इसुआपुर: शिक्षा और शिक्षक की अस्मिता विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में बतौर मुख्यवक्ता मैत्रीय बीएड कॉलेज के प्रचार्य ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा और शिक्षकों की अस्मिता आज प्रासंगिक है. आज की शिक्षा छात्रों के अनुरूप होनी चाहिए. जिससे की बच्चे अपने परिवेश के आधार पर शिक्षा ग्रहण करें.
उन्होंने भाषाई विविधता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भाषा अपने भूगोल से जानी जाती है. जिस किसी भी भाषा का भूगोल ज्यादा है उनका प्रचलन भी ज्यादा है. लेकिन भोजपुरी का भूगोल कम होने से यह उतना प्रबल नही बन सका.
उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन शिक्षकों की समस्या बढ़ती जा रही है. लेकिन इसके साथ साथ निराकरण भी हो रहा है. समान कार्य के लिए समान वेतन के लिए न्यायालय ने अपनी राय दी है जिसके बाद का निर्णय सरकार के द्वारा किया जाना है.
सेमिनार का संचालन द्वारिका तिवारी ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन राजीव कुमार सिंह ने किया.
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