• सर्वाधिक लक्ष्य को हासिल करने वाले जिले को राज्य स्तर पर मिलेगा सम्मान
• दूसरा डोज के लिए होगा विशेष प्रबंध
• विशेष अभियान चलाकर सेकंड डोज के चुनौतियों को किया जाएगा दूर

Chhapra: जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन कैंपेन चलाया जा रहा है। वैक्सीनेशन के टारगेट को शत-प्रतिशत हासिल करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध और संकल्पित है और इसको लेकर लगातार सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। चरणवार अलग-अलग श्रेणी के लाभार्थियों के लिए विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में टीकाकरण महाअभियान के सफलता के बाद अब सेकंड डोज के लाभार्थियों के लिए महा अभियान 2.0 का आगाज 6 सितंबर को किया जाएगा। इस महा-अभियान सेकंड डोज के ड्यू लाभार्थियों का विशेष रूप से टीकाकरण किया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्तर से सिविल सर्जन और जिला पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। महा-अभियान को लेकर जिला स्तर पर विभाग के द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। आशा और एएनएम के सहयोग से कोविन पोर्टल के अनुसार सेकंड उसके ड्यू लाभार्थियों की सूची तैयार की जा रही है। लक्ष्य पिछले मेगा टीकाकरण अभियान के समान होगी और टीकों की आवंटित संख्या रविवार शाम तक संबंधित जिलों में पहुंच जाएगी। इस बार दूसरी खुराक पर अधिक ध्यान केंद्रित कर उन्हें लक्षित करना है।

“मिशन सेकंड डोज चैलेंज”

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राज्य में छह माह में छह करोड़ व्यस्कों को कोविड-19 का टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसे लाभार्थी जिन्होंने कोविड-19 पहली डोज उसके बाद 84 दिन या कोवैक्सीन की पहली डोज उसके बाद 28 दिन पूरे कर लिए हैं। उन्हें ससमय दूसरे डोज से अच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जिन लाभार्थियों ने 8 जुलाई से पहले कोविशिल्ड और 2 सितंबर से पहले कोवैक्सीन की प्रथम खुराक ली है। उन्हें ससमय दूसरी खुराक देना विभाग का लक्ष्य है।

दूसरे डोज के सर्वाधिक लक्ष्य को हासिल करने वाले जिले को राज्य स्तर पर मिलेगा सम्मान

कोविड टीकाकरण कार्य में लगे कर्मियों पदाधिकारियों के हौसला बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ विभाग के द्वारा जश्न-ए टीका कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। जश्न-ए-टीका कार्यक्रम के तहत सर्वश्रेष्ठ कर्मियों तथा पदाधिकारियों को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित करने का प्रावधान किया गया है। इसी कड़ी में गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को सेकंड डोज के लाभार्थियों को सर्वाधिक टीकाकरण करने वाले 15 सर्वश्रेष्ठ जिले को सम्मानित किया जाएगा।

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Chhapra:  प्रभारी निरीक्षक अनिरुद्ध राय, हेड कान्स. मुकेश कुमार शाह, हेड कान्स. कुमार प्रियरंजन, हेड कान्स. रामचंद्र राय, कान्स. राकेश कुमार प्रजापति/सभी रे.सु.बल पोस्ट छपरा व निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह, उप निरीक्षक संजय कुमार राय, हेड कान्स. रवि प्रकाश शुक्ल, हेड कान्स. विनोद कुमार यादव, कान्स प्रताप सिंह सभी अपराध आसूचना शाखा/छपरा द्वारा संयुक्त रूप से फर्जी नाम पत्ते के उपयोग से अवैध ई टिकट दलाली करने के संबंध में प्राप्त आईआरसीटीसी से प्राप्त सूचना व विवरण के आधार पर अमनौर बाजार/छपरा स्थित केजीएन डिजिटल & फ्लैक्स प्रिंट नामक दुकान पर छापा मारकर उक्त दुकान के संचालक मो. अब्दुल्लाह s/o लाल मोहम्मद, r/o ग्राम- अमनौर हरनारायण, थाना- अमनौर, जिला- छपरा, 33 वर्ष को फेक नाम पत्ते से आईआरसीटीसी की कुल 27 फर्जी पर्सनल आईडी तैयार कर तथा उसपर रेलवे का ई टिकट बनाकर अवैध रूप से बेचने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में पकड़े गए उपरोक्त अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा फर्जी नाम पत्ते से आईआरसीटीसी की पर्सनल यूजर आईडी बनाकर उसपर जरूरमंद व्यक्तियों से रेलवे ई टिकटों का आर्डर प्राप्त कर तथा बनाकर ग्राहकों को ₹200 से 250 रुपये प्रति व्यक्ति या करीब 800 से 1000 रुपये प्रति टिकट लाभ प्राप्त कर बेचा जाता है। उपरोक्त सभी IRCTC आईडी, मोबाइल व लैपटॉप को चेक करने पर कुल 43 अदद सामान्य/तत्काल रेलवे ई टिकट कीमती 51921.33/- रुपये का प्रिंट आउट प्राप्त हुआ। दुकान से अभियुक्त द्वारा रेलवे ई टिकट बनाने में प्रयुक्त 01 अदद लैपटॉप तथा 01 अदद प्रिंटर, नगद 1000/- रुपये, 01 अदद मोबाइल आदि को जब्त किया गया। उपरोक्त अभियुक्त द्वारा करीब 04 वर्षों से इस अनाधिकृत व गैरकानूनी कार्य में संलिप्त होना स्वीकार किया गया। मामले में उपरोक्त अभियुक्त के विरुद्ध रेसुब पोस्ट छपरा पर मुकदमा पंजीकृत किया गया।

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Chhapra: राज्य में 14 दिसंबर से सिंगल यूज़ वाले थर्माकोल से बने कप, प्लेट, गिलास, कटोरी सहित अन्य उपयोग के सामानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के तरफ से जारी सूचना के अनुसार 14 दिसंबर की मध्यरात्रि से यह प्रतिबंध लागू हो जाएगा.

जारी सूचना में कहा गया है कि सिंगल यूज़ वाले थर्माकोल से बने कप, प्लेट, गिलास, कटोरी सहित अन्य पर राज्य में पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा. साथ ही इसके विनिर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, वितरण एवं उपयोग दंडनीय माने जाएंगे.इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1996 की धारा 15 के तहत अधिकतम 5 वर्षों तक की सजा जुर्माना के बिना अथवा अधिकतम एक लाख तक जुर्माना अथवा दोनों की सजा हो सकती है.

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Chhapra: शहर के खनुवा नाला पर बनी 20 दुकानों को NGT न्यायालय के आदेशानुसार हटाने का कार्य जिला प्रशासन ने शुरू कर दिया है.

इस अभियान के तहत 200 से अधिक दुकानों को हटाने का आदेश है. जिनमें से 20 दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई आज शुरू की गई है.
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सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस बल, नगर निगम के अधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी मौके पर पहुंचे थे. इस दुकानों को जेसीबी की मदद से तोड़ा जा रहा है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि दुकानों के टूटने के बाद नाला सफाई के कार्य के होने की आस जगी है. जिससे शहर में होने वाली जलजमाव की स्थिति से राहत मिलेगी.https://fb.watch/7OR6eIozJg/

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Chhapra: लोकनायक की मातृभूमि सारण में उनकी स्मृति में स्थापित जयप्रकाश विश्वविद्यालय में जेपी और लोहिया के विचार और दर्शन पाठ्यक्रम में बरकरार रहेंगे.

इस संदर्भ में स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रुडी ने बताया कि स्थानीय पत्रकार, छात्र एवं प्रबुद्ध शिक्षाविद्ो द्वारा यह विषय संज्ञान में लाया गया कि जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम सें लोकनायक जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया जी के राजनीतिक विचारो को पाठ्यक्रम से विलोपित किया जा रहा है. मैंने इस सन्दर्भ में बिहार के शिक्षा मंत्री से दूरभाष पर विमर्श किया और राज्य सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने का सुझाव दिया. इस विषय पर विश्वविद्यालय के सक्षम अधिकारियों से भी विमर्श किया गया.

सांसद रुडी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मेरे आग्रह पर पहल किया गया. जिसके परिणाम स्वरूप  विश्वविद्यालय प्रशासन ने मेरे विमर्श को सहर्ष स्वीकार करते हुए अपनी यह भूल सुधार की. जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया के राजनीतिक विचारों और देशभक्ति से ओतप्रोत तथ्यों को पाठ्यक्रम में पुनः शामिल कर लिया गया है. इसके लिए शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को मैं धन्यवाद देता हूँ.

सांसद रूडी ने उन छात्रों और पत्रकारों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस अहम विषय को उनके संज्ञान में लाया.

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Chhapra:  एसएफआई के तत्वधान में जे पी लो लोहिया एमएन रॉय तिलक गोखले आदि के विचारों को पॉलिटिकल थॉट पेपर से हटाने को लेकर आक्रोश मार्च से कुलपति का पुतला दहन किया गया आक्रोश मार्च नगर निगम मैदान से निकलकर विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए मनीष पॉल चौक पहुंचा जहां कुलपति की पुतला दहन किया गया पुतला दहन के उपरांत एक सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता शहजाद मजहरी ने किया.

सभा को संबोधित करते हुए एसएफआई के राज्य अध्यक्ष शैलेंद्र यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम में पहले जेपी, लोहिया, एमएन रॉय, राम मोहन राय, दयानंद सरस्वती , तिलक आदि को पढ़ाया जाता था। लेकिन वर्तमान में लागू पाठ्यक्रम से उपयुक्त सभी राजनीतिक विचारों के विचार को हटा दिया गया है जो बेहद दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे तुरंत पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि संपूर्ण क्रांति के नायक बाबू जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली और कर्मस्थली सारण रहा है। तथा इन्हीं के नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण हुआ है।

आलम यह है कि अब विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम से उनके ही राजनीतिक सामाजिक विचारों को गायब कर दिया गया है।सरकार में बैठी मनुवादी विचारधारा धीरे धीरे अपना पैर भी पसार रही है। जयप्रकाश नारायण न केवल 1974-77 के सम्पूर्ण क्रांति के नायक थे, बल्कि उनकी विचारधारा मनुवाद से मेल भी नहीं खाती थी।जे पी की विचारधारात्मक पृष्ठभूमि समाजवादी रहा है, यह जग जाहिर है।यही उनके गले की हड्डी बन गयी है।यही नहीं, राममनोहर लोहिया, एम एन राय और महान स्वतन्त्रता सेनानी तथा समाज सुधारक लोकमान्य बालगंगाधर तिलक को भी सिलेबस से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। सिलेबस में इनकी जगह महिमामंडित किया जायेगा, आर एस एस के अपने समय के प्रचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय को।

छात्र नेता देवेंद्र कुमार ने कहा कि जब तक जे पी,लोहिया,एमएन राय समेत तमाम समाजवादियों को पाठ्यक्रम में अधिकारिक तौर पर लागू करके नोटिफिकेशन जारी नहीं किया जाता है तब तक एसएफआई अपना आंदोलन जारी रखेगी । अंबेडकर हॉस्टल के प्रमुख दिलीप प्रभाकर ने कहा कि पाठ्यक्रम मैं मनु स्मृति को लागू कर कैंपस को भगवाकरण करने की नापाक कोशिश की जा रही है इसके खिलाफ एसएफआई अब मैदान में उतर चुका है। मार्च में मुख्य रूप से मनोज कुमार, करण कुमार, बिट्टू कुमार, दिलीप प्रभाकर, अनिमेष शेखर, आशिक, नासिर, उत्तम, सुशील ,सनी, रितिक, मामुन, रविरंजन,नेहाल आदि शामिल थे ।

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Chhapra: मानव सेवा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में रुचि रखने वाली युवक्तियो के लिए नर्सिंग भी एक बहुत ही अच्छा कैरियर है, इस क्षेत्र में प्रशिक्षण ले कर छात्राए आज सरकारी व निजी अस्पतालों में नौकरी कर रही है, सारण जिले में के० आर० नर्सिंग कॉलेज काशी बाजार छपरा की छात्राए आरएएनएम कोर्स के साथ प्रशिक्षण भी ले रही है.


यह प्रशिक्षण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जलालपुर एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, नगरा में चल रहा है, इससे की उन्हें प्रायोगिक जानकारिया मिल सकेगी, स्वास्थ्य केन्द्र के ओपीडी, महिला प्रसव वार्ड, टीकाकरण केंद्र व दवा वितरण केंद्र सहित विभिन्न कार्यो में इन छात्राओं को लगाया गया है, सारण स्थित के० आर० नर्सिंग कॉलेज के निदेशक ने कहा बिहार नर्सिंग रजिस्ट्रेशन कॉउन्सिल, पटना के अंगीभूत संस्थान के रूप में यहा आरएएनएम की पढ़ाई होती है, दो वर्षीय थ्योरी पाठ्यक्रम के दौरान 180 दिनों का प्रशिक्षण लेने के दौरान स्वास्थ्य केन्द्र में छात्राओं को सभी तरह का प्रशिक्षण लेना होता है, इस दौरान रोस्टर के अनुसार इन्हें प्रशिक्षण देने का कार्य चल रहा है ताकि इनके पाठ्यक्रम में शामिल सभी कोर्स का प्रशिक्षण कराया जा सके, उन्होंने बताया कि उन्ही छात्राओं का प्रशिक्षण होता है जो संस्थान सरकार के नियमो का पालन करता है, यह प्रशिक्षण संस्थान की सेक्रेटरी पद्मावती देवी एवं कुशल महिला प्रशिक्षको – मीरा कुमारी, सुमति कुमारी, रोमी कुमारी के अंर्तगत नियमित चलाया जाता है.

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Chhapra: सारण जिले के विभिन्न नगर निकाय क्षे़त्रान्तर्गत 6 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों का पथ निर्माण विभाग में अधिग्रहण, हस्तांतरण से संबंधित जिलाधिकारी निलेश रामचन्द्र देवरे की अध्यक्षता में बैठक हुई.

बैठक में विधायक छपरा, माँझी, एकमा, मढ़ौरा, बनियपुर, परसा एवं सोनपुर विधानसभा के साथ मेयर नगर निगम, छपरा, मुख्यपार्षद नगर पंचायत रिविलगंज, एकमा, मढ़ौरा, दिघवारा, सोनपुर एवं परसा से अधिग्रहण योग्य सड़कों की सूची प्राप्त की गयी. सूची पर व्यापक विमर्श विधायकों के साथ किया गया. समीक्षोपरांत अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

जिलाधिकारी के द्वारा बैठक को संबोधित करते हुए कहा गया कि यातायात की व्यवस्था सुचारु रखने एवं जल निकासी की समुचित

 व्यवस्था हेतु चौड़ी सड़क नाली सहित आज के समय की आवश्यकता है. जिसको लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग से प्राप्त दिशा-निर्देश के आलोक में नगर निकाय क्षेत्रान्तर्गत वैसे पथ जिनकी लम्बाई कम से कम 0.5 कि0मी0 है एवं जिनकी चौड़ाई 6 मीटर से अधिक है, का ही पथ निर्माण विभाग के द्वारा अधिग्रहण किया जाएगा.

बैठक में नगर आयुक्त, नगर निगम छपरा, कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल, छपरा, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल-1, 2 छपरा, कार्यपालक अभियंता नगर विकास प्रमंडल-1 बुडको (नगर निगम क्षेत्र) छपरा, कार्यपालक अभियंता नगर विकास प्रमंडल-2 बुडको (शेष नगर निकाय) छपरा, कार्यपालक अभियंता, नगर पंचायत, रिविलगंज, कोपा, एकमा, मांझी, मढ़ौरा, मशरख, दिघवारा, सोनपुर एवं परसा बाजार उपस्थित थे.

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Chhapra: शहर में एक पुलिस वाले के द्वारा ठेले वाले की पिटाई का वीडियो वायरल होने की घटना विगत दिनों चर्चा में रही.

सड़क के बीचोबीच पुलिस वाले से पिटे जाने वाले पीड़ित व्यक्ति मो० अरमान ने इस संबंध में यातायात पुलिस कर्मी प्रभात रंजन के खिलाफ  पदाधिकारियों के पास एक आवेदन देकर अपनी न्याय की गुहार लगाई है.

अपने आवेदन में उसने कहा है कि 25 अगस्त को यातायात पुलिस प्रभात रंजन के द्वारा समाहरणालय गेट के सामने उसकी सरेआम पिटाई की थी. उसके बाद 26 अगस्त को गलत ढंग से उस पर ही नगर थाने में प्राथमिकी 465/21 भी दर्ज कर दी गई.

इस विषय में पीड़ित लड़के ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक और मानवाधिकार आयोग को आवेदन देकर उक्त प्राथमिकी की जांचकर अपने लिए न्याय की गुहार लगाई है.

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• प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह के तहत लंबित आवेदनों का निष्पादन होगा
• कुपोषण के खिलाफ चलेगा जनआंदोलन अभियान
• “कुपोषण छोड़ पोषण की ओर, थामें स्थानीय भोजन की डोर” की थीम पर चल रहा पोषण माह

Chhapra: जिले में कुपोषण से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये 01 से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिलास्तरीय पोषण परामर्श केंद्र का उद्घाटन डीपीओ उपेंद्र ठाकुर के द्वारा किया गया। पोषण परामर्श केंद्र के माध्यम से महिलाओं को व बच्चों को कुपोषण से बचाने के बारे में जानकारी दी जायेगी। पोषण माह के दौरान 01 से 07 सितंबर के बीच मातृ वंदना सप्ताह का आयोजन किया जाना है। इसके तहत प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लंबित आवेदनों के निष्पादन के साथ-साथ योजना के बकाये किस्तों का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित कराया जाना है। इस मौके पर डीपीओ ने कहा कि पोषण को लेकर पूर्व की अपेक्षा लोगों में जागरूकता बढ़ी है। लेकिन अभी भी लोग पूरी तरह जागरूक नहीं हैं । इसके लिए परियोजना क्षेत्र में कोरोना काल में भी गृह भ्रमण के दौरान लाभुकों को पोषण जानकारी दी जाती रही है। ताकि, लोग पोषण को लेकर जागरूक हो सकें।
गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म भी अदा की गयी
इस मौके पर डीपीओ के द्वारा पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। इसके साथ गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म भी अदा की गयी। डीपीओ ने अपने हाथों से गभर्वती महिलाओं को पोषण की पोटली देकर गोदभराई की रस्म को पूरा किया। इस अवसर पर सदर शहरी क्षेत्र की सीडीपीओ कुमारी उर्वशी, पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ कुमार सिंह, परियोजना सहायक आरती कुमारी, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक निभा कुमारी, जिला कार्यक्रम सहायक ऋषिकेश सिंह समेत अन्य मौजूद थे।
“कुपोषण छोड़ पोषण की ओर, थामें स्थानीय भोजन की डोर” की थीम पर चल रहा पोषण माह
डीपीओ ठाकुर ने कहा कि इस बार “कुपोषण छोड़ पोषण की ओर, थामें स्थानीय भोजन की डोर” की थीम पर पोषण माह आयोजित किया गया है। जिसके तहत परियोजना कार्यालय व प्रखण्ड कार्यालय परिसर में पोषण परामर्श केंद्र का संचालन किया जाएगा। इसी कड़ी में आज जिलास्तरीय पोषण परामर्श केंद्र का शुभारंभ किया गया है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान एवं समितियों की बैठक में पोषण पर चर्चा के साथ ही जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर पोषण संबंधी संदेशों का प्रचार- प्रसार किया जाएगा। साथ ही, आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय एवम ग्राम पंचायत स्तर पर पौधरोपण कि पोषण वाटिका का निर्माण कराया जाएगा। वहीं, परियोजना स्तर पर गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त आहार लेने के लिए प्रेरित करने के लिए स्लोगन लेखन प्रतियोगिता, आंगनबाड़ी केंद्र पर एनीमिया पर जागरूकता के लिए सेल्फी प्रतियोगिता, परियोजना स्तर पर उत्कृष्ट पोषण वाटिका प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
पीएमएमवीआई के तहत तीन किस्तों में 5000 रुपये देने का है प्रावधान
डीपीओ ने कहा कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली गर्भवती व धात्री महिलाओं को सशर्त 5000 हजार रुपये की सहायता राशि देने का प्रावधान है। इसमें अंतिम मासिक चक्र के 150 दिन के अंदर गर्भावस्था पंजीकरण कराने के बाद पहले किस्त के रूप में 1000 रुपये, गर्भावस्था के 06 माह पूरा होने पर कम से कम एक बार एएनसी जांच कराने के बाद दूसरे किस्त के रूप में 2000 रुपये व नवजात शिशु के जन्म पंजीकरण व टीकाकरण के उपरांत तीसरे व अंतिम किस्त के रूप में 2000 रुपये भुगतान किये जाने का प्रावधान है। शिविर के माध्यम से लंबित आवेदनों का निष्पादन प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित कराया जाना जिला, परियोजना कार्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर कई गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। मातृ वंदना सप्ताह का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जायेगा। ताकि अधिक से अधिक संख्या में योग्य लाभुकों को इसका लाभ उपलब्ध कराया जा सके।

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• स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों का किया गया उन्मुखीकरण
• परिवार नियोजन को अपनाने के लिए आपस में चर्चा करें पति-पत्नी

Chhapra: अनचाहे गर्भधारण के कारण महिलाएं मानसिक रूप से तनाव में रहती हैं। दंपति द्वारा परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के इस्तेमाल नहीं किये जाने के कारण ऐसा होना आम बात है। इसलिए दंपति को परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल करना चाहिए तथा संतान के लिए मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार होना जरूरी है। यह जरूरी है कि पति पत्नी संतानोपत्ति के लिए आपस में बात करें। यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर आई पास डेवलपमेन्ट फाउंडेशन के सौजन्य से समाजसेवी संस्था विकास विहार द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में वक्ताओं ने यह बातें कहीं। महिलाओं व किशोरियों के स्वास्थ्य पर जमीनी स्तर (ग्रासरूट लेवल) पर काम कर रही संस्थाओं के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस दौरान प्रतिभागियों को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेन्सी एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला के दौरान बताया गया कि सुरक्षित गर्भ समापन पर आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं का उन्मुखीकरण किया जा चुका है। अभी तक जिले की एएनएम, आशा ,जीविका दीदी का इस विषय पर उन्मुखीकरण किया जा चुका है। कार्यशाला के दौरान विकास बिहार के अभि रंजन ने उपस्थित प्रतिभागियों को विषय वस्तु से अवगत कराया कराते हुए बताया साँझा प्रयास एक नेटवर्क है जो जिले में स्थानीय संस्था के साथ (एसआरएचआर) यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार,परिवार नियोजन एवं सुरक्षित गर्भपात पर कार्य कर रहा है।
20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैध
आईपास डेवलपमेन्ट फाउंडेशन के प्रतिनिधि राजीव कुमार ने उपस्थित प्रतिभागियों को एमटीपी एक्ट की जानकारी देते हुए बताया 20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैध है। लेकिन 12 सप्ताह के अंदर एक प्रशिक्षित डॉक्टर एवं 12 सप्ताह से ऊपर तथा 20 सप्ताह के अंदर तक में दो प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में होनी चाहिये। इस दौरान परिस्थिति क्या होनी चाहिए पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही माहवारी के समय साफ सफाई के संबंध में भी जानकारी दी गयी। उन्होंने सभी संस्था के प्रतिनिधि से आग्रह किया की आप अपने कार्य क्षेत्र में भी इस बिषय पर चर्चा कीजिये ताकि असुरक्षित गर्भपात से होने वाली महिलाओं की मृत्यु एवं मातृ मृत्यु दर कम हो सके।
8% सरकारी संस्थानों में होता है गर्भपात
राजीव ने बताया राज्य में हर वर्ष 12.5 लाख गर्भपात के केस सामने आते हैं और इनमे मात्र 8% सरकारी संस्थानों में कराये जाते हैं। देश में मातृ मृत्यु दर का 8 प्रतिशत आंकड़ा असुरक्षित गर्भपात के कारण दर्ज किया जाता है। वीभीएचए के वरिष्ठ कार्यक्रम पदाधिकारी खुर्शीद एकराम अंसारी ने बताया कि 16 एनजीओ को सांझा प्रयास नेटवर्क से जोड़ा गया। कार्यक्रम के अंत में सांझा प्रयास नेटवर्क के अन्तर्गत ‘हम महिलाओं के प्रजनन, स्वास्थ्य एवं सुरक्षित गर्भपात संबंधित अधिकारों का समर्थन करते हैं’ स्लोगन के तहत हस्ताक्षर अभियान चलाया गया|

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Chhapra: जाम और जलजमाव की समस्या से जूझ रहे छपरा शहरवासियों को राहत दिलाने के उद्देश्य से इन दिनों जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. जिला प्रशासन के द्वारा लगातार जलजमाव और जाम की समस्या से निपटने के उपाय किए जा रहे हैं.

इसी क्रम में डाक बंगला रोड को बस स्टैंड जाने वाली सड़क से जोड़ने वाली सड़क को चौड़ा करने का निर्णय लिया गया है. इस सड़क के बीच में अनुमंडल पदाधिकारी का आवास है, जिसकी चार दिवारी के कारण सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है और लोग वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस सड़क को सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं और जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है.

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ऐसे में जिला प्रशासन ने पहल करते हुए अब अनुमंडल पदाधिकारी के आवास की चहारदीवारी को 12 से 15 सीट कम करने का फैसला लिया है. जिससे कि सड़क को चौड़ाई मिल सके और डाक बंगला रोड से वाहन सीधे बस स्टैंड की ओर बिना किसी रूकावट के आ और जा सके.

आपको बता दें कि इसके पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार के कार्यकाल में एसडीओ आवास के उत्तर सड़क के चौड़ीकरण का कार्य किया गया था. उनके तबादले के बाद इस कार्य की गति धीमी हो गई. अब जिलाधिकारी डॉ निलेश रामचंद्र देवरे के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने एक बार फिर से इस सड़क के चौड़ीकरण का कार्य शुरू किया है.

शहरवासियों को जल्द ही एक वैकल्पिक मार्ग मिलने वाला है. जिससे आवागमन सुगम हो सकेगा और अन्य सड़कों पर भी वाहनों का दबाव कम होगा.

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