Chhapra: जिलाधिकारी द्वारा यह बताया गया कि ट्रेन से जयपुर से आज पटना में 77 लोग आ रहे हैं. जिनके लिए जिला वाहन कोषांग द्वारा दो बस एवं एक दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर पटना भेजा गया है.

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उन्होने बताया कि इसके साथ ही 30 लोग औरंगाबाद की सीमा पर दूसरे राज्यों से आकर रह रहे हैं, जिन्हें लाने हेतु एक बस की व्यवस्था कर पुलिस बल के साथ भेजा गया है. इन सभी को अगले 21 दिनों तक क्वॉरेंटाईन केन्द्र पर रखा जायेगा.

Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवं पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय द्वारा संयुक्त रूप से रिविलगंज, मांझी, एकमा, जलालपुर एवं सदर प्रखण्ड में बनाये गए क्वेरेन्टीन सेंटर का निरीक्षण किया गया.

रिविलगंज के राजकीय मध्य विद्यालय, सेमरिया पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों क्वेरेन्टीन सेंटर का निरीक्षण किया गया. सेंटर पर निर्धारित मानकों के अनुसार सभी व्यवस्था दिखी. जिसकी जिलाधिकारी द्वारा प्रशंसा की गयी एवं टीम के सभी पदाधिकारियों तथा कर्मियों की सराहना की.

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इसके उपरान्त जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मांझी प्रखण्ड स्थित दलन सिंह उच्च विद्यालय में क्वेरेन्टीन सेंटर पहुंचे. जहाँ निरीक्षण के क्रम में किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नही दिखी. जिलाधिकारी श्री सेन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी से स्पष्टीकरण तथा अंचल अधिकारी का वेतन बंद करते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया.

साथ ही प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी तथा संदर्भित कार्यों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को शनिवार संध्या तक किसी भी परिस्थिति में सभी आवश्यक व्यवस्था कर अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.

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वही एकमा प्रखण्ड स्थित अलख नारायण सिंह उच्च विद्यालय के क्वेरेन्टीन सेंटर की व्यवस्था संतोषजनक पायी गयी. वहां पूर्ण रूप से साफ-सफाई का निर्देश दिया गया. उक्त केन्द्र पर कुछ स्थानों पर चहारदिवारी टूटी हुई पायी गयी. जिसके लिए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को संदर्भित स्थल पर बैरिकेडिंग का कार्य कराने का निर्देश दिया गया.

एकमा बीडीओ द्वारा बताया गया कि उनके यहॉं विभिन्न केन्द्रों पर अभी तक 500 लोगों के आवासन एवं भोजन की व्यवस्था कर दी गयी है. जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एवं उनकी टीम की काफी प्रशंसा की गयी.

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इसके अलावे डीएम ने जलालपुर प्रखण्ड स्थित शंकर दयाल सिंह उच्च विद्यालय, उच्च विद्यालय, जलालपुर एवं टीचर ट्रेनिंग कॉलेज बंगरा का निरीक्षण किया गया. शंकर दयाल सिंह उच्च विद्यालय में तैयारी अभी प्रारंभिक अवस्था में पायी गयी. जिसके लिए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को अविलम्ब सभी व्यवस्था संपन्न करने का निर्देश दिया गया. उच्च विद्यालय, जलालपुर के क्वॉरेंटाईन केन्द्र में बाहर से आये हुए लोग आवासन करते हुए पाये गये.

Chhapra: कोरोना का संक्रमण प्रखंडों के बाद अब छपरा नगर में भी पहुंच चुका है. ताज़ा मामले में जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज क्वारन्टीन सेंटर में काम करने वाला एक 40 वर्षीय पुरुष संक्रमित पाया गया है. जिसके बाद प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को सील करने की कार्रवाई की है. इसके साथ ही सारण जिले में कोरोना संक्रमण से अबतक 7 लोग संक्रमित पाए गए है जिनमे से एक स्वस्थ हो चुका है.

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इससे पहले सारण जिले के इसुआपुर, अमनौर, मांझी, रिविलगंज, बनियापुर और सोनपुर प्रखण्ड से संक्रमित मरीज मिले थे. नया मामला सदर प्रखंड के जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए क्वारन्टीन सेंटर में काम करने वाला एक 40 वर्षीय पुरुष संक्रमित पाया गया है. जिसके साथ ही जिले के 20 में से 7 प्रखण्ड तक अब यह संक्रमण पहुंच चुका है.

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बता दें कि छपरा के इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाये क्वारेंटिन सेंटर में भी 2 संक्रमित मरीज मिले थे जिनमे से एक बांका और दूसरा अररिया के निवासी होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों मामलों को सम्बंधित जिलों के डाटा में जोड़ दिया है.

•डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट में किया स्पष्ट

•पीआईबी के फैक्ट चेक में अफवाह साबित हुआ

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश मे 3 मई तक लॉक डाउन लागू किया गया। ऐसे में ज्यादातर लोग मोबाइल या टेलीविजन पर कोरोना वायरस से संबधित खबर ही ज्यादा देख या पढ़ रहें है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे दावे किए जा रहे हैं जिसमें अप्रमाणित घरेलू ​नुस्खे और दवाइयों को कोरोना वायरस का इलाज बताया जा रहा है। इसी तरह एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि खूब पानी पीने और गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करके कोरोना वायरस के असर को खत्म किया जा सकता है। अगर वह खूब ज्यादा पानी पीता है और गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करता है तो इस वायरस को खत्म किया जा सकता है।


अब तक ऐसा कोई अध्ययन सामने नहीं आया है कि बहुत सारा पानी पीने या गर्म पानी और नमक से गरारा करने से कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक किया जा सकता है। हालांकि, यह सही है कि नमक मिलाकर गरम पानी का उपयोग किया जाता है। यह गले में खराश और कफ को ठीक करने के लिए एक तरह का घरेलू उपचार है, लेकिन अब तक, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह खतरनाक कोरोनो वायरस को भी नष्ट कर सकता है।

कोई प्रमाण नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसी तरह के एक दावे को खारिज किया है कि नमक वाले पानी से नाक साफ करके कोरोना वायरस का संक्रमण रोका जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नियमित रूप से खारे पानी से नाक साफ करने से लोगों को संक्रमण से बचाया जा सकता है।

इन बातों को अपनाए

• बार-बार हाथ धोएं.
• लोगों से दूरी बनाकर रहें.
•अपनी आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छुएं.
•सांस संबंधी स्वच्छता का अभ्यास करें.
• अगर आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें.

• जागरूक रहें और अपने डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का पालन करें

पीआईबी ने किया खंडन

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भी इस अफवाह का खंडन किया है कि गरम पानी में नमक या सिरका मिलाकर गरारा करके कोरोनावायरस का इलाज हो सकता है।

Chhapra: कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. देश और राज्य के साथ जिले में भी इससे संक्रमित मरीज की गिनती बढ़ रही है.

मरीजों की बढ़ती संख्या और आम से लेकर ख़ास तक चिंतित है. सरकार और जिला प्रशासन की Lockdown में थोड़ी नरमी अब भारी पड़ने लगी है. सड़कों और बेवजह लोगों का घूमना और तेज हो गया है वही Lockdown प्रथम की अपेक्षा Lockdown द्वितीय में दुकानें भी अधिक खुल रही है. हालांकि यह दुकानें सरकारी आदेश पर ही खुल रही है लेकिन इन दुकानों की आड़ में वैसे दुकान भी खुल रहे है. जिनके खुलने पर प्रतिबंध है. आर्थिक कमजोरी से जूझ रहे दुकानदारों की खुल रही दुकान से प्रशासन ने भी मानवता के नाते थोड़ी राहत दी है. लेकिन यह राहत अब परेशानी खड़ा करने को तैयार है.

ताजे आंकड़ों के अनुसार शनिवार को सारण में संक्रमित मरीजों की संख्या तीन हो गयी है. शुक्रवार और शनिवार दो दिनों में जिले के दो पोसेटिव मरीज पहचान में आये है. जो चिंता जनक है.

लोगों की सड़कों पर चहलकदमी, सड़कों पर सरपट पास वाले दौड़ रहे दो पहिया एवं चारपहियां वाहन और इनके सबके बीच सब्जी और फल दुकानदारों की बढ़ती संख्या, राशन कार्ड फॉर्म जमा करने के नाम पर गालियों में जुट रही भीड़ कुल मिलाकर इन सभी ने Lockdown को पूरी तरह प्रभावित किया है. सरकार के निर्देश पर कई कार्यालय भी खुल गए जहां रोस्टर के अनुसार ही सही लेकिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक कर्मियों के आवाजाही हो रही है. इससे संक्रमण को रोकने में हम प्रभावित हो रहे है.

बहरहाल जिले में बढ़ते ग्राफ से प्रशासन को एक बार फिर कड़े नियमों के साथ सड़कों पर पाबंदी लगाने की जरूरत है. नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है. सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप मास्क, कार्यालयों में सेनेटाइजर के प्रयोग, बाजार समिति, सरकारी बाजार, सब्जी दुकान पर भीड़ की निगरानी करने, सभी को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर का प्रयोग करने की जरूरत है. आम जनता को अभी भी घरों में रहने की जरूरत है. जिससे इस Lockdown का पालन किया जा सकें.

Chhapra: सारण जिले में कोरोना वायरस ने एक बार फिर दस्तक दी है. शनिवार को सारण में संक्रमित मरीजों की संख्या 2 के साथ कुल 3 हो चुकी है. जिसमे एक संक्रमित ठीक होकर अपने घर चला गया है. इस बार यह संख्या दूसरे दिन ही बढ़ गयी.

सारण में दूसरे संक्रमित मरीज की पुष्टि शुक्रवार की संध्या हुई. जो अमनौर के भगवतपुर का बताया जाता है. वही शनिवार की दोपहर में तीसरे मरीज के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. जो रिविलगंज के इनई गांव की एक युवती बताई जाती है.

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जिला प्रशासन ने अमनौर के भगवतपुर गांव के सभी सीमाओं को सील कर दिया है. साथ ही वहां आने जाने वालों पर पूरी पाबंदी है.

सारण में तीसरा मरीज मिलने के बाद जनता में आशंकित है. तरह तरह की चर्चा गर्म है.

विदित हो कि सारण जिले में शनिवार 25 अप्रैल तक 3 संक्रमित मरीजो की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है. जिसमे सबसे पहला मरीज इसुआपुर के चांदपुरा गांव का अब ठीक होकर घर जा चुका है.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर सरकार और जिला प्रशासन सख्त है. आम जनता की सुरक्षा के मद्देनजर वह सभी प्रयास सरकार और प्रशासन द्वारा किये जा रहे है जिससे कोरोना वायरस का प्रसार ना हो सकें.

जिला प्रशासन द्वारा लगातार lockdown के नियमों का पालन करने, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने और बेवजह घरों से बाहर सड़कों पर घूमने, बैठने, रहने की मनाही की जा रही है. इसके बावजूद भी लोगों के दिलों दिमाग मे इसका भय नही दिख रहा.

पुलिस की सख़्ती के बाद सड़कों पर भले ही भीड़ नही दिख रही हो लेकिन गलियां रौनक है. शहर के अमूमन हर गली में गप्पेबाजी मंडली जुटी हुई है. बेवजह महिलाएं और युवा भीड़ लगाकर पूरे दिन गलियों में गप्पेबाजी कर रहे है. शहर के कुछ इलाकों को छोड़ दे तो लगभग सभी गलियों का हाल एक जैसा है. शहर की गलियों में पुलिस के पेट्रोलिंग नही हो पा रही है जिसका लोग फ़ायदा उठा रहे है. पहले से अब गालियों में चहलकदमी भी बढ़ चली है. मुख्य मार्गो पर पुलिस की सख्ती को देख लोग गलियों से जाना बेहतर समझ रहे है.

देश और दुनिया मे कोरोना को लेकर हालात बिगड़ रहे है. प्रतिदिन आंकड़ों में इजाफा हो रहा है ऐसे में कुछ लोग यह समझने को तैयार नही है कि कोई भी, इसके चपेट में कही भी, कभी भी आ सकता है.

Lockdown कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने का एक प्रयास है. लेकिन गलियों में गप्पेबाजी वाली मंडली इस उद्देश्य की पूर्ति में बाधक बन रही है. जिला और पुलिस प्रशासन को अब गलियों में भी lockdown के नियमो के प्रचार प्रसार पर बल देने के साथ सख्ती बरतनी होगी. जिससे कि जिले में कोरोना का प्रसार ना हो सकें.

Chhapra: सीपीएस ग्रुप के चेयरमैन डॉ हरेन्द्र सिंह के द्वारा कोरोना योद्धा सारण एसपी हरिकिशोर राय और सुरक्षाबलों का स्वागत पुष्पमाला और अंगवस्त्र पहनाकर किया गया. जो दिन रात अपनी जान की परवाह किये बिना अपने परिवार से दूर मानव जाति की रक्षा में लगे हुए है.

सहाजीतपुर के समीप सीपीएस कल्याणपुर के परिसर में विगत सप्ताह से कोरोना योद्धा सुरक्षाबलों की एक टुकड़ी का आवासन और दैनिक सुविधाओं की व्यवस्था सीपीएस ग्रुप के द्वारा की गई है. जिसका एसपी हरिकिशोर राय ने सहाजीतपुर थाना प्रभारी संजय प्रसाद, अंचलाधिकारी बनियापुर की अगुआई में निरीक्षण किया. सीपीएस ग्रुप को व्यवस्था के लिए धन्यवाद दिया. ग्राम वसयियों के द्वारा सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सुरक्षाबलों पर पुष्पवर्षा और ताली बजाकर हौशला बढ़ाया.

पटना: सूबे मे कोरोना के पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई है. इस मौत के साथ ही बिहार में कोरोना वायरस से मरने वाले मरीजों की संख्या 2 हो गई है. जानकारी के मुताबिक मरीज पटना के एम्स में भर्ती था. वह मूल रूप से वैशाली जिले का रहने वाला था. बिहार में फिलहाल कोरोना के मरीजों की संख्या 83 है.

35 साल के मरीज को इलाज के लिए पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था. जानकारी के मुताबिक कोविड-19 के साथ मल्टीपल ऑर्गन फेल होने के कारण ही उसकी मौत हुई है. पटना एम्स में आने से पहले मरीज ने बाईपास और खुसरूपुर के अस्पताल में भी जांच कराई थी. मरीज के मौत की पुष्टि एम्स के नोडल अधिकारी नीरज अग्रवाल ने भी की है. मालूम हो कि इससे पहले बिहार में कोरोनावायरस से मुंगेर के एक युवक से उसकी मौत हो गई थी.

Bihar/ Nawada: कोरोना वायरस को लेकर जारी Lockdown में 15 अप्रैल को इस विवाह मुहूर्त की पहली शादी हुई. यह शादी चर्चा का विषय बना हुआ है. कारण यह है कि पूरे सूबे में जहां Lockdown से अप्रैल और मई माह में होने वाली शादियों को रद्द कर दिया ऐसे में इस मुहूर्त की पहली शादी का होना ही अपने आप मे ख़ास है.

बिहार के नवादा जिला स्थित हिसुआ बाजार काली स्थान की रहने वाली स्वर्गीय धर्मदेव कंधवे की पुत्री श्वेता कुमारी की शादी शेखपुरा जिले के बरबीघा थाना के झंडा चौक के हनुमान गली निवासी स्वर्गीय गोपाल प्रसाद वैश्कियार के पुत्र गौरव कुमार वैश्कियार से तय हुई थी. यह शादी विगत 25 मार्च 2020 को होने वाली थी. लेकिन Lockdown के कारण इस शादी की तिथि को रद्द किया गया. शादी की तिथि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू प्रथम चरण के लॉकडाउन की अंतिम तिथि यानी 14 अप्रैल के बाद 15 अप्रैल को रखी गई. लेकिन पुनः एक बार फिर लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से दोनों पक्ष परेशानी में आ गए.

इस दौरान दोनों परिवारों ने लॉकडाउन का पालन करने और विवाह भी संपन्न कराने को राजी हुए. वर पक्ष ने इसके लिए शेखपुरा जिला प्रशासन को आवेदन देकर पास जारी करने का अनुरोध किया. इसके बाद अनुमंडल कायार्लय से गौरव को पास निर्गत किया गया. पास में वाहन और स्वयं तथा सहयोगी को सैनिटाइज करने तथा आने-जाने के दौरान कहीं नहीं रूकने की शर्त और नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया.

कार से दूल्हे को लेकर दो लोगों के साथ बारात शेखपुरा से नवादा आये जहां पहले से तैयार बैठी दुल्हन के घर पर पांच लोगों एवं एक पंडित की मौजूदगी में मास्क लगाकर शादी की रस्में हुई.

इस दौरान दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे को सैनिटाइजर से संक्रमण मुक्त करते रहे. शादी के उपरांत वधू की विदाई भी हो गई.

Chhapra: कोरोना वायरस से पूरे देश मे लॉक डाउन है. सरकार के इस पहल से कई सकारात्मक बातें सामने आई है. जिनमे सबसे बड़ा परिवर्तन वायुमंडल का है. देश के अलग अलग राज्यों के साथ साथ वायुमंडल में हुए इस परिवर्तन का सीधा असर छपरा में भी देखने को मिल रहा है. प्रतिदिन सड़कों पर दौड़ते हजारों चारपहियां, दुपहियां वाहनों के अलावे ट्रेन, ट्रक, ट्रैक्टर, जेनरेटर में से इन दिनों गिने चुने संख्या में सड़को पर दिख रहे है. ऐसे में वायुमंडल में ना सिर्फ कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक तत्वों की मात्रा कम हुई है बल्कि हवा भी स्वच्छ हुई है.

विगत 10 दिन से जारी लॉक डाउन की इस अवधि में वायु प्रदूषण में कमी के साथ साथ ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आयी है. जो वृद्ध एवं छोटे बच्चों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. स्वच्छ हवा लोगों के मन मस्तिष्क को प्रफुल्लित कर रही है. घुटन वाली जिंदगी के अर्से बाद लोग स्वच्छ हवा में सांस ले रहे है और कुछ बेहतर महसूस कर रहे है.

निश्चित तौर पर इस लॉक डाउन की अवधि में कई सकारात्मक पहलू सामने आए है. आने वाले दिनों में यह एक बड़े परिवर्तन का घोतक बन सकता है. सरकार इस दिशा में पहल भी कर सकती है. जिससे के हम अपने बच्चों को एक सुनहरा भविष्य दे सकते है.

जिंदगी को जीने की जद्दोजहद और भागम भाग की इस जिंदगी में यह लॉक डाउन एक विराम के समान है लेकिन शारीरिक थकान, मानसिक तनाव को दूर करने और परिवार से पुनः लगाव का कारण भी यह लॉक डाउन ही बना है. इस अवधि में सभी ने अपने परिवार के छोटे बड़े बुजुर्ग के साथ जो समय व्यतीत किया वह एक इस सदी की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी.

लोग अपने घरों में रह रहे है, परिवार के लोगो से बातचीत कर रहे है, उनके साथ खेल रहे है, घरेलू कार्यो में हाथ बटा रहे है, पारिवारिक जीवन मे पुनः वापसी का श्रेय लॉक डाउन को ही मिलेगा. निश्चित तौर पर कोरोना वायरस ने हमे सीख दी है जिसपर अमल करने की जरूरत है.

 

New Delhi: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस(COVID-19) के संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अब हुए प्राइवेट लैब को भी कोरोना वायरस की जांच की मंजूरी दे दी है. देश में अभी सिर्फ सरकारी लैब में कोरोना का टेस्ट होता है. बता दे कि देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 320 के पार हो गई है. अब तक 16911 लोगों में कोरोना संक्रमण की जांच की गई है. असम में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आया है. झारखंड से असम पहुंची साढ़े 4 साल की बच्ची में कोरोना संक्रमण मिला है. आईसीएमआर ने शर्तों के साथ यह मंजूरी दी है. प्राइवेट लैब में कोरोना के टेस्ट के लिए 4500 रुपये का भुगतान करना होगा. इसमें संदिग्ध की स्क्रीनिंग के लिए 1500 रुपये और 3,000 रुपये कंफर्मेशन के लिए जाने हैं. आईसीएमआर ने कहा है कि निजी लैब सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही कोरोना का टेस्ट करें. अभी देश की 111 सरकारी लैब में कोरोना वायरस का टेस्ट हो रहा है.


आईसीएमआर ने कहा है कि हो सके तो निजी लैब मुफ्त में कोरोना का टेस्ट करें. प्राइवेट लैब उन्हीं लोगों का टेस्ट कर सकेंगी, जिन्हें किसी डॉक्टर ने रिफर किया हो और ये डॉक्टर ICMR द्वारा Covid-19 के इलाज के लिए अधिकृत किया हो.सरकार ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्राइवैट लैबों को कुछ हिदायतें भी दी हैं. अगर किसी व्यक्ति का सैंपल पॉजिटिव आता है तो अंतिम जांच के लिए उसे पुणे स्थित आईसीएमआर की लैब भेजना आवश्यक होगा। इसके बाद ही व्यक्ति को कोरोना है या नहीं, इसकी पुष्टि हो सकेगी.

बता दें देशभर में कोरोना वायरस का कहर जोर पकड़ रहा है. इस बीच बड़े स्तर पर जांच करने की मांग उठ रही है. फिलहाल आईसीएमआर के पास करीब एक लाख टेस्टिंग किट हैं. दस लाख और किटों का ऑर्डर दिया गया है. फिलहाल उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है, जो विदेशों से लौटकर आए हैं या संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क में आए हैं. देश भर में कोरोना के तीन सौ से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. अबतक चार लोगों की मौत भी हो चुकी है. इस महामारी का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में पड़ा है.