Chhapra: जिले के मरहौरा स्टेशन रोड में बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त रोड के कारण सीमेंट लदा ट्रक पलट गया. ट्रक पलटने के कारण घर के बाहर सोए दादी और पोते की जान बाल बाल बची.घटना के बाद चालक फरार है.

इस संबंध में मरहौरा स्टेशन रोड निवासी साह ने बताया कि सुबह करीब 4 बजे सीमेंट लदा ट्रक गुजर रहा था. जो अनियंत्रित होकर पलट गया. इस घटना में घर के दरवाजे पर सोई उनकी माँ और बेटे की जान बाल बाल बच गयी.

उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गयी है. ओवरलोड होने के कारण अचानक ट्रक पलट गया जो बिछाई गई खाट से एक फिट के अंतर पर पलटा.

श्री साह का कहना है कि चालक फरार है लेकिन ट्रक मालिक द्वारा धमकी दी जा रही है साथ ही सीमेंट की चोरी का आरोप लगाने की बात कही जा रही है.

Chhapra: सारण जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह हो रही है. जिले के पानापुर प्रखंड के अलावे मशरख, तरैया, मढ़ौरा और अमनौर सहित अन्य प्रखंड में पहुंचा बाढ़ का पानी लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है.

शनिवार को जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवम पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने तरैया तथा मशरख के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया गया इस दौरान बाढ़पीड़ितों से हालचाल जाना गया.

डीएम ने बाढ़ पीड़ित से मिलकर स्थिति का जायजा लिया. साथ ही बाढ़ प्रभावितों के लिए जिला प्रशासन द्वारा संचालित सामुदायिक रसोई का निरीक्षण किया गया. जिलाधिकारी के द्वारा लोगों को ससमय अच्छा खाना खिलाने का निदेश दिया गया. वही छः वर्ष से कम आयु के बच्चों को सुधा दुग्ध का पैकेट(चूर्ण) भी देने का निर्देश दिया गया.

जिलाधकारी ने कहा कि राहत शिविर में लोगों के स्वास्थ्य की जांच के साथ-साथ कोरोना की जांच भी कराई जा रही है. जो लोग इक्छुक हैं उनका जांच कराई जाएगी. इस दौरान मढ़ौरा एसडीओ भी मौजूद थे. A valid URL was not provided.

Mashrakh: जदयू नेता व बनियापुर के पूर्व प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार ओझा ने सोमवार को सारण के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रो का दौड़ा किया. इस दौरान उन्होंने मशरख के कर्ण कुंदरिया, लखनपुरा, सिउरी, हरपुर जान के क्षेत्रों में भ्रमण करके लोगों से बातचीत की. इस दौरान सारण ADM भी मौजूद रहे. पूर्व MLA प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार ओझा ने तत्काल बाढ़ पीड़ितों के लिए 3 कैम्प लगवाए साथ कुछ जगहों पर नाव की जरूरत थी वहां 3 स्थानों पर नाव भी उपलब्ध कराया.

इसके अलावें अधिकारियों से बात करके उन्होंने लोगों के लिए भोजन पानी की भी व्यवस्था कराई. साथ ही साथ उन्होंने अधिकारियों से सभी गांव वालों के लिए समुचित व्यवस्था करने का आग्रह किया. उन्होंने बाढ़ पीड़ितों तत्काल तमाम सहायता दिलवाने की बात कही. जिसपर ADM ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश देकर बाद पीड़ितों के लिए राहत सामग्री वितरण करने का निर्देश दिया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि सारण आपदा की दो तरफा मार झेल रहा है. एक तरफ कोरोना है तो दूसरी तरफ बाढ़. उन्होंने बताया कि मशरख के कई गांवों मे पानी घुस गया है. जिससे लोग परेशान हो गए हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को जिला प्रशासन के लोग ऊंचे स्थानों पर पहुंचा रहे हैं. साथ ही उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिया.

Isuapur: गंडक के बढ़े जलस्तर ने सिर्फ पानापुर ही नही पड़ोस के कई अन्य प्रखंडों में भी अपना असर छोड़ा है. पहले बारिश और फिर बाढ़ दोनों के कारण निचले इलाकों में जलस्तर बढ़ गया है. पानी के बढ़ने के बाद प्रखण्ड के सभी चंवर पूरी तरह लबालब है वही पानी निचले इलाके के घरों तक पहुंच चुका है. घरों में पानी घुसने से आक्रोशित पीड़ितों ने रविवार को छपरा मशरख मुख्य पथ को जाम करते हुए आगजनी की.

प्रखंड के बेला बासुदेव नगर को लोगों ने मुख्य मार्ग को घंटो अवरुद्ध किया और प्रशासन से जलनिकासी का उपाय करने की मांग की. जिससे कि पानी दूसरी जगह जा सकें. सड़क जाम होने के कारण घंटों सड़कों पर वाहनें खड़ी रही. सड़क जाम के कारण इसुआपुर और मशरख दोनों तरफ कई किलोमीटर तक ट्रकों की कतार लगी रही. हालांकि स्थानीय प्रशासन के बातचीत और आश्वासन के बाद 3 घंटे के लंबे जाम के बाद पुनः यातायात बहाल हुई.

पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि बारिश और बाढ़ के बाद जलस्तर बढ़ा है. चंवर भरचुका है और अब उनके घरों में पानी है. उनका कहना है कि जलनिकासी के सभी रास्ते बंद कर दिए गए है जिससे कि पानी अन्य गांव के चंवर एवं खेतों में जा सकें. पानी की निकासी नही होने के कारण घरों में पानी बह रहा है और परिवार के लोग भयभीत है. प्रशासन जल निकासी के रास्ते को अतिक्रमण मुक्त कराकर साफ कराए जिससे कि पानी दूसरी जगह जा सकें.

इसुआपुर: गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बारिश और बाढ़ के पानी से चंवर और खेत पानी से भर चुके है वही पानी निचले इलाकों में पांव पसार रहा है. खेतों में पानी लगने से लाखो की फ़सल बर्बाद हो गयी है. किसानों के इस हाल का कारण सरकार की बारिश के पूर्व की तैयारी है.

जिले में बाढ़ की भयावहता और तांडव कोई नई बात नही है लेकिन इसके बाद भी सरकार सचेत नही है. प्रतिवर्ष किसान अपनी बदहाली पर पर आंशू बहाते है लेकिन सरकार चिरनिद्रा में रहती है.

बारिश और बाढ़ के पानी से प्रखण्ड के रामपुर अटौली पंचायत के डोइला, महुली गांव सहित आधे दर्जन गांव की फसल पूरी तरह तबाह है.

किसान एकता मंच के अध्यक्ष सह प्रमुख प्रतिनिधि युवा नेता अजय राय ने प्रखंड के जलमग्न गांवों की स्थिति का जायजा लिया और किसानों की बदहाल स्थिति को दर्शाते हुए कहा कि यहाँ पहले सभ्रांत किसान थे लेकिन अब यहाँ के किसान भुखमरी के कगार पर आ गए है. किसानों की स्थिति को लेकर सैकडों बार बिहार सरकार एवम संबंधित विभाग को ग्रामीणों द्वारा पत्र लिखा गया लेकिन सुशाशन की सरकार को किसानों से क्या मतलब भले ही किसान भूखा ही क्यों न हो, सरकार की किसान उत्थान योजना, किसानों की आय दुगना करने जैसी योजनाएं अखबार के पन्नो तक सिमट कर रह गई है. अब किसान सरकार का दरवाजा खट-खटा कर थक गए है. हज़ारो कोशिशों के बाद भी किसानों के साथ सरकार ने लगातार धोखा दिया है और बांध, स्विलिप गेट, पुल बनवाने के आड़ में करोडो रुपए लूट का खेल खेला गया है.

वही किसानों का कहना है कि जमींदारी बांध का जब निर्माण हुआ तो गांव में ख़ुशी का माहौल था. निर्माण के बाद जल नहर और बारिश के पानी के निकासी के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया. जिससे डोइला से गोविन्दापुर डाबरा नही तक नहर का निर्माण सरकार द्वारा करना था. लेकिन 2006 से 2020 आ गया जल निकासी नहर का निर्माण न हो सका. इसी बीच जमीन्दारी बांध में सरकार द्वारा करोडो रुपये की लागत से सुइलिश गेट का निर्माण कर दिया गया और जो नहर कभी बना ही नही उस पर लगभग 5 करोड़ की लागत से 15 छोटे बड़े पुल पुलिया के निर्माण कर दिया गया.

प्रतिवर्ष किसानों अपनी बदहाली से ऊब चुके है और सरकार से इसका निदान चाहते है.जिससे कि बाढ़ और बारिश में उनकी फसल बची रही.

पटना: पानी से बिहार के कई जिलों में हाहाकार है. राजधानी समेत कई जिलों में नदी के साथ साथ बारिश का पानी कहर बरपा रहा है. ऐसे में जो जहाँ है वही से बचाव और राहत की गुहार लगा रहा है.

बिहार की सुप्रसिद्ध गायिका और पद्म विभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा ने भी बचाव की गुहार लगाई है.

पटना के राजेन्द्र नगर में फंसी शारदा सिन्हा ने फेसबुक पर लिखा है कि उन्हें मदद की जरूरत है. NDRF तक पहुंचने में भी परेशानी है. काश भारत मे एयरलिफ्ट की सुविधा होती. कोई रास्ता हो तो बताए.

पटना में रह रही स्वर कोकिला का सोशल मीडिया पर इस तरह अपने बचाव और मदद के लिए लिखना पटना में प्रशासनिक दावों की पोल खोल रहा है.

जिस तरह से बारिश और बाढ़ को लेकर प्रशासन ने अपनी मुस्तैदी का प्रचार प्रसार किया है ऐसे में शारदा सिन्हा का पोस्ट बहुत कुछ बयां कर रहा है.

Chhapra: बारिश और निचले इलाकों में नदी के पानी के प्रवेश करने से शहर के कई ऐसे इलाके है जहां जलजमाव हो गयी है.

इस कारण आने जाने वालों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. शहर के पश्चिमी छोर पर पीएन सिंह डिग्री कॉलेज के परिसर में भी पानी भर गया है. जिससे कॉलेज आने जाने वाले छात्रों, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को दिक्कत हो रही है.

शुक्रवार को हमारी टीम ने इन इलाकों का जायजा लिया. इस दौरान छात्रों और शिक्षकों ने अपनी समस्या से अवगत कराया.

कॉलेज कर्मी शंकर सिंह ने बताया कि जलजमाव का कारण ब्रह्मपुर पुल के पास बना सलुइस गेट का बंद होना है. जिसके कारण नदी का पानी बढ़ने के बाद आसपास के इलाकों में फैल रहा है. जिसके कारण कॉलेज परिसर जलमग्न हो गया है. पानी तीन दिनों से बढ़ रहा है.

 

अमनौर: सारण तटबंध के निकटतम तीन पंचायत धर्मपुर जाफर, बसंतपुर बंगला, अमनौर कल्याण के लगभग एक दर्जन गाँव बाढ़ के चपेट में है. कुआरी, बगही, पशुरामपुर,निचले भाग, गुणा छपरा, डवर छपरा, निशंक विष्णुपुर, शाहपुर, गोसी अमनौर, पूर्ण रूप से बाढ़ के चपेट में आ गए है. कुआरी, परशुरामपुर, गुना छपरा गाँव के प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क के ऊपर से तीन चार फिट पानी तेज गति में गिर रही है, जिससे आवागमन मार्ग अवरुद्ध हो गया है. बगही नहर पुल के पास बाढ़ पीड़ित घर छोड़कर तंबू गाड़कर रह रहे है.

कुछ लोग पानी की धारा इतनी तेज है कि आस पास के गाँव को भी 24 घण्टा के अंदर आगोश में ले लेगी. ग्रामीण केले के नाव बनाकर आने जाने का संसाधन बनाए हुए है. ग्रामीण राहत के लिए भटक रहे है. बाढ़ पीड़ित को कोई राहत सामग्री नही वितरण की गई है. बीडीओ बैभव कुमार, सीओ मनोज श्रीवास्तव, थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बाढ़ क्षेत्रो का भ्रमण करने के दौरान कहा कि जिला प्रसाशन से चार नाव, तिरपाल, राहत सामग्री की मांग की गई है. जल्द ही शिविर लगाकर राहत सामग्री की वितरण करने की बात कही.

अमनौर: पूर्व प्रमुख सुनील राय और उप प्रमुख विवेकानंद राय के पहल पर कर्मचारियो ने बुधवार की संध्या सैकड़ो बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया गया. सुनील राय ने लोगो को आश्वस्त किया कि हर संध्या में इनके तरफ से राहत सामग्री व्यवस्थित कर बाढ़ पीड़ितों के लिए खाना बनवाया जायेगा.

इस अवसर पर मुखिया संजय साह, मोहमद मंशाद अली, मुकेश चौबे, एस आई, बिनोद राय, शिक्षक बीरेंद्र राम, अशर्फी दास समेत दर्जनों शामिल थे.

छपरा: सारण जिला जदयू के द्वारा बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए खाद्य सामग्री वितरण शिविर लगाया गया है.

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र तरैया और पानापुर बाजार में जिला जदयू द्वारा सामग्री वितरण शिविर लगाया गया है. जहां बाढ़ पीड़ितों को चूड़ा, गुड़, सत्तू और अन्य खाद्य सामग्री प्रदान की जा रही है.

जदयू जिलाध्यक्ष अल्ताफ़ आलम राजू ने बताया कि शिविर 24 घंटे कार्यरत रहेगा. बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पार्टी की ओर से सुविधा सहायता मुहैया कराई जाएगी.

कैम्प का उद्घाटन जिलाध्यक्ष ने फीता काट कर किया.

इस मौके पर जदयू नेता शैलेन्द्र प्रताप सिंह, संतोष महतो, वैद्यनाथ प्रसाद विकल, नवल किशोर कुशवाहा, मो फ़िरोज उपस्थित थे.

छपरा: सारण जिला के 6 प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. पानापुर, तरैया, मशरख, परसा, मकेर एवं दरियापुर के 23 पंचायतो की लगभग 1 लाख की आबादी बाढ़ प्रभावित है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुँचाना जिला प्रशासन के लिए चुनौती और प्राथमिकता बनी हुई है. जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद के निर्देश पर नगर निगम सभागार में राहत सामग्री के पैकेट बनाने का कार्य जारी है. इन पैकेटों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के बीच भेजा जाता है.

जिला आपूर्ति पदाधिकारी अनिल कुमार रमण ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुँचाने के लिए राहत पैकेट को साफ सफाई के साथ पैक किया जा रहा है. इन पैकेटों में चूड़ा, मीठा, माचिस, मोमबत्ती, ORS, हैलोजन टेबलेट आदि रखे जाते है.

उन्होंने बताया कि अबतक लगभग 12000 पैकेट राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जा चुके है. वही शनिवार को लगभग 5200 पैकेट भेजे गए.

उन्होंने बताया कि बाढ़ राहत सभी प्रभावितों को ससमय राहत सामग्री मिले इसके लिए युद्ध स्तर पर दिन रात कार्य किये जा रहे है.  

अमनौर: गंडक नदी के जल स्तर बढ़ने से सारण तटबंध के दियारा क्षेत्र परशुरामपुर में रिंग बांध टूट गया है जिससे परशुरामपुर, कुआरी, साहपुर में दर्जनों घर बाढ़ के चपेट में आ गए है. सभी बाढ़ पीड़ित किसी प्रकार घर से अपना सामान निकालकर छत पर रखे हुए हैं.

कुछ लोग सारण तटबंध पर आकर रहने को मजबूर हैं. बाढ़ आने की बात सुन सूर्योदय के समय ही प्रखंड विकास पदाधिकारी वैभव कुमार, स्वास्थ्य टीम के साथ प्रभारी बी के चौधरी, प्रबंधक शिवकुमार पासवान, पीयूष कुमार, प्रमुख विश्वामित्र शर्मा, पूर्व प्रमुख सुनील राय, उप प्रमुख विक्की राय ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया. स्वास्थ्यकर्मीयों द्वारा बाढ़ पीड़ितों को दवाइयां, ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध कराई गईं. इसके साथ ही दो ए एन एम् को सारण तटबंध पर नियुक्त किया गया है.

बी डी ओ वैभव कुमार ने बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका हाल चाल जाना और हर सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि सारण तटबंध से पानी अभी नीचे है, तटबंध अभी पूर्ण रूप से सुरक्षित है. दियारा क्षेत्र के जो गांव है वही बाढ़ के चपेट में हैं. आस पास के ग्रामीणों को भयभीत होने की जरुरत नही है.