Chhapra: कोविड-19 वायरस ने दुनियाभर में हर छोटी बड़ी चीज को प्रभावित किया है. कोरोनावायरस के कारण सराफा बाजार भी पूरी तरह से लॉक है. इस बार अक्षय तृतीया भी कोरोनावायरस की भेंट चढ़ गया है. कोरोना काल ने अक्षय तृतीया पर सोने की चमक को पूरी तरह से फीका कर दिया है. 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के मौके पर ऐसा पहली बार होगा जब सर्राफा बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे .वायरस की मार सराफा बाजार पर ऐसी पड़ी है कि लगन में भी दुकानें बंद रही जिससे सारण के सर्राफा बाजार को करोड़ो का नुकसान झेलना पड़ा है. अक्षय तृतीया पर लोग घरों में रहेंगे और स्वर्ण दुकानें भी लॉक रहेंगी इस वजह से स्वर्णकार थोड़े मायूस हो गए हैं.

व्यापारी मायूस, कारीगरों के आमदनी का स्रोत खत्म

अक्षय तृतीया पर सोने के गहने खरीदना हमेशा शुभ माना गया है. इस दिन विशेष तौर पर लोग बाजारों में स्वर्ण दुकानों में जमकर सोने के गहनों की खरीदारी करते हैं. इसके लिए पहले से ही दुकानदारों द्वारा तैयारी की जाती है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण यह सब नहीं हो सकेगा. कारोबार ठप होने से स्वर्णकार भी मायूस है. वहीं दूसरी तरफ कारीगर जो गहने बनाने का काम करते हैं उनकी भी आमदनी का स्रोत खत्म हो गई है. कोरोना की मार दुकानदारों को कब तक झेलनी पड़ेगी यह तो 3 तारीख को खत्म हो रहे दूसरे चरण के लॉक डाउन के बाद ही पता चलेगा. कई दुकानदारों का मानना है कि 3 तारीख के बाद लॉक डाउन बढ़ेगा या खत्म होगा इस पर अभी संशय है. ऐसे में आगे और भी नुकसान हो सकता है.

स्टाफ की सैलरी नहीं काटेंगे कई स्वर्ण दुकानदार

स्वर्ण व्यवसाय ठप होने के बीच एक अच्छी खबर यह है कि छपरा के कई स्वर्ण दुकानदारों ने अपने स्टाफ को सैलरी देने का निर्णय लिया है. छपरा के स्वर्ण दुकानदार श्री प्रकाश ऑर्नामेंट्स, अलंकार ज्वेलर्स, अशोक अलंकार ज्वेलर्स, प्रकाश ऑर्नामेंट्स के मालिकों ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने व्यापारियों से अपील की है कि वह अपने कर्मचारियों का वेतन ना काटे. इस वजह से स्टाफ की सैलरी हम लोग नहीं काटेंगे. कारोबार ठप होने से नुकसान हुआ है लेकिन आने वाले दिनों में उसकी भरपाई हो सकती है. स्टाफ की सैलरी देने से उनका घर चलेगा.

क्या कहते हैं स्वर्णकार

 

इंडिया बुलियन एसोसिएशन के सारण जिला अध्यक्ष वरुण ने बताया कि लोगों का स्वास्थ्य पहले है. इसके बाद ही कुछ और, अक्षय तृतीया पर दुकानें बंद होने से करोड़ों के कारोबार का नुकसान होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. जिससे ऑनलाइन गहने भी नहीं बेचे जा सकेंगे. वरुण प्रकाश ने कहा कि हमें लॉक डाउन खत्म होने तक का इंतजार करना होगा.

 

 

 

अलंकार ज्वेलर्स के प्रोपराइटर कृष्ण कुमार आर्य ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से स्वर्ण व्यापार को भी प्रभावित किया है. पिछले 1 महीने से सराफा मंडी बंद होने से छोटे से बड़े स्वर्ण व्यापारी प्रभावित हुए हैं. अक्षय तृतीया पर इस बार दुकानें बंद रहेंगी.

 

 

छपरा के सोनार पट्टी स्थित अशोक अलंकार ज्वेलर्स के मालिक अश्वनी गुप्ता ने बताया कि साल में सिर्फ दो मौके आते हैं जो स्वर्ण व्यापारियों के लिए बोनस साबित होता है. यह साल पूरी तरह से बर्बाद होता नजर आ रहा है. अक्षय तृतीया और लगन से कारोबार सुधरने की उम्मीद होती है. लेकिन इस बार कोरोनावायरस ने सब कुछ खत्म कर दिया है, उम्मीद है लॉक डाउन के बाद सब कुछ नॉर्मल होता नजर आएगा.

 

 

छपरा के साहेबगंज चौक स्थित ज्वेल मैजिक बुटीक के मालिक श्याम कुमार ने बताया कि अक्षय तृतीया पर दुकानें भी लॉक डाउन में रहेंगी. ऐसे में फोन पर लोग बुकिंग करा सकते हैं और लॉक डाउन के बाद गहने आकर ले सकते हैं. ऐसे में फोन पर बुकिंग कराने वाले लोगों को मेकिंग चार्ज में 25% की छूट दी जाएगी.

 

 

छपरा के हथुआ मार्केट स्थित प्रकाश ऑर्नामेंट्स के मालिक और अरुण प्रकाश ने बताया कि 1 महीने से दुकान बंद है उन्होंने सरकार से अपील की कि बैंकों द्वारा सीसी लोन पर इंटरेस्ट 3 महीने के लिए ना लिया जाए. जिससे कारोबारियों को राहत मिलेगी. यह दुखद है कि दुकानें बंद रहेंगी. हम सभी घर में रहे यही उचित रहेगा

 

 

छपरा के मौना चौक स्थित न्यू जे अलंकार ज्वेलर्स के मालिक मनोज कुमार ने बताया कि लोगों को घरों में रहने की जरूरत है. फोन पर गहनों की बुकिंग कर सकते हैं और लॉक डाउन खत्म होने के बाद वह आकर अपने गहने ले सकते हैं. गानों की मेकिंग चार्ज पर 25% की छूट दी जाएगी.

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• स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
• ब्लड डोनेशन केन्द्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन करने के निर्देश

Chhapra: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के कारण जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं के साथ आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हुयी हैं. जिसमें ब्लड बैंकों के सुगम संचालन में भी बाधा आई है. इसे ध्यान में रखते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री ,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय डॉ. हर्ष वर्धन ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रालय को ब्लड बैंकों के कुशल क्रियान्वयन के संबंध में एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम व संक्रमितों व संदिग्धों सहित आमलोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आवश्यक प्रबंधन किये जाने को लेकर राज्य की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उल्लेखनीय काम किया है. लेकिन इस दौरान सरकारी व गैर-सरकारी ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता को बरकरार रखने के लिए और भी आवश्यक इंतजाम किये जाने हैं. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर हो रही रोकथाम व लॉकडाउन के मद्देनजर रक्तदान शिविर का आयोजन संभव नहीं है. लेकिन इन तमाम हालात में ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध कराया जाना भी आवश्यक है. एडवाइजरी में कहा गया है कि रक्त का उपलब्ध कराया जाना कई कारणों से आवश्यक हैं. वैसे लोग जो थैलसिमिया, स्क्लि सेल एनिमिया व हिमोफीलिया से पीड़ित हैं उन्हें नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे लोगों को समय पर रक्त उपलब्ध कराया जाना निहायत जरूरी है.

मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को स्वैच्छिक रक्तदान की अपील करने की सलाह

एडवाइजरी में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय अखबारों, टीवी व रेडियो चैनल के माध्यम से आम लोगों से अपील करने की बात कही गयी है. साथ ही रक्तदान संबंधी सूचनाओं को ई-रक्तकोश पोर्टल पर अपडेट करने के लिए कहा गया है. यह एक ऐसा पोर्टल है जहाँ रक्तदाताओं के रिकॉर्ड मौजूद होते हैं. साथ ही इस पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक रक्त समूह की उपलब्धता की वर्तमान स्थिति पर रियल टाइम इंफॉर्मेशन दी जा सकती है. इसके लिए भावी रक्तदाताओं को इस पोर्टल पर रक्तदान के लिए रजिस्ट्रर किये जाने के लिए कहा गया है. ब्लड बैंकों को यह आदेश दिया गया है कि ई- रक्तकोश पोर्टल पर नियमित रूप से रक्त की उपलब्धता की जानकारी दी जाये.


ब्लड ट्रांसपोर्टशन के लिए उपलब्ध कराया जायेगा वाहन

एडवाइजरी के माध्यम से राज्यों को रक्त को जमा करने व उसके सही तरीके से ट्रांसपोर्टेशन के लिए आवश्यक इंतजाम करने की सलाह दी गयी है. विभागीय वाहन नहीं होने की स्थिति में भाड़ा पर वाहन का इंतजाम करने की भी बात बताई गयी है ताकि क्षेत्र में लोगों को पर्याप्त मात्रा में आसानी से रक्त सुलभ कराया जा सके. एडवाइजरी में रक्तदाताओं के लिए एक निश्चित समय तय करने पर जोर दिया गया है. साथ ही तय समय सीमा को आवश्यकतानुसार बढ़ाने की बात कही गयी है. रक्तदान करने वालों को क्रमबद्ध तरीके से आने और रक्तदान करने के लिए कहा गया है. साथ ही रक्तदान केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन किए जाने की बात कही गयी है.

रक्तदाताओं को मिलेगा पूरा सम्मान, जारी होगा पास

कोरोना संक्रमण के कारण आम लोगों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. ऐसे में स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं के आवागमन में दिक्कत नहीं हो इसका भी ध्यान दिया गया है. एडवाइजरी में बताया गया है कि रक्तदाताओं के आवागमन को आसान करने के लिए उन्हें पास मुहैया कराया जाए. साथ ही कोरोना संकटकाल में रक्तदान करने वाले इन रक्तवीरों को रक्तदान से संबंधित विशेष सर्टिफिकेट भी प्रदान कराए जाने की सलाह दी गयी है.

सुरक्षा नियमों का पूर्ण पालन करने का है निर्देश

एडवाइजरी में रक्तदान करने वाले केंद्रों व ब्लड बैंकों में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विशेष सावधानी व कोविड-19 के मापदंड अनुपालन करने की बात कही गयी है. ताकि इन केन्द्रों पर किसी प्रकार का संक्रमण प्रसारित नहीं हो सके. इसके लिए व्यक्तिगत सुरक्षा नियमों के तहत हाथों की धुलाई, रक्तदान करने वाले क्षेत्र की नियमित सफाई, डोनर के लिए जीवाणुरहित सामग्रियां व एंटीसेप्टिक क्लीनर की व्यवस्था करने की बात कही गयी है. साथ ही थैलीसिमिया व हिमोफीलिया के मरीजों के लिए अस्पतालों में आयरन चेल्टिंग एजेंट्स एवं एंटी- हिमोफीलिया फैक्टर्स उपलब्ध कराने की हिदायत दी गयी है.

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Chhapra: सारण जिले में कोरोना वायरस ने एक बार फिर दस्तक दी है. शनिवार को सारण में संक्रमित मरीजों की संख्या 2 के साथ कुल 3 हो चुकी है. जिसमे एक संक्रमित ठीक होकर अपने घर चला गया है. इस बार यह संख्या दूसरे दिन ही बढ़ गयी.

सारण में दूसरे संक्रमित मरीज की पुष्टि शुक्रवार की संध्या हुई. जो अमनौर के भगवतपुर का बताया जाता है. वही शनिवार की दोपहर में तीसरे मरीज के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. जो रिविलगंज के इनई गांव की एक युवती बताई जाती है.

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जिला प्रशासन ने अमनौर के भगवतपुर गांव के सभी सीमाओं को सील कर दिया है. साथ ही वहां आने जाने वालों पर पूरी पाबंदी है.

सारण में तीसरा मरीज मिलने के बाद जनता में आशंकित है. तरह तरह की चर्चा गर्म है.

विदित हो कि सारण जिले में शनिवार 25 अप्रैल तक 3 संक्रमित मरीजो की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है. जिसमे सबसे पहला मरीज इसुआपुर के चांदपुरा गांव का अब ठीक होकर घर जा चुका है.

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Chhapra: अमनौर प्रखंड के बसंतपुर पंचायत के भागवतपुर गाँव में एक व्यक्ति के कोरोना वाइरस से संक्रमित होने की सूचना पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निर्देश के आलोक में भागवतपुर गाँव के तीन किमी की परिधि को सील कर दिया गया है. इस क्षेत्र को कांटेन्मेंट जोन घोषित किया गया हैं. भागवतपुर गाँव के दक्षिण में अमनौर कल्याण, पश्चिम और उत्तर में बसंतपुर और पूरब में धर्मपुर जाफर तक की सीमा को जो ग्राम भागवतपुर के तीन किमी की परिधि में है, को कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है. 

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सभी मार्गो व दुकानों को पूर्णत: बंद करने का आदेश

कंटेन्मेंट जोन में अर्थात तीन किमी की परिधि अंतर्गत सभी निजी/सार्वजनिक प्रतिष्ठान एवं मार्गों को अगले आदेश तक बंद करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है. किसी भी व्यक्ति को इस क्षेत्र से न तो बाहर जाने की इजाजत दी जाएगी और न ही किसी व्यक्ति को बाहर से अंदर आने की इजाजत दी जाएगी.

आवाजाही पर पूर्णत: रोक
जिलाधिकारी के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी, अमनौर को निदेशित किया गया है कि समस्त आवागमन मार्गों को संबंधित मुखिया एवं वार्ड सदस्य के सहयोग से पूर्णतः लाॅक करते हुए आवागमन अवरुद्ध की जाए. यदि किसी व्यक्ति द्वारा कंटेन्मेंट जोन से बाहर पलायन किया जाता है अथवा बाहर से अंदर प्रवेश किया जाता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाय.

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पूरे गांव को किया जाएगा सेनिटाइज्ड
जिलाधिकारी के द्वारा इस पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करने का निदेश दिया गया है. इसका दायित्व डाॅ0 दिलीप कुमार सिंह जिला वैक्टर बाॅर्न रोग नियंत्रण पदाधिकारी मो0 7717781085 को दिया गया है. जिलाधिकारी के द्वारा कंटेन्मेंट जोन के भीतर सभी परिवारों को गहन निगरानी में रखने का निदेश देते हुए कहा गया है कि प्रत्येक परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण कर विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन उपलब्ध करायी जाय.

आवश्यक वस्तुओं की होगी होम डिलीवरी
कंटेन्मेंट जोन के भीतर की सभी दुकान बंद रहने के कारण प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी मढ़ौरा को निदेश दिया गया है कि आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं यथा चावल, दाल, गेहूँ, हरी सब्जी इत्यादि उन पंचायतों के जन वितरण प्रणाली विक्रेता के माध्यम से पैकेट तैयार करा कर डोर टू डोर वितरित करायें. उप समाहत्र्ता भूमि सुधार, मढ़ौरा और अनुमंडल लोक षिकायत निवारण पदाधिकारी, मढ़ौरा इस कार्य का सतत अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया है.

7 किमी तक बफर जोन घोषित
कंटेन्मेंट जोन की परिधि समाप्त होने से अगले सात किमी की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं आंचलाधिकारी अमनौर को निदेश दिया गया है कि बफर जोन में पड़ने वाली सभी पंचायतों/गाँवो में प्रतिदिन तकलीफ वाले रोगियों की सूचना प्राप्त करेंगे. सिविल सर्जन को निदेश दिया गया है कि संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सभी सदस्यों को जिला में निर्धारित किये गये आइसोलेशन एवं क्वेरेन्टाइन सेन्टर में में रखवायेंगे एवं उनका नियमित रूप से जाँच करवायेंगे.

पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति
जिलाधिकारी के निदेश के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी, मढ़ौरा के द्वारा मार्गों के सतत निगरानी के लिए दिनांक 24़.04.2020 से अगले आदेश तक तीन पालियों में 24 घंटे रोस्टर के अनुसार दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

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Chhapra: बदलाव के लिए सकारात्मक सोच जरुरी होती है. बदलाव के लिए ऐसी ही एक सकारात्मक पहल देखने को मिली है छपरा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 33 में, जहाँ वर्षो से कूड़ादान बने मौना-साढ़ा रोड पर वार्ड पार्षद के नेतृत्व में साफ सफाई कराकर पौधारोपण कराया गया है.

मौना-साढ़ा रोड स्थित कॉर्पोरशन बैंक के समीप करीब खनुआ नाले के बगल में वर्षों से कूड़ा दान बन गया था. गंदगी होने से वहां वाहनों की अवैध पार्किंग भी बन गयी थी. प्रशासन को दर्जनों बार पत्राचार के बावजूद भी इस जगह की हालत नही सुधरी. प्रतिदिन यहां दर्जनों मालवाहक वाहनों का अवैध अड्डा बन गया था. खनुआ नाला खुला होने के कारण यहां गंदगी ही गंदगी रहती थी.

वार्ड 33 के तहत आने वाले इस स्थान की साफ सफाई को लेकर वार्ड पार्षद कृष्णा शर्मा ने पहल की है. स्थानीय लोग इस स्थान से गंदगी और अवैध पार्किंग से निजात चाहते थे जिसको लेकर उन्होंने वार्ड पार्षद का सहयोग किया.

कूड़ेदान की साफ सफाई कराई गई. मिट्टी भरा गया, अब उन स्थानों पर पीपल, बरगद के 4 पौधें लगाए गए है. शुक्रवार को स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिला. शारीरिक श्रमदान कर स्थानीय लोगों ने पौधारोपण किया.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्थान से गुजरना ही एक बड़ा टास्क था. गंदगी के कारण बदबू निकलती थी. गंदगी के कारण कई वर्षों से यहां अवैध वाहन पार्किंग बन गया था. जिसके बाद पूरे दिन यहां वाहन चालकों के मजमा लगा रहता था. लॉक डाउन में वाहन का चलना बंद है. लोगों के सहयोग से यह एक बड़ा काम हुआ है.

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Chhapra: सारण में कोरोना के एक मरीज के स्वस्थ होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने राहत की साँस ली थी. वही शुक्रवार को जिले में दूसरे मरीज के संक्रमित होने की पुष्टि के साथ एक बार फिर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग समेत लोगों की चिंता बढ़ गयी है.

कोरोना से संक्रमित मरीज की पुष्टि करते हुए सूबे के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सूबे में अब तक 214 मरीज कोरोना से संक्रमित पाए गए है. इसे भी पढ़ें: Lockdown को गंभीरता से नही ले रहे कुछ लोग, Social Distancing केवल शब्द बना व्यवहार से गायब

आज संक्रमित पाए गए मरीजों में सारण का भी एक मरीज शामिल है जो जिले के अमनौर प्रखंड का रहने वाला बताया जा रहा है.

सारण में मरीज मिलने के बाद अमनौर प्रखण्ड के भागवतपुर से 3 किलोमीटर की परिधि में कन्टेनमेंट ज़ोन घोषित कर सीमा सील किये जाने की कवायद शुरू कर दी गयी है.  

 

 

आपको बता दें कि इसके पूर्व सारण जिले के इसुआपुर में एक कोरोना संक्रमित मरीज मिला था जो अब स्वस्थ हो चूका है. 

छपरा टुडे डॉट कॉम आप सभी से अपील करता है कि घर में रहें और Lockdown का पालन करें, आपकी एक गलती सभी पर भारी पड़ेगी. 

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Chhapra: कोरोना संकट के बीच पवित्र महीना रमज़ान हो शुक्रवार की शाम चाँद के दीदार के बाद शुरू हो गया है. इस हिसाब से रमजान उल मुबारक महीने का पहला रोजा शनिवार को रखा जाएगा. बड़ा तेलपा जमा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना रज्बुल कादरी ने बताया कि रमजान में लॉकडाउन का पालन करें. गुनाहों से तौबा करें और इस महामारी से बचने के लिए अल्लाह से खास दुआ करें. घर मे रहकर ही नमाज़ अदा करें.

इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नौवां महीना सबसे पाक होता है, जो कि रमजान का महीना है. इस्लाम धर्म में अच्छे इंसान को बखूबी परिभाषित किया गया है. इसके लिए मुसलमान होना ही काफी नहीं, बल्कि बुनियादी पांच कर्तव्यों को अमल में लाना आवश्यक है. पहला इमान, दूसरा नमाज, तीसरा रोजा, चौथा हज और पांचवां जकात.

इस्लाम में बताए गए इन पांच कर्तव्य इस्लाम को मानने वाले इंसान से प्रेम, सहानुभूति, सहायता तथा हमदर्दी की प्रेरणा स्वतः पैदा कर देते हैं. जिसका मतलब है रुकना. जकात इसी महीने में अदा की जाती है. आखिरी जुमा जिसे अलविदा जुमा कहा जाता है.

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Chhapra: छपरा नगर निगम के सभी 45 वार्डों में सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने छपरा नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्डों में राशन कार्ड विहीन सुयोग्य परिवारों का सर्वेक्षण करने का आदेश निगम के नगर आयुक्त को दिया है.

जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के अधीन भिखाड़ी, कूड़ा चुनने वाले, घरेलू श्रमिक, सर्वेक्षित फुटपाथी दुकानदार, मोची, फेरीवाला, गल्ली-मुहल्ला के अन्य सेवा उपलब्ध कराने वाले, निर्माण कार्य में संलग्न श्रमिक, नलसाज, राजमिस्त्री, श्रमिक, पेंटर, वेल्डर, सुरक्षा प्रहरी, कुली, सिर पर बोझ उठाने वाले अन्य श्रमिक, झाडूकश, सफाई कर्मी, माली, घरेलू कार्य में संलग्न श्रमिक, शिल्पकार, हस्तशिल्प कर्मी, दर्जी, परिवहन कर्मी, चालक, परिचालक, खलासी, रिक्सा चालक, दुकान कर्मी, सहायक, अनुसेवक (छोटे स्थापना के लिए), डाक वितरण सहायक, परिचर, बैरा, धोबी, चौकीदार एवं अन्य आश्रय विहीन परिवारों एवं व्यक्तियों को राशन कार्ड के लिए सुयोग्य पात्र के रुप में शामिल किया जाय. इसके अतिरिक्त राशन कार्ड के योग्य पात्रता के लिए प्राप्त विभागीय दिशा-निदेश का भी अनुपालन किया जाय.

जिलाधिकारी के आदेश के आलोक में छपरा नगर निगम द्वारा सभी 45 वार्डों में सर्वे कराने के लिए टीम का गठन कर सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया है. प्रत्येक पाँच वार्ड पर एक सीआरपी (सामुदायिक रिसोर्स परसन) को लगाया गया है.

वार्ड 1 से 5 तक-      सीमा देवी –    मोबाइल नं0-9576843340
वार्ड 6 से 10 तक-    सुषमा देवी –   मोबाइल नं0-7277697316
वार्ड 11 से 15 तक-    शब्या देवी –    मोबाइल नं0-9155462368
वार्ड 16 से 20 तक-   सरिता वर्णवाल –   मोबाइल नं0-8936079297
वार्ड 21 से 25 तक-      निशा सिंह –     मोबाइल नं0-9122566153
वार्ड 26 से 30 तक-    संतोषी देवी –    मोबाइल नं0-7563837268
वार्ड 31,32,33 एवं 35 तक-   विमला देवी-    मोबाइल नं0-9709288100
वार्ड 34,36,37,38,39 एवं 40 तक-   अनामिका सिंह-    मोबाइल नं0-8538962762
वार्ड 41 से 45 तक-    गीता देवी –   मोबाइल नं0-9631662478 को दायित्व दिया गया है.

सर्वेक्षण कार्य के सतत अनुश्रवण के लिए वार्ड संख्या 1 से 15 तक शिवबली प्रसाद, अंचलाधिकारी मोबाइल नं0-7870480234, वार्ड संख्या 16 से 25 तक अर्चना कुमारी, सीएमएम मोबाइल नं0-7654332546, वार्ड संख्या 26 से 33 एवं 35 तक नितेश चौहान, अंचलाधिकारी मोबाइल नं0-9122735542, वार्ड संख्या 34 एवं 36 से 45 तक सुधीर कुमार हिमांशू, सीएमएम मोबाइल नं0-7004893059 को दायित्व दिया गया है. सर्वेक्षण कार्य का वरीय प्रभारी पदाधिकारी मोo आसीफ सेराज, नगर प्रबंधक मोबाइल नं0-9123280119 को बनाया गया है.

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सुरभित दत्त

क्या लोग देश में आई कोरोना संकट को गंभीरता से ले रहे है? ऐसा सवाल इसलिए क्योंकि शहर की मंडियों, गलियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है की लोग गंभीर नही है. ऐसे लोग अपने घर तक इस बीमारी को आमंत्रित कर रहे है. ऐसे लोगों को लग रहा है कि महामारी से वे बच के रह सकेंगे. लेकिन वे नही जानते की उनकी यह गलती केवल उन पर ही नही बल्कि उनके परिवार और समाज पर भारी पड़ेगी.

लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए सरकार ने मंडियों को खोलने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही एडवाइजरी भी दी थी की सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाए. इसके बावजूद लोग मानने को तैयार नही है. सामान बेचने वाले से लेकर खरीदने वाले लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नही रख रहे है.

सोशल डिस्टेंसिंग शब्द बोलते हुए आपको लोग दिख जायेगे पर उनके व्यवहार से यह अब भी बाहर है. WHO के ताजा रिपोर्ट के अनुसार महामारी के और बढ़ने की संभावना है. ऐसे में भारत में लोगों की लापरवाही सरकार के सभी प्रयाशों पर पानी फेर सकती है. बिहार में जिस प्रकार पिछले एक हफ्ते में कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ें है वैसे में यह आने वाले बड़े खतरे की आहात है.  

सुबह होते ही जिस प्रकार घरेलू सामान खरीदने और बेचने वाले लोगों की भीड़ मंडियों में देखी जा रही है वह अलार्मिग है. बीमारी से किसी एक के संक्रमित होने पर भीड़ और आपस के संपर्क के कारण यह सैकड़ों लोगों तक कुछ पल में पहुंच सकता है. लोग अपने को सेफ मां रहे है और सड़क पर निकलना बंद नही कर रहे है. कभी दवाई, कभी सब्जी, कभी अन्य जरूरत के सामानों की खरीदारी के नाम पर सड़क पर घूमने वाले इस बीमारी के जद में आने के बाद पछतायेंगे और अपने साथ साथ परिवार के लोगों को भी आफत में डालेंगे.

इन दिनों जरूरतमंद लोगों को राहत की जरूरत है. कुछ लोगों ने बीड़ा भी उठाया है. लेकिन इस दौरान भी Social Distancing केवल एक शब्द के रूप में ही दिख रहा है व्यवहार में गायब है. हालांकि कुछ मामलों में पुलिस साथ रहने पर इसे मेंटेन कराया जा रहा है. जबकि छोटे स्तर पर राहत पहुंचाने वाले लोग इसका ख्याल रख रहे है पर लेने वालों में धैर्य की कमी दिखने से भीड़ बढ़ रही है और साथ ही बीमारी का खतरा भी उतना ही बढ़ रहा है. वही कुछ लोग घर घर राशन पहुंचाकर इसका पालन भी कर रहे है.

कोरोना वायरस के बढ़ते आंकड़ों ने अब देश में चिंता को बढ़ा दिया है. इस लिए सभी को मिलकर इससे निपटने में सहयोग करने की जरूरत है. ताकि इस महामारी को अब और बढ़ने से किसी भी तरह रोका जाए. जिससे की एक बार पुनः देश की व्यवस्था सही हो सके और हम सभी पूर्व के जैसे आराम से रह सकें.

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Chhapra: शहर के साढ़ा ढाला बस स्टैंड खेमाजी टोला के दलित बस्ती में आग लग गयी. बुधवार की देर रात दस झोपड़ीनुमा घरों में अचानक आग लग गई. जिसमें लाखों के सामान जलकर नष्ट हो गए. इस अगलगी की घटना से दलितों पर मुसीबत के पहाड़ खड़ा हो गया है.

सूत्रों के मुताबिक अगलगी की घटना शॉर्ट-सर्किट से बतायी जा रही है. इस लॉकडाउन की स्थिति में दलितों को बेघर होना पड़ा.

गुरुवार को समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर बेघर हुए लोगों को राशन की व्यवस्था कर उनके बीच वितरण किया. इसमें लक्ष्मण चौधरी, दीपक नट, छठी नट, मुन्ना चौधरी, सुदिष्ट सहनी, सुनेहरी देवी, कोरेया सहनी व अन्य दो की घर की पूरी तरह क्षति हुई है.

मौके पर समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने जिला प्रशासन से अविलंब उनलोगों को सुरक्षित जगह रहने की व्यवस्था करने और साथ ही खाने-पीने के लिए भी समुचित इंतजाम करने की बात कही.

उन्होंने इस विकट स्थिति में सांत्वना देते हुए कहा कि घबराने की बात नहीं है. गरीबों व असहायों के प्रति हमेशा खड़ा रहेंगे. किसी भी परिस्थिति में पीड़ितों को खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर नहीं किया जाएगा. जिला प्रशासन से हर सम्भव मदद के लिए कहा जाएगा.

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Chhapra: शहर के साढ़ा बस स्टैंड के पास झुग्गियों में बुधवार देर रात आग लग गयी. आग लगने की घटना से आसपास के लोगों में दहशत फैल गयी और सभी आग बुझाने में जुट गए. रात्रि के समय आग लगने के कारण लपटे काफी दूर से भी आसमान में देखी जा रही थी.

स्थानीय लोगों ने अग्निशमन विभाग को सूचना दी जिसके बाद मौके पर पहुंचे अग्निशमन कर्मियों ने आग पर काबू पाया. हालांकि तेज हवा के कारण उन्हें भी काफी मसक्कत करना पड़ा. इस अगलगी में हुए नुकसान का फिलहाल आंकलन किया जा रहा है. किसी के हताहत होने की सूचना फिलहाल नही है.

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हर साल 22 April को दुनिया में 193 देशों मे पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसकी शुुुुरुआत 1970 में  अमेरिका में हुई थी। मगर  इस वर्ष खास बात है कि इस वर्ष इसकी पचासवीं वर्षगांठ है। दूसरी खास बात है कि इस वर्ष पूूरी दुनिया में वैश्विक महामारी फैली हुई है ऐसे में पर्यावरण में हमारी गलतियों से हुई बदलाव से सभी अचंभित है।  प्रदूषण के स्तर में गिरावट और वायु की स्वच्छता को देखते हुए हमे समझना चाहिए कि मानव ने किस हद तक प्राकृतिक संतुलन को हानि पहुंचाया है।

महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉक डाउन से प्रकृति को भी फायदा हुआ है।जैसे गंगा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी एवं यमुना के पानी में भी थोड़ा सुधार हुआ है। हवा सांस लेने के लायक हुई। ओजोन परत में सुधार हुआ। पृथ्वी के कम्पन में भी कमी आईं है।

लोग विकास की धुन में लगे हुए थे किन्तु विकास एवं  विनाश समानांतर रूप से होता है फिर ऐसा विकास क्यों और किसके लिए ? अपनी भावी पीढ़ी को विरासत में क्या देंगे जब पर्यावरण बचेगा ही नहीं ।अतः मानव को विवेक एवं बुद्धि से सचेत होकर विनाश रहित विकास करना चाहिए अन्यथा विकास की कीमत विश्व के विनाश से चुकानी पड़ेगी।

सर्वोदय दर्शन का मूलमंत्र है ” सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया:। सर्वे भद्राणि पश्यं तू मा कश्चित दूखभाग भवेत्”। तात्पर्य है कि सभी जनसमुदाय सुखी रहें, सभी निरोग रहें, सभी पारस्परिक कल्याण का प्रयास करें तथा किसी को किसी प्रकार का दूख न हो। यदि हम सर्वोदय दर्शन के इस प्रमुख अवधारणा को भारतीय परिवेश में क्रियान्वित करने का काम करें तो हमें सबसे पहले पर्यावरणीय प्रदूषण से विमुक्त होने का प्रयास करना पड़ेगा।

प्रकृति ने मानव को अन्य जीवों की अपेक्षा एक विलक्षण वस्तु ” मस्तिष्क” प्रदान किया है जिसका दुरुपयोग किया गया।उसने अपने जैविक और भौतिकवाद के चक्कर में पड़कर एवं स्वार्थ में पड़कर प्रकृति और पर्यावरण संकलन को क्षत विक्षत कर दिया। विज्ञान की निरंतर भाग दौड़ तथा मानव द्वारा भौतिकवाद प्राकृतिक संसाधनों को तीव्रता से नष्ट किया जा रहा है। हमारा भरा पूरा संसार प्रदूषण के मायाजाल में फंसकर विनाश की ओर जा रहा है।हमे उससे मुक्ति पाना असम्भव तो नहीं है यह हमे करोना के कारण लॉक डाउन ने सीखा दिया।प्रदूषण की लपेट में धरती, आकाश,जल एवं वायु आ चुका है।इस चुनौती को सामना करने के लिए हमे तुरंत प्रभावी कदम उठाने होंगे।भविष्य में संसाधन और पर्यावरण संतुलन आदि सब खत्म हो जाएंगे तो हम हम भावी पीढ़ी को क्या देंगे।

लोगों को उपभोक्तावादी जीवन शैली को बदलने और विकास की अवधारणाओं को पुनर्विचार करने की जरूरत है। पर्यावरण के अनुकूल नीति अपना कर ही हमारा भविष्य प्रकृति सम्मत विकास पर निर्भर करेगा। ज़रूरी है कि हम ग्रीन बिल्डिंग, प्रदूषण मुक्त स्वच्छ टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक वाहन की ओर अग्रसर हो।

करोना वायरस महामारी के बाद हमे अपने विकास और आर्थिक नीतियों की नए सिरे से दोबारा समीक्षा करना चाहिए।
सभी लोग संकल्प के साथ धरती को बचाने के लिए आगे आएं और मिलजुल कर इसे खूबसूरत बनाएं।

लेखक के विचार उनके ब्लॉग से लिए गए है.

प्रशांत सिन्हा
 पर्यावरणविद् 

आप उन्हें इनके Blog https://prashantpiusha.blogspot.com/ पर भी पढ़ सकते है.

Photo Courtesy: Google

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