देश के 310 जिलों में 21 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी दर: डॉ. बलराम भार्गव

देश के 310 जिलों में 21 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी दर: डॉ. बलराम भार्गव

नई  दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि देश में कोरोना के नए मामले आने का राष्ट्रीय औसत 21 प्रतिशत है। देश के 310 जिलों में पॉजिटिविटी दर अभी 21 प्रतिशत से अधिक है। इस लिहाज से राज्यों को अभी तीन बातों पर फोकस करना चाहिए।
 आईसीएमआर के महानिदेशक मंगलवार को प्रेसवार्ता में बताया कि  राज्यों को  तीन बातों पर जोर देना चाहिए जिसमें  टेस्टिंग, आईसोलेशन और घर पर जांच की व्यवस्था शामिल है।  आईसीएमआर ऐसी पद्धति पर काम कर रहा है जिससे लोग घर पर ही आसानी से अपनी जांच कर सकें। राज्यों को टेस्टिंग पर जोर देना चाहिए। इसके लिए रैपिड एंटिजन टेस्ट का सहारा लिया जा सकता है। ज्यादा से ज्यादा रैपिड एंटिजन टेस्ट किए जाने चाहिए ताकि बीमारी को शुरुआती दौर में ही पकडा जाए और संक्रमितों को आईसोलेट किया जा सकें। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रैपिड एंटिजन टेस्ट के साथ मोबाइल टेस्टिंग सेंटर के माध्यम से वहां टेस्ट की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए संक्रमिक व्यक्ति को अलग करना भी आवश्यक है। इस पर भी राज्यों को जोर देना चाहिए।  
उन्होंने बताया कि देश में रोजाना 16 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट करने की क्षमता है और 17 लाख रैपिड एंटिजन टेस्ट करने की क्षमता है। देश में करीब ढाई हजार से अधिक जांच लैब है जहां पर टेस्टिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि पहली व दूसरी लहर में युवाओं का संक्रमित होने की दर में ज्यादा फर्क नहीं है क्योंकि दूसरी लहर में ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं उससे लोगों में यह भ्रम फैल रहा है कि युवा इसकी चपेट में ज्यादा  आर रहे हैं। रही बात इसके असर की तो अभी वायरस के वेरियंट की तीव्रता पर अध्ययन चल रहा है। 
बुखार के साथ गला खराब, सिर दर्द, डायरिया हो तो टेस्ट जरूर करवाएं और खुद को अलग कर लें
डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि अगर किसी को इन दिनों बुखार, सांस लेने की दिक्कत, सिर व बदन दर्द की शिकायत हो या फिर स्वाद व गंध की ताकत चली गई हो वे लोग जांच अवश्य करवाएं । जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करते हुए  परिवार के अन्य सदस्यों व लोगों से खुद को अलग कर लें।  उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के 10 दिनों बाद दोबारा टेस्ट करवाने की कोई आवश्यकता नहीं होती क्योंकि वायरस शरीर में तब तक मर जाता है। इसलिए नए दिशानिर्देश के तहत संक्रमण के दस दिन बाद या फिर रेपिड एंटिजन या आरटीपीआर टेस्ट में एक बार पॉजिटिव पाए जाने पर दोबारा जांच की आवश्यकता नहीं होती।
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