Chhapra: सारण जिले के छपरा में स्थित सुप्रसिद्ध शैक्षिणक  संस्थान ‘विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल’ के 38 में से 21 नियमित छात्र-छात्राओं ने ऑल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा 2025′ की प्रवेश परीक्षा के पहली मेरिट लिस्ट में ही सफलता हासिल कर परचम लहराया।

इन छात्र-छात्राओं  ने हासिल की सफलता 

सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों में ऋषिकांत सिंह, नवीन सिंह, मयंक सिंह, ऋषभ राज रणधीर, कृष राज, ऋषभ राज, रौशन कुमार, अनन्या साक्षी, सत्यम सागर, सूरज कुमार, सन्नी सिंह, नीरज, सुरभि, फरहीन, सौम्या यदुवंशी, आदित्य सिंह ऋषिका एवं परिधि कुमारी आदि जैसे मेधावी छात्र/छात्रा हैं।

संस्थान के निदेशक डॉ० राहुल राज ने बताया कि ये उत्तीर्ण विद्यार्थी इस मुकाम तक पहुंचने के लिए निरंतर प्रयासरत थे। जिसमें विद्यालय परिवार के सभी योग्य एवं अनुभवी शिक्षक/शिक्षिकाओं का उनकी तैयारी में अतुलनीय योगदान रहा है। इन बच्चों ने अपने और विद्यालय के साथ-साथ अपने अभिभावकों और जिले का भी नाम रौशन किया है। ये वही बच्चे हैं जो विद्यालय के डे-बोर्डिंग कक्षा में निरंतर 4 वर्षों से अध्ययनरत रहे हैं, जिसमे विद्यालय के योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों का विशिष्ट योगदान रहा। इस प्रवेश परीक्षा का परिणाम आने तथा इन विद्यार्थियों की उत्तीर्णता की सूचना प्राप्त होते ही पूरे विद्यालय परिवार में खुशी की लहर दौड़ उठी। सभी में उत्साह का एक नया रंग देखने को मिला।

 

 

विद्यालय की प्राचार्या ने इन प्रतिभाशाली उत्तीर्ण छात्र/छात्राओं को अपना शुभाशीष प्रदान करते हुए कहा कि  इन बच्चों ने प्रारम्भ काल से ही अपनी शिक्षा को प्राथमिकता दिया है, यदि इंसान दृढसंकल्पित हो तो निश्चय ही वह सफलता प्राप्त कर सकता है, जिसका जीता-जागता उदाहरण ये बच्चे हैं।

विद्यालय के निदेशक सह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ० राहुल राज तथा अध्यक्ष महोदय विपिन कुमार सिंह ने भी इस हर्षित बेला में अपने प्रशंसित शब्दों में कहा कि ये उत्तीर्ण बच्चे उन सभी बच्चों के लिए एक मिशाल है जो अपने भविष्य के सुनहरे सपनों को लिए अध्ययनरत हैं। आज की तारीख में लड़के-लड़कियां सभी प्रत्येक क्षेत्र में आगे हैं, बस जरूरत है तो  सही दिशा और मार्ग-दर्शन की, जो उसे अपने परिवार और शिक्षकगणों से बखूबी प्राप्त हो सकता है। इन बच्चों की इस सफलता से पूरे विद्यालय में उत्साह और प्रसन्नता का माहौल कायम है।

 

बीती देर रात 11,801 महिला शिक्षकों के अंतर-जिला और आंतरिक स्थानांतरण

Patna,  20 मई (हि.स.): शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिदार्थ ने बीती देर रात 11,801 महिला शिक्षकों के अंतर-जिला और आंतरिक स्थानांतरण का आदेश जारी किया। यह तबादला शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-1 और टीआरई-2) के तहत चयनित शिक्षिकाओं का है।

स्थानांतरण की जानकारी ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड की गई है।

शिक्षकों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए यह सूचित किया जा रहा है। शिक्षा विभाग की इस प्रशासनिक कार्रवाई में टीआरई-1 के 5,630 और टीआरई-2 के 6,167 महिला शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ। कुल 11,802 शिक्षकों के आवेदनों में से 4 निष्क्रिय किए गए, जिसके बाद 11,801 शिक्षकों का तबादला अंतिम रूप से स्वीकृत हुआ।

शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से ई-शिक्षाकोष पोर्टल और एसएमएस के माध्यम से जानकारी दी जाएगी

एसीएस एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया है कि तबादले की विस्तृत सूची सार्वजनिक नहीं की जाएगी। शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से ई-शिक्षाकोष पोर्टल और एसएमएस के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह स्थानांतरण अंतर-जिला और आंतरिक स्तर पर किया गया है, जिसमें शिक्षकों की वर्तमान पोस्टिंग और उनके गृह जिले या पसंदीदा स्थान की दूरी को प्राथमिकता दी गई है। संबंधित जिले में योगदान देने के बाद शिक्षकों की वरीयता को नए सिरे से निर्धारित किया जाएगा।

Chhapra: शारदा क्लासेज के छात्र जगतवीर राणा ने जेईई मेन – 1 में 99.18 परसेंटाइल पाया है।

जगतवीर शहर के मिरचैया टोला मोहल्ले के संजय कुमार सिंह और संगीता देवी के पुत्र हैं और पूर्णकालिक तरीके से शारदा क्लासेज के छात्र रहे हैं।

शारदा क्लासेज के शिक्षक सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि जगतवीर की परीक्षा जे ई ई मेन के सबसे कठिन सत्र में पड़ी थी। अच्छा परिणाम आ जाने से अब हमलोग एडवांस की परीक्षा पर पूरा ध्यान लगा कर उसमें इस से भी बेहतर रिजल्ट लाएंगे।

अन्य बच्चों का भी रहा अच्छा प्रदर्शन

इसके अलावा शौर्य जयसवाल को 97.38 तथा तन्वी मिश्रा को 96.8 परसेंटाइल आया है। संस्था से अन्वित माधव, शिवम् सिंह, अनन्या राज, अदिति राज और सोनाक्षी सिंह ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।

दो आईआईटियन भाई संचालित करते हैं शारदा क्लासेज

शारदा क्लासेस छपरा के संचालक दो भाई सिद्धार्थ कुमार और वसुमित्र सिंह भी आई आई टी की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं और उन लोगों ने बड़े शहरों की बड़ी नौकरियां छोड़कर छपरा शहर में शारदा क्लासेस को स्थापित किया।

यह परिणाम फिर से साबित करता है कि आई आई टी की परीक्षा में सफलता के लिए दिल्ली और कोटा जाना जरूरी नहीं है। प्रतिभावान बच्चे इस शहर में रह कर भी देश के सर्वोच्च संस्थानों में हर साल प्रवेश पा रहे हैं।

Chhapra: जिले के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के द्वारा GPF/LIC तथा INCOME TAX जमा नही किये जाने पर वेतन अवरुद्ध हो सकता है.

शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना सुनील कुमार गुप्ता ने जिले के सभी उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में कार्यरत स्नातक कला विज्ञान के नियमित शिक्षकों के साथ साथ प्रधानाध्यापकों को निर्देश देते हुए कहा है कि इन शिक्षकों के वेतन मद में Gross Amount यानी कुल राशि का भुगतान किया गया है.

जिसके कारण कार्यालय द्वारा GPF/LIC एवं INCOME TAX की कटौती नही की गई है. वैसे सभी शिक्षक नियमानुकूल GPF/LIC एवं INCOME TAX की राशि जमा कर चालान की एक प्रति अपने कार्यालय में सुरक्षित रखें.

डीपीओ ने कहा है कि अगर किसी शिक्षक के द्वारा GPF/LIC एवं INCOME TAX की राशि जमा नही की जाती है तो उनके अगले माह का वेतन, राशि जमा होने तक अवरुद्ध रहेगा.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर Lockdown के बाद अब अनलॉक 1 शुरू है. केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों के बाद दुकानें तो खुली लेकिन बच्चों की पढ़ाई पर अब भी संशय बरकरार है. हालांकि राज्य सरकार ने बच्चों की पढ़ाई को लेकर राज्य सरकार भी चिंतित है जिसके बाद टीवी एवं कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पढ़ाई शुरू हो चुकी है. लेकिन इन सब के बाद भी जिले की बड़ी आबादी इनसब से अछूता है.

शहर को छोड़ अगर हम गांव के उन बच्चों की बात करें जो सरकारी विद्यालयों में पढ़ते है उनके पास इस व्यवस्था में पढ़ाई का कोई साधन नज़र नही आता. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी और देश मे जारी Lockdown के बाद पिछले शैक्षणिक सत्र में उनकी पढ़ाई जहां अधूरी छूट गयी वही इस सत्र में 2 माह बीतने के बाद तीसरा महीना चल रहा है जब उन्हें ना नई किताबो से मुलाकात हुई और ना ही सिलेबस से. ऐसे में कुछेक ने अगर किताबें हासिल भी कर ली है तो उन्हें कुछ समझ मे नही आ रहा.

राज्य सरकार ने इस महामारी में डिजिटल प्लेटफॉर्म और दूरदर्शन तथा अन्य माध्यमो से बच्चों की पढ़ाई आगे बढ़ाने का प्रयास किया. लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ शहर और उसके आसपास के इलाकों तक सीमित है.

ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास टीवी और मोबाइल जरूर है. लेकिन बच्चों को ना टीवी पर पढ़ाई समझ मे आ रही है और ना ही मोबाइल उनको ऑपरेट करने आ रहा है. रही सही कसर मोबाइल का नेटवर्क और बिजली की समस्या पूरी कर दे रही है. ऐसे में इन बच्चों के पास कोई रास्ता नही बचा.

भविष्य को लेकर कुछ बच्चें परेशान है तो कुछ बच्चों की इन दिनों मौज है. अभिभावक इस lockdown में रोजीरोजगार की जुगाड़ में है. देश और परदेश से आने के बाद बड़ी समस्या उन्हें जीवकोपार्जन की है.

ऐसे में इन बच्चों की सुधि लेने वाला कोई नही है. गांव के बच्चों के लिए शिक्षा का मंदिर कब खुलेगा यह किसी को पता नही.

A valid URL was not provided.

Chhapra: जिले में ठंड के सितम और चल रही तेज हवाओं को देखते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि 15 जनवरी तक आठवीं कक्षा का पठन-पाठन स्थगित रहेगा. यह आदेश सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों पर लागू होगा.

बताते चलें कि लगातार चौथी बार ठंड के मद्देनजर स्कूलों को बंद करने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है. इससे पहले तीन बार स्कूलों की छुट्टी की गई थी. छुट्टी होने के बाद बच्चों में काफी खुशी का माहौल है.

Chhapra: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सारण के तत्वावधान में शहर के हेजलवुड स्कूल में एसोसिएशन की कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में नई शिक्षा नीति के ऊपर चर्चा की गई. इसके बाद कोर कमिटी के सदस्यों ने 19 अक्टूबर को नई शिक्षा नीति पर सेमिनार कराने का निर्णय लिया. इस सेमिनार में नई शिक्षा नीति के ऊपर चर्चा की जाएगी. साथ ही साथ इसके विभिन्न बिंदुओं पर विशेष रूप से सभी स्कूल अपनी अपनी बात रखेंगे.

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा उत्थान न्यास समिति के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी होंगे. साथ ही विद्वत परिषद् के बिहार झारखण्ड प्रभारी रामदयाल शर्मा मौजूद रहेंगे. 

इस कार्यक्रम में जिला भर के स्कूल के प्राचार्य संचालक शामिल होकर शिक्षा नीति के प्रति अपने विचार रखेंगे वह इसकी कमियों को दूर करने के लिए मांग रखेंगे. कोर समिति की बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष सीमा सिंह, सेंट जोसेफ अकादमी के सचिव डॉ देव कुमार सिंह, आरडीएस के निदेशक जगदीश सिंह, सीपीएस निदेशक हरेंद्र सिंह, हैजलवुड स्कूल के निदेशक बी सिद्धार्थ उपस्थित थे.

नई शिक्षा नीति से निजी विद्यालय के स्वायत्तता पर खतरा: डॉ देव सिंह

सेमिनार को लेकर सेंट जोसेफ एकेडमी के निदेशक देव कुमार सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति से निजी विद्यालय के स्वायत्तता पर खतरा है. इस सेमिनार के माध्यम से सरकार से मांग की जाएगी कि निजी विद्यालयों की स्वायत्तता कायम रहे. क्योंकि वर्तमान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में निजी विद्यालयों का बड़ा योगदान है. उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वे नई शिक्षा नीति पढ़ें और समझें , किस प्रकार यह विद्यालयों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को खत्म करेगी. उनके बच्चों में आवश्यक प्रतिभा का विकास बाधित होगा क्योंकि स्कूल का प्रभावी नियंत्रण शैक्षणिक वातावरण पर नहीं रह जाएगा.

A valid URL was not provided.

Chhapra: छपरा के छपरा सेंट्रल स्कूल में एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के विभिन्न प्रावधानों एवं प्राइवेट स्कूल के संचालन संबंधित विभिन्न नकारात्मक बिंदुओं पर चर्चा हेतु एक परिचर्चा सह बैठक आयोजित की जाएगी. यह विशेष बैठक 21 सितम्बर प्रातः 11:00 बजे आयोजित की जाएगी.

बैठक को लेकर गरखा के सन्त जोसेफ अकादमी के निदेशक देव कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा होगी. साथ ही इसमें जो भी नकारात्मक बिंदु हैं उनपर विशेष रूप में सभी स्कूल अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने बताया कि शिक्षा नीति के कुछ नकारात्मक प्रावधानों से कई स्कूलों पर बुरा असर पड़ सकता है. एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार इकाई की बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तमाम बिंदुओं पर विशेष चर्चा की जाएगी.

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सी वी सिंह, अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार एवं संचालक डॉ डी वाय पाटील स्कूल, पटना राजीव सिन्ह, सी बी एस सी सिटी को ऑर्डिनेटर सहोदय पाटलिपुत्र, पटना व संचालक बाल्डविन अकैडमी पटना अनिल नाग कोषाध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल पटना, श्रीमती बी प्रियम एवम् अरशद अहमद, उपाध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता छपरा सेंट्रल स्कूल के सचिव डॉoपंकज कुमार करेंगे. इस कार्यक्रम हेतु छपरा के सभी संबद्ध एवं संबद्धता के लिए अग्रसर विद्यालयों को एवं ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों की भी सहभागिता तथा उपस्थिति के लिए आग्रह किया जा रहा है ताकि यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बन सके.

Chhapra: बिहार सरकार राज्य के सभी कोटि के अनुदानित शिक्षण संस्थाओं तथा वित्त रहित प्लस टू राष्ट्रीय इंटर कॉलेज सभी संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय एवं अनुदानित मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को वर्षों से लंबित अनुदान की राशि शीघ्र मुहैया कराए. उक्त बातें राष्ट्रीय जनता दल के प्रांतीय उपाध्यक्ष सह विधान परिषद प्रत्याशी सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र डॉ लालबाबू यादव ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही.

इसे भी पढ़ें: सड़क से लेकर सदन तक पूरी ताकत के साथ शिक्षकों के साथ: डॉ लालबाबू

उन्होंने कहा कि दशहरा, दीपावली, छठ एवं अन्य त्योहारों के पूर्व अगर इन संस्थानों के शिक्षक कर्मियों को सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान की राशि जो वर्षों से लंबित है का भुगतान नहीं किया जाता है तो शिक्षक एवं उनके परिवार के सदस्य का इस बार का त्योहारी सीजन फीका हो जाएगा. उनके समक्ष गंभीर आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो जाएंगे.


उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने इन शिक्षण संस्थानों के लिए छात्रों के परीक्षा परिणाम के आधार पर वार्षिक अनुदान निर्धारित किया था. जो इंटर एवं माध्यमिक विद्यालयों के लिए अधिकतम 50 लाख एवं संबद्ध डिग्री कॉलेजों के लिए परीक्षा परिणाम के आधार पर निर्धारित किया गया था. यह चिंता का विषय है कि सरकार बजटीय प्रावधान के बावजूद इन शिक्षकों का अनुदान राशि निर्गत नहीं कर रही है. हमने कई हमने कई बाहर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मिलकर शीघ्र भुगतान करने का आग्रह किया था. परंतु सरकार अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया है अगर शीघ्र भुगतान नहीं किया गया तो राजद शिक्षक प्रकोष्ठ अपने स्तर से इसके लिए राज्यव्यापी आंदोलन प्रारंभ करेगा.

उन्होंने कहा कि जहाँ तक नियोजित शिक्षकों का प्रश्न है राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से उन्हें सातवें वेतनमान के आधार पर वेतन भुगतान करने में भेदभाव एवं विलंब कर रही है. आश्चर्य की बात यह है कि राज्य के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने भी इस समस्या के समाधान के लिए तत्परता नहीं दिखाई है. जिसको लेकर नियोजित शिक्षकों में असंतोष है.

उन्होंने मांग किया कि नियोजित शिक्षकों के प्रति राज्य सरकार भेदभाव एवं उनकी उपेक्षा करने की नीति का त्याग करें अन्यथा हमें सदन में से लेकर सड़क तक सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलना होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी.

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव एवम बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो० रणजीत कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर को सम्बोधित पत्र में उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान के प्रशिक्षित छात्रों को वंचित रखने के निर्णय पर पुनः विचार करने का आग्रह किया है.

प्रो० कुमार ने कहा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के द्वारा 7 सितंबर 2019 को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा हेतु जो रिक्तियां प्रकाशित की गई है उसमे उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों हेतु जो विषयवार रिक्तियां प्रकाशित की गई है, उसमे वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित किसी विषय में रिक्ति नही दर्शायी गयी है.

इसे भी पढ़ें: नीतीश कैबिनेट का फैसला: 18 जिलों के 102 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित, मिलेगा 3000 रुपये का मुआवजा

STET की 7 साल तक मान्यता है और सरकार के निदेशानुसार अधिकांश उत्क्रमित उच्च विद्यालयों को उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बनाने की घोषणा हो चुकी है. जहाँ बड़ी संख्या में वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित शिक्षकों की जरूरत पड़ेगी. पुनः STET हेतु उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक बनने के लिए 37 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा निर्धारित की गई है. जबकी बहुत सारे माध्यमिक शिक्षक उच्च माध्यमिक शिक्षक बनने हेतु परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं. लेकिन उम्र सीमा आड़े आ रही है. पुनः जो माध्यमिक शिक्षक निर्धारित अहर्ता पूरा करते है, उनके लिये 25 प्रतिशत सीटे आरक्षित किया जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें: DU छात्र संघ चुनाव: अध्यक्ष समेत तीन पदों पर ABVP का कब्ज़ा, सचिव पद NSUI ने जीती

उन्होंने कहा कि विज्ञापन में 2018 तक बी.एड. उतीर्ण अभ्यर्थियों को ही आवेदन करने का मौका दिया जा रहा हैं. जबकि सैकड़ो छात्रों ने सत्र 2017-19 में बी.एड.की परीक्षा उतीर्ण किया है. इन छात्रों को आवेदन करने के अधिकार से वंचित किया जाना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है.


उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में उन्होंने आग्रह किया है कि वाणिज्य एंवम सामाजिक विज्ञान संकाय के योग्य अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने का मौका दिया जाय. माध्यमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत अभ्यर्थियों के लिए विषयवार 25 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाए तथा आवेदन की अधिकतम उम्र सीमा 37 वर्ष के स्थान पर 40 वर्ष निर्धारित किया जाए. यदि माध्यमिक शिक्षक उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक के पद पर चयनित होते है तो उनकी सेवा निरंतरता बनी रहनी चाहिए. सत्र 2017- 19 में बी.एड. उतीर्ण छात्रों को भी आवेदन का मौका दिया जाना चाहिए. आवेदन करने की अवधि 15 दिनों तक विस्तारित किया जाए ताकि उपयुक्त मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लिया जा सके. उन्होंने कहा कि उम्मीद है छात्र एंवम शिक्षक हित मे सकारात्मक निर्णय लेंगे.

Chhapra: शिक्षा विभाग के प्रखंड स्तरीय कार्यालयों में प्रखंड संसाधन केंद्र समन्वयक और संकुल संसाधन केंद्र समन्वयक प्रतिनियुक्ति को गंभीरता से लेते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से प्रतिनियुक्त शिक्षकों की सूची की मांग की है.

डीपीओ अमरेंद्र कुमार गोड ने जिले के सभी बीईओ से अपने प्रखंड में कार्यरत बीआरपी और संकुल में कार्यरत सीआरसीसी की सूची मांगी है.

इस पत्र के अनुसार बीईओ को यह भी बताना है कि प्रतिनियुक्त बीआरपी और सीआरसीसी कब से उस बीआरसी और सीआरसी में कार्य कर रहे है. साथ ही साथ डीपीओ ने सूची में यह भी मांगा है कि वह किसके आदेश से यह कार्य कर रहे है और उनका विद्यालय कौन सा है. डीपीओ ने एक सप्ताह के अंदर इस रिपोर्ट की मांग की है.

इसे भी पढ़ें: सारण के इन दो सेतु के 2 साल: एक ने दी राहत तो दूसरा रहा महाजाम की चपेट में

विदित हो कि शिक्षा विभाग के प्रखंड स्तरीय कार्यालयों में कार्यो के निष्पादन को लेकर बीआरपी तथा संकुल पर सीआरसीसी का चयन होता है जो शिक्षक ही होते है. इसके लिए जारी दिशा निर्देश और योग्यता के आधार पर ही बीआरपी और सीआरसीसी की प्रतिनियुक्ति होती है.

इसे भी पढ़ें: लालू यादव के जन्मदिवस पर राबड़ी देवी ने किया ट्वीट, कहा-आपको हमारी भी उम्र लग जावे

कुछ माह पूर्व जिले में बीआरपी और सीआरसीसी का चयन कार्य जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप किया गया, लेकिन योग्यता पूरी नही होने के कारण चयन का कार्य सभी प्रखंड में पूर्ण नही हो पाया था. ऐसे में डीपीओ कार्यालय को सूचना मिली थी कि कई प्रखंड में बीईओ द्वारा बीआरपी और सीआरसीसी का चयन किया गया है जो कार्य कर रहे है.जिसके बाद डीपीओ ने पत्र जारी किया था.

Chhapra: समान काम के लिए समान वेतन के फैसले की बाट जोह रहे नियोजित शिक्षको के लिए अच्छी खबर है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर ब्रजवासी द्वारा अपने अधिवक्ता के तरफ से केश मेंशन के लिए दिया गया आवेदन एक्सेप्ट कर लिया गया.

दिल्ली से इस खबर के आने के साथ ही शिक्षको ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाई. शिक्षको ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है और फैसला निश्चित तौर पर अगले हफ्ते शिक्षकों के पक्ष में आयेगा.

इस संदर्भ में परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि विगत वर्ष अगस्त में समान काम समान वेतन को लेकर माननीय न्यायालय द्वारा फ़ैसला सुरक्षित रखा गया है. शिक्षक फैसले के बाट जोह रहे है.

अंततः सब्र के सब्र का बाध टूट गया जिसके बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में बुधवार माननीय द्वय न्यायधीश के समक्ष केश मेशन के लिए प्रयास किया गया.जिसपर न्यायाधीश ने “वेरी वेल नेक्स्ट वीक” कहा. उनके इस आश्वासन से सभी शिक्षक आश्वस्त है उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है. आगामी सप्ताह में इस मामले में बड़ा फैसला शिक्षको के पक्ष में आने वाला है.