सम्पूर्ण क्रांति दिवस विशेष: लोक शक्ति से ही सम्भव होगी सम्पूर्ण क्रांति
(प्रशांत सिन्हा) मेरे पिताजी अक्सर जयप्रकाश आंदोलन की चर्चा अपने मित्रों से करते थे और मैं उनके पास बैठ कर उनकी बातें सुना करता था। मेरा विद्यालय जयप्रकाश बाबू के घर के ठीक सामने था। मैं हमेशा उन्हें धूप में किताबें पढ़ते हुए देखा करता था। शिक्षकगण भी उनके विषयREAD MORE CLICK HERE