सूर्यग्रहण के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा पर 8 नवम्बर को गुरुनानक जयंती के मौके पर चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना दिखने जा रही है। इस दिन संध्या के समय पूर्वी आकाश में उदित होते चंद्रमा के साथ मध्य प्रदेश में यह आंशिक चंद्रग्रहण के रूप में दिखेगा। हालांकि भारत के पूर्वी राज्यों में इसे पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में देख पाएंगे। ग्रहण के दौरान चंद्रमा काला नहीं बल्कि लाल दिखाई देगा।
बताया कि चंद्रमा का अपना प्रकाश नहीं है। इस पर जब सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो उसे परावर्तित करके यह चमकता है। पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है, जो प्रत्यक्ष रूप से सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है। हालांकि पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरता हुआ अप्रत्यक्ष प्रकाश चंद्रमा पर पड़ता है। वायुमंडल की धूल के अंतर के कारण चंद्रग्रहण पीला, नारंगी, भूरा या लाल दिख सकता है। ग्रहण के समय वायुमंडल में जितने अधिक धूलकण या बादल होंगे, ग्रहण वाला चंद्रमा उतना लाल दिखेगा।
बताया कि चंद्रग्रहण को बिना किसी उपकरण के खाली आंख से देखा जा सकता है। रोशनी से दूर अंधेरे स्थान पर देखना अच्छा हो सकता है। अगर टेलिस्कोप या बाइनाकुलर से देखेंगे तो लाल रंग को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आंशिक ग्रहण तो शाम 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त हो जायेगा, लेकिन उपछाया ग्रहण 7 बजकर 26 मिनट तक चलता रहेगा।