पूर्वी चंपारण में फिर खिलेगा कमल या महागठबंधन बदलेगा इतिहास

पूर्वी चंपारण में फिर खिलेगा कमल या महागठबंधन बदलेगा इतिहास

• 17 लाख 89 हजार 619 मतदाता करेंगे पूर्वी चंपारण के भविष्य का निर्णय
• 29 अप्रैल से 6 मई तक नामांकन, 25 मई को मतदान

Motihari (Pratik Kumar): महात्मा गाँधी की कर्मभूमि चंपारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में जितनी महत्वपूर्ण स्थान रखती है, उतनी ही आधुनिक भारत की राजनीति में। बिहार में जातिय कारकों को ध्यान में रखकर होने वाली राजनीति का 03-पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट एक ठोस उदाहरण है। 1952 से लेकर 2019 तक यहां 17 बार लोकसभा चुनाव हुए। इसमें 15 बार सवर्ण जाति के नेता सांसद बने, जिसमें राजपूत जाति के नेता सात और ब्राह्मण उम्मीदवार पांच बार चुनाव जीते। वहीं, भूमिहार प्रत्याशी की जीत तीन बार हुई है। केवल 1984 और 1998 में गैर सवर्ण सांसद बने हैं।

वर्ष 2002 में गठित भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के कार्यान्वयन के एक भाग के रूप वर्ष 2008 में अस्तित्व में आया पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट पहले मोतिहारी के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद वर्ष 1952 से 1972 तक हुए चुनावों में यहां कांग्रेस का दबदबा बना रहा और विभूति मिश्रा ने इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। लेकिन कांग्रेस को झटका तब लगा जब 1977 के आम चुनाव में पहली बार जनता पार्टी के नेता ठाकुर रामापति सिंह ने यहां से जीत दर्ज की।
इसके बाद हुए अन्य आम चुनावों में समय-समय पर यहां की जनता ने अपना प्रतिनिधित्व सीपीआई, भाजपा, राजद को भी दिया। लेकिन वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद से हुए 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में लगातार भारतीय जनता पार्टी ने राधा मोहन सिंह के नेतृत्व में इस सीट पर जीत दर्ज की। इस बार भी भाजपा ने अपना विश्वास निवर्तमान सांसद राधा मोहन सिंह पर ही जताया है और पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट से फिर एकबार उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
वहीं विपक्ष ने अपनी रणनीति बदलते हुए वीआईपी पार्टी को इस सीट पर मुकाबला करने के लिए उतारा है। पूर्वी चंपारण सीट पर लड़ाई काफी रोचक हो गई है क्योंकि विपक्षी महागठबंधन ने डॉ. राजेश कुमार कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया है जिनके पास लोकसभा चुनाव का कोई अनुभव नहीं है जबकि भाजपा के प्रत्याशी अबतक कुल छः बार सांसद रह चुके हैं और लगातार तीन बार से यहां के सांसद हैं। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या इसबार भी राजनीतिक अनुभव और मोदी का विश्वास राधा मोहन सिंह को जीत दिलाएगा या फिर परिवर्तन का दावा कर रहा महागठबंधन इतिहास बनाने में सफल होगा।
छः में से चार विधानसभा सीटों पर भाजपा का है कब्जा:
03- पूर्वी चंपारण संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 13- हरसिद्धि, 14- गोविंदगंज ,15- केसरिया, 16- कल्याणपुर, 17-पिपरा एवं 19- मोतिहारी विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इन विधानसभा सीटों में से चार का प्रतिनिधित्व भाजपा के हीं पास है। जिनमें हरसिद्धि (सु), गोविंदगंज, पिपरा और मोतिहारी शामिल है। वहीं अन्य दो सीटों में से एक सीट केसरिया पर भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू का कब्जा है, जबकि मात्र एक सीट कल्याणपुर का नेतृत्व विपक्षी दल राजद के हाथों में है। ऐसे में पूर्वी चंपारण सीट पर भाजपा को चुनौती देना महागठबंधन के लिए उल्टी गंगा बहाने के समान होगा।
25 मई को होगा प्रत्याशियों के भाग्य का निर्णय :
बताते चलें कि पूर्वी चंपारण सीट पर 29 अप्रैल से 6 मई तक नामांकन की प्रक्रिया चलेगी। 07 मई को नामांकन पत्र की समीक्षा की जाएगी, वहीं 9 मई तक प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले पाएंगे। 25 मई को मतदान होगा तथा 4 जून 2024 को मतगणना की तिथि निर्धारित है।
जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर बताया कि इस संसदीय क्षेत्र अंतर्गत कुल 1743 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां कुल 17 लाख 89 हजार 619 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इन मतदाताओं में 9,39,494 पुरुष मतदाता तथा 8,50,104 महिला मतदाता शामिल हैं।
इस संसदीय क्षेत्र अंतर्गत 18 से 19 आयु वर्ग वाले 29,506 युवा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। दिव्यांगजन मतदाताओं की संख्या 16,721 है जबकि 85 प्लस आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 27,997 है।
कब किसने किया प्रतिनिधित्व :
1952 से 1972 तक कांग्रेस विभूति मिश्रा
1977 जनता पार्टी ठाकुर रमापति सिंह
1980 सीपीआई कमला मिश्र मधुकर
1984 कांग्रेस प्रभावती गुप्ता
1989 भाजपा राधा मोहन सिंह
1991 (मध्यावधि चुनाव) सीपीआई कमला मिश्र मधुकर
1996 भाजपा राधा मोहन सिंह
1998 राजद रमा देवी
1999 (मध्यावधि चुनाव) भाजपा राधा मोहन सिंह
2004 राजद अखिलेश प्रसाद सिंह
2009 भाजपा राधा मोहन सिंह
2014 भाजपा राधा मोहन सिंह
2019 भाजपा राधा मोहन सिंह
कौन हैं राधा मोहन सिंह :
राधा मोहन सिंह भारतीय जनता पार्टी के एक नेता और पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र के निवर्तमान सांसद हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जनसंघ व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे श्री सिंह, सार्वजनिक जीवन में संगठन के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं।
वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी की बिहार राज्य इकाई के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन कर चुके हैं। छः बार सासंद रहे राधा मोहन सिंह पहले मोदी मंत्रालय के दौरान 2014 से 2019 तक केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री के रूप में भी अपना योगदान दिया है।
कौन है महागठबंधन का प्रत्याशी?
वीआईपी उम्मीदवार डॉ. राजेश कुशवाहा पेशे से एक डॉक्टर हैं। वर्ष 2015 के राजद के टिकट से केसरिया विधानसभा का चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अपनी उम्मीदवारी पेश की थी, लेकिन मोतिहारी सीट के आरएलएसपी के खाते में चले जाने के बाद उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। उसके बाद किसी कारण से 2020 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट कट गया। फिर भी वह निर्दलीय चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहे, जिसकी वजह से महागठबंधन के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी के खिलाफ जाने के कारण डॉ.राजेश को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। फिर 3 दिसंबर 2021 को प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने डॉ. राजेश को पुनः राजद में ज्वाइन कराया. उसके बाद से वह राजद में बने रहे। राजनीतिक जानकारों की मानें तो पूर्वी चंपारण सीट वीआईपी के हिस्सा में आ जाने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सलाह पर मुकेश सहनी ने डॉ.राजेश कुमार को पूर्वी चंपारण से वीआईपी का उम्मीदवार बनाया गया। उसके बाद डॉ. राजेश को वीआईपी की सदस्यता दिलाई गई और पार्टी का सिंबल देकर महागठबंधन का प्रत्याशी घोषित किया गया।
डीएम का निर्देश, सभी बूथों पर चिकत्सा सुविधा रहे उपलब्ध :
भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए लोकसभा चुनाव कार्य में किसी तरह के स्वास्थ्य इमरजेंसी से निपटने को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम सौरभ जोरवाल ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। जिसके आलोक में सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिंह ने चुनाव कार्य के दौरान प्रतिनियुक्त कर्मियों एवं सुरक्षा कर्मियों के गंभीर रूप से जख्मी या बीमार होने पर नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश सदर अस्पताल सहित जिले के रेफरल व पीएचसी प्रभारियों को दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव को लेकर कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है। किसी तरह की आकस्मिक घटना को लेकर तुरंत कंट्रोल रूम से संपर्क किया जा सकता है। कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर तुरंत सार्वजनिक कर दिया जाएगा। गर्मी की तपिश बढ़ने के कारण सन स्ट्रोक की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में मतदाता एवं मतदान कर्मियों के प्रभावित होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सभी बूथ एवं अस्पताल में डिहाइड्रेशन एवं डायरिया के उपचार की समुचित व्यवस्था रखने का भी निर्देश दिया गया है। इसके अलावा क्विक रिस्पांस टीम व एम्बुलेंस के साथ ही दवा की पर्याप्त व्यवस्था रखने का भी टास्क दिया गया है।
0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें