छपरा कोर्ट ने 10 आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई,14 वर्षीय किशोर की बम मारकर हुई थी हत्या

Chhapra: जिले के दरियापुर के खजुहट्टा गांव में 7 वर्ष पहले 14 वर्षीय किशोर को बम मारकर हत्या मामले में छपरा कोर्ट ने 10 आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. दरअसल 7 साल पहले दरियापुर थाना क्षेत्र के खजुहट्टा गांव में जमीनी विवाद को में कुछ लोगों द्वारा एक किशोर की बम मार कर हत्या कर दी गई थी. अब 7 साल बाद छपरा न्यायालय ने उसके आरोपितों को सजा सुनाई है. बुधवार को एडीजे षष्टम अंजनी कुमार सिंह ने कांड संख्या 186/10 के दो सत्रवाद 313/11 एवं 313 A/ 11 में सजा के बिंदु पर सुनवाई की.  दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपितों दरियापुर थाना क्षेत्र के खजुहट्टा निवासी हरिवंशराय के चार पुत्र कृष्ण मुरारी राय, ओम प्रकाश राय, अजय राय और धनंजय राय तथा रामधन राय एवं उनके तीन पुत्रों पप्पू राय, मनोज राय और अशोक राय के अलावा अनिल राय और राम भजन राय के भादवि की धारा 302/ 34 के तहत आजीवन कारावास व ₹5000 जुर्माना लगाया है. दरअसल इन आरोपितों के खिलाफ 26 नवंबर 2011 को पटना के पीरबोहर थाने में पुलिस के समक्ष प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें इन सभी को अभियुक्त बनाया गया था. जिसमें बताया गया था कि जमीनी विवाद में हथियार से लैस ये सभी आरोपित ने किशोर के घर पर हमला कर 14 वर्षीय मन्दिश राय और संतोष राय तथा विकास राय को बुरी तरह घायल कर दिया था. जिसमें मन्दिश राय की मौत हो गई थी.   

Delhi: ताजमहल पर मालिकाना हक जताने वाले सुन्नी वक्फ बोर्ड के तेवर अब ढीले पड़ गए हैं. बोर्ड मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में शाहजहां के दस्तखत वाला वक्फनामा पेश नहीं कर पाया. इस पर, चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बोर्ड कोर्ट का वक्त बर्बाद कर रहा है.

वक्फ बोर्ड ने पिछली सुनवाई में दावा किया था कि मुगल बादशाह शाहजहां ने बोर्ड के पक्ष में ताजमहल का वक्फनामा किया था. इस पर कोर्ट ने सबूत मांगे थे। यह विवाद सुन्नी वक्फ बोर्ड और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के बीच चल रहा है.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने कहा हथियार डालते हुए बोर्ड ने कहा कि ताजमहल की देखरेख एएसआई करे, इसमें उसे आपत्ति नहीं है. लेकिन ताजमहल में नमाज पढ़ने और उर्स जारी रखने का उसका अधिकार बरकरार रहे.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड से कहा कि उसे एएसआई से बात करनी चाहिए. इस पर एएसआई ने विचार करने के लिए वक्त मांगा. केस की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.

पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस ने वक्फ बोर्ड के वकील से पूछा था, “शाहजहां ने वक्फनामे पर दस्तखत कैसे किए? वह तो जेल में बंद थे. वह हिरासत से ही ताजमहल देखते थे.

“कोर्ट ने शाहजहां के दस्तखत वाला हलफनामा पेश करने को कहा तो बोर्ड के वकील ने एक हफ्ते की मोहलत मांगी थी. लेकिन आज वह शाहजहां का आदेश कोर्ट में पेश नहीं कर सका.

ताजमहल के मालिकाना हक़ को लेकर यह विवाद 2005 में शुरू हुआ था. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जुलाई 2005 में आदेश जारी कर ताजमहल को अपनी प्रॉपर्टी के तौर पर रजिस्टर करने को कहा था. एएसआई ने इसके खिलाफ 2010 में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.इस पर कोर्ट ने बोर्ड के फैसले पर स्टे लगा दिया था.

एएसआई की ओर से पेश एडवोकेट एडीएन राव ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने जैसा दावा किया है, वैसा कोई वक्फनामा नहीं है. 1858 की घोषणा के मुताबिक, आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर से ली गई संपत्तियों का स्वामित्व ब्रिटिश महारानी के पास चला गया था. वहीं, 1948 के कानून के तहत यह इमारतें अब भारत सरकार के पास हैं.

श्रोत: प्रवीण बागी

पुणे: तलाक का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. एक पत्नी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा है कि वह अपने इंजीनियर पति की उस सनक से परेशान है, जिसमें वह 20 सेंटीमीटर वाली रोटी मांगता है. इंजीनियर पति रोटी के एक भी इंच ज्‍यादा या कम होने पर बेहद नाराज हो जाता है. कोर्ट में पत्नी ने कहा कि अगर पति की रोटी की परिधि का व्यास 20 सेंटीमीटर ना हो तो पति उसके साथ मारपीट करता था.

प्राप्त जानकारी ने अनिसार घर के काम के लिए भी युवक ने अपनी पत्नी को एक्सेेल सीट बनाकर दी गई हुई थी. पत्नी का कहना है कि एक्सेेल सीट में तीन कॉलम बने हुए थे, जिसमें पहले कॉलम में पूरा किया हुआ काम, पूरा नहीं किया हुआ काम और वो काम जो चल रहे हैं लिखा हुआ था. पत्नी रोजाना इस शीट को भरती थी. इतना ही नहीं महिला का कहना है कि उसका पति रोजाना शीट को आकर चैक किया करता था.

छपरा: सिविल कोर्ट परिसर में सोमवार को हुए बम ब्लास्ट के मामले में मंगलवार को जिला जज, डीएम और एसपी ने कोर्ट परिसर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों ने कोर्ट परिसर में प्रवेश के सभी स्थानों का बारीकी से अध्ययन किया.

13023344_1750218478598114_1154089211_n copy

निरीक्षण करते सारण जिलाधिकारी और एसपी साथ में अधिवक्ता 

निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि सिविल कोर्ट परिसर की चाक चौबंद सुरक्षा की जा रही है. चप्पे चप्पे पर नज़र रखने के लिए जगह जगह सीसी टीवी लगाया जा रहा है. वही  चहारदीवारी ऊँचा करने, कंटीले तार को लगाने और पार्किंग की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है. 

देखे वीडियो

court inspection

उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसर में जज, वकील और मुवक्किलों के लिए अलग अलग पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही सभी को पास जारी किया जायेगा जिससे किसी भी अवांछित लोगों का प्रवेश परिसर में न हो सके.  सभी प्रवेश द्वारा पर सुरक्षा बल तैनात रहेंगे. जो पास वाले को ही परिसर में प्रवेश देंगे.

इसे भी पढ़िए: बढ़ी सिविल कोर्ट की सुरक्षा, मुख्य गेट पर की जा रही है जांच

13020057_1750218495264779_650132044_n copy

वही एसपी पंकज कुमार राज ने बताया कि अब परिसर में किसी भी तरह के वाहन को प्रवेश नहीं दिया जायेगा. सभी को अपने वाहन तय स्थान पर पार्क कर पैदल ही कोर्ट परिसर में घुमने की इजाजत होगी.

इसे भी पढ़े: सिविल कोर्ट में बम धमाका, महिला समेत 3 घायल

इसे भी पढ़े: बम से दहला सिविल कोर्ट परिसर, सुरक्षा में बड़ी चूक

मुजफ्फरपुर: सिविल कोर्ट परिसर में सोमवार की सुबह उस समय अफरातफरी मच गयी जब पेशी के दौरान आए विचाराधीन कैदी पर जबरदस्‍त फायरिंग हुई. फायरिंग में विचाराधीन आरोपी की मौत हो गई.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में सोमवार की सुबह पेशी के लिए आए विचाराधीन कैदी पर कुछ बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में विचाराधीन कैदी की मौत हो गई. घटना को बाइक पर सवार दो की संख्या में आए अपराधियों ने अंजाम दिया.

जिस विचाराधीन कैदी की गोली मारकर हत्या की गई है, उसकी पहचान पंकज मार्केट के सरफराज हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त सूरज के रूप में हुई है.

घटना की सूचना मिलने पर मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी, एसएसपी दल बल के साथ पहुंच कोर्ट पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए.