नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। भारत ने ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते संघर्ष को देखते हुए ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से उत्तरी ईरान से निकाला गया है। यह ‘ऑपरेशन सिन्धु’ के प्रारंभिक चरण का हिस्सा है।

विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार को इसकी जानकारी दी गई। मंत्रालय ने बताया कि 17 जून को भारतीय दूतावास ने 110 भारतीय छात्रों को उत्तरी ईरान से सड़क मार्ग द्वारा आर्मेनिया की राजधानी येरेवान पहुंचाया। यह प्रक्रिया ईरान और आर्मेनिया में स्थित भारतीय मिशनों की निगरानी में सम्पन्न हुई। ये छात्र आज दोपहर 2:55 बजे एक विशेष विमान द्वारा येरेवान से रवाना हुए और कल तड़के नई दिल्ली पहुंचेंगे।

विदेश मंत्रालय ने ईरान और आर्मेनिया की सरकारों का इस निकासी प्रक्रिया में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। साथ ही कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा को भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी दिशा में ईरान में भारतीय दूतावास देश के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों में भेजने और उन्हें संभाव्य विकल्पों के माध्यम से भारत लाने का कार्य कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि ईरान-इज़राइल संघर्ष के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत ने तेहरान स्थित भारतीय दूतावास और नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के 24×7 नियंत्रण कक्ष के माध्यम से आपातकालीन सहायता सेवाएं सक्रिय कर दी हैं। भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इन हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से संपर्क बनाए रखें।

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नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में बुधवार को क्रोएशिया पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा के रूप में आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के लिए नए रास्ते खोलेगी।

प्रधानमंत्री 15-19 जून तक साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की यात्रा पर हैं। इस दौरे के अंतिम चरण में क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री 18 जून को क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा पर पहुंच गए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पोस्ट में कहा, “भारत-क्रोएशिया संबंधों में ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्रोएशिया के ज़ाग्रेब पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा है। एक विशेष सम्मान के रूप में प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच ने हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया।”

प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और राष्ट्रपति ज़ोरान मिलनोविच से मुलाकात करेंगे। क्रोएशिया की यह यात्रा यूरोपीय संघ में भागीदारों के साथ संबंध को और मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी।

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नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर 35 मिनट तक बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी और भारत पाकिस्तान के साथ अपने द्विपक्षीय मसलों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा।

विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने यह जानकारी आज दी। उन्होंने बताया कि जी-7 शिखर सम्मेलन की बैठक के इतर मोदी और ट्रंप की मुलाकात प्रस्तावित थी, लेकिन ट्रंप को अचानक अमेरिका लौटना पड़ा। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर यह फोन वार्ता हुई। यह बातचीत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार हुई है, जिसमें ट्रंप ने पहले फोन पर संवेदना व्यक्त की।

प्रधानमंत्री ने ट्रंप को बताया कि भारत ने 6-7 मई की रात केवल आतंकी ठिकानों पर सीमित, सटीक और संतुलित कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य प्रतिक्रिया गैर-उत्तेजक थी और इसका उद्देश्य केवल आतंकवाद पर कठोर प्रहार करना था। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 9 मई को उपराष्ट्रपति वेंस ने संभावित पाकिस्तानी हमले की चेतावनी दी थी, जिसका भारत ने प्रभावी और निर्णायक जवाब दिया।

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अमेरिका से किसी भी प्रकार की मध्यस्थता या ट्रेड डील पर कोई चर्चा नहीं हुई। पाकिस्तान ने ही सैन्य कार्रवाई रोकने का आग्रह किया, जो दोनों देशों के सैन्य संपर्क चैनलों के माध्यम से हुआ। उन्होंने दोहराया कि भारत न कभी मध्यस्थता स्वीकार करता है, न करेगा, और इस पर देश में पूर्ण राजनीतिक एकमत है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रुख को समझा और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई का समर्थन किया। दोनों नेताओं ने इजरायल-ईरान संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड की अगली बैठक के लिए ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार किया।

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री को कनाडा से अमेरिका आने का भी आमंत्रण दिया था हालांकि प्रधानमंत्री ने अपनी व्यस्तताओं के कारण इसमें असमर्थता जताई। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। यह पहली बार है जब भारत ने आतंकवाद को “प्रॉक्सी वॉर” के बजाय प्रत्यक्ष युद्ध मानते हुए कार्रवाई की है। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से लगातार भारत की कार्रवाई को रोकने में अमेरिकी भूमिका होने की बात कहते रहे हैं।

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कैलगरी, 17 जून (हि.स.)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज कुछ समय पहले जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कैलगरी पहुंच गए। कैलगरी कनाडा के अल्बर्टा प्रांत का एक प्रमुख शहर है। कैलगरी प्रांत के दक्षिणी भाग के कनाडाई रॉकीज के पूर्व में ऊंचे मैदानों और तलहटी के क्षेत्र में स्थित है। जी- 7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की लगातार छठी भागीदारी है।

यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की आधिकारिक यात्रा का हिस्सा है। इसकी शुरुआत साइप्रस से हुई और इसका समापन क्रोएशिया में होगा।

प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस यात्रा के समापन पर भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने विस्तृत टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस की पहली यात्रा थी और पिछले दो दशकों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। लाल ने कहा, “यह ऐतिहासिक यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच स्थायी मित्रता और भरोसेमंद साझेदारी को उजागर करती है।” जी-7 शिखर सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा और यूरोपीय संघ (ईयू) के नेता हिस्सा ले रहे हैं।

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ईरान ने सूरज निकलने से पहले इजराइल पर मिसाइलों की बौछार की, हाइफा बिजली संयंत्र आग की लपटों में घिरा

तेहरान:  प्रतिशोध की आग में जल रहे ईरान ने आज सूरज निकलने से पहले इजराइल पर मिसाइलों की बौछार कर दी। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स की यह बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल के तेल अवीव और हाइफा में लक्ष्यों पर गिरीं। इससे पहले रात को भी ईरान ने मिसाइलों से हमला किया। ईरान 13 जून को हुए इजराइली हवाई हमले में अपने सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत से बौखलाया हुआ है।

ईरान की न्यूज एजेंसी तस्नीम, सरकारी एजेंसी इरना और तेहरान टाइम्स अखबार की खबरों में ईरान के इजराइल के खिलाफ हवाई हमले की जानकारी दी गई है। खबरों के अनुसार, ईरान ने ताजा हमले में तेल अवीव, हाइफा, बेन गुरियन हवाई अड्डे और नेवातिम एयरबेसल गोलान हाइट्स में लक्ष्यों को निशाना बनाया। ईरान ने पिछले तीन दिनों में कई इजराइली सैन्य इमारतें जमींदोज कर दी हैं। ईरानी सशस्त्र बलों ने सोमवार सुबह फिलिस्तीन के कब्जे वाले इजराइली क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइलों की बौछार की है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने घोषणा की कि इस बार दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया गया। ईरानी मिसाइलों ने हाइफा बिजली संयंत्र को नुकसान पहुंचाया है।

खबरों के अनुसार, इजराइली आर्मी रेडियो ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि इजराइली वायुरक्षा कम से कम 10 ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने में असमर्थ रही। ईरानी ड्रोन हमले के बाद कब्जे वाले क्षेत्रों के उत्तर में चेतावनी सायरन बजने शुरू हो गए। अल जजीरा की खबर के अनुसार, ईरानी मिसाइल हमलों की आठवीं लहर इजराइल के लिए विनाशकारी रही।

स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, ऑनलाइन प्रसारित फुटेज में हाइफा बिजली संयंत्र आग की लपटों में घिरा रहा। इसके बाद व्यापक बिजली कटौती की सूचना मिली। कई वीडियो में शवों को निकालने के लिए बड़ी संख्या में एम्बुलेंस को इकट्ठा होते हुए दिखाया गया। इससे पहले आधीरात को ईरान ने नेगेव रेगिस्तान और किर्यत गत के साथ-साथ हाइफा के अन्य क्षेत्रों में रणनीतिक स्थलों को निशाना बनाया। नेगेव रेगिस्तान में डिमोना परमाणु परिसर और गुप्त मिसाइलों का तैनाती स्थल हैं। किरयात गाट इजरायल के सैन्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अर्धचालक विनिर्माण केंद्र है। पिछले दिनों, ईरान ने शासन की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और कब्जे वाले क्षेत्रों में 150 से अधिक सैन्य और खुफिया साइटों पर हमला किया।

इरना ने दावा किया है कि ईरान पुलिस ने मोसाद के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है। इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के पुलिस कमांड के प्रवक्ता सईद मोंटेजर अल-महदी ने रविवार को कहा कि दोनों को तेहरान प्रांत के रे काउंटी के जिले फशाफुयेह में 200 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और 23 ड्रोन, लॉन्चर और दूसरे उपकरणों के साथ दबोचा गया।

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तेहरान (ईरान)/तेल अवीव (इजराइल), 16 जून (हि.स.)। इजराइल और ईरान शांति के अंतरराष्ट्रीय आह्वान को दरकिनार कर लगातार एक-दूसरे की सरजमीं पर हवाई हमले कर रहे हैं। कल दोनों ने आबादी वाले इलाकों पर हमले किए। इस वजह से ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता भी नहीं हो सकी।

अमेरिका के द न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की खबर के अनुसार, इजराइल और ईरान ने कल एक-दूसरे की धरती पर आबादी वाले इलाकों पर मिसाइल हमले किए। दोनों पक्षों ने तनाव कम करने के अंतरराष्ट्रीय आह्वान को दरकिनार कर दिया है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम के भविष्य पर तेहरान और वाशिंगटन के बीच रविवार को होने वाली वार्ता को अधिकारियों के रद्द किए जाने के बाद कूटनीतिक रास्ता संकट पर पड़ता दिख रहा है। इजराइल ने कहा कि शुक्रवार को किए गए शक्तिशाली हमलों का लक्ष्य ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धरत देशों से लड़ाई में पीछे हटने का आग्रह किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “ईरान और इजराइल को एक समझौता करना चाहिए। अभी कई फोन कॉल्स और बैठकें हो रही हैं।” इस बीच ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने चेतावनी दी कि अगर बमबारी बंद नहीं हुई तो वे इजराइल के खिलाफ हमले बढ़ा देंगे।

इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि इजराइल किसी भी कीमत पर ईरान पर अपने हमले एक पल के लिए भी बंद नहीं करेगा। वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वार्ता के दूसरे दौर से पहले इजराइल हमला करेगा।

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तेहरान, 13 जून (हि.स.)। ईरान में भारतीय दूतावास ने आज अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ईरान में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए सलाह जारी की है।

इसमें कहा गया है, “ईरान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए ईरान में सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें। अनावश्यक गतिविधियों से बचें। दूतावास के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो करें और स्थानीय अधिकारियों के सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें।”

उल्लेखनीय है कि इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान में बमबारी शुरू कर दी है। ईरानी मीडिया ने कहा कि तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनाई दी। इजराइली रक्षामंत्री इजरायल काट्ज ने ईरान पर हमले की पुष्टि की है।

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तेहरान, 13 जून (हि.स.)। इजराइल ने आज तड़के ईरान में कई स्थानों पर बम बरसाए। इस हमले से ईरान सकते में है। बम धमाकों से राजधानी तेहरान के बाशिंदे सहम गए। ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार, इजराइल की सरकार ने शुक्रवार सुबह ईरान के रिहायशी इलाकों पर हमला किया। ईरान की राजधानी तेहरान में कई जोरदार धमाके सुने गए। इसके कुछ ही देरबाद इजराइली सरकार ने घोषणा की कि उसने ईरान के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया है।

इजराइल में आपातकाल, तेल अवीव में बजे सायरन

इस बीच अमेरिका के ‘एबीसी न्यूज’ चैनल की खबर में इजराइल के रक्षामंत्री इजराइल कैट्ज के हवाले से कहा गया है कि इजराइल ने शुक्रवार सुबह स्थानीय समयानुसार ईरान के विरुद्ध दर्जनों हमले किए। साथ ही इजराइल में आपातकाल की घोषणा की। कैट्ज ने बयान में कहा, “ईरान के विरुद्ध इजराइल के पूर्वव्यापी हमले के बाद निकट भविष्य में इजराइल और उसके नागरिक आबादी के विरुद्ध मिसाइल और ड्रोन हमला होने की आशंका है।” उनकी इस घोषणा के बाद तेल अवीव में हवाई हमले के सायरन बजने शुरू हो गए हैं। एक अमेरिकी अधिकारी ने वाशिंगटन में कहा कि अमेरिका का इसमें कोई हाथ नहीं है।

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स प्रमुख होसैन सलामी मारे गए

अमेरिका के सीबीएस न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, इजराइल की सेना ने शुक्रवार सुबह ईरानी परमाणु सुविधा केंद्रों और शोध वैज्ञानिकों को निशाना बनाया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम दिया है। ईरानी राज्य टेलीविजन ने कहा कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के प्रमुख होसैन सलामी हमलों में मारे गए।

अमेरिका का हाथ नहीं

संयुक्त राज्य अमेरिका का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। विदेशमंत्री मार्को रुबियो ने बयान में कहा कि इजराइल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की है। अमेरिका ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता मध्यपूर्व क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है। रुबियो ने कहा कि ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए। ईरान के सरकारी मीडिया ने राजधानी तेहरान में जोरदार विस्फोटों और कुछ लोगों के हताहत होने की सूचना दी है। सरकारी टेलीविजन ने तेहरान के दक्षिण में स्थित शहर नतांज में हमलों की सूचना दी। नतांज यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं का बड़ा केंद्र है।

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​नई दिल्ली, 03 जून (हि.स.)। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने उन पाकिस्तानी ठिकानों को भी निशाना बनाया था, जिनके बारे में हवाई हमलों के बाद भारतीय वायु सेना या डीजीएमओ ने नहीं बताया था। पाकिस्तान ने 18 मई को कई देशों को सौंपे गए अपने डोजियर में माना है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय मिसाइलों और ड्रोनों से पाकिस्तान में कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है।डोजियर में साफ तौर पर दिखाया गया है कि भारत ने पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरांवाला, बहावलनगर, अटॉक और चोर पर हमला किया।

पाकिस्तान के एक आधिकारिक डोजियर से पता चला है कि भारत ने अपने बताए गए लक्ष्यों की तुलना में कम से कम सात अधिक लक्ष्यों पर हमला किया। डोजियर के नक्शों में पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरात, बहावलनगर, अटॉक​ और चोर पर हमले दिखाए गए हैं। पिछले महीने हवाई हमलों के बाद प्रेस वार्ता में भारतीय वायु सेना या सैन्य संचालन महानिदेशक ने इन स्थानों का नाम नहीं लिया था। नए रहस्योद्घाटन से पता चलता है कि भारत ने जितना स्वीकार किया था​, उससे कहीं अधिक अंदर तक हमला किया​ था।​ इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर को रोकने ​के लिए पाकिस्तान ने भारत से संपर्क ​करके युद्ध​ विराम का अनुरोध किया।

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 सैलानियों में विधवा हुई महिलाओं के उजड़े सुहाग को ध्यान में रखते हुए 6/7 मई की आधी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। भारत ने बिना सीमा पार किए हैमर, स्कल्प और मिसाइलों से पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकी शिविरों पर हमला करके जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत ने हवाई हमलों के बाद ​इसकी अधिकृत जानकारी भी दी थी।​ मैक्सार टेक्नोलॉजीज ​ने भी उपग्रह इमेज ​जारी करके ऑपरेशन ​’सिंदूर​’ के दौरान सटीक हमलों से हुए नुकसान का खुलासा किया था​, लेकिन अब पाकिस्तान के डोजियर​ से नए खुलासे हुए हैं।

भारत ने ​बताया था कि पाकिस्तान​ अधिकृत कश्मीर ​(पीओके) में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण केंद्र सहित नौ स्थानों पर हमला किया​ गया। 7 मई के हमलों में लक्षित अन्य स्थानों में मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल शामिल थे।​ इसके अलावा ग्यारह हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया​, जिनमें नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियन, सरगोधा, स्कारू, भोलारी और जैकोबाबाद शामिल हैं। भारी नुकसान के कारण पाकिस्तान के पास युद्ध विराम के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा, जिससे तीन दिनों से जारी तनाव समाप्त हो गया।

​अब पाकिस्तान के डोजियर से पता चलता है​ कि भारत ने जितना स्वीकार किया है, उससे कहीं अधिक गहराई से और कठोर ​हमले किये गए थे।​ पाकिस्तानी डोजियर के मानचित्रों में प्रमुख शहरों जैसे पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरात, गुजरांवाला, बहावलनगर, अटॉक और चोर​ पर भारतीय हमले दिखाए गए हैं​, जिनका उल्लेख 7 मई के जवाबी हमले के बाद प्रेस​ ब्रीफिंग में भारतीय वायु सेना या सैन्य संचालन महानिदेशक​ ने नहीं किया था।​ ​पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ड्रोन अटैक में अपने ​कई एयरबेस को हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी है। डोजियर में कम से कम आठ अतिरिक्त भारतीय हवाई हमलों का उल्लेख किया गया है, जिनका भारतीय रक्षा अधिकारियों ने पहले खुलासा नहीं किया था।

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पाकिस्तान में दो पुलिस थानों पर आतंकी हमला, सात बलूच लड़ाके मारे गए

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के दो प्रांतों में पिछले 24 घंटे के दौरान दो पुलिस थानों पर बड़ा हमला हुआ। इस हमले से इतर मुठभेड़ में सात बलूच लड़ाके मारे गए। बलूच लड़ाकों को पाकिस्तान आतंकी बता रहा है। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अजादी की मांग कर रहे हैं। वहां लंबे समय से आजादी के लिए लोग संघर्ष कर रहे हैं।

दुनिया न्यूज टीवी चैनल की खबर के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर जिला और बन्नू जिले में दो पुलिस स्टेशनों पर आतंकवादियों के हमले को विफल कर दिया गया। खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक जुल्फिकार हमीद ने कहा कि लोई मामुंड (बाजौर जिला) और मिरयान (बन्नू) में पुलिस स्टेशनों पर देररात आतंकवादियों ने हमला किया। पुलिस बल ने बहादुरी से हमलावरों का सामना किया और उन्हें खदेड़ दिया। हमीद ने पुलिस बल के लिए प्रशंसा पत्र और पुरस्कार की घोषणा की है।

इसके अलावा सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान में दो अलग-अलग अभियानों में सात बलूच लड़ाकों को मार गिराया। सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। विज्ञप्ति में कहा गया कि मरने वाले सातों आतंकवादी हैं। यह अभियान दो जून को चलाया गया। कच्छी जिले के माच के सामान्य क्षेत्र में खुफिया आधारित ऑपरेशन के दौरान पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया। कलात जिले के मार्गंड के सामान्य क्षेत्र में दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। पाकिस्तान की सेना ने कहा कि मारे गए सातों आतंकी ‘फितना अल हिंदुस्तान’ के हैं।

उल्लेखनीय है कि आतंकवाद परस्त पाकिस्तान लंबे समय से बलूचिस्तान के विद्रोहियों को ‘फितना अल हिंदुस्तान’ (विद्रोही और हिन्दुस्तान के एजेंट) कहकर इस राजनीतिक समस्या को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहा है। साथ ही टीटीपी को भी ‘फितना अल खवारिज’ कहकर (धार्मिक अपशब्द) भारत का साथ देने वाला बताकर प्रलाप करता रहता है। सैन्य अधिकारी भी हुकूमत की हां में हां मिलाते हैं। डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि बलूचिस्तान को कभी भी पाकिस्तान से अलग नहीं होने दिया जाएगा।

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बोगोटा (कोलंबिया), 31 मई (हि.स.)। आखिरकार कोलंबिया ने अपना आधिकारिक बयान वापस ले लिया। इस बयान में भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की गई थी। भारतीय संसदीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने कोलंबिया के आधिकारिक बयान पर चिंता जताते हुए कहा था कि हम (भारत) कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से कुछ निराश हैं।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कोलंबिया की उप विदेशमंत्री योलांडा विलाविसेनियो ने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि आज हमें जो स्पष्टीकरण मिला है और वास्तविक स्थिति, संघर्ष और कश्मीर में जो कुछ हुआ, उसके बारे में अब हमारे पास जो विस्तृत जानकारी है, उसके आधार पर हम बातचीत जारी रख सकते हैं।” थरूर ने कोलंबिया के आधिकारिक बयान वापस लेने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का भला कौन समर्थन कर सकता है।

इसके अलावा पाकिस्तान के पांखड का जवाब देने के लिए पश्चिमी अफ्रीका के देश सिएरा लियोन पहुंचे भारतीय संसदीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कार्यवाहक विदेशमंत्री फ्रांसेस पी. अल्घाली से चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। इस मौके पर अल्घाली ने भारत के आतंकवाद से लड़ने और शांति बनाए रखने के समन्वित प्रयासों का समर्थन किया। प्रतिनिधिमंडल की सदस्य भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज सिएरा लियोन यात्रा का संक्षिप्त ब्योरा एक्स हैंडल पर साझा किया है।

फ्रीटाउन में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने पाकिस्तान को आगाह करते कहा कि यह नया भारत है। यह नया भारत रुकता नहीं है। झुकता नहीं है। गुनाह के लिए माफ नहीं करता। नया भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने में नया भारत सक्षम है। आतंकवाद वैश्विक मुद्दा है। इसलिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं।

इस प्रतिनिधिमंडल के दूसरे सदस्य बीजू जनता दल सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि पहलगाम हमला दुखदायी है। उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी आता है। पति से उसका धर्म पूछता है और उसे गोली मार देता है। पत्नी कहती है कि मुझे भी मार दो, मैं क्यों जीऊं? आतंकवादी पलटकर महिला से कहता है, मैं तुम्हें नहीं मारूंगा, जाओ और अपनी सरकार को यह बताओ। फिर ऑपरेशन सिंदूर आया। हमने पाकिस्तान में घुसकर उन पर हमला किया। यह नया भारत है। यकीन मानिए कि यह नया भारत है और हम नए भारत का चेहरा हैं।

कोपेनहेगन (डेनमार्क) शिवसेना (यूटीबी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वह मुंबई शहर से हैं। मुंबई में आतंकी हमले हुए, कितनी महिलाएं अपने पतियों के बिना रह गईं? एक महिला के तौर पर, इसने मुझ पर असर डाला है। इसने पाकिस्तान के प्रति मेरी अपनी भूमिका बदल दी है।

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वाशिंगटन, 22 मई (हि.स.)। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास हुई गोलीबारी से सनसनी फैल गई। गोली इजराइल के दूतावास के कर्मचारियों को लगी है। गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति घायल बताया जा रहा है। बुधवार रात यह गोलीबारी एफबीआई के वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के सामने सड़क पर हुई। दूतावास के प्रवक्ता ने साफ किया है कि राजदूत सुरक्षित हैं। वह गोलीबारी के समय वहां पर नहीं थे।

कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास गोली मारी गई
सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार, माना जा रहा है कि पीड़ित व्यक्ति इजराइल के दूतावास के कर्मचारी हैं। इनको कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास गोली मारी गई। कानून प्रवर्तन सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। सूत्रों ने बताया कि दो लोगों की मौत हो गई और उनमें से एक व्यक्ति के दूतावास से जुड़े होने की आशंका है। वाशिंगटन डीसी पुलिस ने कहा कि वह एफबीआई के वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के सामने सड़क पर हुई गोलीबारी की जांच कर रही है। यह स्थान कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास स्थित है। इजराइली दूतावास के मिलकर कानून प्रवर्तन एजेंसी जांच कर रही है।

इजराइल के राजदूत सुरक्षित
दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि इजराइल के राजदूत सुरक्षित हैं। वह गोलीबारी के समय उस स्थान पर नहीं थे। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि सूचना मिलते ही वह कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी जीनिन पिरो के साथ कैपिटल यहूदी संग्रहालय पहुंचे।

संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने एक्स हैंडल पर बयान में कहा, ”वाशिंगटन डीसी में यहूदी संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम के बाहर हुई घातक गोलीबारी में इजराइली दूतावास के कर्मचारी भी घायल हुए हैं। यह यहूदी विरोधी आतंकवाद का घृणित कृत्य है।” अमेरिकी यहूदी समिति के सीईओ टेड ड्यूच ने कहा कि उनके संगठन ने बुधवार शाम संग्रहालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। उन्होंने कहा कि इस घटना से वह स्तब्ध हैं। कार्यक्रम स्थल के बाहर हिंसा की यह अकल्पनीय घटना है।

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