पटना, 27 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारम्भिक परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग के बीच बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि किसी सूरत में बीपीएससी पीटी की परीक्षा रद्द नहीं होगी। परीक्षा को रद्द करने की मांग चंद लोग कर रहे हैं जबकि बहुत सारा मेल परीक्षा रद्द नहीं किये जाने की मांग को लेकर आयोग के पास आ रहे हैं।

बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने इस बात की घोषणा कर दी है कि फिर से 70वीं पीटी की परीक्षा नहीं ली जाएगी। इस परीक्षा को रद्द नहीं करने को लेकर बहुत सारे मेल आ रहे हैं। आंदोलित छात्र जो आरोप लगा रहे हैं उसका सबूत उनके पास नहीं है। आंदोलन करने वाले मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयोग अब अप्रैल में होने वाली मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटा है।

उल्लेखनीय है कि बीपीएससी पीटी परीक्षा के अभ्यर्थी बीते 9 दिनों से पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर आंदोलन कर रहे हैं। उनके इस आंदोलन में साथ देने के लिए तेजस्वी यादव, पप्पू यादव, प्रशांत किशोर, रहमान सर और खान सर पहुंचे थे। सभी ने छात्रों के हित के लिए परीक्षा को रद्द करने और फिर से परीक्षा लेने की मांग आयोग से की।

Chhapra: सारण फाउंडेशन द्वारा कराये जा रहे सारण खेल महोत्सव का अंतिम खेल टूर्नामेंट वॉलीबॉल का आज छपरा शहर के ब्रह्मपुर स्थित पीएन सिंह कॉलेज कैम्पस में शुभारंभ हुआ। पहला मैच कमल ॠषि राजपूत स्पोर्टिंग क्लब, बसडीला और महादेव हरिहर नाथ स्पोर्टिंग क्लब, सोनपुर के बीच पहला मैच हुआ। जिसमें बसडीला की टीम ने सोनपुर की टीम को हरा दिया।

ज्ञात हो कि इस 2 दिवसीय टूर्नामेंट में 11 टीमें भाग ले रही हैं। इन टीमों में राजपूत स्पोर्टिंग क्लब, इनई, बसुनायक स्पोर्टिंग क्लब, आमी , राजपूत स्पोर्टिंग क्लब, मुकरेरा, स्पाईक क्लब, दरियापुर, राजपूत स्पोर्टिंग क्लब, बैजू टोला, अम्बेडकर स्पोर्टिंग क्लब, सकड्डी, छपरा स्टार क्लब, छपरा, छपरा स्पोर्टिंग क्लब, श्यामचक, बाबा हरिहर नाथ क्लब, सोनपुर भाग ले रही हैं।

आरंभिक मैचों में ही खिलाड़ी अपने जबरदस्त हुनर का परिचय दे रहे हैं। इससे पहले टूर्नामेंट के उद्घाटन सत्र में सारण फाउंडेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र सेंगर ने कहा कि इस आयोजन को हमलोग इस जगह पर इसीलिए कर रहे हैं कि वॉलीबॉल के लिए यह क्षेत्र काफी लोकप्रिय है और इन क्षेत्रों से कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं। इस क्षेत्र के करीब सभी गांवों में यह खेल खेला जाता है और लाखो लोग इस खेल को जीते हैं।

इस अवसर पर मदन मोहन सिंह, राष्ट्रीय निर्णायक संजय कुमार सिंह, प्रमोद सिंह, मुकेश कुमार यादव उर्फ सोनू ,रमेश सिंह, विभूति नारायण शर्मा, डॉ सुरेश प्रसाद सिंह, ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर विधिवत खेल का उद्घाटन किया गया।

इनके अलावा अभिनव सिंह, सोनू सिंह, विकास सिंह, जितेंद्र सिंह, अरविंद सिंह, रमेश कुमार सिंह, मुन्ना सिंह, गुड्डू सिंह, अर्जुन सिंह, अर्जुन राय, लल्लन राय, पिंटू सिंह, बच्चा सिंह, सत्येंद्र सिंह, राजन प्रसाद यादव, सुशील सिंह, अरविंद सिंह, मनोज कुमार वर्मा संकल्प, पंकज कश्यप, सुनील कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

पटना, 27 दिसम्बर (हि.स.): पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता स्व. डॉ मनमोहन सिंह का निधन बीती रात होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 27-28 दिसम्बर की प्रगति यात्रा को स्थगित कर दिया गया है।

मनमोहन सिंह साल 2004 से साल 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। इनके निधन के बाद देश भर में 7 दिनों तक राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ को लेकर जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन को देखते हुए मुख्यमंत्री की 27 एवं 28 दिसम्बर की प्रगति यात्रा स्थगित की जाती है।

इससे पहले यह तय था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा को लेकर आज (27 दिसम्बर) मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे। यहां वे नरौली पंचायत के पंचायत भवन का निरीक्षण करेंगे। साथ ही शहर में हो रहे विकास कार्यों का मुआयना करेंगे। लेकिन, अब यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।

इससे पहले डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद नीतीश ने बीती रात ट्वीट कर अपनी संवेदना जाहिर किया था और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का निधन दुःखद। वे एक कुशल राजनेता एवं अर्थशास्त्री थे। उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। डॉ मनमोहन सिंह जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए प्रार्थना है।

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की स्मृति में शोक प्रस्ताव पारित किया। मंत्रिमंडल ने दो मिनट का मौन रखकर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।मंत्रिमंडल की बैठक में रखे शोक प्रस्ताव के अनुसार देश में 01.01.2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया गया है।इस शोक अवधि के दौरान, पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सात दिनों के लिए विदेश में सभी भारतीय मिशनों/उच्चायोगों में भी राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

डॉ. मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के दिन, सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों और सीपीएसयू में आधे दिन का अवकाश घोषित किया जाएगा।इसके साथ बैठक में संकल्प भी रखा गया जिसमें कहा गया “मंत्रिमंडल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 26 दिसंबर, 2024 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में हुए दुखद निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है।

अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के पश्चिमी पंजाब के गाह गांव में 26 सितंबर, 1932 को जन्मे डॉ. सिंह का शैक्षणिक जीवन शानदार रहा। उन्होंने 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की और 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी सम्मान के साथ अर्थशास्त्र में ट्राइपोस प्राप्त किया। उन्हें 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा डी. फिल की उपाधि प्रदान की गई।

डॉ. सिंह ने अपना करियर पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में वरिष्ठ व्याख्याता के रूप में शुरू किया और उसी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। 1969 में वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर बने। डॉ. मनमोहन सिंह 1971 में तत्कालीन विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने। वे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (1972-76), आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव (नवंबर 1976 से अप्रैल 1980), योजना आयोग के सदस्य सचिव (अप्रैल 1980 से सितंबर 1982) और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (सितंबर 1982 से जनवरी 1985) रहे।

डॉ. सिंह को उनके करियर में मिले कई पुरस्कारों और सम्मानों में सबसे प्रमुख हैं भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (1987), भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995), वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी पुरस्कार (1993), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का एडम स्मिथ पुरस्कार (1956)।

डॉ. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे। आर्थिक सुधारों की व्यापक नीति लाने में उनकी भूमिका सर्वविदित है। डॉ. सिंह 22 मई, 2004 को भारत के प्रधानमंत्री बने और मई, 2009 तक प्रधानमंत्री रहे। वे मई 2009 से 2014 तक दूसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बने।

प्रस्ताव में कहा गया कि मनमोहन सिंह ने हमारे राष्ट्रीय जीवन पर अपनी छाप छोड़ी है। उनके निधन से राष्ट्र ने एक प्रख्यात राजनेता, प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक प्रतिष्ठित नेता खो दिया है।मंत्रिमंडल सरकार और पूरे देश की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है।”

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय टीम ने दोहा में 2024 एशियाई युवा (लड़के और लड़कियों) भारोत्तोलन चैंपियनशिप का समापन +87 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीतकर शानदार तरीके से किया।

मैबाम मार्टिना देवी ने +87 किलोग्राम भार वर्ग में समापन दिवस पर एक कांस्य और दो रजत पदक जीते।

40 किलोग्राम भार वर्ग में 135 किलोग्राम भार उठाकर नया एशियाई युवा रिकॉर्ड बनाने वाली ज्योशना सबर को 1000 रॉबी अंकों के साथ युवा लड़कियों के वर्ग में सर्वश्रेष्ठ भारोत्तोलक चुना गया।

इस आयोजन के दौरान जूनियर महिला और युवा लड़कियों की भारतीय टीम ने तीसरे स्थान की टीम ट्रॉफी जीती।

इस आयोजन के दौरान कुल मिलाकर भारतीय युवा और जूनियर टीम ने सात स्वर्ण, 17 रजत और नौ कांस्य पदक के साथ 33 मूल्यवान पदक जीते।

मेलबर्न, 27 दिसंबर (हि.स.)। स्टीव स्मिथ के शतक और उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, सैम कोंस्टास के अर्धशतकों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत यहां खेले जा रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के दूसरे दिन अपनी पहली पारी में 474 रन बनाए। स्टीव स्मिथ ने 140 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। स्मिथ के अलावा उस्मान ख्वाजा ने 57, मार्नस लाबुशेन ने 72 और सैम कोंस्टास ने 60 रन बनाए। भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह ने सर्वाधिक 4 विकेट लिए।

इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। सैम कोंस्टास और उस्मान ख्वाजा ने ऑस्ट्रेलिया को अच्छी शुरुआत दिलाई। विशेषकर कोंस्टास ने टी-20 प्रारुप की तरह बल्लेबाजी करनी शुरु की। उन्होंने खासकर बुमराह पर निशाना साधा और उनकी जमकर खबर ली। देखते ही देखते उन्होने अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया। ख्वाजा और कोंस्टास ने 19.1 ओवर में 89 रन जोड़ लिये। रवींद्र जडेजा ने इसी स्कोर पर कोंस्टास को एलबीडब्ल्यू कर यह साझेदारी तोड़ी। कोंस्टास ने 65 गेंदों पर 6 चौके और 2 छक्के की बदौलत 60 रन बनाए।

इसके बाद उस्मान ख्वाजा और मार्नस लाबुशेन ने दूसरे विकेट के लिए 65 रनों की साझेदारी की।

154 के कुल स्कोर पर बुमराह ने ख्वाजा को आउट कर यह साझेदारी तोड़ी। ख्वाजा ने 57 रनों शानदार अर्धशतकीय पारी खेली। लाबुशेन और स्मिथ ने एक बार फिर से पारी संभाली और तीसरे विकेट के लिए 83 रनों की साझेदारी की। इस साझेदारी को वाशिंगटन सुंदर ने तोड़ा। सुंदर ने 237 के कुल स्कोर पर लाबुशेन को पवेलियन भेज भारत को तीसरी सफलता दिलाई।

लाबुशेन के आउट होने के बाद बुमराह ने ट्रैविस हेड (00) को बोल्ड कर भारत को बड़ी राहत दिलाई। इसके बुमराह ने 246 के कुल स्कोर पर मिचेल मॉर्श (04) को भी अपना शिकार बनाया।

यहां से एलेक्स कैरी और स्मिथ ने छठे विकेट के लिए 53 रन जोड़े। इस दौरान स्मिथ ने 71 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। आकाशदीप ने 299 के कुल स्कोर पर कैरी (31) को आउट कर यह साझेदारी तोड़ी।

स्मिथ ने जड़ा शतक
इसके बाद स्मिथ और पैट कमिंस ने खेल को आगे बढ़ाया। इस दौरान स्मिथ ने अपना शतक पूरा किया। दोनों ने मिलकर सातवें विकेट के लिए 112 रन जोड़े। 411 के कुल स्कोर पर पैट कमिंस को रवींद्र जडेजा ने आउट कर भारत को सातवीं सफलता दिलाई। कमिंस ने 49 रन बनाए। इसके बाद 455 के कुल स्कोर पर जडेजा ने मिचेल स्टॉर्क को बोल्ड कर भारत को आठवीं सफलता दिलाई। स्टॉर्क ने 15 रन बनाए। इसी स्कोर पर आकाश दीप ने स्मिथ को बोल्ड कर भारत को बड़ी सफलता दिलाई। स्मिथ ने 140 रनों की बेहतरीन शतकीय पारी खेली। 474 के कुल स्कोर पर जसप्रीत बुमराह ने नाथन लियोन को एलबीडब्ल्यू कर ऑस्ट्रेलियाई पारी का अंत किया। लियोन ने 13 रन बनाए। स्कॉट बोलैंड 6 रन बनाकर नाबाद रहे।

भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह ने 4, रवींद्र जडेजा ने 3, आकाशदीप ने 2 और वाशिंगटन सुंदर ने 1 विकेट लिया।

Chhapra: राष्ट्रीय सेवा योजना राजेंद्र कॉलेज के तत्वावधान में वीर बाल दिवस मनाया गया। इस ऑनलाइन संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि आज का यह दिन गुरु गोविन्द सिंह जी के दो साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के प्रति श्रद्धांजलि है जिन्होंने धर्म और सिद्धांत की रक्षा हेतु अपने बलिदान दिए । उनका यह बलिदान बताता है कि नैतिकता और सत्य के लिए खड़ा होना जीवन का सबसे बड़ा मूल्य है।

कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अनुपम कुमार सिंह ने बताया कि आज के दिन भारत सरकार ने पहली बार “वीर बच्चों का सम्मान” करने का निर्णय लिया है, ताकि साहिबजादों की महान वीरता और बलिदान की गाथा को देशभर में प्रचारित किया जा सके।

विदित है कि विगत जनवरी 2022 को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन माननीय प्रधानमंत्री ने 26 दिसंबर को श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की शहादत के उपलक्ष्य में ‘वीर बल दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी ।

बाबा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और बाबा फतेह सिंह (7 वर्ष) ने मुगलों के सामने झुकने से इनकार कर दिया और धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। दोनों साहिबजादों को सरहिंद के नवाब द्वारा जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया, लेकिन उन्होंने अपने विश्वास से कोई समझौता नहीं किया।

गुरु गोबिंद सिंह और उनके परिवार की वीर गाथा को देश के हर कोने तक पहुंचाना, इतिहास की इन घटनाओं के माध्यम से भारतीय समाज को एकता और बलिदान का संदेश देना ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।

धन्यवाद ज्ञापन डॉ. बेठियार सिंह साहू ने किया । इस संगोष्ठी में डॉ. देवेश रंजन, डॉ. कुमारी नीतू सिंह, डॉ. परेश कुमार, डॉ. रजनीश कुमार यादव, डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह, विश्वविजय सिंह समेत कई छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं को बताया गया कि अपने इतिहास और संस्कृति को जानना और उसका सम्मान सभी का कर्तव्य होना चाहिए ।

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और सीमावर्ती राज्यों के शहरों में रहने वालों को आज सुबह बूंदाबांदी का सामना करना पड़ा। इस दौरान दिल्ली के कई हिस्सों में तेज बरसात हुई है। ठंडी हवा चल रही है। इससे शीतलहर का असर और बढ़ गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज और कल उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत में आंधी, ओलावृष्टि और मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान जताया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि आज सुबह 7:23 बजे दिल्ली में तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। समूचे महानगर में चल रही ठंडी हवा से मौसम और सर्द हो गया। इन दो दिनों में तापमान में उतार-चढ़ाव और घना कोहरा भी देखने को मिल सकता है। आज अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। दिल्ली के आसमान पर अगले 48 घंटे तक बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। साथ ही नोएडा में आज न्यूनतम तापमान 14 और अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में सुबह-सुबह बूंदाबांदी हुई है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, आज हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि हो सकती है। 27 और 28 दिसंबर को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण उत्तरी राज्यों के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की उम्मीद है।

आज का पंचांग
दिनांक 27 /12/2024 शुक्रवार
पौष कृष्णपक्ष द्वादशी
रात्रि 02:26 उपरांत त्रयोदशी (28 दिसंबर 2024 )
नक्षत्र विशाखा
रात्रि 08:28 उपरांत अनुराधा
विक्रम सम्वत :2081
चन्द्र राशि तुला सूर्योदय 06:34 सुबह,
सूर्यास्त :05:07 संध्या,
चंद्रोदय :04:06 रात्रि (28 दिसंबर 2024)
चंद्रास्त :02:01 सुबह
ऋतू : शरद
चौघडिया,दिन
चौघड़िया :
चर 06:34 सुबह 07:53 सुबह,
लाभ 07:53 सुबह 09:12 सुबह
अमृत 09:12 सुबह 10:32 सुबह
काल 10:32 सुबह 11:51 सुबह
शुभ 11:51 सुबह 01:10 दोपहर
रोग 01:10 दोपहर 02:29 दोपहर
उद्देग 02:29 दोपहर 03:48 संध्या
शुभ 03:48 संध्या 05:07 संध्या
लगन : धनु
सुबह 07:52 उपरांत धनु लगन
राहुकाल
सुबह 10:32 से 11:50 दोपहर
अभिजित मुहूर्त
सुबह 11:29 से 12 :11 दोपहर
दिशाशूल पच्छिम
यात्रा विचार :आज कही यात्रा पर जाने के पहले दही खाकर यात्रा करे यात्रा पूर्ण होगा.

आज का राशिफल

मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। दूर रहने वाले व्यक्तियों से संपर्क के कारण लाभ हो सकता है। नई योजनाओं का सूत्रपात होने के योग हैं। कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। व्यर्थ संदेह न करें।
लकी नंबर 1 लकी कलर भुरा

वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
व्यवसाय ठीक चलेगा। अर्थ प्राप्ति के योग बनेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। बेचैनी रहेगी। विवादों से दूर रहना चाहिए। पिता से व्यापार में सहयोग मिल सकेगा। सरकारी मसले सुलझेंगे।
लकी नंबर 3 लकी कलर महरुम

मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। प्रयास अधिक करने पर भी उचित सफलता मिलने में संदेह है। कार्य में विलंब के भी योग हैं। आर्थिक हानि हो सकती है। पारिवारिक जीवन तनावपूर्ण रहेगा।
लकी नंबर 1 लकी कलर हरा

कर्क(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
संपत्ति की खरीद-फरोख्त हो सकती है। आय बढ़ेगी। मन में उत्साहपूर्ण विचारों के कारण समय सुखद व्यतीत होगा। मकान व जमीन संबंधी कार्य बनेंगे। अनायास धन लाभ के योग हैं। व्यापार में वांछित उन्नति होगी। बेरोजगारी दूर होगी।
लकी नंबर 9 लकी कलर गुलाबी

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रुके धन के लिए प्रयत्न जरूर करें। कार्य का विस्तार होगा। दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप से बचें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। विलासिता के प्रति रुझान बढ़ेगा।
लकी नंबर 2 लकी कलर संतरी

कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
कार्यस्थल पर परिवर्तन लाभ में वृद्धि करेगा। योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे। कष्ट होगा। पारिवारिक जिम्मेदारी बढ़ने से व्यस्तता बढ़ेगी। कार्य में नवीनता के भी योग हैं। संतान के व्यवहार से समाज में सम्मान बढ़ेगा।
लकी नंबर 4 लकी कलर केशरी

तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। नए कार्यों से जुड़ने का योग बनेगा। पारिवारिक जीवन सुखद नहीं रहेगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। इच्छित लाभ होगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा हो सकती है।
लकी नंबर 5 लकी कलर बैगनी

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। आकस्मिक लाभ व निकटजनों की प्रगति से मन में प्रसन्नाता रहेगी। परिश्रम से स्वयं के कार्यों में भी शुभ परिणाम आएँगे।
लकी नंबर 6 लकी कलर लाल

धनु(ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
किसी कार्य में प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से जुड़ने की प्रवृत्ति आपके लिए शुभ रहेगी। राज्यपक्ष से लाभ होगा। अपने काम से काम रखें। दांपत्य सुख प्राप्त होगा। बुरी खबर मिल सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। भागदौड़ रहेगी।
लकी नंबर 7 लकी कलर फिरोजा

मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। आकस्मिक लाभ व निकटजनों की प्रगति से मन में प्रसन्नाता रहेगी। परिश्रम से स्वयं के कार्यों में भी शुभ परिणाम आएँगे।
लकी नंबर 1 लकी कलर हरा

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। परीक्षा आदि में सफलता मिलेगी। पारिवारिक कष्ट एवं समस्याओं का अंत संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आय से अधिक व्यय न करें।
लकी नंबर 7 लकी कलर आसमानी

मीन(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
मेहमानों का आवागमन होगा। व्यय होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। अपने प्रयासों से उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे। बुद्धि चातुर्य से कठिन कार्य भी आसानी से बनेंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। व्यर्थ समय नष्ट न करें। रुका पैसा मिलेगा।
लकी नंबर 9 लकी कलर पिला

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847

– डेट ट्रैप में फंसे भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में निभाई मुख्य भूमिका

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। भारत में जब भी उदारीकरण की शुरुआत और लाइसेंस राज के खात्मे की बात की जाएगी तो इसकी शुरुआत डॉ मनमोहन सिंह के नाम के साथ ही होगी। डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और देश का वित्त मंत्री रहने के पहले विदेश व्यापार विभाग में आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय के सचिव, भारतीय रिजर्व बैंक के डायरेक्टर और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रह चुके थे। अर्थशास्त्री से राजनेता बने डॉ मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक सुधारों और उदारीकरण का जनक माना जाता है। पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्रालय संभालने वाले डॉक्टर मनमोहन सिंह ने देश की इकोनॉमी को एक नई दिशा दी थी, जिससे खस्ताहाल हो चुकी देश की अर्थव्यवस्था दोबारा पटरी पर लौट सकी थी।

आजादी के बाद से ही जारी लाइसेंस राज और क्लोज डोर इकोनॉमी के कारण 90 के दशक की शुरुआत में देश का खजाना लगभग खाली हो गया था। विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि भारत कर्ज के फंदे में फंसता जा रहा था। विदेशी कर्जों की किस्तों का भुगतान करने के लिए भी भारत के सामने नए कर्ज लेने की मजबूरी बन गई थी। विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ 06 अरब डॉलर की राशि बची थी, जिससे एक महीने तक भी आयत नहीं किया जा सकता था। खाड़ी युद्ध के कारण मिडिल ईस्ट में काम करने वाले भारतीय नागरिकों द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि में भी कमी आ गई थी। ऐसी विषम परिस्थितियों में डॉक्टर मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने की कोशिश की। इस काम में उन्हें तब के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की ओर से पूरा समर्थन मिला।

प्रधानमंत्री का साथ मिलने पर वित्त मंत्री के रूप में डॉ मनमोहन सिंह ने जो किया, उससे न केवल देश की इकोनॉमी सुदृढ़ हुई, बल्कि उसे एक नई दिशा भी मिली। उन्होंने विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए तात्कालिक उपाय करते हुए भारत के स्वर्ण भंडार के एक हिस्से को गिरवी रखवा दिया। इसी तरह दो चरणों में रुपये का 20 प्रतिशत अवमूल्यन किया। ऐसा होने से भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बना पाना संभव हो सका, जिससे विदेशी मुद्रा की आवक बढ़ने लगी।

वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने जो सबसे बड़ा काम किया, वो था औद्योगिक नीति का उदारीकरण और देश की व्यापार नीति में बदलाव। आयात निर्भरता कम करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मनमोहन सिंह ने लाइसेंस राज की जटिलताओं को काम करने का काम किया। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी कंपनियों के एकाधिकार को कम करने के लिए नीतिगत बदलाव करने का फैसला किया। इसके तहत विदेशी निवेश की सीमा बढ़कर 51 प्रतिशत तक कर दी गई। इसी तरह टैक्स सुधारों और सब्सिडी में कटौती के जरिए डॉ मनमोहन सिंह ने राजकोषीय घाटा कम करने की भी कोशिश की।

आर्थिक उदारीकरण की अपनी कोशिश को आगे बढ़ाते हुए डॉ मनमोहन सिंह ने 1991 के आम बजट में कई ऐसे प्रावधानों को शामिल किया, जिससे देश की इकोनॉमी को नई दिशा मिलने लगी। इसी बजट में टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की शुरुआत की गई और कॉरपोरेट टैक्स को बढ़ाया गया। इसी तरह मनमोहन सिंह के इसी बजट में प्राइवेट सेक्टर को म्युचुअल फंड में भागीदारी करने की इजाजत दी गई।

1991 में जब डॉक्टर मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधार के लिए ये कदम उठाए, तब इसको लेकर कई तरह के सवाल भी उठाए गए, लेकिन मनमोहन सिंह की इन नीतियों की वजह से देश उदारीकरण की राह पर चल पड़ा जिससे आर्थिक प्रगति के दरवाजे खुलते चले गए और उनकी बनाई नीतियों के कारण भारत को ग्लोबल मार्केट में अपनी जगह बनाने का अवसर मिला।

प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के कार्यकाल की कई मुद्दों पर आलोचना भी की जाती है, लेकिन इस तथ्य से इनकार भी नहीं किया जा सकता है कि उनके कार्यकाल में ही भारत का जीडीपी ग्रोथ 9 प्रतिशत की ऊंचाई तक पहुंच गया था। साल 2007 में भारत की विकास दर 9 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचने के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी सबसे तेज अर्थव्यवस्था बन गई थी।

डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में टैक्स सुधार की दिशा में भी कई कदम उठाए गए। इनमें वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) का विशेष रूप से उल्लेख किया जा सकता है, जिसके जरिए पुरानी जटिल टैक्स व्यवस्था को खत्म किया गया था। वैट के अलावा मनमोहन सिंह के कार्यकाल में सर्विस टैक्स व्यवस्था की भी शुरुआत की गई, जिससे देश के खजाने को ताकत मिली। इसके अलावा 2006 में मनमोहन सिंह के निर्देश पर ही देश में स्पेशल इकोनॉमिक जोन की शुरुआत की गई। मनमोहन सिंह की उपलब्धियां में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) का नाम भी लिया जा सकता है, जिसे अब मनरेगा कहा जाता है। कहा जाता है कि इस योजना की वजह से ही तमाम घोटालों में तब की यूपीए सरकार के मंत्रियों का नाम आने के बावजूद कांग्रेस लगातार दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीतने में सफल रही थी।

– ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे एक जलविद्युत परियोजना को दी मंजूरी

बीजिंग, 26 दिसंबर (हि.स.)। चीन ने भारतीय सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर 137 अरब डॉलर की लागत से दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिससे तटवर्ती देशों- भारत और बांग्लादेश में चिंताएं बढ़ गई हैं।

दरअसल, चीन की सरकार ने ऐलान किया है कि वह तिब्‍बत की सबसे लंबी नदी यारलुंग त्‍सांगपो (भारत का ब्रम्हपुत्र नद) पर महाशक्तिशाली बांध बनाने जा रही है। इस बांध से चीन के धरती की स्‍पीड को प्रभावित करने वाले थ्री जॉर्ज बांध से 3 गुना ज्‍यादा बिजली पैदा होगी। चीन की सरकारी न्‍यूज एजेंसी शिन्‍हुआ ने यह जानकारी दी है।

एजेंसी के अनुसार, चीन की सरकार इसे हिमालय के करीब एक विशाल घाटी में बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसी स्थान से ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश की तरफ मुड़ जाती है।

चीनी मीडिया का कहना है कि यह बीजिंग के लिए इंजीनियरिंग की बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। सरकार इस बांध को बनाने के लिए 137 अरब डॉलर खर्च करने जा रही है।

बांध निर्माण की घोषणा के बाद कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह चीनी बांध धरती पर चल रहे सिंगल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के किसी भी प्राजेक्‍ट को बहुत पीछे कर देगा जबकि कुछ विशेषज्ञ इस निर्णय को सोची समझी प्रक्रिया बता रहे हैं। उनका कहना है कि चीन इस दैत्‍याकार बांध का इस्तेमाल हथियार की तरह उपयोग कर भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में कभी भी बाढ़ ला सकता है।

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स में गुरुवार रात निधन हो गया। डॉ. मनमोहन सिंह ने रात 9 बजकर 51 मिनट पर अंतिम सांस ली। केंद्र सरकार इस दुख की इस घड़ी में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित करेगी। भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को 11 बजे पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए कैबिनेट की बैठक होगी। इसके साथ कल होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द किए जाएंगे। डॉ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

डॉ. मनमोहन लंबे समय से अस्वस्थ थे। गुरुवार को रात आठ बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। जिसके बाद वे बेहोश होगे। उन्हें तुरंत दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन

मनमोहन सिंह के निधन को लेकर दिल्ली एम्स ने विज्ञप्ति के जरिए बयान जारी किया। एम्स की ओर से बताया गया कि मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। वो उम्र से संबंधित बीमारियों से ग्रसित थे। आज अपने घर पर अचानक बेहोश हो गए थे। उन्हें रात 8:06 बजे एम्स के मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया। हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित किया गया।

मनमोहन सिंह एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, शिक्षक और ब्यूरोक्रेट रहे। उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और वह जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और नरेन्द्र मोदी के बाद चौथे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री है। उन्होंने लोकसभा का सदस्य बनने के बजाय राज्यसभा में असम से 1991 से 2019 और फिर राजस्थान से 2019 से 2024 तक सदस्य के रूप में कार्य किया।

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिम पंजाब के गाह (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। 1947 में भारत विभाजन के दौरान उनका परिवार भारत आ गया। सिंह ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट किया और 1966 से 1969 तक संयुक्त राष्ट्र में काम किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपनी शुरुआत की और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।

1991 में, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें वित्त मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया। सिंह ने अपनी नीतियों से भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की दिशा में आगे बढ़ाया, जिससे भारत ने आर्थिक संकट से उबरकर तेज़ी से विकास किया। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार किए गए।