महापुरुषों के विचारों को पॉलिटिकल थॉट पेपर से हटाने को लेकर SFI का आक्रोश मार्च

महापुरुषों के विचारों को पॉलिटिकल थॉट पेपर से हटाने को लेकर SFI का आक्रोश मार्च

Chhapra:  एसएफआई के तत्वधान में जे पी लो लोहिया एमएन रॉय तिलक गोखले आदि के विचारों को पॉलिटिकल थॉट पेपर से हटाने को लेकर आक्रोश मार्च से कुलपति का पुतला दहन किया गया आक्रोश मार्च नगर निगम मैदान से निकलकर विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए मनीष पॉल चौक पहुंचा जहां कुलपति की पुतला दहन किया गया पुतला दहन के उपरांत एक सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता शहजाद मजहरी ने किया.

सभा को संबोधित करते हुए एसएफआई के राज्य अध्यक्ष शैलेंद्र यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम में पहले जेपी, लोहिया, एमएन रॉय, राम मोहन राय, दयानंद सरस्वती , तिलक आदि को पढ़ाया जाता था। लेकिन वर्तमान में लागू पाठ्यक्रम से उपयुक्त सभी राजनीतिक विचारों के विचार को हटा दिया गया है जो बेहद दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे तुरंत पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि संपूर्ण क्रांति के नायक बाबू जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली और कर्मस्थली सारण रहा है। तथा इन्हीं के नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण हुआ है।

आलम यह है कि अब विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम से उनके ही राजनीतिक सामाजिक विचारों को गायब कर दिया गया है।सरकार में बैठी मनुवादी विचारधारा धीरे धीरे अपना पैर भी पसार रही है। जयप्रकाश नारायण न केवल 1974-77 के सम्पूर्ण क्रांति के नायक थे, बल्कि उनकी विचारधारा मनुवाद से मेल भी नहीं खाती थी।जे पी की विचारधारात्मक पृष्ठभूमि समाजवादी रहा है, यह जग जाहिर है।यही उनके गले की हड्डी बन गयी है।यही नहीं, राममनोहर लोहिया, एम एन राय और महान स्वतन्त्रता सेनानी तथा समाज सुधारक लोकमान्य बालगंगाधर तिलक को भी सिलेबस से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। सिलेबस में इनकी जगह महिमामंडित किया जायेगा, आर एस एस के अपने समय के प्रचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय को।

छात्र नेता देवेंद्र कुमार ने कहा कि जब तक जे पी,लोहिया,एमएन राय समेत तमाम समाजवादियों को पाठ्यक्रम में अधिकारिक तौर पर लागू करके नोटिफिकेशन जारी नहीं किया जाता है तब तक एसएफआई अपना आंदोलन जारी रखेगी । अंबेडकर हॉस्टल के प्रमुख दिलीप प्रभाकर ने कहा कि पाठ्यक्रम मैं मनु स्मृति को लागू कर कैंपस को भगवाकरण करने की नापाक कोशिश की जा रही है इसके खिलाफ एसएफआई अब मैदान में उतर चुका है। मार्च में मुख्य रूप से मनोज कुमार, करण कुमार, बिट्टू कुमार, दिलीप प्रभाकर, अनिमेष शेखर, आशिक, नासिर, उत्तम, सुशील ,सनी, रितिक, मामुन, रविरंजन,नेहाल आदि शामिल थे ।

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