छपरा: विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना की जगदम कॉलेज इकाई द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य वक्ता इतिहास विभाग के विभागध्यक्ष डॉ चिरंजीवी लोचन ने मानवाधिकार से सम्बंधित आंदोलनों और उन अधिकारों की वास्तविक स्थिति पर विस्तृत चर्चा करते हुए उसके उद्देश्यों को बताया.

मानवाधिकार के सन्दर्भ में स्वयंसेवक प्रिन्स कुमार, मो शमशाद, मोहित, अभिमन्यु, अमृत, सोनाली, निधि, प्रीति, गुड़िया, ममता, रितेश सहित दर्जनों छात्रों ने अपने विचारों को रखा.

कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन मंटू कुमार यादव ने किया.

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छपरा: मद्य निषेध अभियान के द्वितीय चरण को लेकर जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, केआरपी और प्रखंड समन्वयक साक्षर भारत मिशन की बैठक आयोजित की गयी. शनिवार को स्थानीय जिला स्कूल परिसर में आयोजित बैठक की अध्यक्षता जिला शिक्षा पदाधिकारी अजीत सिंह ने की.

बैठक को संबोधित करते हुए डीईओ ने मद्य निषेध अभियान के द्वितीय चरण को लेकर विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों को बताया. उन्होंने कहा कि मद्य निषेध अभियान के द्वितीय चरण में पूरे सूबे में मानव श्रृंखला का निर्माण किया जा रहा है. आगामी 21 जनवरी को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर रोड मैप बनाया गया है. राज्य कार्यालय से अनुमोदित नक्शा के अनुरूप राष्ट्रीय राजमार्ग के बायीं तरफ मानव श्रृंखला का निर्माण कराया जायेगा. इसके अलावे अन्य सड़क मार्गो पर भी इस श्रृंखला का निर्माण कर शराबबंदी के पक्ष में आम जनता को एक सूत्र में बांधने का निर्णय लिया गया है.

उन्होंने कहा कि पंचायत से लेकर जिलास्तर तक इस कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर तैयारी शुरू हो गयी है. सभी स्तर पर कमिटी का गठन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि मानव श्रृंखला में सभी विभाग के कर्मी, पदाधिकारी और विद्यालय के 1 से 4 तक के छात्रों को छोड़कर सभी वर्गों के छात्र छात्रा शामिल होंगे.

बैठक में बीइओ लखेंद्र पासवान, कमरुद्दीन अंसारी, एसआरजी यसवंत कुमार सिंह सहित समन्वयक संजय कुमार, राकेश कुमार, केआरपी संदीप कुमार, जयराम कुमार, आशा किरण सिन्हा सहित सभी प्रखंड समन्वयक शामिल थे.

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छपरा: जेपी विश्वविद्यालय के भोजपुरी विभाग को बंद किये जाने के फैसले के बाद भोजपुरी प्रेमी और विद्यार्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

विश्वविद्यालय में भोजपुरी की पढ़ाई की पुनर्बहाली को लेकर भोजपुरी जन जागरण अभियान के बिहार प्रदेश प्रभारी उमाशंकर शाहू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने भोजपुरी विभाग को पुनः बहाल करने के लिए कदम उठाने की बात रखी. श्री साहू ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से डीएसडब्लू और प्रो० राकेश कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया की एडमिशन कमिटी की आगामी बैठक में भोजपुरी विभाग के संचालन के लिए कोई रास्ता निकाला जायेगा.

प्रतिनिधि मंडल में महासचिव रंजीत भोजपुरिया, पंकज प्रसाद आदि मौजूद थे.

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एकमा: परिवर्तनकारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ की बैठक शनिवार को बीआरसी में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार शिक्षको को समान कार्य के लिए समान वेतन लागू करें.

उन्होंने कहा कि सरकार अगर इस सन्दर्भ में अविलंब शिक्षको के हित से जुड़े कोई ठोस निर्णय नहीं लेगी तो इसके लिए संघ आगामी 17 दिसम्बर को जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन करेगा.

इस मौके पर ब्यास सिंह, सुमन प्रसाद कुशवाहा, पवन कुमार, शशि प्रकाश तिवारी, गिरिधर प्रसाद रस्तोगी, वेद प्रकाश सिंह, उपेन्द्र यादव, अनुपमा सिंह, लक्षमिप्रभा, बेबी कुमारी, ममता कुमारी, निर्मला कुमारी, गाजी हसन, नसीम अंसारी, सुजीत कुमार आदि लोग उपस्थित थे.

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छपरा: सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव राजाजी राजेश द्वारा प्रमंडलीय सचिव पद के लिये होने वाले मध्यावधि चुनाव में प्रत्याशी बदले जाने को लेकर शिक्षकों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है. 11 दिसंबर को होने वाले एकल पद के चुनाव के लिए कुल 25 मतदाताओं की सूची बुधवार को जिला सचिव को प्राप्त हो चुकी है.

ज्ञातव्य हो कि जिला सचिव पद के लिए जहाँ एक सप्ताह पूर्व राजाजी राजेश गुट से वर्तमान परीक्षा सचिव विद्यासागर विद्यार्थी एवं दूसरे गुट से सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक चन्द्रमा सिंह के नाम चर्चा में थे. वही जातीय समीकरण का गुणा भाग करते हुए राजाजी राजेश द्वारा रामजीवन सिंह जीवन उर्फ़ कवि जी को उम्मीदवार बनाया गया है. सचिव पद के उम्मीदवार से बिना किसी कारण पूछे बदले जाने से आहत विद्यासागर विद्यार्थी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

श्री विद्यार्थी के चुनावी मैदान में कूदने से अब मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. शिक्षक प्रतिनिधियों द्वारा देर रात तक मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए घर घर जाकर मिलने का कार्य किया जा रहा है. इस संबंध में पूछे जाने पर विद्यासागर विद्यार्थी ने बताया कि अब फैसला चाहे जो हो चुनाव के मैदान से हटने का सवाल ही नहीं उठता है.

विदित हो कि पांच माह पूर्व हुए प्रमंडलीय चुनाव में राजाजी राजेश गुट के उम्मीदवार रामजीवन सिंह जीवन उर्फ़ कविजी की हार हुई थी और वीर बहादुर सिंह विजयी हुए थे. एक माह पूर्व उनकी मृत्यु हो जाने के कारण बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा चुनाव कराया जा रहा है.

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नगरा (मो.अयूब रजा की रिपोर्ट): शासन-प्रशासन विकास के लाख दावे करें, लेकिन हकीकत कोसों दूर हैं. नगरा में शिक्षा की हालत बदतर है. स्कूली बच्चे खुले आसमान के नीचे एक खंडहर में पढ़ने को मजबूर हैं. कई सालों से स्कूल के भवन की मांग की जा रही है. लेकिन शासन प्रशासन आंख-कान मूंद कर बैठा है. न बेंच है, न भवन है. खुले आसमां के नीचे पढ़ने का आसियां हैं. यही है हमारे शिक्षण संस्थानों की तस्वीर, जो सरकार के सुशासन के नारे को चिढ़ा रही है.

देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कई सबक सीख रहे हैं. जीता जगता उदाहरण क्षेत्र के सरकारी संस्थानों का बुरा हाल है. एक ओर जहां स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है, वहीं स्कूल भवन नहीं होने से बच्चों को खुले आसमान के नीचे मजबूरन पढ़ाई करनी पड़ रही है. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते अनुभाग क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति में है. कई स्कूल शिक्षक विहीन हैं तो कई स्कूल ऐसे है जहां शिक्षक तो पदस्थ है लेकिन वे पढ़ाई की बजाय अक्सर गपशप करने में मशगूल रहते है. कहीं छात्रों की उपस्थिति कम रहती है. जिसके चलते जहां बच्चों का भविष्य अंधकार मय है, वहीं अभिभावकों में रोष व्याप्त है.

सरकार की शिक्षा का अधिकार, सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है. वहीँ क्षेत्र के नगरा पंचायत में रसूलपुर गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय रसूलपुर स्कूल भवन की कमी के कारण खेल मैदान में ही कक्षाएं लगती है. भवन तो उपलब्ध है, लेकिन स्कूल के लिए पर्याप्त रुम नहीं होने के कारण स्कूल के ही दो कमरों में स्कूल का संचालन किया जाता है. ऐसे में स्कूल के पास अब दो ही कक्ष बच गए हैं, जहां बैठकर बच्चे पढ़ते हैं.

उत्क्रमित मध्य विद्यालय रसूलपुर के छात्र आज भी पेड़ के नीचे बैठ पढ़ाई कर रहे हैं. यह इनका शौक नहीं है. बल्कि विद्यालय में संसाधन के अभाव के कारण बच्चे इसके लिए मजबूर हैं. लेकिन आज तक इस विद्यालय को आवश्यकता के अनुरूप संसाधन मुहैया नहीं कराया जा सका. इस कारण छात्रों को पढ़ाई में बाधा समेत अन्य परेशानी से भी दो-चार होना पड़ता है.

लगभग 300 छात्र हैं नामांकित

मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय में छात्रों की संख्या 3 सौ से अधिक है. इनको पढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है, लेकिन वर्ग कक्ष मात्र दो रहने के कारण कक्षा एक से चार तक के सैकड़ों बच्चे वर्षो से  पड़ तले खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं. जबकि पांचवी से आठवी तक के बच्चों को ठूंसकर वर्ग कक्ष में सभी को  नीचे बैठते है. स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक लगभग 300 बच्चे अध्ययनरत हैं. दोनों कक्षाओं को सेक्शन में विभाजित किया गया है. इनमें से कुछ कक्षाएं स्कूल भवन में संचालित होती है और कुछ कक्षाएं मैदान में खुले आसमान के नीचे।.

बारिश में हो जाती है छुट्टी

गांव में जिस दिन भी बारिश होती है उस दिन स्कूल की छुट्टी दे दी जाती है. चूंकि बारिश के कारण बाहर मैदान में पानी भर जाता है, ऐसे में उस दिन कक्षाएं नहीं लगती. बारिश अगर तेज हुई और मैदान ज्यादा गीला हुआ तो फिर कई दिनों तक कक्षाएं नहीं लगती. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होता है. स्कूल के शिक्षक भी कहते हैं कि जब तक कक्षाओं में स्कूल संचालित नहीं होती, बच्चों को पढ़ाने में परेशानी होती है.
मीडिल स्कूल का भी बुरा हाल

गांव के स्कूल का भी बुरा हाल है. फिलहाल  स्कूल का संचालन स्कूल के भवन से ही किया जा रहा है. दो कमरों के इस स्कूल में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया है. बच्चों के लिए ठीक से बैठक व्यवस्था भी नहीं है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. अभी भी प्रवेश का दौर जारी है. स्कूल के लिए भवन निर्माण का कार्य जारी हो जाता लेकिन विभाग के तरफ से स्कूल निर्माण के लिए आया पैसा वापस चला गया, समाजसेवी ठेकेदार की लेटलतीफी का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.

नहीं हो रही पढ़ाई

स्कूल में जब पत्रकार पहुचे तो स्कूल में केवल तीन शिक्षक मौजूद थे. इनमें से प्राचार्य सहित दोनों शिक्षक प्रवेश सहित अन्य विभागीय कार्य में व्यस्त थे. दो ही कक्षाओं में केवल बच्चे ही थे। और सभी बच्चे खेल के मैदान खेल रहे थे. अपने अपने किताब कॉपी बोरा बिछा कर रख कर.

ग्रामीण क्षेत्रों में बुरा हाल

क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षा सत्र के शुरूआती दिनों में ही बुरा हाल है. शिक्षक न तो टाइम पर स्कूल पहुंचते और न ही रोजाना अपनी उपस्थिति दर्ज कराते. शिक्षकों की मिलीभगत के कारण शिक्षक उपस्थिति पंजी को खाली छोड़ दिया जाता है, ताकी दूसरे दिन शिक्षक के आने पर उपस्थिति हस्ताक्षर हो सके.

क्या कहते है स्कूल के शिक्षक

मीणा कुमारी सिंह, बबिता कुमारी, मनोज प्रसाद, प्रधानाध्यापक गौतम मांझी ने बताया की यहाँ पर बहुत परेशानी है. बच्चों को पढ़ने लिखने में दो ही रूम है. जहाँ आठ क्लास के छात्र छात्राएं है. स्कूल को भवन नही होने से सभी को खेल के मैदान में बैठाकर पढ़ाया जाता है. वही शिक्षक का भी अभाव है.

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छपरा: शीतलहर के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जिला प्रशासन ने जिले के सभी स्कूलों के कक्षा 1 से 6 के समय को बदलने का आदेश जारी किया है. dm-school

जारी आदेश के अनुसार सभी विद्यालयों को 8 दिसंबर से प्रातः 9 बजे से कक्षाओं को प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है. उक्त जानकारी जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी ने दी.

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छपरा: जय प्रकाश विश्वविद्यालय में पीजी भोजपुरी और दर्शनशास्त्र की पढ़ाई बंद किये जाने के विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले के खिलाफ इन दिनों छात्रों पूर्व शिक्षकों से लेकर भोजपुरी प्रेमी लोग आन्दोलन कर रहे है. ऐसे में छपरा टुडे डॉट कॉम ने विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं और पूर्व शिक्षकों से बातचीत की और उनके राय जाने.

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छपरा: भोजपुरी और दर्शनशास्त्र से पीजी करने के इच्छुक छात्रों के लिए अच्छी खबर नही है. भोजपुरी क्षेत्र में स्थापित जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अब भोजपुरी और दर्शनशास्त्र की पढ़ाई नहीं होगी.

विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा गठित नामांकन समिति के फैसले के बाद ऐसा कदम उठाया गया है. भोजपुरी क्षेत्र में स्थापित विश्वविद्यालय के इस निर्णय से भोजपुरी की पढाई करने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों की परेशानियां बढ़ गयी है. इसके साथ ही उन विद्यार्थियों की भी परेशानी बढ़ गयी है जिन्होंने पीजी भोजपुरी और दर्शनशास्त्र प्रथम सेमेस्टर में नामांकन के लिए आवेदन किया है. छात्रों का कहना है कि ऐसे निर्णय से विश्वविद्यालय उनके करियर से खिलवाड़ कर रहा है.

इस आदेश के बाद जयप्रकाश विश्वविद्यालय से जुड़े कई छात्र संगठनों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. छात्र संगठन आरएसए ने एक बैठक कर इस निर्णय को गलत बताते हुए आन्दोलन की चेतावनी दी है. साथ ही कहा है कि जब चांसलर ने कुलपति के नीतिगत निर्णयों पर रोक लगा दी है तो फिर विभाग बंद करने का निर्णय कैसे ले सकते है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्र नेताओं ने भी विश्वविद्यालय के इस फैसले को तानाशाही बताते हुए आन्दोलन की बात कही है. 

बहरहाल विश्वविद्यालय के इस फैसले से भोजपुरी पढ़ने की इच्छा रखने वाले और इस भाषा के उत्थान में लगे लोगों को तकलीफ हुई है.

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छपरा: देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की 132वीं जयंती स्थानीय राजेंद्र महाविद्यालय में धूम धाम से मनाई गई. समारोह का विधिवत उदघाट्न महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, पूर्व विधान पार्षद महाचंद्र प्रसाद सिंह, छपरा विधायक डॉ सी एन गुप्ता, पूर्व मंत्री उदित राय, रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी अतिदेवानंद महाराज एवं प्राचार्य रामश्रेष्ठ राय ने संयुक्त रूप से डॉ राजेंद्र प्रसाद के प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया.

इस अवसर पर अपने संबोधन में महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद एक सफल राजनीतिज्ञ के साथ साथ एक सफल व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे. उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह गौरव की बात है कि मैं इस महाविद्यालय का छात्र हूँ. उन्होंने वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को आड़े हाथों लेते हुए उस समय की शिक्षा और आज की शिक्षा में अंतर है. img_20161203_145629

राजेंद्र महाविद्यालय में प्रदेश के अलावे पड़ोसी देशों के छात्र भी पढ़ने आते थे यहां की प्रायोगिक शिक्षा बेहतर हुआ करती थी. विवि में व्याप्त अराजकता और शिक्षकों की स्थिति पर उन्होंने शिक्षा में भी सर्जिकल स्ट्राइक होने की बात कही. उन्होंने कहा कि आज दोषी को दोषी कहने वाले की जरुरत है. विवि में कई विद्वान् शिक्षक है लेकिन वैसे शिक्षक किसी की हाँ में हाँ नहीं मिला सकते. जिनके कारण उनकी प्रोनत्ति नही होती है. प्रयोगात्मक रवैये से विवि नही चलता है. महाविद्यालय के बेहतर शैक्षणिक वातावरण निर्माण को लेकर विश्वविद्यालय का सहयोग मिलना आवश्यक है. विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र- छात्राओं के आपसी सामंजस्य से शिक्षा का विकास संभव है.

उन्होंने नियोजित शिक्षकों की समस्या को बताते हुए कहा कि सामान कार्य के लिए विसंगतियों भरा वेतन है. जिससे शिक्षा के स्थिति बिगड़ गयी है. इस मौके पर सांसद ने राजेंद्र महाविद्यालय के विकास मद में 10 लाख रूपये का अनुदान देने की घोषणा की है.

वही महाचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि राजेंद्र महाविद्यालय सूबे का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है. यहां शिक्षा लेना हर छात्र के लिए गौरव की बात है. लेकिन अब यह महाविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है.

इसके अलावे डॉ सी एन गुप्ता, पूर्व मंत्री उदित राय, स्वामी अतिदेवानंद, डॉ दिनेन्द्र प्रसाद सिन्हा सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया.

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सोनपुर: देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती सभी शैक्षणिक संस्थानों में समारोह पूर्वक मनाई गई. इस अवसर पर जिले के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में प्रथम राष्ट्रपति के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किया गया. इस अवसर पर कई विद्यालयों के बच्चों ने प्रभातफेरी भी निकाली.

जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान सोनपुर में भी देशरत्न की जयंती पर उन्हें यादकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. प्राचार्य दीपा साहा के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षकों और प्रशिक्षुओं ने पुष्प अर्पित किया. साथ ही देशरत्न के जीवन वृतांत पर चर्चा कर उसे अपने जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया गया.

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छपरा: RSA के कार्यकर्ताओं के द्वारा 2 दिसम्बर शुक्रवार को भष्टाचार मुक्त दिवस मनाया गया. संगठन ने पूर्व कुलपति के बर्खास्तगी के एक साल पुरा होने पर विभिन्न महाविद्यालयों में छात्रों को लड्डू खिलाकर ख़ुशी मनाई गयी.

संगठन के सह-संयोजक मनीष पाण्डेय ने कहा कि लड़ाई तभी पूर्ण होगी जब विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह भ्रष्टाचार से मुक्त होगा. महासचिव विशाल कुमार सिंह ने कहा कि उस लड़ाई करने पर संघर्ष की क्षमता बढती है.

 

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