Chhapra: छपरा नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत हॉस्पिटल चौक के पास एक व्यक्ति के कोरोना वाइरस से संक्रमित होने की सूचना पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निदेश पर संक्रमित व्यक्ति के निवास स्थान हॉस्पिटल चौक के पूरब नई बाजार, पश्चिम में राणा प्रताप नगर, दक्षिण में बहुरिया कोठी और उत्तर में पीर बाबा की मजार के पास तक के क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है.

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कंटेन्मेंट जोन में किसी भी व्यक्ति को इस क्षेत्र से न तो बाहर जाने की इजाजत दी जाएगी और न ही किसी व्यक्ति को बाहर से अंदर आने की इजाजत दी जाएगी.

जिलाधिकारी के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी, छपरा सदर को निदेशित किया गया है कि समस्त आवागमन मार्गां को वार्ड सदस्य के सहयोग से पूर्णतः लॉक करते हुए आवागमन अवरुद्ध कर देगें. यदि किसी व्यक्ति द्वारा कंटेन्मेंट जोन से बाहर पलायन किया जाता है अथवा बाहर से अंदर प्रवेष किया जाता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी के द्वारा इस पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करने का निर्देश दिया गया है. इसका दायित्व संजय कुमार उपाध्याय, नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम को दिया गया है. जबकी सेनेटाइज गतिविधियों का अनुश्रवण डॉ० दिलीप कुमार सिंह, जिला वैक्टर बॉर्न रोग नियंत्रण पदाधिकारी मो0 7717781085 को दिया गया है.

Chhapra: जिलाधिकारी के द्वारा बाहर से आये और होम क्वारेंटीन केन्द्र में रह रहे लोगों के स्क्रीनिंग के कार्य में और तेजी लानें का निदेश  सिविल सर्जन को दिया गया है.

जिलाधिकारी ने कहा है कि प्रतिदिन के स्क्रीनिंग का रिकार्ड रखा जाय तथा लोगों से काउन्सलिंग कर यह बताया जाय कि उनके और उनके परिवार के लिए 14 दिन के उनके क्वारंटीन का क्या महत्व है.

यह सुझाव भी दिया जाय कि घर में रह रहे प्रवासि व्यक्ति अन्य सदस्यों से बिल्कुल ही अलग-थलग रहें तथा कोई परेशानी हो तो इसकी सूचना अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचलाधिकारी या पीएचसी या जिला आपात कालीन संचालन केन्द्र के नंबर 06152-245023 पर जरुरी दें ताकि त्वरीत कार्रवाई की जा सके.

डीपीएम स्वास्थ्य विभाग अरविन्द कुमार के द्वारा बताया कि अभी तक 13400 घरों का डोर-टू-डोर सर्वे करा लिया गया है. सर्वे का कार्य 28 मई से किया जा रहा है.

Chhapra: वाराणसी मंडल के DRM विजय कुमार पंजियार ने 1 जून से प्रारम्भ होने वाली यात्री ट्रेनों के संरक्षित परिचालन, यात्रियों सुरक्षा एवं कोविड-19 के प्रोटोकालों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए छपरा जंक्शन का निरिक्षण किया.

इस दौरान उन्होंने स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास मार्ग अलग करने, स्टेशन परिसर की बैरिकेटिंग करने, स्टेशन एवं प्लेटफार्म की गहन साफ सफाई करने, सार्वजनिक स्थलों यथा बुकिंग काउण्टर,स्टेशन परिसर ,सीढियों,यात्री बेंचो,ट्रेनों एवं यात्री मार्ग का डीप सेनेटाईजेशन करने, प्लेटफार्म से निकलने और बाहर से प्लेटफार्म पर आने के लिए सामाजिक दूरी के मानक के अनुसार मार्किंग करने , स्टेशन पर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बूथ बनाने, सभी निकलने या प्रवेश करने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य जाँच करने,पीने के पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु निरिक्षण किया और संबंधित को उक्त सभी तैयारियां शीघ्र पूर्ण करना का निर्देश दिया.

इसके अतिरिक्त उन्होंने मंडल से गुजरने वाली श्रमिक स्पेशल गाड़ियों के आवागमन में कोविड-19 के प्रोटोकॉल के कड़ाई से पालन करने यथा थर्मल स्क्रीनिंग करने, फेस मास्क लगाने और सामाजिक दूरी कायम रखने पर बल दिया. उन्होंने स्टेशन के प्लेटफार्म से स्टेशन भवन के निकास गेट तक आने/जाने समाजिक दूरी बनाये रखने हेतु मार्क लगाने का निर्देश दिया.

इसके अतिरिक्त उन्होंने स्पेशल गाड़ियों की व्यापक व्यवस्थाओं हेतु स्टेशन भवन , सर्कुलेटिंग एरिया , कंप्यूटरीकृत आरक्षण केंद्र, सामान्य यात्री हाल ,पैदल उपरिगामी पुल , पीने के पानी बूथ, स्टेशन के निकास एवं प्रवेश मार्ग, स्टेशन पर पार्किंग को व्यापक सेनेटाईज कराकर पर्याप्त दूरी की मार्किंग कराने का संबंधितों को निर्देश दिया.

दरअसल 1 जून से चलने वाली गाडियों जो पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल से गुजरेंगी एवं जो मंडल के विभिन्न स्टेशनों से ओरिजिनेट /टर्मिनेट होंगी के प्रबंधन हेतु मऊ,देवरिया सदर,सीवान,बलिया एवं छपरा स्टेशनों तथा वाराणसी-मऊ,मऊ-देवरिया सदर, देवरिया सदर-सीवान , सीवान-छपरा,छपरा-बलिया रेल खण्ड का निरिक्षण किया.

एक औपचारिक वार्ता में मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे अपने यात्रियों को कोरोना से बचाने के प्रति सचेत है और मंडल के सभी प्रमुख स्टेशनों पर कोविड-19 के नियमों का कड़ाई से इसका पालन सुनिश्चित किया जा रहा है. इस अवसर पर उनके साथ अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) एस.पी.एस.यादव,वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री संजीव शर्मा, मंडल सुरक्षा आयुक्त(रेल सुरक्षा बल) श्री ऋषि पाण्डेय एवं वरिष्ठ पर्यवेक्षक उपस्थित थे.

इंसान और पालतू कुत्ते में लगाव जगजाहिर है. कुत्ता अपनी स्वामी भक्ति और वफादारी के लिए जाना जाता है. जापान में एक ऐसा ही कुत्ता हचीगों आज भी मशहूर है. जो अपने मालिक के इंतजार में कई सालों तक स्टेशन के बाहर उसका इंतजार करता रहा.

कोरोना काल में ऐसा ही एक मामला चीन से सामने आया है. जहां मालिक के प्रति कुत्ते के लगाव ने सबका दिल जीत लिया है. दरअसल फरवरी महीने में कोरोना वायरस के कारण उसके मालिक की मौत हो गई थी. जिसके बाद उसका पालतू कुत्ता तीन माह तक अस्पताल की लॉबी में बैठा उसका इंतजार करता रहा.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वुहान के अस्पताल में 5 दिन भर्ती रहने के बाद कोरोना वायरस से उसके मालिक की मौत हो गई थी. उसकी मौत के बाद पालतू कुत्ता भी उसकी वापसी के इंतजार में अस्पताल के बाहर बैठा रहा. इस कुत्ते का नाम जिआओ बाओ है. कुत्ता अपने मालिक की मौत से बेखबर था और उसके वापसी का इंतजार कर रहा था. कुत्ता तीन महीनों तक अस्पताल की लॉबी में बैठा इंतजार करता रहा.

अस्पताल कर्मियों के मुताबिक कई बार कुत्ते को अस्पताल की लॉबी से उठाया गया. कई बार उसे दूर दराज के इलाकों में छोड़ा भी गया. इसके बावजूद अस्पताल में कुत्ता दोबारा अपने मालिक के लिए पहुंच जाता.

कोरोना काल में बीमारी ने इंसानों के बीच दूरी ला दी है ऐसे में एक कुत्ते का अपने मालिक के प्रति लगाव, उसकी वफादारी को लोग सराह रहे है.

Photo Courtesy: @thandojo

Chhapra: नगर पंचायत मढ़ौरा के वार्ड नं0 14 वैश्य टोला सब्जी मंडी में एक व्यक्ति के कोरोना वाइरस से संक्रमित होने की सूचना पर आस-पास के क्षेत्र कॉटेन्मेंट जोन घोषित किया गया.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निदेश के आलोक में वैश्य टोला सब्जी मंडी के आस-पास के क्षेत्र कॉटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है.

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यहाँ होगा कॉटेन्मेंट जोन
नगर पंचायत मढ़ौरा के वार्ड नं0 14 वैश्य टोला सब्जी मंडी के उत्तर में गैस गोदाम, दक्षिण में मढ़ौरा रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क, पूरब में वैश्य टोला तिनमुहानी और पश्चिम में सब्जी मंडी जाने वाली सड़क तक के क्षेत्र को कॉटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है.

कॉटेन्मेंट जोन में सभी निजी, सार्वजनिक प्रतिष्ठान एवं मार्गों को अगले आदेश तक बंद रहेंगे. किसी भी व्यक्ति को इस क्षेत्र से न तो बाहर जाने की इजाजत दी जाएगी और न ही किसी व्यक्ति को बाहर से अंदर आने की इजाजत दी जाएगी.

 

जिलाधिकारी के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत मढ़ौरा को समस्त आवागमन मार्गां को संबंधित मुखिया एवं वार्ड सदस्य के सहयोग से पूर्णतः लॉक करते हुए आवागमन अवरुद्ध करने के निर्देश दिए है. यदि किसी व्यक्ति द्वारा कंटेन्मेंट जोन से बाहर पलायन किया जाता है अथवा बाहर से अंदर प्रवेश किया जाता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाय.

जिलाधिकारी के द्वारा इस पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करने का निदेश दिया गया है. इसका दायित्व डॉ० दिलीप कुमार सिंह जिला वैक्टर बॉर्न रोग नियंत्रण पदाधिकारी मो0 7717781085 को दिया गया है. जिलाधिकारी के द्वारा कॉटेन्मेंट जोन के भीतर सभी परिवारों को गहन निगरानी में रखने का निदेश देते हुए कहा गया है कि प्रत्येक परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण कर विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन उपलब्ध करायी जाय. कॉटेन्मेंट जोन के भीतर की सभी दुकान बंद रहने के कारण प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी मढ़ौरा को निदेश दिया गया है कि आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं यथा चावल, दाल, गेहूँ, हरी सब्जी इत्यादि उन पंचायतों के जन वितरण प्रणाली विक्रेता के माध्यम से पैकेट तैयार करा कर डोर टू डोर वितरित करायें. उप समाहर्त्ता भूमि सुधार, मढ़ौरा और अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, मढ़ौरा को इस कार्य का सतत् अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया है.

कॉटेन्मेंट जोन की परिधि समाप्त होने से अगले सात किसी की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया है. प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी मढ़ौरा को बफर जोन में पड़ने वाली सभी पंचायतों, गाँवो में प्रतिदिन तकलीफ वाले रोगियों की सूचना प्राप्त करेंगे. सिविल सर्जन को निदेश दिया गया है कि संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सभी सदस्यों को जिला में निर्धारित किये गये आइसोलेशन एवं क्वेरेन्टाइन सेन्टर में में रखवायेंगे एवं उनका नियमित रूप से जाँच करवायेंगे.

Chhapra: सारण में Covid19 से संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आकड़ें के अनुसार जिले में अबतक 2140 सैंपल कलेक्ट किये गए है.

जिनमें से 2100 के रिपोर्ट प्राप्त हो चुके है. उनमे से 38 मामले पॉजिटिव मिले है. जबकि 2062 सैंपल निगेटिव मिले है. जबकि 40 सैंपल की जांच आनी अभी बाकी बाकी है.

जिले में प्रवासियों के आगमन के बाद से Covid19 के मामलों में इजाफा हुआ है. विभिन्न प्रदेशों से जिले में पहुंचे प्रवासियों के संक्रमित पाए जाने के बाद से संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. वही 8 लोग अबतक स्वस्थ हो चुके है. जबकि एक व्यक्ति की जान भी गयी है.

 

 

Chhapra: इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी ने कोरोना योद्धाओ के लिए 4950 पेय पदार्थ की बड़ी बोतल कोका कोला कम्पनी से प्राप्त की. यह योद्धा जो पिछले कई दिनों से रात दिन जनता की सेवा, जागरूकता कार्यक्रमो में अपना पूर्ण समय दे रहे है. उन्हें प्रोत्साहित करने की एक प्रयास है.

जिला सचिव रेड क्रॉस सोसाइटी जीनत जरीना मसीह ने बताया कि अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स अन्य कर्मचारी बिना अपने परवाह किये निरंतर सेवा में जूटे है. पुलिस कर्मी भी अपनी ड्यूटी काफी निष्ठा से निभा रहे है. प्रशासन चौबीस घंटे कार्यरत है. रेड क्रॉस भी अपनी क्षमता के अनुसार अपना पूर्ण योगदान दे रहा है.
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जागरूकता के किये मास्क, डिजिटल वीडियो, पोस्टर का प्रयोग किया जा रहा है. सूखा खाद्य पदार्थ भी असहायों को दिया गया. प्रशासन को प्रथम बार 46000 की राशि एवं द्वितीय बार 12000 हजार की राशि इस कोरोना से संबंधित कार्य के लिए दिया गया. जिसका खर्च मास्क सैनिटाइजर, सूखा खाद्य पदार्थ एवं कोरेनटीन सेंटर पर किया गया.

यह पेय पदार्थ प्रशासन को दे दी गयी है. जिसको वह अपने माध्यम से जिला एवं प्रत्येक प्रखण्ड में कोरोना के योद्धाओ को आपूर्ति की जाएगी. यह कार्य दो से तीन दिनों में सम्पन्न हो जाएगा.

इस कार्य में डॉ० सुरेश प्रसाद सिंह, अभिजीत मसीह, नरेन्द्र (प्रतिनिधि कोका कोला), रविश जिला नाजिर एवं अन्य उपस्थित थे.

Chhapra: ऑल इंडिया रोटी बैंक के द्वारा शहर के जरूरतमन्दों के साथ साथ राजेन्द्र स्टेडियम में अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए आ रहे प्रवासियों को भी भोजन कराया जा रहा है.

रोटी बैंक के रविशंकर उपाध्याय ने बताया कि करीब 500 प्रवासियों को भोजन उपलब्ध कराया गया. प्रतिदिन रोटी बैंक के सेवादारों के द्वारा मिलकर भोजन बनाया जाता है. सेवा विगत दो वर्ष से छपरा में की जा रही है. जिसमें लाचार, बेबस जरूरतमन्दों को साथ साथ सड़को पर जीवन यापन करने वाले लोग, रेलवे स्टेशनों पर रहने वाले जरूरतमंद सभी शामिल है.

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Chhapra: कोरोना वायरस यानि कोविड-19 से लोगों की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा आयुष मंत्रालय अब आयुष संजीवनी एप लेकर आगे आया है. इस एप में जहाँ आयुष मंत्रालय की सभी एडवायजरी हैं वहीँ इसमें लोगों के सवाल-जवाब का भी प्रावधान किया गया है. इन्हीं सवाल-जवाब के आंकड़ों के आधार पर यह तय होगा कि आयुष मंत्रालय की सलाह लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो रही है. लोग इस एप पर अपने अनुभव साझा कर सकेंगे कि वह आयुष मंत्रालय की सलाह को कब से अपना रहे हैं और कितने दिनों में फायदा हुआ. इसके अलावा किन दिशा-निर्देशों के पालन से ज्यादा लाभ हुआ है.

कोविड से लड़ने के लिए आयुर्वेद पद्धति के प्रभाव का होगा आकलन
सरकार का प्रयास है कि इस एप का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो ताकि और लोग इसका फायदा उठाकर निरोगी काया पा सकें. भारत में पारंपरिक चिकित्सा का लम्बा इतिहास रहा है और आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते आयुष मंत्रालय आयुष प्रणालियों के नैदानिक अध्ययन के माध्यम से देश में कोरोना वायरस यानि कोविड-19 की समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है. इन्हीं आयुर्वेद से जुड़ीं पद्धतियों पर क्लिनिकल रिसर्च स्टडीज और आयुष संजीवनी एप की शुरुआत की गयी है. यह एप कोविड की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों से आंकड़े जुटाने में उपयोगी साबित होगा. मंत्रालय लोगों के बीच कोविड की रोकथाम के लिए आयुष प्रभाव का भी आकलन कर रहा है.

एप के जरिये 50 लाख लोगों के आंकड़े जुटाने का लक्ष्य
आयुष संजीवनी एप के जरिये देश भर के 50 लाख लोगों के अनुभवों के बारे में आंकड़े जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है. यह आंकड़े कोविड-19 की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति और लोगों के बीच इसके प्रभावों के आकलन में उपयोगी साबित होंगे.

जनसंख्या आधारित पारम्परिक अध्ययन पर जोर
आयुष मंत्रालय उच्च्च जोखिम वाली आबादी में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए जनसँख्या आधारित अध्ययन भी शुरू करने जा रहा है. इससे निवारक क्षमता का पता चल सकेगा. देश में आयुष मंत्रालय के अनुसन्धान परिषदों, राष्ट्रीय संस्थानों व कई राज्यों के माध्यम से यह अध्ययन किया जाएगा. इसके तहत 5 लाख की आबादी को कवर करने की योजना है. यह अध्ययन रिपोर्ट कोविड-19 के उपचार में आयुष पद्धति की क्षमताओं के आकलन के लिए वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर अवसरों के नए द्वार खोलेगी.

कोरोना से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की सलाह 

• दिन में बार-बार गुनगुना पानी पिएं
• रोजाना 30 मिनट तक योगा करें
• भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन का इस्तेमाल करें
• एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का हर रोज सेवन करें
• दिन में एक-दो बार हर्बल चाय/काढ़ा पियें
• दिन में एक/दो बार हल्दी वाला दूध पियें
• तिल या नारियल का तेल या घी सुबह-शाम नाक के छिद्रों में लगायें
• एक चम्मच नारियल या तिल का तेल को मुंह में लेकर इधर-उधर घुमाएँ और गुनगुने पानी के साथ कुल्ला करें (थूक दें)
• गले में खरास या सूखा कफ हो तो पुदीने की पत्तियां व अजवाइन को गर्म कर भाप लें
• गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाएं

Chhapra: सारण के वैसे लोग जो बाहर से या दूसरे प्रदेशो से आ रहे हैं उनके आवासन के लिए अभी तक 93 क्वॉरेंटाइन केन्द्र प्रखंण्डो में बनाये गये हैं. इस बात जानकरी देते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया इन केन्द्रो पर 12 हजार लोगों को आवासित कर क्वॉरेंटाइन किया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त अन्य आवासन स्थलों को भी चिन्हित कर सत्यापन कराया जा रहा है जिसमें लगभग 5 हजार लोगों को आवासित किया जा सकेगा. वर्ततान में 25 क्वेरेंटीन कैम्प (प्रखंड स्तरीय) में 808 व्यक्ति आवासित किये गये हैं. ये सभी व्यक्ति बाहर से हाल ही में आये हैं. पिछले दो दिनो में चार बसो के द्वारा सारण जिला से कुल 100 आवासित व्यक्ति को उनके गृह जिला में भेजा गया है.

320544 घरों की डोर टू डोर सर्वे कराने का लक्ष्य निर्धारित

जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा 320544 घरों की डोर टू डोर सर्वे कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. 24 अप्रैल तक लक्ष्य के अनुरूप सभी घरों का सर्वेक्षण करा लिया गया. सर्वे के दौरान कुल 1909134 लोगों को अच्छादित किया गया जिसमें 175 में एन्फ्लुएंजा के लक्षण मिले थे. इन सभी 175 व्यक्तियों की मेडिकल टीम के द्वारा हेल्थ स्क्रीनिंग करायी गयी है. द्वितीय चरण मेें डोर टू डोर सर्वे के लिए 56129 घरों का लक्ष्य रखा गया है जिसमें कुल 340558 की आवादी अच्छादित है. सर्वे का कार्य 1 मई से कराया जा रहा है.

अब तक 665 सैंपल कलेक्शन

अभी तक कुल 665 सैंपल कलेक्ट कर जाँच के लिए भेजा गया है जिसमें 623 का रिपोर्ट प्राप्त हुआ है. इसमें दस मामले पाॅजीटिव पाये गये हैं. 613 का रिपोर्ट निगेटिव आया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि अभी तक कुल 20300 व्यक्तियों को चिकित्स्कीय सलाह प्रदान किया गया है. कुल 14791 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन में रहने की सलाह दी गयी थी जिसमें 11444 लोगों के द्वारा 14 दिन पूरा कर लिया है. वर्तमान में 3347 लोग होम क्वारेंटाइन में रह रहे हैं. अभी तक 254 व्यक्तियों को आइसोलेशन में लिया गया था जिसमें से 191 को डिस्चार्ज कर दिया गया है तथा कुल 16 व्यक्तियों को पीएमसीएच रेफर किया गया है. वर्तमान में 46 व्यक्ति आईसोलेशन में रखे गये हैं.

सुरभित दत्त

केंद्र सरकार ने देश भर में पिछले 24 मार्च से लागू lockdown को दूसरी बार बढ़ाने का फैसला लिया है. इस बार 17 मई तक इसे बढ़ाया गया है. देश में 55 दिनों तक के lockdown के दौरान आम जनजीवन खासकर दैनिक मजदूरी कर के अपना गुजारा करने वालों पर असर पड़ा है. Lockdown लागू होते ही काम, धंधे बंद होने पर घर पहुंचने की जद्दोजहद के बीच एक लंबा समय बीत गया है.

अब जब केंद्र सरकार ने lockdown 3 की शुरूआत की है, जिसे हम केंद्र का lockdown से exit प्लान भी कह सकते है, तो एक बार फिर से अलग अलग प्रदेशों में फंसे यह मजदूर फिर से शंका, आशंकाओं में घिरे नजर आ रहे है. जो अपने घर जैसे तैसे पहुंच गए वे या तो वहीँ रहेंगे या एक बार फिर काम की तलाश उन्हें शहरों तक लाएगी, लाएगी भी शायद क्योंकि जीवन चलाने के लिए रोजगार का होना भी जरुरी है पर ये भविष्य के गर्त में है. फिलहाल वैसे प्रवासी जो अबतक घर नही जा सके थे वे सब अब क्या करें, क्या ना करें के संशय की स्थिति में पहुंच गए है.

फैक्ट्रियों, कार्यालयों और अन्य दैनिक मजदूरी बंद थी तब एक ही सोच थी की घर जाना है. परिवार को संभालना है. लेकिन lockdown के कारण जा नही सके. अब जब सरकार से कुछ छूट मिलने पर काम शुरू होगा, फैक्ट्रियां खुलने वाली है ऐसे में दिमाग में घर जाना और जीवन चलाने के लिए काम भी करना है दोनों ही बातें आएगी. वही इसका दूसरा पहलू यह भी है कि प्रवासी मजदूरों को हीन नजर से देखने वाले बड़े पूंजीपति क्या अपने कल कारखानों को इनके बिना चला सकेंगे.

मजदूरों को अपने घर में रोजगार मिलना एक बड़ी चुनौती होगी, जो भविष्य में फिर उन्हें  महानगरों की ओर जाने के लिए मजबूर करेगी. 

इन सबके बीच प्रवासी मजदूर दोराहे पर खड़े यही सोचने को विवश होंगे  ‘क्या करें, क्या ना करें’

#lockdownindia

Photo Courtesy: Twitter

Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवं पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय द्वारा संयुक्त रूप से रिविलगंज, मांझी, एकमा, जलालपुर एवं सदर प्रखण्ड में बनाये गए क्वेरेन्टीन सेंटर का निरीक्षण किया गया.

रिविलगंज के राजकीय मध्य विद्यालय, सेमरिया पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों क्वेरेन्टीन सेंटर का निरीक्षण किया गया. सेंटर पर निर्धारित मानकों के अनुसार सभी व्यवस्था दिखी. जिसकी जिलाधिकारी द्वारा प्रशंसा की गयी एवं टीम के सभी पदाधिकारियों तथा कर्मियों की सराहना की.

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इसके उपरान्त जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मांझी प्रखण्ड स्थित दलन सिंह उच्च विद्यालय में क्वेरेन्टीन सेंटर पहुंचे. जहाँ निरीक्षण के क्रम में किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नही दिखी. जिलाधिकारी श्री सेन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी से स्पष्टीकरण तथा अंचल अधिकारी का वेतन बंद करते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया.

साथ ही प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी तथा संदर्भित कार्यों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को शनिवार संध्या तक किसी भी परिस्थिति में सभी आवश्यक व्यवस्था कर अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.

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वही एकमा प्रखण्ड स्थित अलख नारायण सिंह उच्च विद्यालय के क्वेरेन्टीन सेंटर की व्यवस्था संतोषजनक पायी गयी. वहां पूर्ण रूप से साफ-सफाई का निर्देश दिया गया. उक्त केन्द्र पर कुछ स्थानों पर चहारदिवारी टूटी हुई पायी गयी. जिसके लिए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को संदर्भित स्थल पर बैरिकेडिंग का कार्य कराने का निर्देश दिया गया.

एकमा बीडीओ द्वारा बताया गया कि उनके यहॉं विभिन्न केन्द्रों पर अभी तक 500 लोगों के आवासन एवं भोजन की व्यवस्था कर दी गयी है. जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एवं उनकी टीम की काफी प्रशंसा की गयी.

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इसके अलावे डीएम ने जलालपुर प्रखण्ड स्थित शंकर दयाल सिंह उच्च विद्यालय, उच्च विद्यालय, जलालपुर एवं टीचर ट्रेनिंग कॉलेज बंगरा का निरीक्षण किया गया. शंकर दयाल सिंह उच्च विद्यालय में तैयारी अभी प्रारंभिक अवस्था में पायी गयी. जिसके लिए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को अविलम्ब सभी व्यवस्था संपन्न करने का निर्देश दिया गया. उच्च विद्यालय, जलालपुर के क्वॉरेंटाईन केन्द्र में बाहर से आये हुए लोग आवासन करते हुए पाये गये.