Chhapra: मढौरा थानाक्षेत्र के पटेढ़ी जालाल में डकैती की योजना बना रहे पांच अपराधकर्मियों को पांच देसी कट्टा, एक देसी पिस्टल एवं 22 चक्र गोली के साथ गिरफ्तार किया गया.

जिसके संदर्भ में मढौरा थाना कांड सं0-128/22. दिनांक 28.02.22 धारा-399/402/414 एवं 25(1-ची)/26/35 आर्म्स एक्ट का पंजीकृत किया गया.

एसपी संतोष कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अपराधकर्मी पूछताछ के कम में मंदौरा थानान्तर्गत दिनांक- 20.02.22 की रात्रि पटेदी जालाल में घटित गृह डकैती की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की. इनके निशानदेही पर घटना में लूटी गई मोबाईल नगद एवं अन्य सामान की बरामदगी हुई है.

गिरफ्तार टिंकू शर्मा एवं रविन्द्र राउत विगत माह में बनियापुर, नदी, खैरा में घटित गृह डकैती में वांछित थे. टिंकू शर्मा एवं रविन्द्र राउत पूर्व में भी लूटपाट के कांडों में जेल जा चुके हैं.

DRM ने छपरा जंक्शन का किया निरीक्षण, यात्री सुविधा बेहतर बनाने का दिया निर्देश

डोरीगंज में रिबेल पब्लिक स्कूल का एमएलसी एवं विधायक ने किया उद्घाटन

एसपी ने बताया कि अपराधी गिरफ्तार अपराधकर्मी टिंकु शर्मा के नेतृत्व में एक गैंग बना कर लगातार लूट पाट की घटना को अंजाम देने के फिराक में थे. टिंकु शर्मा गिरोह द्वारा नगरा ओ०पी० अन्तर्गत 2020 में लूट पाट के क्रम में एक सेवा निवृत सैनिक की हत्या कर दी गई थी. तब से कई घटनाओं को अंजाम देकर फिरार चल रहे थे.

उपरोक्त घटना में संलिप्त अन्य अपराधकर्मियों की गिरफ्तारी हेतु सघन छापामारी की जा रही है. अपराधकर्मियों के विरुद्ध जल्द ही अनुसंधान पूरा कर त्वरित विचारण करा कर सजा दिलाने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी.A valid URL was not provided.

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जिले में विधि व्यवस्था, कांडों के सफल उद्भेदन को लेकर सीएम ने सारण एसपी को किया पुरस्कृत

Chhapra: बिहार पुलिस सप्ताह के अवसर पर जिले में बेहतर कार्य करने के लिए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार को पुरस्कृत किया गया.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना के मिथलेश स्टेडियम में रविवार को बिहार पुलिस सप्ताह दिवस के समापन सह पारितोषिक वितरण समारोह में पुलिस अधीक्षक को सम्मनित किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एसपी श्री कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

सारण पुलिस अधीक्षक को अपराध नियंत्रण, कांडो के सफल उद्भेदन, बरामदगी, अपराधियों की गिरफ्तारी व विधि-व्यवस्था संधारण में उल्लेखनीय योगदान के लिये पुरस्कृत किया गया.A valid URL was not provided.

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DRM ने छपरा जंक्शन का निरीक्षण किया, यात्री सुविधा बेहतर बनाने का दिया निर्देश

Chhapra: वाराणसी मंडल रेल प्रबंधक रामाश्रय पाण्डेय द्वारा मंडलीय अधिकारीयों के साथ यात्री सुविधाएँ बढ़ाने एवं सवारी गाड़ियों को रफ्तार देने व् संरक्षित यातायात सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रविवार को वाराणसी मंडल के छपरा-छपरा कचहरी-थावे खण्ड तथा इस खण्ड में पड़ने वाले सभी स्टेशनों का निरीक्षण किया गया.

इस अवसरपर उनके साथ अपर मंडल रेल प्रबंधक राहुल श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर(समन्वय) राकेश रंजन, मंडल परिचालन प्रबंधक बालेन्द्र पाल, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक संजीव शर्मा वरिष्ठ मंडल इंजीनियर -2 मनोज कुमार सिंह वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर त्रयम्बक तिवारी, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर/कर्षण पंकज केशरवानी वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर समाडि सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर /आपरेशन ए.के.श्रीवास्तव, मंडल विद्युत इंजीनियर आर.एन.सिंह समेत वरिष्ठ पर्यवेक्षक उपस्थित थे.

मंडल रेल प्रबंधक अपने निरीक्षण स्पेशल ट्रेन से अधिकारीयों के साथ सबसे पहले छपरा जं रेलवे स्टेशन पहुँचे और स्टेशन का गहन निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने स्टेशन प्लेटफार्म, सर्कुलेटिंग एरिया, यात्री प्रतिक्षालय, रिटायरिंग रूम, बुकिंग काउंटर, स्वचालित सीढ़ियाँ, लिफ्ट, पैदल उपरिगामी पुल, वाटर बूथ, डीजल लॉबी, गार्ड/लोकोपयलट विश्रामालय का निरीक्षण किया और सम्बंधित को दिशा निर्देश दिया.

मंडल रेल प्रबंधक महोदय ने साफ-सफाई को बेहतर और सभी संरक्षा उपकरणों का तय समय पर अनुरक्षण करने तथा रख-रखाव की नियमित निगरानी हेतु संबंधित को निर्देश दिया.

तदुपरान्त मंडल रेल प्रबंधक छपरा कचहरी-थावे रेल खण्ड पर स्टेशनों का निरीक्षण करते हुए आगे बढ़े और सभी स्टेशनों पर संरक्षित परिचालन, यात्री सुरक्षा एवं यात्री सुख सुविधाओं का निरीक्षण किया साथ ही स्टेशन भवनों, परिसरों की साफ-सफाई एवं रख-रखाव के सम्बंध में उत्तरदायी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया.

यूक्रेन-रूस युद्ध: सारण के अनमोल प्रकाश समेत 7 छात्रों की हुई सकुशल घर वापसी

जलालपुर एक छात्र यूक्रेन में फंसा, जबकि उसकी बड़ी बहन पोलैंड के रास्ते वापसी की ओर

इसके साथ ही मंडल रेल प्रबंधक ने छपरा-थावे रेल खण्ड के रेलवे ट्रैक के स्ट्रेंथ, बैलास्ट के समुचित फैलाव एवं ओवर हेड ट्रैक्शन लाइन समेत मार्ग में पड़ने वाले समपार फाटकों, पुल-पुलियाओं एवं कर्वेचर पर संरक्षा के मानकों के अनुसार गहन निरीक्षण किया.

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Chhapra: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने का अभियान भारत सरकार ने और तेज कर दिया है. इस अभियान के तहत भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकाल कर स्वदेश लाया जा रहा है. इसके लिए भारत सरकार के द्वारा ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है.

वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार ने भी इसके लिए हेल्प डेस्क की स्थापना की है. हेल्प डेस्क के माध्यम से छात्रों और उनके परिवार वालों को सूचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.

रविवार को सात बिहारी छात्रों को लेकर दूसरी उड़ान नई दिल्ली पहुंची जहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन सब का स्वागत किया गया. इसके लिए बिहार सरकार के द्वारा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हेल्पडेस्क का निर्माण भी किया गया है.

बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी की 7 छात्रों की सकुशल घर वापसी हुई है. इनमें से दिव्या कुमारी, नालंदा, सतीश कुमार साहिल, मधेपुरा, सना तस्कीन, मुजफ्फरपुर, अमित कुमार अरवल, स्मृति पांडे, वेस्ट बंगाल, प्रशांत कुमार, भागलपुर और सारण के अनमोल प्रकाश को सकुशल भारत वापस लाया गया है.

घर वापसी पर सभी छात्र काफी खुश हैं. अभी अपने घर को रवाना होंगे.

आपको बता दें कि सारण की एक अन्य छात्रा पूजा कुमारी भी यूक्रेन के खारकीव में फंसी हुई है. जहां फिलहाल रूसी सेना की बमबारी के कारण 20 अन्य छात्रों के साथ उसे मेट्रो में शरण लेना पड़ रहा है. जहां से उसने मदद की गुहार लगाई है. परिवार वाले भी चिंतित हैं. परिवार वालों ने सरकार से उसे जल्द से जल्द मदद पहुंचाने और भारत वापस लाने की गुहार लगाई है.

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Chhapra: रूस-यूक्रेन की जंग के कारण यूक्रेन के खारकीव शहर में मेडिकल की पढ़ाई करने गयी छपरा की छात्रा पूजा कुमारी वहां फंस गई है. पूजा खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा है.

पूजा ने अपने माता-पिता को वीडियो संदेश भेजा है जिसमे वह बता रही है कि रूसी बमबारी से बचने के लिए वे और अन्य 20 बच्चे भूमिगत मेट्रो स्टेशन में शरण लिए हुए हैं. जहां भोजन और कपड़े का आभाव है.

बमबारी के कारण बाहर निकलने की अनुमति नही है. जिस कारण वे लोग माइनस दो डिग्री टेम्परेचर में जैसे तैसे समय गुजार रहें हैं.

इधर छपरा में परिवार वाले बेहद चिंतित हैं. मां का रो-रो कर बुरा हाल है. उन्होंने बताया कि व्हाट्सएप्प कालिंग के माध्यम से बातचीत हो रही है. जिसमे पूजा ने बताया है कि उसके पास खाने के समान का आभाव है. परिवार वालों ने भारतीय दूतावास, भारत सरकार से मदद मांगी है और जल्द से जल्द सभी बच्चों को वापस लाने की मांग की है.

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सोमवार को भी खुलेंगे उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय, आदेश जारी

Chhapra: आगामी 28 फरवरी सोमवार को भी जिले के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय एवं उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खुले रहेंगे.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.76 अरब डॉलर बढ़कर 632.95 अरब डॉलर पर

पंचायत चुनाव में बेहतर कार्य करने वाले कर्मियों को किया गया पुरस्कृत

खेल के क्षेत्र में अपार संभावनाएं: खेल मंत्री डॉ आलोक रंजन झा

इस आशय से संबंधित पत्र निर्गत करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा नवम वर्ग की परीक्षा संचालित की जा रही है. लेकिन उत्क्रमित उच्च माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सोमवार 28 फरवरी को शबे मेराज को लेकर अवकाश है.

ऐसे में परीक्षा बाधित ना हो इसके लिए विद्यालय खोलने का आदेश जारी किया गया है. जिससे 9वी कक्षा के बच्चे परीक्षा में शामिल हो सकें.A valid URL was not provided.

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Chhapra:

मनुष्य के जीवन का अभिन्न अंग है, इससे शारीरिक एवं बौद्धिक विकास होता है, नए दौर में खेल के क्षेत्र में भी काफी परिवर्तन आ गया है, खेल जगत में भी युवा अपना भविष्य संवार सकते हैं, केंद्र और राज्य सरकार खेल को बढ़ावा देने के प्रति वचनबद्ध है। उक्त बातें सुबे के कला संस्कृति एवं युवा मंत्री डॉक्टर आलोक रंजन झा ने शनिवार को जिला क्रिकेट संघ द्वारा स्थानीय राजेंद्र स्टेडियम के सभागार में संचालित गुरुकुल कप जूनियर क्रिकेट लीग के फाईनल मैच का समापन सह पारितोषिक वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कही।

बच्चों के बीच चित्रांकन एवं खेल-कूद प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

इससे पूर्व कला एवं संस्कृति मंत्री को जिला क्रिकेट संघ एवं विभिन्न खेल व अन्य प्रकोष्ठों तथा स्थानीय नेताओं द्वारा अंग वस्त्र मोमेंटों व गुलदस्ता देकर स्वागत करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया। कला संस्कृति एवं युवा मंत्री डॉ आलोक रंजन झा ने राजेंद्र स्टेडियम के सभागार से खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि दो टीम के बीच हार- जीत तो होता ही रहता है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि खिलाड़ियों को निरंतर प्रयास करने की जरूरत है। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि खेल के क्षेत्र में भी काफी परिवर्तन आया है। अब खेल के क्षेत्र में भी आपार संभावनाएं हैं। खिलाड़ी इसमें भी अपने भविष्य को संवार सकते हैं। केंद्र व राज्य सरकार खेल को बढ़ावा देने के प्रति वचनबद्ध है। इसके लिए मजबूत इन्फ्राएस्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। ताकि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मिल सके। खिलाड़ियों एवं गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सारण भी खेल के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। इस ऐतिहासिक धरती पर प्रतिभावान खिलाड़ियों की कमी नहीं है। जिला क्रिकेट संघ ए्वं स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इसके लिए प्रयासरत है। सारण के प्रतिभावान खिलाड़ियों को भी हर संभव सरकार द्वारा सहायता उपलब्ध कराया जा पंचायत चुनाव में बेहतर कार्य करने वाले कर्मियों को किया गया पुरस्कृत

समारोह को संबोधित करते हुए विधान परिषद डॉ वीरेंद्र नारायण यादव ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने अपने संबोधन में खेल को जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया। जबकि सम्मान समारोह में उपस्थित छपरा के विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने में संबोधित करते हुए इस तरह के आयोजन पर बल दिया। छपरा की मेयर सुनीता देवी ने अपने संबोधित में कला एवं संस्कृति मंत्री का स्वागत करते हुए नगर वासियों की तरफ से सारण की ऐतिहासिक धरती पर उनका आगमन के लिए आभार जताया। गुरुकुल कप जूनियर क्रिकेट लीग का फाईनल मैच में डब्लू. सी. ए. सारण टीम ने त्रिशूल एकेडमी परसा को 11 रनों से हराया। टॉस जीतकर डब्लू सी ए सारण की टीम ने 25 ओवर में 160 रन बनाया। जबकि त्रिशूल एकेडमी ने 7 विकेट पर 149 रन ही बना पाया।

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Chhapra: बिहार प्रदेश जनता दल (यूo) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जदयू अतिपिछड़ा (बिहार) संतोष कुमार महतो के आवास पर एक बैठक कर यह निर्णय लिया गया कि आगामी 1 मार्च को बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्मदिन को विकास दिवस के रूप में मनाना हैं। उक्त जानकारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार महतो ने दिया। उक्त अवसर पर जदयू नेता चंद्रभूषण पंडित, जदयू नेता महेश सिंह, अजय सिंह, पाताली सिंह, रंगलाल महतो, बिन्दा महतो, संजय सिंह, मुखिया मनोज महतो, गुड्डू चन्द्रवंशी, संजय चन्द्रवंशी, बिमल राय, दुखित महतो, गोरख राय, गंगा महतो,बिनोद सिंह, उमेश सिंह मुखिया,रामबाबू महतो, बबन बिन्द, अरविन्द यादव आदि मौजूद थे।

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योगेश कुमार गोयल

भारत की पावन धरती पर अनेक समाज सुधारकों, देशभक्तों, महापुरुषों और महात्माओं ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपना सारा जीवन देश के प्रति न्यौछावर कर दिया। आर्य समाज के संस्थापक के रूप में वंदनीय महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती भी ऐसे ही देशभक्त, समाज सुधारक, मार्गदर्शक और आधुनिक भारत के महान चिंतक थे, जिन्होंने न केवल ब्रिटिश सत्ता से जमकर लोहा लिया बल्कि अपने कार्यों से समाज को नई दिशा और ऊर्जा भी प्रदान की। 1857 की क्रांति में स्वामी दयानंद सरस्वती का अमूल्य योगदान था। वास्तव में देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी और ‘स्वराज’ का नारा उन्होंने ही दिया था, जिसे बाद में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने अपनाया और ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का नारा दिया।

वेदों का प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ उनकी महत्ता लोगों तक पहुंचाने तथा समझाने के लिए स्वामी जी ने देशभर में भ्रमण किया। जीवन पर्यन्त वेदों और उपनिषदों का पाठ करने वाले स्वामी जी ने पूरी दुनिया को इस ज्ञान से लाभान्वित किया। उनकी किताब सत्यार्थ प्रकाश आज भी दुनिया भर में अनेक लोगों के लिए मार्गदर्शक साबित हो रही है। वेदों को सर्वोच्च मानने वाले स्वामी दयानन्द सरस्वती ने वेदों का प्रमाण देते हुए हिन्दू समाज में फैली कुरीतियों और अंधविश्वासों का डटकर विरोध किया। जातिवाद, बाल विवाह, सती प्रथा जैसी समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने में उनका योगदान उल्लेखनीय है, इसीलिए उन्हें ‘संन्यासी योद्धा’ भी कहा जाता है। दलित उद्धार तथा स्त्रियों की शिक्षा के लिए भी उन्होंने कई आन्दोलन किए। हिन्दू धर्म के अलावा इस्लाम तथा ईसाई धर्म में फैली बुराईयों और अंधविश्वासों का भी उन्होंने जोरदार खंडन किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण, धार्मिक कुरीतियों की रोकथाम तथा वैश्विक एकता के प्रति समर्पित कर दिया।

स्वामी दयानंद का जन्म गुजरात के टंकारा में 12 फरवरी 1824 को हुआ था लेकिन हिन्दू पंचांग के अनुसार उनकी जयंती प्रतिवर्ष फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की दशमी को मनाई जाती है। इस साल पूरा देश 26 फरवरी को उनकी 199वीं जयंती मना रहा है। परिवार की भगवान शिव में गहरी आस्था होने तथा मूल नक्षत्र में पैदा होने के कारण स्वामी दयानंद सरस्वती का बचपन का नाम उनके माता-पिता ने मूलशंकर रखा था। जाति से ब्राह्मण स्वामी जी ने अपने कर्मों से ‘ब्राह्मण’ शब्द को परिभाषित करते हुए बताया कि ज्ञान का उपासक होने के साथ-साथ अज्ञानी को ज्ञान देने वाला दानी ही ब्राह्मण होता है। स्वामी दयानंद का बचपन बहुत अच्छा बीता लेकिन उनके जीवन में घटी एक घटना ने उन्हें इस कदर प्रभावित किया कि वे 21 वर्ष की आयु में ही अपना घर बार छोड़कर आत्मिक एवं धार्मिक सत्य की तलाश में निकल पड़े और एक संन्यासी बन गए। जीवन में ज्ञान की तलाश में वे स्वामी विरजानंद से मिले, जिन्हें अपना गुरु मानकर उन्होंने मथुरा में वैदिक तथा योग शास्त्रों के साथ ज्ञान की प्राप्ति की। 1845 से 1869 तक कुल 25 वर्षों की अपनी वैराग्य यात्रा में उन्होंने कई प्रकार के दैविक क्रियाकलापों के बीच विभिन्न प्रकार के योगों का भी गहन अभ्यास किया।

आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानंद ने मुम्बई के गिरगांव में गुड़ी पड़वा के दिन 10 अप्रैल 1875 को की थी, जिसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति के साथ समूचे विश्व को एक साथ जोड़ना था। आर्य समाज का आदर्श वाक्य है ‘कृण्वन्तो विश्वमार्यम्‘, जिसका अर्थ है ‘विश्व को आर्य यानी श्रेष्ठ बनाते चलो’। आर्य समाज के द्वारा उन्होंने दस मूल्य सिद्धांतों पर चलने की सलाह दी। मूर्ति पूजा के अलावा वे जाति विवाह, महिलाओं के प्रति असमानता की भावना, मांस के सेवन, पशुओं की बलि देने, मंदिरों में चढ़ावा देने इत्यादि के सख्त खिलाफ थे और इसके लिए उन्होंने लोगों में जागरुकता पैदा करने के अथक प्रयास किए। निराकार ओमकार में भगवान का अस्तित्व बताने और धर्म की बनी-बनाई परम्पराओं तथा मान्यताओं को नहीं मानने वाले स्वामी जी ने वैदिक धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताया। उन्होंने सदैव ब्रह्मचर्य का पालन किया, जिसे वे ईश्वर से मिलाप का सबसे प्रमाणित तरीका मानते थे।

अपने 59 वर्ष के जीवनकाल में महर्षि दयानंद ने न सिर्फ देश में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ लोगों को जागृत किया बल्कि अपने वैदिक ज्ञान से नवीन प्रकाश को भी देशभर में फैलाया। हालांकि कई लोगों ने उनका जमकर विरोध भी किया लेकिन स्वामी दयानंद सरस्वती के तार्किक ज्ञान के समक्ष बड़े-बड़े विद्वानों और पंडितों को भी नतमस्तक होना पड़ा। वे अपने जीवन को पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य, संन्यास तथा कर्म सिद्धांत के चार स्तंभों पर खड़ा मानते थे। स्वामी जी हिन्दी भाषा के प्रबल समर्थक थे और उनका मत था कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरे देश में एक ही भाषा ‘हिन्दी’ बोली जानी चाहिए। मानव शरीर को नश्वर बताते हुए वह कहते थे कि हमें इस शरीर के जरिये केवल एक अवसर मिला है, स्वयं को साबित करने का कि ‘मनुष्यता’ और ‘आत्मविवेक’ क्या है। वे कहा करते थे कि शक्ति किसी अलौकिकता या चमत्कारिता के प्रदर्शन के लिए नहीं होती। उनका कहना था कि अज्ञानी होना गलत नहीं है लेकिन अज्ञानी बने रहना गलत है। स्वामी जी का तर्क था कि काम करने से पहले सोचना बुद्धिमानी, काम करते हुए सोचना सतर्कता और काम करने के बाद सोचना मूर्खता है। वह कहा करते थे कि दुनिया को अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए और तब आपके पास सर्वश्रेष्ठ लौटकर आएगा। सभी धर्मों और उनके अनुयायियों को वे एक ही ध्वज तले बैठा देखना चाहते थे। दरअसल उनका मानना था कि आपसी लड़ाई का फायदा सदैव तीसरा उठाता हैं, इसलिए इस भेद को दूर करना आवश्यक है।

संन्यास लेने के बाद से ही स्वामी दयानंद सरस्वती ने अंग्रेजों के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया और राष्ट्र भ्रमण के दौरान उन्होंने महसूस किया कि लोगों में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आक्रोश है लेकिन उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है, इसीलिए उन्होंने लोगो को एकत्रित करने का कार्य किया। उनके विचारों से उन दिनों तांत्या टोपे, नाना साहेब पेशवा, हाजी मुल्ला खां, बाला साहब जैसे महान वीर भी प्रभावित थे। स्वामी जी ने ऐसे ही वीरों के सहयोग से देश की आजादी के लिए लोगों को एकजुट करना शुरू किया और इसके लिए सबसे पहले उन्होंने साधु-संतों को जोड़ा ताकि उनके जरिये जनसाधारण को आजादी के लिए प्रेरित किया जा सके। यही कारण था कि स्वामी जी ब्रिटिश हुकूमत की आंखों में पत्थर की भांति खटकने लगे थे और इसीलिए अंग्रेजी हुकूमत द्वारा षड्यंत्र के जरिये उन्हें जहर देकर मारने के भी प्रयास किए गए लेकिन योग पारंगत होने के कारण स्वामी जी को कुछ नहीं हुआ।

1883 में जोधपुर नरेश महाराजा जसवंत सिंह के निमंत्रण पर स्वामी जी जोधपुर गए, जहां उन्होंने देखा कि नन्हींजान नामक एक नर्तकी के प्रति महाराजा बहुत ज्यादा आसक्त थे। स्वामी जी के समझाने पर महाराजा ने उससे संबंध तोड़ लिए लेकिन इससे नर्तकी स्वामी दयानंद की दुश्मन बन गई और उसने स्वामी जी के रसोईये कलिया उर्फ जगन्नाथ को षड्यंत्र में शामिल कर स्वामी जी के दूध में पिसा हुआ कांच मिलवा दिया। इससे स्वामी दयानंद इतने बीमार हुए कि कभी उबर नहीं पाए और दीवाली की शाम 30 अक्तूबर 1883 को ‘प्रभु! तूने अच्छी लीला की, आपकी इच्छा पूर्ण हो’ इन अंतिम शब्दों के साथ राजस्थान में अपना नश्वर शरीर त्याग दिया।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)A valid URL was not provided.

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यूक्रेन से बिहारवासियों को लाने के लिए नीतीश कुमार की पहल, राज्य सरकार देगी पूरा खर्च

Bihar: यूक्रेन से बिहारवासियों को लाने के लिए राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है.

सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि यूक्रेन में जारी वर्तमान संकट के मद्देनजर वहां फंसे बिहारवासियों को बिहार लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. बिहार के स्थानिक आयुक्त को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से समन्वय कर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. केन्द्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए विशेष विमान भेजने का फैसला लिया है. इसके लिए केन्द्र सरकार को धन्यवाद.

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2156110647886850&id=213670778797523
शनिवार को यूक्रेन से बिहारवासियों को लेकर दो विमानों के मुम्बई और दिल्ली में लैंड करने की सूचना मिली है. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वहां से बिहार आने वाले लोगों का सम्पूर्ण किराया राज्य सरकार देगी.

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Chhapra: सारण जिले के मढौरा में अपराधियों ने एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से साढ़े चार लाख रूपए लूट लिए हैं. बाइक सवार तीन अपराधियों ने लूट की घटना को अंजाम दिया है। घटना मढ़ौरा के गढ़ देवी चौक के पास

घटना हुई है. घटना के बारे में जो पहली जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक माइक्रो फाइनेंस कंपनी का एक कर्मी रकम लेकर जा रहा था. इसी दौरान गढ़ देवी चौक के पास बाइक सवार तीन अपराधियों ने उसे रोका और फिर लूट की वारदात को अंजाम दिया. लूट के बाद तरैया की तरफ से अपराधी फरार हो गए. बाद में घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची है और छानबीन शुरू कर दी.

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Chhapra: मद्य निषेध सिपाही’ भर्ती परीक्षा हर हाल में शान्तिपूर्ण वातावरण में कदाचारमुक्त सम्पन्न होगी। जिलाधिकारी राजेश मीणा के निर्देश के आलोक में उप विकास आयुक्त अमित कुमार के द्वारा समाहरणालय सभागार में उपस्थित सभी केन्द्राधीक्षक, स्टैटिक दण्डाधिकारी, गश्तीदल दण्डाधिकारी, जोनल दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों को ब्रीफ करते हुए निर्देश दिया गया।

ब्रीफ्रिग के दौरान उप विकास आयुक्त के द्वारा बताया गया कि मद्य निषेध एवं उत्पाद एवं निबंधन में ’मद्य निषेध सिपाही’ पद पर नियुक्ति हेतु लिखित परीक्षा दिनांक 27.02.2022 रविवार को एक पाली में पूर्वाह्न 10:00 से मघ्याह्न 12:00 बजे तक छपरा के नगरीय क्षेत्र में 25 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित होगी। जिसमें 13461 परीक्षार्थी भाग लेंगे। परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों का रिपोर्टिग टाइम पूर्वाह्न 09:00 बजे रखा गया है। परीक्षा के सफल संचालन हेतु अपर समाहर्त्ता डॉ गगन मोबाईल नम्बर 9473191268 को सहायक संयोजक बनाया गया है।

ये हैं केंद्र 

परीक्षा के लिए सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल, चाँदमारी रोड, आर.एन.सिह ईभनिंग कॉलेज, कटरा, भागवत विद्यापीठ, छपरा सेन्ट्रल स्कूल, साढ़ा, राजपूत उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज, विशेश्ववर सेमिनरी इंटर कॉलेज, राजेन्द्र कॉलेजिएट उच्च विद्यालय, शंकर दयाल सिंह कॉलेज, तपेश्वर सिंह कॉलेज, साढ़ा, राजेन्द्र कॉलेज, ब्रजकिशोर किंडर गार्टेन स्कूल, एन.एन.बी. उच्च माध्यमिक विद्यालय, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, दर्शन नगर, इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, सारण एकेडमी उच्च विद्यालय, गाँधी उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज, दौलतगंज, साधुलाल पृथ्वीचंद प्लस टू विद्यालय, जनक यादव बालिका उच्च विद्यालय, कटरा, हैजलवुड स्कूल, नेवाजी टोला, गुरुकुल कलासेज, छपरा, डी.ए.भी. पब्लिक स्कूल, सिधवलिया, फकुली, राजकीय उच्च विद्यालय जिला स्कूल, छपरा, मिश्रीलाल साह आर्य कन्या उच्च विद्यालय, साहेबगंज, अब्दुल क्यूम अंसारी उच्च विद्यालय एवं राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, छपरा को केन्द्र बनाया गया है।

परीक्षा को कदाचारमुक्त, निष्पक्ष, स्वच्छ संचालन एवं विधि-व्यवस्था संधारण हेतु प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर पुलिस बल/महिला पुलिस बल, स्टैटिक दण्डाधिकारी, जोनल दण्डाधिकारी, उड़नदस्ता दल दण्डाधिकारी, प्रेक्षक एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है।

प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र बल परीक्षा प्रारंभ होने से 2 घंटा पूर्व अपने अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर रिपोर्ट करेंगे एवं परीक्षा के समाप्ति के बाद भी केन्द्र पर उपस्थित रहकर विधि-व्यवस्था संधारित करने का कार्य करेंगे।

परीक्षा केन्द्र के मुख्य द्वार पर ही केन्द्राधीक्षक, प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल की सहायता से परीक्षार्थियों की शारीरिक जाँचोपरांत, ई-प्रवेश पत्र को देख कर ही परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने देंगे। इसके साथ ही परीक्षा के संपूर्ण गतिविधियों की विडियोग्रॉफी कराने का निर्देश दिया गया। परीक्षा अवधि में अभ्यर्थियों की फोटोग्राफी होगी।

सभी दण्डाधिकारी एवं केन्द्राधीक्षक को निर्देश दिया गया कि वे परीक्षार्थियों के लिए सीट प्लान कोविड-19 के मद्देनजर निर्धारित मानकों को ध्यान में रखते हुए करेंगे। सीट प्लान को परीक्षा कक्ष के अलावे परीक्षा केन्द्र के मुख्य द्वार पर प्रदर्शित करने का भी निर्देश दिया गया है। ताकि परीक्षार्थियों को आवश्यक सुविधा मिल सके। परीक्षा कक्ष में प्रत्येक 24 परीक्षार्थियों पर एक वीक्षक की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। परीक्षा के अवधि में सभी के लिए मास्क का प्रयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।

परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष के अंदर मोबाईल, ब्लूटूथ, पेजर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिभाईस चिट, चाकू, माचिस, ब्लेड आदि ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। परीक्षा केन्द्र पर मूलभूत सुविधाएं यथा शौचालय, पेयजल, पर्याप्त लाईटिंग व्यवस्था कराने का भी निर्देश दिया गया। परीक्षा के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी सदर एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर, छपरा विधि-व्यवस्था के संपूर्ण प्रभार में रहेंगे।

परीक्षा तिथि को शहर में अतिरिक्त भीड़-भाड़ होेने की संभावना को देखते हुए छपरा जंक्शन, बस अड्डा एवं अन्य भीड़ वाले स्थलों का चयन कर पुलिस बल, दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया गया। अनुमंडल पदाधिकारी सदर, छपरा के द्वारा सभी परीक्षा केन्द्रों के 500 गज की परिधि में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा लागू करने हेतु निर्देश जारी कर दिया गया है।

जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना
इस परीक्षा के अवसर पर सदर अनुमंडल कार्यालय परिसर में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है जिसका दूरभाष संख्या-06152-242444 है। यह नियंत्रण कक्ष परीक्षा के दौरान प्रतिदिन पूर्वाह्न 07:30 बजे से संध्या 04:00 बजे तक कार्यरत रहेगा। नियंत्रण कक्ष के प्रभार में श्रीमती आई.वी.मोरगेन, कार्यपालक दण्डाधिकारी, सदर, छपरा, मोबाईल नम्बर 9304259750 रहेंगी।

किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में जिला शिक्षा पदाधिकारी मोबाईल नम्बर 8544411907, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर छपरा, मोबाईल नम्बर 9473191269, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर छपरा मोबाईल नम्बर 9431800075 से संपर्क कर परीक्षा से संबंधित सूचना दी जा सकती है।

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