब था।

पुलिस ने प्राप्त सूचना के जाँच के क्रम में घटना प्रथम दृष्टया संदिग्ध लग रही है। इससे जुड़ी सभी पहलुओं की जाँच एवं घटना के त्वरित उद्भेदन हेतु पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), सारण द्वारा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर के नेतृत्व में SIT टीम का गठन किया गया है।

पुलिस उपाधीक्षक राजकिशोर सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की जांच में जुटी है। कैश वैन के चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शीघ्र ही दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

– भारत ने इस्लामाबाद, लाहौर और रावलपिंडी के चार एयरबेस पर जवाबी कार्रवाई की

नई दिल्ली, 10 मई (हि.स.)। भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को रात भर हवाई संघर्ष हुआ है, जिसके बारे में भारतीय सेना सुबह 10 बजे साउथ ब्लॉक में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अधिकृत जानकारी देगी। पाकिस्तान ने रात में भारत के गुजरात, आदमपुर, अंबाला, उधमपुर, पठानकोट और जालंधर में सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की है, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को नाकाम किया है। जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान के कई एयरबेस पर कार्रवाई की है। इस्लामाबाद, लाहौर और रावलपिंडी में चार एयरबेस के पास विस्फोट की खबरें हैं। इसी के बाद पाकिस्तान ने अपना एयर स्पेस बंद करके सभी तरह की उड़ानों पर रोक लगाई है।

भारतीय सेना ने शुक्रवार रात को जम्मू-कश्मीर के बारामूला से गुजरात के भुज तक 26 स्थानों पर पाकिस्तान के हालिया ड्रोन हमलों के बारे में जानकारी देने के लिए शनिवार तड़के 5.45 बजे साउथ ब्लॉक में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इसी बीच भारतीय और पाकिस्तानी वायु सेना के बीच श्रीनगर, जम्मू और पंजाब के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई लड़ाई हुई। इसलिए यह प्रेस कॉन्फ्रेंस सुबह 10 बजे तक के लिए टाल दी गई। पाकिस्तान ने भारत के गुजरात, आदमपुर, अंबाला, उधमपुर, पठानकोट और जालंधर में भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की है। पाकिस्तान ने भारत की ओर फतेह-2 और फतेह-1 मिसाइल दागी, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन मिसाइलों को आसमान में ही मार गिराया। पाकिस्तान से दिल्ली की ओर दागी गई फतेह-2 मिसाइल को सिरसा (हरियाणा) में रोक लिया गया।

पाकिस्तान ने जम्मू में हिंदू समुदाय के प्रसिद्ध आप शंभू मंदिर को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन हमले को नाकाम कर दिया गया। मिसाइल मंदिर के गेट के पास गिरी, जिससे पवित्र स्थान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। राजौरी में पाकिस्तानी हमले में घायल एक नागरिक को आज इलाज के लिए अस्पताल लाया गया है। श्रीनगर और आस-पास के इलाकों में सेना ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली सक्रिय की है। पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण जम्मू शहर के नागरिक इलाकों को नुकसान पहुंचा है। जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में जोरदार धमाके की आवाजें सुनी जा रही हैं। राजौरी में जोरदार धमाके के बाद धुआं उठता दिखाई दे रहा है और क्षेत्र में लगातार विस्फोटों के बाद मकान और संपत्ति क्षतिग्रस्त हुए हैं।

पाकिस्तान की ओर से किये गए हवाई हमलों के जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान के चार एयरबेस पर कार्रवाई की है। पाकिस्तान में कम से कम 4 एयरबेसों को भारतीय हमलों में निशाना बनाया गया है। इस्लामाबाद, लाहौर और रावलपिंडी में एयरबेस के पास विस्फोट की ख़बरों के बीच भारत की जवाबी कार्रवाई में इस बात का ध्यान रखा गया है कि शहरी आबादी को कोई नुकसान न पहुंचे। इसी के बाद पाकिस्तान ने अपना एयर स्पेस बंद करके सभी तरह की उड़ानों पर रोक लगाई है। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि भारत ने नूर खान बेस, चकवाल में मुरीद बेस और पंजाब में शोरकोट बेस पर मिसाइल से हमला किया है। इसी के बाद पाकिस्तान ने अपना एयर स्पेस बंद करके सभी तरह की उड़ानों पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान ने अभी तक अपने सिविल फ्लाइट पर रोक नहीं लगाई थी, जिसके बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को नियमित ब्रीफिंग में सवाल उठाया था।

– दुश्मन के ड्रोनों और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने से भारत के शहरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा

नई दिल्ली, 09 मई (हि.स.)। अमृतसर से जम्मू, पठानकोट से भुज तक पाकिस्तान के हमलों को नाकाम करके भारत के एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘सुदर्शन चक्र’ ने अपनी ताकत दिखा दी है। भारत ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ शुरू करते समय ही दुश्मन के किसी भी जवाबी हमले को रोकने के लिए इस प्रणाली को सक्रिय कर दिया था, जिससे भारतीय लड़ाकू विमानों को सुरक्षित रूप से ऑपरेशन पूरा करने में मदद मिली। इस प्रणाली ने दुश्मन के ड्रोनों और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे भारत के शहरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

भारत के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से बौखलाए पाकिस्तान ने 8/9 मई की रात 8.30 बजे के करीब राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात में वायु सेना के एयरबेस को निशाना बनाकर ड्रोन से मिसाइल हमले करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने पाकिस्तानी ड्रोन को रोक दिया। पाकिस्तान ने सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया सेक्टर में 8 मिसाइलें दागीं, लेकिन सभी को भारतीय वायु रक्षा इकाइयों ने हवा में ही निष्क्रिय कर दिया। जम्मू और कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के सैन्य स्टेशनों को पाकिस्तान ने मिसाइलों और ड्रोन का उपयोग करके निशाना बनाया, लेकिन भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 (सुदर्शन) ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में भी पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया गया।

यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस अब तक भारत को 3 एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति कर चुका है, जबकि दो सिस्टम अभी मिलने हैं। चौथी प्रणाली मार्च, 2026 में और पांचवीं प्रणाली 2026 के अंत तक पहुंचाई जाएगी। यह दो साल की देरी यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समस्याओं के कारण हुई है। भारतीय वायु सेना ने भगवान कृष्ण के शक्तिशाली सुदर्शन चक्र के नाम पर एस-400 को ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया है। भारतीय एस-400 एयर डिफेंस की मिसाइलें 20 किलोमीटर, 30 किलोमीटर और 60 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन की मिसाइल को हवा में ही खत्म कर सकती हैं। यह प्रणाली एक साथ दुश्मन की 80 मिसाइलों या हवाई हमलों का जवाब देने में सक्षम है।

चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत को ताकतवर रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की बहुत जरूरत थी। भारत ने रूस के साथ पांच एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये में सौदा किया था, जिसे रूस और भारत के रक्षा मंत्रियों ने 06 दिसंबर, 2021 को अंतिम रूप दिया था। भारत के रक्षा बेड़े में शामिल इस रूसी डिफेंस सिस्टम से पूरी दुनिया खौफ खाती है। यह प्रणाली अपनी मिसाइलों से दुश्मन की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू विमानों को 400 किमी. की दूरी तक तबाह कर सकती है। यह मिसाइल जमीन से 100 फीट ऊपर उड़ रहे खतरे की पहचान करके हमला करने में सक्षम है। भारत ने दो एस-400 स्क्वाड्रन को पूर्वी और उत्तरी सीमा पर तैनात किया है। तीसरी स्क्वाड्रन को पंजाब में इस तरह से तैनात किया गया है, ताकि पाकिस्तान की सीमा के साथ-साथ उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों को भी कवर किया जा सके।

पुंछ, 07 मई (हि.स.)। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत के कूटनीतिक दंडात्मक उपायों के बाद जम्मू -कश्मीर की सीमाओं पर पाकिस्तान लगातार संधर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है।

पहलगाम हमले के दूसरे दिन से पाकिस्तान की यह हरकत जारी है। जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा के साथ सटे कईं इलाकों में पाकिस्तान की सेना ने रात को बिना उकसावे के अंधाधुंध गोलाबारी की। इसकी चपेट में आने से सात नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 50 से अधिक घायल हो गए।

अधिकारियों ने कहा कि बीती देर रात और आज सुबह पुंछ और मेंढर सेक्टरों में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने भारी गोलाबारी की जिसकी चपेट में आने से सात लोगों की मौत हो गई और 38 लोग घायल हो गए। पाकिस्तानी गोलाबारी में मारे गए सात लोगों में से तीन लोगों की पहचान शाहीन नूर के बेटे मोहम्मद आदिल, अल्ताफ हुसैन के बेटे सलीम हुसैन और शालू सिंह की पत्नी रूबी कौर के रूप में हुई है।उन्होंने कहा कि उरी के सलामाबाद के नौपोरा और कलगे इलाकों में सीमा पार से की गई गोलाबारी में दस नागरिक घायल हो गए जबकि राजौरी में तीन नागरिक घायल हो गए हैं। घायलों को नजदीकी स्वास्थ्य सुविधाओं में ले जाया गया है। इस गोलाबारी में आवासीय संरचनाओं को नुकसान पहुंचा है और सीमावर्ती निवासियों में दहशत फैल गई है।

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की सेना ने लगातार 13वें दिन नियंत्रण रेखा पर भारी मोर्टार दागे और गोलाबारी की। भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी 2021 के संघर्ष विराम समझौते के बाद से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर यह पहली बड़ी नागरिक हताहत संख्या है। इस बीच लगातार गोलाबारी के कारण कई सीमावर्ती गांवों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। 

भारतीय सेना के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि सेना संघर्ष विराम उल्लंघन का आनुपातिक और संतुलित तरीके से जवाब दे रही है। अधिकारी ने कहा कि हमारे बल नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं और सीमा पार से होने वाली आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।

पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं तथा स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता के लिए आपातकालीन सेवाएं जुटा रहा है।

नई दिल्ली, 07 मई (हि.स.)। पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ देश में उपजा गम और गुस्सा आज सुबह नए जज्बे के रूप में दिखा। पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आधीरात बाद किए गए वायुसेना के ऑपरेशन सिंदूर को सुनकर लोगों के कलेजे को कुछ ठंडक पहुंचीं। हमले में अपने परिजनों को गंवानों वालों ने बदला लेने के लिए भारतीय सेना को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया।

इस हमले में जान गंवाने वाले करनाल (हरियाणा) के विनय नरवाल की मां आशा ने आंसू पोछते हुए कहा, ” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने वादे को निभाया है। उन्होंने बदला ले लिया है। मैं उनके साथ हूं, जनता और हमारा पूरा परिवार उनके साथ है। सेना के जवानों को मैं संदेश देना चाहती हूं कि वो आगे बढ़ते रहें और ऐसे ही बदला लेते रहें, जिससे ऐसी घटना दोबारा न घटे।” पुणे की प्रगति जगदाले ने पहलगाम में अपने पति संतोष जगदाले को गंवाया है। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करती हैं। उन्होंने पाकिस्तान को यह दिखा दिया कि वह चुप बैठने वालों में से नहीं है। संतोष की बेटी असावरी जगदाले ने कहा, ”ऑपरेशन सिंदूर को सुनकर मैं बहुत रोई। मेरे आंसू आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि हैं।”

पहलगाम में पुणे के कौस्तुभ गणबोटे की भी कायर आतंकवादियों ने जान ली है। उनकी पत्नी संगीता गणबोटे ने ने कहा, ”भारत ने जो कार्रवाई की है वो एकदम सही है और ऑपरेशन का नाम सिंदूर देकर महिलाओं को सम्मान भी दिया है।” कौस्तुभ गणबोटे के बेटे कुणाल गणबोटे ने कहा, ” हमने जो बदला लिया है, वहएकदम सही है और यही होना चाहिए था। हम सभी इसी चीज की प्रतीक्षा कर रहे थे हम भारत सरकार से बहुत उम्मीद लगकर बैठे थे। सरकार के इस कदम से खुशी में आंखें नम हैं।”

इस आतंकी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी के प्राण पखेरू भी उड़े हैं। उन्होंने अपना नाम न छापने का आग्रह करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहती हैं। उन्होंने मेरे पति की मौत का बदला लिया है। जिस तरह से उन्होंने पाकिस्तान को जवाब दिया, उसने हमारा भरोसा कायम रखा है। यह उनके पति को सच्ची श्रद्धांजलि है। शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी ने कहा कि वह लगातार खबरें देख रहे हैं। वह भारतीय सेना को सलाम करते हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और सेना ने देश की जनता का दर्द समझा। जब से हमने यह खबर सुनी है, पूरा परिवार कुछ हल्का महसूस कर रहा है।

– किसी भी पाकिस्तानी नागरिक, आर्थिक या सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया

नई दिल्ली, 07 मई (हि.स.)। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 सैलानियों में विधवा हुई महिलाओं की मांग से उजड़े सिंदूर को ध्यान में रखते हुए मंगलवार की आधी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। भारत ने बिना सीमा पार किए हैमर, स्कल्प और मिसाइलों से पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकी शिविरों पर हमला करके जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को तबाह कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी शुरू कर दी है। भारतीय सेना ने एलओसी पर पाकिस्तानी गोलीबारी का सटीक जवाब दिया है।

भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए मंगलवार को आधी रात के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना और वायु सेना ने सटीक हमला करने वाले हथियारों का उपयोग करके एक संयुक्त अभियान चलाया। भारत ने बिना सीमा पार किए लड़ाकू विमान राफेल और सुखोई से हैमर, स्कल्प मिसाइलों से मुजफ्फराबाद, सियालकोट, कोटली, गुलपुर, भिन्वेर, मुरीदके, बहावलपुर में आतंकी शिविरों पर हमले किए।

जम्मू-कश्मीर में भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर हमला किया, जहां भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाकर उन्हें अंजाम दिया जा रहा था। भारतीय सेना ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में भूमिका के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाने के इरादे से हमलों के लिए स्थान का चयन किया था। हमलों में तीनों सेनाओं, भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की सटीक हमला करने वाली हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें लोइटरिंग हथियार भी शामिल थे। यह हमले केवल भारतीय धरती से किए गए थे।

भारत की कार्रवाई केंद्रित और सटीक रही है। किसी भी पाकिस्तानी नागरिक, आर्थिक या सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया। केवल ज्ञात आतंकी शिविरों को ही निशाना बनाया गया। हमलों के तुरंत बाद एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की और उन्हें की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। भारत के पास विश्वसनीय सुराग, तकनीकी जानकारी, जीवित बचे लोगों की गवाही और अन्य सबूत हैं, जो इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की स्पष्ट संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं।

भारत की कार्रवाई में निशाना बनाए गए आतंकी ठिकानों में बहावलपुर स्थित जैश का मुख्यालय है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर है। इसी तरह मुरीदके में स्थित लश्कर का अड्डा है, जहां से मुंबई के 26/11 के आतंकी हमलों की योजना बनाकर अंजाम दिया गया था।भारत के हमले में तबाह हुए गुलपुर के आतंकी शिविर से पुंछ-राजौरी हमलों और जून, 2024 की बस पर हमले को अंजाम दिया गया था। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर के सवाई कैंप को सोनमर्ग, गुलमर्ग, पहलगाम हमलों की जड़ माना जा रहा था।

इसी तरह नष्ट किया गया बिलाल कैंप जैश का लॉन्चिंग पैड रहा है। कोटली कैंप में 50 आतंकियों की क्षमता थी, जो लश्कर बमर्स का अड्डा रहा है। तबाह हुआ बर्नाला कैंप राजौरी के सामने 10 किमी की दूरी पर था। सांबा-कठुआ के सामने जैश ठिकाना सरजल कैंप अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास था। नष्ट किया गया नवां आतंकी ठिकाना महमूना शिविर हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी कैंप है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी. दूरी पर सियालकोट के पास स्थित है।

नीट पेपर लीक के नाम पर साइबर ठगी करने वाला बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज का छात्र गिरफ्तार

अररिया:  नीट परीक्षा प्रश्न पत्र लीक के नाम पर टेलीग्राम के माध्यम से साइबर ठगी को अंजाम देने वाला मेडिकल का छात्र को अररिया पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया।आर्थिक अपराध इकाई पटना के निर्देश पर साइबर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।गिरफ्तार मेडिकल छात्र एस.के.फैज उर्फ शेख फैज पिता एस .के.रौशन अली उर्फ शेख रौशन अररिया इस्लामनगर वार्ड संख्या 27 का रहने वाला है।उसके पिता शेख रौशन पैथोलॉजिस्ट हैं और इस्लामनगर में ही अला पैथोलॉजिस्ट के नाम से पैथोलॉजी सेंटर चलाते हैं,जबकि गिरफ्तार 22 वर्षीय एस.के.फैज उर्फ शेख फैज बांग्लादेश के सिलहट के नॉर्थ ईस्ट मेडिकल कॉलेज का चतुर्थ वर्ष का छात्र है।माता पिता के दो भाई बहन एकमात्र बेटा है,जिसे अररिया पुलिस ने गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार एस.के.फैज उर्फ शेख फैज ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में साइबर थाना के पुलिस पदाधिकारी के समक्ष बताया कि 2020 में अररिया से इंटरमीडिएट करने के बाद वर्ष 2021 में उन्होंने अपना नामांकन बांग्लादेश के सिलहट नॉर्थ ईस्ट मेडिकल कॉलेज में कराया और वर्तमान समय में वह चतुर्थ वर्ष में है।उन्होंने पुलिस को बताया कि निजी खर्चे की भरपाई करने के लिए उन्हें पैसों की आवश्यकता थी।इसी क्रम में उन्होंने बिहार में नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी मिली।प्लान के तहत 2022 में टेलीग्राम पर @MeBldur नाम से अपना अकाउंट खोलकर एक चैनल बनाकर नीट परीक्षा प्रश्न पत्र लीक का मैसेज को सर्कुलेट करने लगा।उन्होंने बताया कि इस मैसेज के बाद बड़ी संख्या में उनसे लोगों ने संपर्क किया।जिसके बाद उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक खाता संख्या 4933000100091284 पर फोन पे के माध्यम से बार कोड भेजकर अवैध पैसे मंगाना शुरू कर दिया।एक बार पैसे खाता में आने के बाद पैसे भेजने वाले का अकाउंट को ब्लॉक कर देता।फलस्वरूप पैसे भेजने वाले दुबारा संपर्क स्थापित नहीं कर पाते थे।

उन्होंने बताया कि इस काम में उन्हें काफी मुनाफा हुआ।उन्होंने बताया कि चार वर्षों से वह इस काम को इसी तरह अंजाम दे रहा था।नीट पेपर लीक के नाम पर सैकड़ों लोगों से पैसे लेने की बात उन्होंने स्वीकार की।हालांकि अपने बयान में उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि भले ही नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में उन्होंने पैसों की ठगी की,लेकिन किसी को भी कोई प्रश्नपत्र उपलब्ध नहीं कराया।अचानक अररिया पुलिस के घर पर आने के बाद हिरासत में उन्हें लिया और पूछताछ के लिए थाना लाया,जहां पूछताछ के क्रम में उन्होंने पुलिस को यह स्वीकारोक्ति बयान दिया है।

मामले की पुष्टि एसपी अंजनी कुमार ने भी की है और कहा कि प्राप्त सूचना के आलोक में साइबर टीम वैज्ञानिक और तकनीकी तथ्यों के आधार पर एस.के.फैज उर्फ शेख फैज को गिरफ्तार किया है,जिन्होंने अपने स्वीकारोक्ति बयान में नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में टेलीग्राम के माध्यम से मैसेज कन्वे कर पैसों की ठगी में शामिल था।एसपी ने मामले में हर पहलू पर जांच किए जाने की बात कही।

न्यूयॉर्क, 06 मई (हि.स.)। अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय ने पुलित्जर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा कर दी। द न्यूयॉर्क टाइम्स की झोली में सोमवार को चार पुरस्कार आए । इनमें डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास की तस्वीरें भी शामिल हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सूडान के गृहयुद्ध, अफगानिस्तान में अमेरिकी विफलताओं और शहर के घातक ओपियोइड संकट की बाल्टीमोर बैनर के साथ जांच पर रिपोर्टिंग के लिए भी पुरस्कार जीता। प्रोपब्लिका को सार्वजनिक सेवा पुरस्कार दिया गया। पुलित्जर पुरस्कार पत्रकारिता के लिए 15 और कला क्षेत्र में आठ श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। पुरस्कार विजेता को प्रमाण पत्र और 15,000 डॉलर की राशि प्रदान की जाती है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने घातक ओपियोइड संकट की जांच के लिए गैर-लाभकारी समाचार आउटलेट द बाल्टीमोर बैनर के साथ मिलकर भी पुरस्कार जीता। द न्यू यॉर्कर ने कमेंट्री और फीचर फोटोग्राफी के साथ-साथ अपने खोजी पॉडकास्ट इन द डार्क के लिए तीन पुरस्कार जीते। प्रोपब्लिका ने देश भर में राज्य गर्भपात प्रतिबंधों के प्रभाव की कवरेज के लिए सार्वजनिक सेवा के लिए पुरस्कार जीता। इसे पुलित्जर में सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। रिपोर्टर कविता सुराना, लिजी प्रेसर, कैसंड्रा जारामिलो और फोटोग्राफर स्टेसी क्रैनिट्ज ने मृत्यु प्रमाणपत्रों और अस्पताल के रिकॉर्ड का उपयोग करके यह पता लगाया कि कैसे प्रतिबंधों ने माताओं की रोकी जा सकने वाली मौतों को सीधे तौर पर जन्म दिया।

द वाशिंगटन पोस्ट के कर्मचारियों ने जुलाई में बटलर, पेनसिल्वेनिया में ट्रंप की रैली में उनकी हत्या के प्रयास की कवरेज के लिए ब्रेकिंग न्यूज रिपोर्टिंग का पुरस्कार जीता। वाशिंगटन पोस्ट की एन टेलनेस को सचित्र रिपोर्टिंग और टिप्पणी के लिए पुरस्कार दिया गया। कार्टूनिस्ट टेलनेस ने जनवरी में इस्तीफा दे दिया था। रॉयटर्स को फेंटेनल एक्सप्रेस के लिए खोजी रिपोर्टिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह एक शृंखला अमेरिका के ओपियोइड संकट के पीछे नशीली दवाओं के व्यापार की जांच करती है। दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क की कवरेज के लिए द वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकारों को राष्ट्रीय रिपोर्टिंग पुरस्कार मिला। कवरेज ने रूढ़िवादी राजनीति में मस्क के प्रभाव, अवैध दवाओं के उपयोग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के बारे में विवरण प्रकट किया।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के आजम अहमद, क्रिस्टीना गोल्डबाम और मैथ्यू ऐकिंस ने अफगानिस्तान में युद्ध के परिणामों की जांच के लिए रिपोर्टिंग पुरस्कार जीता। डेक्लेन वाल्श और द न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकारों ने सूडान में चल रहे गृहयुद्ध की कवरेज के लिए अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग का पुरस्कार जीता। न्यूयॉर्क टाइम्स के डग मिल्स ने पिछले वर्ष राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या के प्रयास की तस्वीरें लेने के लिए ब्रेकिंग न्यूज फोटोग्राफी पुरस्कार जीता, जिसमें एक तस्वीर में गोली भी दिखाई दे रही थी।

द बाल्टीमोर बैनर और द न्यूयॉर्क टाइम्स की एलिसा झू, निक थिएम और जेसिका गैलाघर को खोजी रिपोर्टिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फीचर लेखन का पुरस्कार एस्क्वायर पत्रिका के योगदानकर्ता मार्क वारेन को मिला। द न्यू यॉर्कर के मोसाब अबू तोहा को गाजा पट्टी में अनुभव आधारित निबंधों के लिए सम्मानित किया गया। आलोचना के लिए ब्लूमबर्ग सिटीलैब की लेखिका एलेक्जेंड्रा लैंग को पुरस्कृत किया गया। ह्यूस्टन क्रॉनिकल के राज मनकाड, शेरोन स्टीनमैन, लिसा फाल्केनबर्ग और लीह बिंकोविट्ज को खतरनाक रेल क्रॉसिंग और अवरुद्ध चौराहों के बारे में एक शृंखला के लिए संपादकीय लेखन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कला और साहित्य के लिए पुरस्कारों में पर्सीवल एवरेट के उपन्यास जेम्स को फिक्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ब्रैंडन जैकब्स-जेनकिंस के पर्पस ने ड्रामा पुरस्कार जीता। यह नाटक नागरिक अधिकार आंदोलन से जुड़े एक प्रमुख अश्वेत परिवार के भीतर के एक समझौते पर आधारित है।

इतिहास पुरस्कार कैथलीन डुवैल की किताब नेटिव नेशंस: ए मिलेनियम इन नॉर्थ अमेरिका और एडा एल. फील्ड्स-ब्लैक की कॉम्बी: हैरियट टबमैन, द कॉम्बाही रिवर रेड, एंड ब्लैक फ्रीडम ड्यूरिंग द सिविल वॉर को दिया गया। जीवनी पुरस्कार लेखक जेसन रॉबर्ट्स को एवरी लिविंग थिंग: द ग्रेट एंड डेडली रेस टू नो ऑल लाइफ के लिए दिया गया। टेसा हल्स को आत्मकथा पुरस्कार दिया गया। बेंजामिन नाथन्स की पुस्तक टू द सक्सेस ऑफ आवर होपलेस कॉज: द मेनी लाइव्स ऑफ द सोवियत डिसिडेंट मूवमेंट को सामान्य नॉनफिक्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कविता पुरस्कार मैरी होवे की को मिला। सुसी इबारा संगीत के क्षेत्र में पुरस्कार दिया गया।

कटिहार, 06 मई (हि.स.)। बिहार में कटिहार जिले के कुरसेला थाना क्षेत्र के चांदपुर हनुमान मंदिर के पास सोमवार देर रात एक स्कॉर्पियो मक्का लदी ट्रैक्टर से टकरा गई, जिसमें आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

मृतकों की पहचान टुनटुन कुमार, ज्योतिष कुमार, प्रिंस कुमार, अजय कुमार, सिक्कू कुमार और तीन अन्य युवकों के रूप में हुई है। ये सभी बाराती रुपौली थाना क्षेत्र के ढिबरा गांव से पूर्णिया जिले के कोसकीपुर विपिन सिंह के घर जा रही थी।

हादसे के बाद शादी का माहौल मातम में तब्दील हो गया। घायलों को समेली स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की तहकीकात में जुट गई है।

– 10 मई को सीतामढ़ी में सजेगा धर्म, संस्कृति और लोक जीवन का मंच
– राज्यपाल होंगे मुख्य अतिथि, धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियां बनेंगी साक्षी
– समाचार एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार की पहल पर भारत की सांस्कृतिक विविधता का महोत्सव

सीतामढ़ी, 06 मई (हि.स.)। जब देश वैश्विक सोच और आधुनिक जीवनशैली की ओर तेजी से बढ़ रहा है, तब ऐसी कौन-सी शक्ति है जो हमारी जड़ों से हमें जोड़े रखती है? वह शक्ति है- लोक संस्कृति, जो पीढ़ियों से समाज को दिशा देती आई है। इसी लोक परंपरा का सबसे उज्ज्वल प्रतीक हैं मां सीता… जिनके त्याग, धैर्य और मर्यादा ने न केवल धार्मिक कथा को जीवंत किया, बल्कि भारतीय समाज की आत्मा को भी आकार दिया। उनके आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने वे त्रेता युग में थे। आगामी 10 मई को सीतामढ़ी में आयोजित होने वाला सीता महोत्सव-2025 लोक संस्कृति के पुनर्जागरण का महत्वपूर्ण अवसर है।

भारतीय भाषाओं की आवाज देश की एकमात्र बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार 10 मई को सीता महोत्सव-2025 के जरिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत की विविधता को एकसूत्र में पिरोएगी। श्री जानकी जन्मभूमि पुनौराधाम सीतामढ़ी का प्रेक्षागृह ‘लोक संस्कृति एवं लोकजीवन में मां सीता’ विषयक सीता महोत्सव-2025 का साक्षी बनेगा। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य मां सीता के जीवन और उनके लोकजीवन में योगदान को समर्पित करना है। हिन्दुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविन्द भालचंद्र मार्डीकर कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार समूह के मुख्य समन्वयक राजेश तिवारी ने कहा कि सीता महोत्सव यह संदेश देगा कि अगर हमें एक मजबूत, नैतिक और एकजुट भारत चाहिए तो हमें अपनी लोक संस्कृति की ओर लौटना होगा- उस संस्कृति की ओर जिसकी जड़ें मां सीता के जीवन से सिंचित हैं। उन्होंने बताया कि लोक संस्कृति में मां सीता का स्थान अडिग है और सीता महोत्सव लोकजीवन में उनके योगदान को पुनः स्थापित करने का एक प्रयास है। यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों को सम्मानित करने का भी आदर्श उदाहरण बनेगा और मां सीता के आदर्शों से जुड़कर समाज को नई दिशा देगा।

राज्यपाल समेत धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियां बढ़ाएंगी महोत्सव की शोभा

सीता महोत्सव में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बतौर मुख्य अतिथि भाग लेंगे। वे इस अवसर पर मां सीता के जीवन और उनके योगदान को लेकर अपने विचार साझा करेंगे। साथ ही, पीठाधीश्वर श्री जानकी जन्मभूमि मंदिर पुनौराधाम के श्रीमहंत कौशल किशोर दास जी महाराज आशीर्वचन देंगे। मुख्य वक्ता सिद्धपीठ हनुमत निवास अयोध्या धाम के श्रीमहंत आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण जी महाराज, बगही धाम सीतामढ़ी के श्रीमहंत डॉ. शुकदेव दास जी महाराज और बतौर विशिष्ट अतिथि श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा की अनन्त श्री विभूषित महामंडलेश्वर श्री मां योग योगेश्वरी यती जी जैसी धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियां भी मौजूद रहेंगी। महोत्सव में विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य सूचना आयुक्त पदुम नारायण द्विवेदी और भाग्य विधाता चैरिटेबल एवं ट्रस्ट (रजि.) के संस्थापक अध्यक्ष राम सुरेश चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सुरेश चौधरी, निदेशक भाष्कर झा भी उपस्थित होंगे।

सजेगी सांस्कृतिक सुर संध्या, उदय और सुरेन्द्र छेड़ेंगे स्वर

इस महोत्सव में सांस्कृतिक सुरों की शाम भी सजेगी। बिहार के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित उदय कुमार मलिक और भजन गायक डॉ. सुरेन्द्र कनौजिया अपने संगीत से इस कार्यक्रम को और भी रंगीन करेंगे। उनकी मधुर और शास्त्रीय गायकी न केवल कार्यक्रम में रूहानी अहसास जोड़ेगी, बल्कि यह भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति सम्मान और श्रद्धा को भी नए स्तर तक पहुंचाएगी। सांस्कृतिक मंच पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुरों में गजब का जोश और ऊर्जा देखने को मिलेगी। शास्त्रीय संगीत और मां सीता के जीवन के मिले-जुले प्रभाव कार्यक्रम में चार चांद लगाएंगे।