Chhapra: शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर चार सितंबर को प्राईवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हुये शहरी क्षेत्र के सभी निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा कैंडिल मार्च निकाला गया. इस मौके पर स्कूल के शिक्षक और कर्मी भी मौजूद थे.

नगरपालिका चौक से प्रारंभ इस कैंडिल मार्च में शामिल शिक्षक एवं संचालक द्वारा शांति पूर्ण मार्च करते हुए अपना विरोध दर्ज किया गया.

प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव डा हरेन्द्र प्रसाद तथा अध्यक्ष सीमा सिंह ने बताया कि समाज में अभिभावकों को संदेश देना लाज़मी हो गया है. कोरोना महामारी काल में भी निजी विद्यालयों के संचालक एवं उनके शिक्षक खुद को दीप की तरह जलकर अभिभावक के घर में शिक्षा का अलख जलाने का कार्य कर रहे है.

अपने घर के सभी पूँजी को समाज हित में न्योछावर कर के विद्यालय का पठन पाठन निरंतर जारी रखा है.

इस मौके पर देवकुमार सिंह, हरेंद्र सिंह, सीमा सिंह के साथ कई प्राइवेट स्कूल के संचालक एवं शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थी.

New Delhi: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस(COVID-19) के संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अब हुए प्राइवेट लैब को भी कोरोना वायरस की जांच की मंजूरी दे दी है. देश में अभी सिर्फ सरकारी लैब में कोरोना का टेस्ट होता है. बता दे कि देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 320 के पार हो गई है. अब तक 16911 लोगों में कोरोना संक्रमण की जांच की गई है. असम में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आया है. झारखंड से असम पहुंची साढ़े 4 साल की बच्ची में कोरोना संक्रमण मिला है. आईसीएमआर ने शर्तों के साथ यह मंजूरी दी है. प्राइवेट लैब में कोरोना के टेस्ट के लिए 4500 रुपये का भुगतान करना होगा. इसमें संदिग्ध की स्क्रीनिंग के लिए 1500 रुपये और 3,000 रुपये कंफर्मेशन के लिए जाने हैं. आईसीएमआर ने कहा है कि निजी लैब सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही कोरोना का टेस्ट करें. अभी देश की 111 सरकारी लैब में कोरोना वायरस का टेस्ट हो रहा है.


आईसीएमआर ने कहा है कि हो सके तो निजी लैब मुफ्त में कोरोना का टेस्ट करें. प्राइवेट लैब उन्हीं लोगों का टेस्ट कर सकेंगी, जिन्हें किसी डॉक्टर ने रिफर किया हो और ये डॉक्टर ICMR द्वारा Covid-19 के इलाज के लिए अधिकृत किया हो.सरकार ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्राइवैट लैबों को कुछ हिदायतें भी दी हैं. अगर किसी व्यक्ति का सैंपल पॉजिटिव आता है तो अंतिम जांच के लिए उसे पुणे स्थित आईसीएमआर की लैब भेजना आवश्यक होगा। इसके बाद ही व्यक्ति को कोरोना है या नहीं, इसकी पुष्टि हो सकेगी.

बता दें देशभर में कोरोना वायरस का कहर जोर पकड़ रहा है. इस बीच बड़े स्तर पर जांच करने की मांग उठ रही है. फिलहाल आईसीएमआर के पास करीब एक लाख टेस्टिंग किट हैं. दस लाख और किटों का ऑर्डर दिया गया है. फिलहाल उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है, जो विदेशों से लौटकर आए हैं या संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क में आए हैं. देश भर में कोरोना के तीन सौ से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. अबतक चार लोगों की मौत भी हो चुकी है. इस महामारी का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में पड़ा है.