Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन सारण जिला के बाढ़ प्रभावित लोगों से लागातार संपर्क बनाये हुए हैं. उन्होंने बाढ़ राहत कार्यो में संलग्न पदाधिकारियों को स्पष्ट निदेश दिया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को कोई परेशानी नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाय.

उन्होंने कहा कि निचले इलाकों से लोगों को शरणस्थली में लाया जाय जहाँ उनके स्वास्थ्य की जाँच करायी जाय तथा उन्हें समय से भोजन उपलब्ध करायी जाय.

जिलाधिकारी आज पानापुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित गाँवों के अंदर मोटर वोट से गये और वहाँ के लोगों से मिलकर स्थिति की जानकारी प्राप्त की. जिलाधिकारी ने द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को शरणार्थियों को पॉलिथीन सिट्स आज हीं उपलब्ध कराने का निदेश दिया. प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को चार से पाँच मेडिकल टीम का गठन कर शिविर मे रह रहे सभी लोगों के स्वास्थ्य की नियमित जाँच कराने को कहा.

जिलाधिकारी के द्वारा भूमि सूधार उप समाहर्त्ता, मढ़ौरा को, मढ़ौरा अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों मे ंचल रही सभी कार्यों के पर्यवेक्षण करने का निदेश दिया गया.

अपर समाहर्त्ता आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि सारण जिला के पाँच प्रखंडों पानापुर, तरैया, परसा, मकेर और मशरख के कुल 23 पंचायतों के 97 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन 23 पंचायतों में 12 पंचायत पूर्ण रुप से तथा 11 पंचायत आंशिक रुप से प्रभावित हैं. प्रभावित गाँवों में 62 गाँव चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं.

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है. अभी तक 17 हजार से अधिक लोगों को चिन्हित शरणस्थली में लाया गया है. कुल 93 नाव परिचालित करायी जा रही है. इसके अतिरिक्त 11 मोटर वोट लगाये गये हैं एवं एनडीआरएफ की टीम भी लोगों का सहयोग कर रही है. अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि 42 स्थानों पर सामुदायिक रसोई की व्यवस्था करायी गयी है जहाँ 20200 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

जिलाधिकारी के निदेश पर अपर समाहर्त्ता डॉ गगन भी लागातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहकर स्थिति का जायदा लें रहें और राहत कार्यों का मोनेटरिंग कर रहे हैं.

Chhapra: मकेर, अमनौर और परसा प्रखंड के बाढ़ग्रस्त इलाको का शनिवार को जिला भाजपा के अध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ में फंसे लोगों के पास जाकर उनका हाल चाल पूछा. साथ ही सरकारी स्तरों पर किये जा रहे सहायता की भी जानकारी ली.

उन्होंने बताया कि मकेर प्रखंड के बाघाकोल, हैजलपुर, लगुनिया, बढ़िचक, दादनपुर, भाथा में बाढ़ में फंसे लोगों से बात किया. वहाँ चल रहे सामुदायिक भोजनालय में जाकर व्यवस्था देखा. लोगों की हालत काफी दयनीय है. लोग घर द्वार छोड़कर बाँध पर शरण लिए हुए है. पशुओं की हालत भी चारा के अभाव में ठीक नही है. सरकार की ओर से भोजन तिरपाल सबकी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. परंतु अभी और व्यवस्था की आवश्यकता है.

उन्होंने बताया कि इसके लिये मकेर के प्रखंड विकास पदाधिकारी से वार्ता हुई और जिन्हें तिरपाल नहीं मिल पाया है. उन्हें उपलब्ध कराने की बात उन्होंने की. स्थानीय विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ़ चोकर बाबा भी पहुचे और उन्होंने अपने स्तर से भी फिर से सहयोग करने की बात कही.

वही उन्होंने बताया कि परसा प्रखंड के बलिगांव, लतरहिया, बहलोलपुर में भी बांध पर लोग आश्रय लिए हुए है. ये सब लोग बांध से पूरब बसे गांव के है. यहाँ अंचलाधिकारी से वार्ता किया तो पता चला कि तीन सामुदायिक भोजनालय चल रहे है. एक बांध पर दूसरा बलिगांव मठ पर. परन्तु बांध पर रह रहे लोगो का कहना था कि हमलोगों को प्राइवेट लोग भोजन दे रहे है. परंतु सरकारी स्तर पर कोई सहायता नही मिल रही है. इस संदर्भ में जब बात हुई तो सीओ ने आश्वासन दिया कि कल देखकर व्यवस्था करा देंगे. वहाँ के स्थानीय मण्डल अध्यक्ष महामंत्री और पूर्व मण्डल अध्यक्ष जो मेरे साथ थे उन्हें इसकी जिम्मेवारी सौंपी है.

इस दौरान जिला किसान मोर्चा के महामंत्री जितेंद्र सिंह, जिला के कोषाध्यक्ष सुदिष्ट सिह और दोनों मण्डल के पदाधिकारी मौजूद थे.

Panapur: पानापुर थाना क्षेत्र के पृथ्वीपुर गांव में शुक्रवार को बाढ़ के पानी में डूबने से एक बुजुर्ग की मौत हो गयी . मृतक पृथ्वीपुर गांव के 65 वर्षीय सत्यदेव सिंह बताये जाते है. जानकारी के अनुसार वह अपने बथान से घर कुछ जरूरी सामान लेने जा रहे थे कि बाढ़ के पानी की तेज धारा में बह गए और पानी मे डूबने से उनकी मौत हो गयी .

सूचना पाकर स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुँची एवं शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेजवाया .इस बीच खबर मिलते ही जदयू के प्रदेश सचिव शैलेन्द्र प्रताप सिंह घटनास्थल पर पहुँचे एवं शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया. उन्होंने जिलाधिकारी से बात कर पीड़ितों परिजनों को आपदा राहत कोष से मिलने राशि अविलंब मुहैया कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे बच्चे एवं बुजुर्गों की बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोकें. मौके पर जदयू के जिलाध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ,तरैया प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार सिंह भी उपस्थित थे.

पटना: वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 4.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गोपालगंज-बेतिया महासेतु के आगे एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया. माइनर ब्रिज के पास दोनों तरफ करीब 20-20 मीटर तक एप्रोच पथ पानी के तेज धार में बह गया, जिससे गोपालगंज-बेतिया पथ पर परिचालन ठप हो गया है.

बिहार के 10 जिलों की 765191 आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गयी है जिनमें से 36448 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 10 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण एवं खगडिया जिले के 64 प्रखंडों के 426 पंचायतों की 636311 आबादी बाढ से प्रभावित है. जहां से हटाये गए 13877 लोग 28 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रू डू ने बताया कि 147 सामुदायिक रसोई चलायी जा रही है, जिनमें 80 हजार से अधिक लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक दरभंगा में 98 सामुदायिक रसोई चलायी जा रही. इसके अतिरिक्त 10 राहत शिविरों में चार हजार लोग रह रहे हैं.

PATNA: गोपालगंज जिले में नव निर्मित सत्तरघाट पुल के संपर्क पुल के पथ के बाढ़ में बहने का मामला अब तूल पकड़ चूका है. राजनितिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है. इसी बीच एक ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे संगठित भ्रष्टाचार बताया है और बिहार के पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.

उन्होंने ट्वीट किया है कि “263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।”

वही दूसरी ओर पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव ने तेजस्वी यादव पर प्रहार करते हुए कहा है कि नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर फैला रहे हैं. इस मामले में सही तथ्य यह है कि सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है. यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है. गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है. इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है. यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है. इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है. मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है वह पूर्णतः सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा. यह प्राकृतिक आपदा है.

आपको बता दें कि बिहार के गोपालगंज जिले के सत्तर घाट में गंडक नदी पर 264 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण हुआ है. इसका उद्घाटन एक महीने पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की थी.

▪️बांध निर्माण को लेकर विधायक ने सदन में उठाया था सवाल
रिविलगंज: प्रखंड के अजमेरगंज वार्ड 21 में बाढ़ की आशंका के मद्देनज़र बन रहे बांध का विधायक डॉ सी एन गुप्ता ने निरिक्षण किया. इस दौरान विधायक ने मौके पर मौजूद अधिकरियों से विस्तृत जानकारी ली. विधायक ने बताया कि इस बांध के जीर्णोद्धार का मामला मैंने विधानसभा के पटल पर रखा था और कई बार पत्राचार भी किया गया था तब जाकर इस कार्य का होना सुनिश्चित हुआ है.

विधायक ने कहा कि बाढ़ की संभावना प्रत्येक वर्ष प्रबल होती है और कई बार तो इससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित भी हुए है. चुंकि हम सभी खुद कोरोना आपदा रूपी बुरे दौर से गुजर रहे है इसलिए बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए तैयारी काफ़ी अच्छी होनी चाहिए. विधायक ने मौके पर मौजूद अधिकारीयों से कहा की पूर्व में बांध के निर्माण में कोताही हुई थी लेकिन इसबार कार्य अच्छा मालूम पर रहा है, जितना हो सके अधिक समय देकर इस कार्य को जितना जल्दी हो सके पूरा करवा लिया जाए ताकि बाढ़ की विभीषिका से क्षेत्र को बचाया जा सके.

ज्ञात हो की बांध निर्माण के कार्य से स्थानीय लोगों मे काफ़ी हर्ष का माहौल है. इस दौरान रिविलगंज सीओ प्रदीप सिन्हा, भाजपा नगर अध्यक्ष अनुरंजन कुमार, थानाध्यक्ष किशोरी चौधरी, बाढ़ नियंत्रण के एसडीओ विनोद प्रसाद, विपिन बिहारी सिंह एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे.

Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने सिविल सर्जन को बाढ़ का पानी जिन इलाकों से निकल गया है, वहां संक्रमण रोकने के लिए ब्लीचिंग पाउडर तथा चूने का छिड़काव के निर्देश दिए है. ताकि संक्रमण से बछा जा सके. जिलाधिकारी ने प्रतिदिन छिड़काव करा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है.

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छिड़काव का कार्य हुआ शुरू
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाढ़ प्रभावित रिविलगंज प्रखंड के सिताब दियारा, प्रभुनाथ नगर पंचायतों के विभिन्न गांव का बुधवार को दौरा किया तथा बाढ़ का पानी जिन इलाकों से निकल गया है, वहां संक्रमण रोकने के लिए ब्लीचिंग पाउडर तथा चूने का छिड़काव का कार्य शुरू कराया गया.

जिला मूल्यांकन सह अनुश्रवण पदाधिकारी भानु शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण रोकने का कार्य शुरू कर दिया गया है. सिताब दियारा के इलाके में भी संक्रमण रोकने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है.

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उन्होंने कहा कि जिन गांवों से बाढ़ का पानी हट गया है, वहां पर ब्लीचिंग पाउडर तथा चुना का छिड़काव कराया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों के बीच वाले ओआरएस पाउडर, हैलोजन की गोली, खुजली से बचाव के लिए लोशन का वितरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस इलाके में स्थिति सामान्य है.

इस दौरान जिला स्वास्थ समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के समन्वयक डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह जिला मूल्यांकन सह अनुश्रवण पदाधिकारी भानु शर्मा, स्वास्थ्य प्रबंधक अमित कुमार समेत अन्य चिकित्सा कर्मी मौजूद थे.

  • बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए कई टीमें कर रही है काम: रूडी

Chhapra: तीन दिन से लगातार भारी वर्षा के कारण राज्य की सभी नदियों में जलस्तर बढ़ गया है. भारी वर्षा में गंडक और गंगा नदी से सारण को अधिक खतरा रहता है. ये दोनों नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से उपर बह रही है. सारण के दियारा क्षेत्र में और नदी के तट पर बसे गांवों में स्थिति ज्यादा भयावह है.

शहरी क्षेत्रों में भी लगातार वर्षा काफी अधिक जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है. भारी वर्षा के कारण हरे-भरे खेत, लहलहाती फसलें पानी में विलीन हो गई है.

सारण जिले के पीडितों को राहत सामग्री व चिकित्सा सुविधा की कमी नहीं होने दी जायेगी. उक्त बातें सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने जिले में भारी वर्षा के कारण संभावित बाढ़ की स्थिति का जायजा लेते हुए सारण के उप विकास आयुक्त आदित्य प्रकाश, सिविल सर्जन मधेश्वर झा, नगर निगम के अधिकारियों समेत जिले के अन्य वरीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कही.

बैठक में श्री रूडी ने अधिकारियों के बचाव और चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी कई दिशा निर्देश दिये.

श्री रुडी ने बैठक में अधिकारियों को 24 घंटे निगरानी के लिए कहा और बताया कि, डोरीगंज, दिघवारा, रिविलगंज आदि स्थानों पर स्थिति भयावह हो रही है. इन स्थानों पर प्रशासन को निगरानी रखते हुए राहत कार्यों को सुदृढ़ रखना चाहिए.

सांसद ने कार्यकर्ताओं के साथ ही स्थानीय लोगों का भी आह्वान किया कि ऐसी स्थिति में वे बढ़ चढ़कर लोगों प्रशासन व लोगों की मदद करें. श्री रुडी ने अधिकारियों से बताया कि गड़खा प्रखंड के मौजमपुर, नरांव व कोठियां पंचायत के नये इलाकों में भी पानी तेजी से फैल रहा है. जिन इलाकों में पहले से पानी फैला हुआ था वहां पानी का स्तर ऊंचा होता जा रहा है, जिसे लेकर बाढ़ पीड़ित परिवारों की मुश्किलें लगातार गंभीर होती जा रही है. पानी की सफेद चादरों के बीच जलमग्न पूरी तरह टापू में तबदील होकर रह गया है.

लोगों के घरों में पानी प्रवेश करना लगभग शुरू हो गया है. लोग पक्के मकानों की छत पर शरण लिए हुए है. जिसके आसपास चारों तरफ पानी ही पानी का मंजर दिखाई पड़ रहा है.सांसद ने सभी अधिकारियों को मुस्तैद रहने को कहा है.

पानापुर: थाना क्षेत्र के सरौजा भगवानपुर तथा बसहियाॅ में बुधवार को एसडीओ, एडीएम, डीसीएलआर तथा बीडीओ ने संयुक्त रूप से बांध का निरीक्षण किया. थानाक्षेत्र में हो रहे लगातार बारिश के वजह नदियों में पानी का स्तर बढ़ा है.

बाढ़ जैसी किसी संभावना तो नही इसका निरीक्षण पदाधिकारियों ने किया. इस दौरान पदाधिकारियों ने नदी किनारे रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की. मौके पर कई जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीण उपस्थित थे.

Chhapra: सारण प्रमण्डलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल के द्वारा तकनीकी पदाधिकारियों की प्रमण्डल स्तरीय बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा गया कि बाढ़ की संभावना को देखते हुए सभी तैयारी पहले से ही पूरी कर ली जाय एवं अभियंता क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाये.

बैठक में अभियंताओं के द्वारा बताया गया कि वर्तमान में नदियों का जल स्तर गिर रहा है किन्तु चौकसी बढ़ा दी गयी है. नहर अंचल सारण और सिवान के अधीक्षण अभियंता के द्वारा बताया गया कि सभी नहरों में पानी है तथा पटवन भी हो रहा है.

आयुक्त ने पूछा कि नहर की पानी से अभी तक कितना पटवन हुआ है. इसपर अभियंताओं ने बताया कि पटवन का मापी अभी नहीं हुआ है परन्तु अगले माह इसका प्रतिवेदन उपलब्ध रहेगा. नहर अंचल सिवान के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि गोपालगंज में नहर में हीं एक मजार बना हुआ है जिससे पानी के बहाव में काफी रूकावट आ रही है. उन्होने बताया कि मजार का विस्तारीकरण भी समय-समय पर किया जाता है. इस सम्बंध में आयुक्त के द्वारा आयुक्त के सचिव को जरूरी निदेश दिया गया.

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पथ निर्माण के प्रगति की समीक्षा में अभियंताओं के द्वारा बताया गया कि जिन पथों का चौड़ीकरण किया जाना है उसमें फॉरेस्ट क्लीयरेन्स बड़ी बाधा बनी हुयी है. राष्ट्रीय उच्च पथ, मुजफ्फरपुर अंचल के द्वारा बताया गया कि एन.एच. 101 सहित चार प्रोजेक्ट चल रहा है. पिछले एक वर्ष से फॉरेस्ट क्लीयरेन्स के लिए वन विभाग को लिखा गया है परन्तु क्लीयरेन्स नहीं मिला है. आयुक्त के द्वारा बैठक में उपस्थित प्रमण्डलीय वन पदाधिकारी को इस सम्बंध में निदेश दिया गया कि विभागीय गाइड लाईन को देखते हुए अथवा विभाग से बात कर इस पर शीघ्र कार्रवाई करें.

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आयुक्त के द्वारा छपरा में बनाये जा रहे डबलडेकर के बारे पूछने पर परियोजना निदेशक, पुल निर्माण निगम ने बताया कि पायलिंग का कार्य चल रहा है. कुल 1575 पायलिंग कराना है जिसमें 257 पायलिंग अभी तक किया गया है. पायलिंग का कार्य पहले पुलिस लाईन के तरफ से प्रारम्भ किया गया. अभी राजेन्द्र सरोवर के तरफ से पायलिंग का कार्य कराया जा रहा है. अधीक्षण अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य अंचल, छपरा के द्वारा बताया गया कि जिला में कुल 24 योजनाओं को एवं कार्य को भी ली गई थी, जिसमें दो पूर्ण तथा 22 अपूर्ण है. कार्य अंचल सिवान में कुल 85 योजना ली गई थी जिसमें 57 पूर्ण है. जब की 28 अभी अपूर्ण है. आयुक्त के द्वारा अपूर्ण योजनाओं को समयावधि में पूर्ण कर लेने का निदेश दिया गया.

बैठक में आयुक्त के सचिव अजय कुमार सिन्हा, सभी अधीक्षण अभियंता एवं आयुक्त कार्यालय के प्रशाखा पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.

Chhapra: संभावित बाढ़ से पूर्व तैयारी की विडियोकान्फ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री के द्वारा की गयी समीक्षा में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि जिले में माइक्रो लेवल पर बाढ़ के पूर्व तैयारी पूरी कर ली गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि इस जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 232 निजी नावों का इकरारनामा कर लिया गया है. इसके अलावें 21 सरकारी नाव भी उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि तीस हजार पालिथीन सीट की व्यवस्था रखी गयी है. पशुचारा के लिए एग्रीमेंट कर लिया गया है. आश्रय स्थल एवं शरण स्थली की पहचान कर ली गई है. सभी बाँधों की चौकसी बरती जा रही है.

इस विडियोकान्फ्रेसिंग में सारण प्रमंडल आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, अपर समाहर्त्ता अरुण कुमार सहित संबंधित सभी विभाग के पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे.

छपरा: सारण जिला जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष अल्ताफ़ आलम राजू ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

जदयू जिलाध्यक्ष ने बताया कि
सारण जिले के कई प्रखंड के गांव में अभी भी बाढ़ग्रस्त है. वहाँ रहने वाले लोगों की सहायता को लेकर बनियापुर के जदयू कार्यकर्ताओं द्वारा सहयोग करते हुए बाढ़ पीड़ितों की मदद की है.

जदयू के पंचायत अध्यक्षों द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए चावल, दाल, आटा, नमक सहित अन्य खाद्य सामग्री की 200 पैकेट्स तैयार किये गए है.जो बाढ़ पीड़ितों को भेजा जा रहा है.

बाढ़ राहत को जद यु जिला अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने झंडा दिखा कर रवाना किया

इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष महतो, अतिपिछड़ा अध्यक्ष चन्द्र भूषण पंडित, पंचायती राज के अध्यक्ष राजीव राम, प्रखण्ड अध्यक्ष शिव नरायण पटेल, सुरेन्द्र ओझा, देवेन्द्र ओझा, इलियास हुसैन, मुन्ना नट, राजकुमार चौधुर, युवा नेता सदैब आलम उपस्थित थे.