पटना: बिहार में राजग गठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार राजद के साथ महागठबंधन की सरकार के मुखिया है। इस नए समीकरण की गुरुवार को बिहार के दो विधानसभा (मोकामा-गोपालगंज) में होने वाले उप चुनाव में अग्निपरीक्षा तय है। भाजपा जीती तो बिहार में उसका कद बढ़ेगा।
प्रचार का शोर मंगलवार शाम छह बजे ही थम गया। इन दोनों विधानसभा सीट में से मोकामा की सीट काफी हॉट मानी जा रही है। यहां दो बाहुबलियों की प्रतिष्ठा दांव पर है जबकि एक और बाहुबली नेता ने मोर्चा थामकर इसे खुद के प्रतिष्ठा का भी विषय बना लिया है।
मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उप चुनाव के लिए तीन नवंबर गुरुवार को सुबह सात बजे से मतदान शुरू होगा। छह नवंबर रविवार को मतों की गिनती की जायेगी। मोकामा में राजद की नीलम देवी का सीधा मुकाबला भाजपा की सोनम देवी के बीच है। नीलम देवी राजद के पूर्व विधायक जेल में बंद अनंत सिंह की पत्नी हैं।
भाजपा उम्मीदवार सोनम देवी के पति ललन सिंह भी बाहुबली नेता के रूप में जाने जाते हैं। अनंत सिंह और ललन सिंह के खेमे ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए पूरी जोर लगा दी है। अनंत सिंह अभी जेल में बंद हैं लेकिन उनके समर्थक पूरी तरह सक्रिय रहे हैं। महागठबंधन के शीर्ष नेता तक मैदान में उतरकर प्रचार किये हैं। मंत्रियों की फौज महागठबंधन ने उतार दी थी। तेजस्वी यादव, ललन सिंह वगैरह फ्रंट लाइन पर मोर्चा थामे रहे।
इस बार जब जदयू और राजद साथ है तो ये चुनाव बेहद दिलचस्प बना हुआ है। मोकामा को अनंत सिंह का गढ़ माना जाता है। जो यहां पिछले 18 सालों से जीत दर्ज करते आए हैं। ललन सिंह भी लगातार उन्हें चैलेंज देते रहे हैं। इस बार उनकी पत्नी सोनम देवी फिर एकबार मैदान में उतरी है। मोकामा में भाजपा ने 1995 के बाद उम्मीदवार उतारा है। भाजपा उम्मीदवार के लिए चिराग पासवान ने भी प्रचार किया हैं।
ललन सिंह को सूरजभान सिंह का करीबी माना जाता है। इसी कारण से सूरजभान सिंह ने भी इस चुनाव में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। वो मोकामा के ही निवासी भी हैं और इस माटी की राजनीति उनके लिए पूर्व में काफी लाभकारी रह चुकी है। मोकामा में भूमिहार वोटरों की भूमिका सबसे निर्णायक रहती है। 6 नवंबर को मतगणना के बाद यह तय होगा कि इस बार जनता का मिजाज कैसा रहा।