आइये इतिहास के पन्नों में 25 फ़रवरी  से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

महत्वपूर्ण घटनाएँ 

  • 1586 अकबर के दरबारी कवि बीरबल विद्रोही यूसुफजई के साथ एक लड़ाई में मारे गये।
    1746 कम्बरलैंड के राजा के सैनिकों ने एबरडीन पर कब्जा कर लिया।
    1797 विलियम टेट फिशगार्ड में ब्रिटिश को आत्मसमर्पण किया।
    1837 थॉमस डेवनपोर्ट द्वारा पहला अमेरिकी इलेक्ट्रिक प्रिंटिंग प्रेस पेटेंट कराया गया।
    1847 स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ लोवा को मंजूरी मिली।
    1875 लोन वुल्फ (गियोगोगो) के तहत कीवा भारतीयों ने फोर्ट सेल पर आत्मसमर्पण किया।
    1879 अमेरिकी कांग्रेस ने पहला टिम्बरलैंड संरक्षण अधिनियम पारित किया।
    1894 धार्मिक नेता मेहर बाबा का पुणे में जन्म हुआ।
    1945 दूसरे विश्व युद्ध के दौरान टर्की ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा की।
    1952 नार्वे की राजधानी ओस्लो में छठे शीतकालीन ओलंपिक खेलों का समापन हुआ।
    1962 आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत हुई।
    1975 सऊदी अरब के तत्कालीन शासक शाह फैसल की उनके ही भतीजे राजकुमार फैसल बिन मुसाद ने हत्या कर दी थी।
    1988 सतह से सतह तक मार करने वाली भारत की प्रथम मिसाइल पृथ्वी का सफल प्रक्षेपण हुआ।
    1996 इजरायल में दो आत्मघाती बमों से २५ लोगो की मौत हो गयी और ८० घायल, हमास ने हमले की जिम्मेदारी ली।
    2000 रूस की निचली संसद ड्यूमा द्वारा भारत के साथ द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि का अनुमोदन।
    2003 गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के 13वें शिखर सम्मेलन में ‘क्वालालंपुर घोषणा’ स्वीकृत।
    2006 दीपा मेहता की फ़िल्म ‘वाटर’ को ‘गोल्डेन किन्नारी’ पुरस्कार मिला।
    2008 एच.डी.एफ.सी. व सेंचुरियन बैंक ऑफ़ पंजाब के विलय के लिए शेयर अनुपात को मंज़ूरी दी गई। फ़िल्म ‘नौ कंट्री फ़ॉर ओल्ड मैन’ को 80वें आस्कर एकेडमी में वर्ष की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म चुना गया।

जन्म

  • 1899 गुरनाम सिंह / पुरुष / राजनीतिज्ञ / भारत
    1974 दिव्या भारती / महिला / अभिनेत्री / भारत
    1981 अनुज साहनी / पुरुष / अभिनेता / भारत
    1948 डैनी डेन्जोंगपा / पुरुष / अभिनेता / भारत
    1994 उर्वशी रौतेला / महिला / अभिनेत्री / भारत

निधन

  • 1971 बिमला प्रसाद चलीहा / पुरुष / राजनीतिज्ञ / भारत
    2007 पी भास्करण / पुरुष / कवि / भारत

इस सेक्शन में हम आप तक इतिहास में हुई प्रमुख घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

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(संतोष कुमार बंटी)
राजनीति में वही जीत दर्ज कर सकते हैं जिनकी बिसात बेहतर बिछाई गई हो. राजा के लिए समर्पित सैनिक एक बेहतर राजनीति के तहत जीत दर्ज कर सकते हैं. कहा भी गया है, योजनाबद्ध तरीके से किया गया कार्य ही सफल होता है. साफ मंसूबे ही जीत के दावेदार होते हैं.

इन सारी बातों का अगर गहन अध्ययन करें तो मंगलवार को आयोजित राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की प्रेस वार्ता ने बहुत कुछ साफ करते हुए अपना बिहार की राजनीति में एक संकेत जरूर दे दिया है. हालांकि स्पष्ट रूप से भले ही उन्होंने कुछ भी नहीं कहा लेकिन जिस तरह से उन्होंने वर्तमान नीतीश सरकार के 15 वर्षों के कार्यों की प्रशंसा के साथ आलोचना की, नीतीश कुमार से निजी और राजनीतिक संबंध तथा 15 वर्षों के विकासात्मक कार्यों की 2005 की सरकार से की गई तुलना. साथ ही साथ प्रदेश के विकास में जन सरोकार के मुद्दे शिक्षा, बिजली और सड़क तीनों का समेकित विश्लेषण कर एक खास वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने के प्रयास से यह कहा जा सकता हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए रणनीति बनाने वाले राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री पद के लिए बिहार में एक विकल्प हो सकते हैं.

नीतीश कुमार से पिता पुत्र की भांति संबंध, जोड़ना-हटाना उनका निर्णय
प्रशांत किशोर ने प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पिता और पुत्र की भांति संबंध होने की बात कही. उनका कहना है कि पार्टी में उन्होंने जोड़ा और हटाया यह उनका निर्णय है. प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक विचारधारा होती है. जिसके साथ वह आगे बढ़ता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 वर्षों में निश्चित ही बिहार की तस्वीर बदली है. लेकिन प्रदेश का विकास 15 वर्ष पहले जहां था आज भी वही है.

प्रदेश के विकास में जन सरोकार के मुद्दे बन सकते हैं हथियार
प्रशांत किशोर ने राजनीति में रणनीतिकार के रूप में अपनी शुरुआत की और सफल भी हुए. भाजपा, कांग्रेस और तत्काल में आप के साथ सफलता की गाथा लिखी है. जनता के नब्ज को वह अच्छी तरह से जानते है. 2020 के चुनाव में प्रदेश के विकास में जन सरोकार के मुद्दे को एक हथियार के रूप में शामिल कर सकते हैं.

श्री किशोर ने प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य में 2005 के मुकाबले साइकिल योजना, पोशाक योजना एवं छात्रवृत्ति योजना का वितरण कर सरकार ने विद्यालयों में नामांकन का ग्राफ़ भले ही बढा लिया लेकिन गुणवत्ता वाली शिक्षा बच्चों को नहीं मिली.

प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में बेहतर कार्य हुए जिसके लिए सीएम बधाई के पात्र हैं लेकिन सूबे में बिजली की खपत नहीं है. सूबे में परिवार सिर्फ एक बल्ब और एक पँखे के सहारे जीता है. उसके पास अन्य चीजों के खरीदने के पैसे नहीं है. जिसका वह उपयोग कर सकें.

सड़को का सूबे में जाल बिछा 2005 के मुकाबले सड़कों की स्थिति अच्छी है. वाहनों की संख्या भी अच्छी खासी निबंधित है लेकिन सड़क पर चलाने के लिए उनके पास आय नहीं है. बेरोजगारी बढ़ी है और इसके चलते पलायन होता है.

विगत कई वर्षों से राजनीति में युवाओं को जोड़ने का कर रहे हैं कार्य

जंग में सिपाही का होना बेहद जरूरी है और सिर्फ उनकी संख्या ही नहीं बल्कि उनमें हुनर हो. सिपाही अगर हुनरमंद होंगे तो वह संख्या में कम होने के बावजूद भी विपक्षी पर भारी पड़ सकते हैं. प्रशांत किशोर ने विगत वर्षों में राजनीति की रणनीति और उसमें युवाओं की भागीदारी को लेकर तैयारी की जा चुकी है. जिसके कारण उनके साथ हुनरमंद और हर काम मे माहिर काम करने वाले युवाओं की अच्छी खासी तादाद है जो उन्हें किसी भी लड़ाई में जीत दिलवा सकते है.

दिल्ली में संपन्न दिल्ली चुनाव के परिणाम के बाद ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर बिहार में एक नया ढांचा खड़ा कर सकते हैं. हालांकि जानकारों का मानना है कि प्रशांत किशोर एक प्रोफेशनल व्यक्ति है. दिल्ली चुनाव में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी के लिए रणनीति बनाई थी.

बहरहाल 2020 बिहार के लिए चुनावी वर्ष है और सभी पार्टी अपनी तरफ से इस चुनाव को जीतने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है. बीते वर्ष में प्रशांत किशोर ने चुनाव में किसी न किसी पार्टी के लिए काम किया है. वैसे श्री किशोर ने मीडिया के सामने भी चुनावी महाकुंभ में डुबकी लगाने की अपनी इच्छा जाहिर नहीं की है. लेकिन जन सरोकार के मुद्दे को आंकड़ों के साथ प्रदर्शित करना निश्चित तौर पर एक विकल्प के रूप में देखने को मजबूर करता है.

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आइये इतिहास के पन्नों में 15 फ़रवरी  से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

महत्त्वपूर्ण घटनाएं

  • 1677 – इंग्लैंड नरेश चार्ल्स द्वितीय ने फ़्रांस के ख़िलाफ़ डचों से गठबंधन किया।
  • 1763 – प्रसिया और आस्ट्रेलिया के बीच शांति संधि हुई।
  • 1764 – अमेरिका में सेंट लुईस शहर की स्थापना हुई।
  • 1798 – फ़्रांस ने रोम पर कब्ज़ा कर उसे गणराज्य घोषित किया।
  • 2017ISRO ने एक साथ 104 सेटेलाइट लॉन्च किए. इससे पहले किसी भी देश ने एक साथ इतने उपग्रहों का प्रक्षेपण नहीं किया था.

जन्म

  • 1564 – महान् खगोलशास्त्री गैलीलियो का जन्म।
  • 1964भारतीय अभिनेता आशुतोष गोवरिकर का  जन्म हुआ।

निधन

  • 1869 – महान उर्दू कवि और लेखक मिर्जा गालिब का निधन।
  • 1948 – प्रसिद्ध कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का निधन।
  • 2015 – अभिनेत्री मनोरमा का निधन।

इस सेक्शन में हम आपतक इतिहास में हुई तमाम घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

 

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आइये इतिहास के पन्नों में 14 फ़रवरी  से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

महत्त्वपूर्ण घटनाएं

1556: मात्र 13 वर्ष में अकबर का राजाभिषेक हुआ था.
1881: कोलकाता में भारत के पहले होमयोपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई.

जन्म

1933: अभिनेत्री मधुबाला का जन्म हुआ था.
1952: भारतीय जनता पार्टी की शीर्ष महिला राजनीतिज्ञ पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का जन्म हुआ.

निधन

2019: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRPF के जवानों पर हमला, 40 जवान शहीद.   

वेलेंटाइन दिवस : तीसरी शताब्दी में आज ही के दिन रोम में क्लाउडियस द्वितीय के शासन के दौरान वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ाया गया था. इसी के बाद से दुनिया में वैलेंटाइन्स डे के नाम इसे मनाया जाता है.

इस सेक्शन में हम आपतक इतिहास में हुई तमाम घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

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आइये इतिहास के पन्नों में 12 फ़रवरी  से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

महत्त्वपूर्ण घटनाएं

1818: चिली ने स्पेन से आजादी की औपचारिक घोषणा की।

1922: महात्मा गांधी ने कांग्रेस कार्यकारिणी समिति को असहयोग आंदोलन को समाप्त करने के लिए राजी किया.

1928: गांधी जी ने बारदोली में सत्याग्रह की घोषणा की.

1948: महात्मा गांधी की अस्थियों को इलाहाबाद में गंगा नदी सहित विभिन्न पवित्र स्थलों पर विसर्जित किया गया.

1975: भारत को चेचक से मुक्त देश घोषित किया गया।

जन्म

1809: अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जन्म हुआ.

1809: मशहूर भू-विज्ञानी चार्ल्स डार्विन का जन्म हुआ.

 1824: आर्य समाज के संस्थापक, समाज-सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म हुआ. 

निधन

2002: ईरान के एक विमान के ख़ुर्रमबाद हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 119 लोगों की मौत हुई.

इस सेक्शन में हम आपतक इतिहास में हुई तमाम घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

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आइये इतिहास के पन्नों में 11 फ़रवरी  से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

महत्त्वपूर्ण घटनाएं

1955: भारत में पहली बार अखबारों का प्रकाशन शुरू हुआ.
1990: दक्षिण अफ्रीका के महान नेता नेल्सन मंडेला को में 27 साल लंबी कैद से आज ही के दिन रिहाई मिली थी.

जन्म

1750: ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम’ के पहले शहीद तिलका माँझी का जन्‍म हुआ था.
1847: तेज दिमाग के बूते दुनिया को कई नायाब चीजें देने वाले अल्‍वा एडिसन का जन्‍म हुआ था.
1901: भारतीय क्रांतिकारी दामोदर स्वरूप सेठ का जन्‍म हुआ था.

निधन

1966: पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का ताशकंद में निधन हुआ.
1968: लेखक, जनसंघ संस्‍थापक, पत्रकार पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय का निधन.

इस सेक्शन में हम आपतक इतिहास में हुई तमाम घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

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इतिहास के पन्नों में आज की तारीख यानी 10 फ़रवरी महत्व रखती है. 10 फ़रवरी  से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

महत्त्वपूर्ण घटनाएं

1818: अंग्रेजों तथा मराठों के बीच तीसरा तथा अंतिम युद्ध रामपुर में लड़ा गया.
1846: ईस्‍ट इंडिया कंपनी और सिखों के बीच सोबराऊं की जंग शुरू हुई.
1921: महात्मा गांधी जी ने काशी विद्यापीठ का उद्घाटन किया.
 1921: ड्यूक आफ़ कनॉट नेइंडिया गेट की नींव रखी.
1931: नयी दिल्ली भारत की राजधानी बनी.
1979: ईटानगर को अरुणाचल प्रदेश की राजधानी बनाया गया.
 1981: खगोलविद राय पेंथर द्वारामें धूमकेतु की खोज.
1991: मुक्केबाजी की दुनिया के सबसे सफल खिलाड़ी रहे माइक टाइसन को आज ही के दिन बलात्कार का दोषी पाया गया था. अदालत ने उन्हें 6 साल की सजा सुनाई थी.
1996: आईबीएम के सुपर कंप्‍यूटर डीब ब्‍लू ने शतरंज में वर्ल्‍ड चैम्पियन मैरी कास्‍परोव को पहली बार हराया था.
2009: प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित भीमसेन जोशी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

जन्म

1847: बांग्‍ला कवि लेखक नवीनचंद्र सेन का जन्‍म हुआ था.
1970: मशहूर हिंदी कवि कुमार विश्वास का जन्म हुआ.
1847: बांग्‍ला कवि लेखक नवीनचंद्र सेन का जन्‍म हुआ था.
बलात्कार का दोषी पाया गया था. अदालत ने उन्हें 6 साल की सजा सुनाई थी.

निधन

1692: कलकत्ता के संस्थापक जॉब चारनॉक का कलकत्ता में निधन.

1984: सोवियत राष्ट्रपति यूरी आंद्रोपोव का देहांत.

 

इस सेक्शन में हम आपतक इतिहास में हुई तमाम घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

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इतिहास के पन्नों में आज की तारीख यानी 9 फ़रवरी महत्व रखती है. 9 फ़रवरी  से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

महत्त्वपूर्ण घटनाएं

1971: अपोलो 14 मिशन चांद से पृथ्‍वी पर लौटा.

1975: रूसी अंतरिक्ष यान सोयुज 17 अंतरिक्ष से 29 दिन बाद धरती पर लौटा.

जन्म

1968: भारतीय फिल्म अभिनेता राहुल रॉय का जन्म हुआ.

1970: ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट खिलाड़ी ग्लेन मैकग्राथ‎ का जन्म.

निधन

2006: फ़िल्म अभिनेत्री नादिरा का निधन (जन्म- 1932)

2016: नेपाल के 37वें प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का निधन हुआ.

इस सेक्शन में हम आपतक इतिहास में हुई तमाम घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

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इतिहास के पन्नों में आज की तारीख यानी 8 फ़रवरी महत्व रखती है. 8 फ़रवरी  से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

महत्त्वपूर्ण घटनाएं

1971: दुनिया के पहले इलेक्‍ट्रॉनिक शेयर बाजार नैस्‍डैक की शुरुआत हुई.

1994: क्रिकेटर कपिल देव ने  टेस्ट मैचों में 432 विकेट लेकर रिचर्ड हैडली के सबसे अधिक विकेट लेने के विश्व रिकार्ड को तोड़ दिया था.

1999: केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से अमेरिकी अंतरिक्ष यान स्टारडस्ट रवाना.

जन्म

1897: देश के तीसरे राष्‍ट्रपति जाकिर हुसैन का जन्‍म हुआ था.

1941: गजल गायक जगजीत सिंह का जन्‍म हुआ था.

1963: मोहम्मद अजहरुद्दीन राजनीतिज्ञ भारतीय  CRICKET टीम के पूर्व कप्तान हैं.

1951: में हिन्दी के मंचीय कवियों में से एक अशोक चक्रधर का जन्‍म हुआ था.

निधन

1995: आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाली महिला क्रांतिकारियों में से एक कल्पना दत्त का निधन.

1971: लेखक कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का निधन.

इस सेक्शन में हम आपतक इतिहास में हुई तमाम घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

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इतिहास के पन्नों में आज की तारीख यानी 21 जनवरी महत्व रखत़ा है. 21 जनवरी से जुड़ी देश-विदेश के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानते है. 

1958 – कॉपीराइट अधिनियम लागू किया गया।
1972 – मणिपुर मेघालय और त्रिपुरा राज्य का स्थापना दिवस।

21 जनवरी को जन्मे व्यक्ति.

1950 – बिली ओशन, पश्चिम भारतीय संगीतकार
1943 – प्रतिभा राय – उड़िया भाषा की प्रसिद्ध लेखिका।

21 जनवरी को हुए निधन.

1945 – रास बिहारी बोस- प्रख्यात वकील और शिक्षाविद
1950 – जॉर्ज ऑरवेल – अंग्रेजी के मशहूर लेखक।
1963 – शिवपूजन सहाय – हिन्दी साहित्य के एक उपन्यासकार, कहानीकार, सम्पादक और पत्रकार।
2016 – मृणालिनी साराभाई – भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना थीं।

 

इस सेक्शन में हम आपतक इतिहास में हुई तमाम घटनाओं के अपडेट पहुंचाएंगे. 

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By- Archana Kishore

आज़ादी… वही आज़ादी जो हमें 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से मिली थी। अंग्रेजों से लड़ाई हमारे हक़ की लड़ाई थी। जिसकी जीत में हमें आज़ादी मिली। उस दिन हमें आज़ादी मिल तो गई पर हम अब भी गुलाम हैं। इसे हम कड़वा सच ही कह सकते हैं कि आज़ादी मिले इतने साल बीत जाने के बाद भी हम आज़ाद नहीं हो पाए। आज़ाद ख्याल और आज़ाद ज़िंदगी अब भी हमारे देश में बहुत से लोगों के लिए एक सपना हैं। हमारे देश में रहने वाली महिलाएं, चाय की दुकानों या ढाबे पर काम करने वाले छोटे बच्चे, किसान, दलित और आदिवासी इन सभी की ज़िंदगी से आज़ादी अब भी बहुत दूर है।

अंग्रेजों से आज़ादी मिले आज सात दशक से ज़्यादा हो गए हैं। लेकिन सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और सामाजिक बंधनों के नाम पर हम अब तक गुलाम हैं। और ये गुलामी आज अंग्रेजों की वजह से नहीं है। हमारी ख़ुद की वजह से हैं। हमारी सोच की वजह से हैं। सोच जो महिलाओं को घर से निकलने नहीं देती। जो बाहर निकलती हैं उन्हें आगे नहीं बढ़ने देती।

आज आज़ादी को इतने साल हो गए

पर हम आज़ाद होकर भी गुलाम हो गए

हम आज़ाद हो गए अंग्रेजों से

पर अपनी ही मानसिकता के गुलाम हो गए

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक रोज 100 से अधिक महिलाओं से रेप होता है। 2011 के आंकड़ों के अनुसार हर 90 मिनट में एक दुल्हन दहेज़ की वजह से मरती हैं। हर साल एसिड अटैक के 250-300 मामले दर्ज होते हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 68% लड़कियों को रोजगार और 17% को शादी के नाम पर वेश्यालयों तक पहुंचाया जाता है।

सब तो बेचा जाता है, यहां कोयले से लेकर हीरा तक
कटे हुए बाल, मरी हुई मुर्गी और सुअर का गोश्त तक
तो वे लोग क्यों शर्मिंदा हों जो औरतें बेचते हैं???
– एकता नाहर

इसके अलावा बाल मज़दूरी के आंकड़ों को देखे तो जब 2011 जनगणना हुई थी तब हमारे देश में 1 करोड़ से ज़्यादा बाल मजदूर थे। और अभी चल रहा है साल 2019…। आंकड़ों का सही अंदाज़ा लगाना मुश्किल है। बाल मज़दूरी का कारण??? वही गरीबी और अशिक्षा। रेस्‍तरां और होटल में खाने जाने की उम्र में वहां झूठे बर्तन धुलते हैं। पटाखे फोड़ने की उम्र में पटाख़े और कोयले की कारखानों में काम करते हैं। मेला घूमने जाने की उम्र में मेंला में खिलौने बेचते हैं। नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड के मुताबिक देश में हर रोज 290 बच्चे ट्रैफिकिंग, जबरन मजदूरी, बाल विवाह, यौन शोषण जैसे अपराधों के शिकार होते हैं। इन्हें क्या पता आज़ादी क्या होती हैं।

दलित और आदिवासी समाज… इन्हें आज़ादी तो मिली पर समानता नहीं। संविधान ने समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार सभी को दिया हैं। लेकिन हर किसी को मिला नहीं।

आज हम आज़ादी की 73 वीं सालगिरह मना रहे हैं। लेकिन आज भी हमारे देश की हर एक महिला नहीं कह सकती कि वो आज़ाद हैं। ग़रीब बाल मजदूर नहीं कह सकते कि वो आज़ाद हैं। दलित और आदिवासी समाज का हर एक शक्स नहीं कह सकता कि वो आज़ाद हैं। फिर कैसी आज़ादी?? किसकी आज़ादी??

अक्सर ही 15 अगस्त और 26 जनवरी को ” हम होंगे कामयाब एक दिन, मन में हैं विश्वास, पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन” सुनने को मिलता। जो एक उम्मीद जगाता है, परिस्थितियों के सही होने की। सही हमें ही करना है।

Note: यह लेखक के अपने विचार हैं.

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Chhapra: बरसात के मौसम में गढ्ढो में बरसाती पानी भर जाने और बाढ़ की स्थिति में पानी की गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता है. कई बार इस कारण हादसे हो जाता है. अधिकतर मामलों में तैरना नहीं आने के कारण लोग डूब जाते है. वही कुछ मामलों में सही समय पर बचाव के कार्य या सहायता नहीं मिले से भी लोगों की मौत डूबने से हो जाती है.

इससे बचने के लिए जरुरी है कि तैराकी की जानकारी ना होने पर पानी में ना जाए. खासकर जब पानी की गहराई का अंदाजा ना हो. हालांकि बाढ़ की स्थिति में लोग जान माल बचाने के लिए पानी से निकलने का प्रयास करते है.

ऐसे में अपने को सुरक्षित रखते हुए दूसरों को डूबने से कैसे बचाया जाए इस पर छपरा टुडे डॉट कॉम ने सारण के प्रशिक्षित गोताखोर अशोक कुमार से जानकारी ली.

देखिये Expert Advice

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