Chhapra: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन का आज दूसरा दिन है. सारण जिला के 10 विधानसभा सीटों पर पहले दिन कुछ ही नामांकन हुए. दूसरे दिन कयास लगाया जा रहा है कि सभी सीटों पर नामांकन होंगे. प्रत्याशियों द्वारा अपने अपने नामांकन की तिथि सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर की जा रही है.

हालांकि कोविड-19 कोरोनावायरस को लेकर इस बार प्रत्याशी अपने 2 समर्थकों के साथ ही नामांकन कर सकेंगे. वहीं 2 से ज्यादा वाहन का प्रयोग भी नहीं कर सकेंगे. नामांकन को लेकर निर्वाचन आयोग एवं जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सारण जिला के छह विधानसभा का नामांकन छपरा में होगा वही चार नामांकन मढ़ौरा और सोनपुर अनुमंडल में हो रहा है.

बताते चलें कि महागठबंधन और एनडीए द्वारा प्रत्याशी की घोषणा करने के बाद कई बागी प्रत्याशियों ने अपने नामांकन की तिथि की घोषणा की है. 16 अक्टूबर तक दूसरे चरण के लिए नामांकन किया जा सकेगा. वही 19 अक्टूबर को नाम वापसी की जा सकती है. 3 नवंबर को मतदान होगा. परिणाम की घोषणा 10 नवंबर को की जाएगी.

Chhapra Today Election Desk: सारण जिले की 10 विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण में 3 नवम्बर को मतदान होगा. मतदान को लेकर निर्वाचन आयोग ने कुल 4239 बूथ बनाये है.
कोविड संक्रमण के मद्देनजर इस बार एक हज़ार नए बूथ बनाये गए है. इन बूथों पर कुल 29 लाख 39 हज़ार 574 मतदाता मतदान करेंगे. जिनमें 15 लाख 46 हज़ार 927 पुरुष और 13 लाख 92 हज़ार 595 महिला मतदाता है. वही अन्य मतदाताओं की संख्या 52 है.

इस बार नामांकन की प्रक्रिया में भी कोविड के मद्देनजर बदलाव किये गए है. नामांकन में अभ्यर्थी के साथ अधिकतम दो व्यक्ति ही नामांकन करते समय उपस्थित हो सकेंगे.वही रोड शो मों 30 मिनट के अंतराल पर अधिकतम 5 वाहनों की काफिले की अनुमति होगी.

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Chhapra: मढ़ौरा प्रखंड स्थित गौरा ओपी थाना क्षेत्र के नरहरपुर बसंत गांव में शराबी बेटे ने मां को लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी. घटना शनिवार देर रात की है. 73 वर्षीय महिला इंदू देवी के पति सुदामा सिंह ने अपने छोटे बेटे विकास कुमार सिंह के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस आरोपित विकास की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है.

जानकारी के अनुसार, सुदामा सिंह का पुत्र विकास कुमार शनिवार की देर रात लगभग 9:30 बजे शराब पीकर घर पहुंचा. घर के बरामदे पर बैठे सुदामा सिंह और उनकी पत्नी इंदू देवी को देखते ही बेटे विकास ने गाली गलौज शुरू कर दिया. विकास की मां इंदू देवी ने गाली देने से मना किया तो वह आक्रोशित हो गया और डंडे से जमकर पिटाई कर दी.जिससे वह बुरी तरह घायल हो गयी. घटनास्थल पर ही इंदू देवी की मौत हो गई. रात में ही बेटे ने शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर ली.

घटना की जानकारी मिलने पर गौरा ओपी प्रभारी केडी यादव दलबल के साथ पहुंच गए और शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल छपरा भेज दिया.

नीरज सोनी  

अकेला चना क्या भाड़ फोड सकता है? यह सवाल हमेशा दिमाग में उठता है जब हम सरकारी तंत्र की मार खाते हैं. लेकिन लोकतंत्र में ऐसे कई चने हुए जिन्होंने अकेले ही घड़े रूपी सरकार को तोड़ दिया. जयप्रकाश नारायण एक ऐसे ही शख्स थे जिन्होंने अपनी जिंदगी देश के नाम कर दी और अकेले दम पर तत्कालीन इंदिरा गाँधी की सरकार को दिन में तारे दिखला दिए.

देश में समाजवादी आंदोलन में अहम भूमिका निभाने और लोकतंत्र को दोबारा जिंदा करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण की कल 118 वीं जयंती है। उनके निधन को 43 बरस बीत चुके हैं, लेकिन आज तक उनके व्यक्तित्व का सही तरीके से यह आकलन नहीं हो पाया है कि उनकी मूल राजनीतिक विचारधारा क्या थी, वह देश में किस तरह की राजनीतिक प्रणाली चाहते थे? किसी भी तरह का चुनाव लड़े बिना आखिर वह किस लोकशाही की बात करते थे?

भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण छात्र जीवन से ही महात्मा गांधी की विचाराधारा से प्रभावित थे और 18 वर्ष की उम्र में असहयोग आंदोलन में शरीक हो गए थे, जयप्रकाश नारायण का नाम जब भी जुबां पर आता है तो यादों में रामलीला मैदान की वह तस्वीर उभरती है जब पुलिस जयप्रकाश को पकड़ कर ले जाती है और वह हाथ ऊपर उठाकर लोगों को क्रांति आगे बढ़ाए रखने की अपील करते हैं. जयप्रकाश नारायण ही वह शख्स थे जिनको गुरू मानकर आज के अधिकतर नेताओं ने मुख्यमंत्री पद तक की यात्रा की है. लालू यादव, नीतीश कुमार, मुलायम सिंह यादव, राम विलास पासवान, जार्ज फर्नांडिस, सुशील कुमार मोदी जैसे तमाम नेता कभी जयप्रकाश नारायण के चेले माने जाते थे लेकिन सत्ता के लोभ ने उन्हें जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से बिलकुल अलग कर दिया.

निःसंदेह जयप्रकाश नारायण जैसे सपूतों को पाकर भारत माँ ने अपनी कोख की अवश्य सराहना की होगी. मानवता के मूल्यों को और स्वयं मानवता को अन्धकार से निकालकर प्रकाश में लाने के लिए जयप्रकाश जी ने जीवन भर संघर्ष किया, जूझे पर झुके नहीं पथ से मुड़े नहीं. मातृभूमि का कण- कण बोल उठा जयप्रकाश शतायु हो जनवरी 1921 ई. में मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में पटना में एक विशाल सभा हुई उनके भाषण का जयप्रकाश जी पर बहुत गहरा असर पड़ा. उन्होंने दूसरे दिन ही कॉलेज छोड़ दिया, और अपने ससुर जी की सलाह पर राजेन्द्र बाबू की निगरानी में सदाकत आश्रम में चल रहे विद्यापीठ में चले गए. इंटर का इम्तिहान दिया और ऊँचे नम्बरों से इंटर पास किया. बम्बई में अक्टूबर 1934 ई. को कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी को बकायदा कायम किया गया. जयप्रकाश जी उस नई पार्टी के जनरल सेक्रेटरी नियुक्त किये गए. 7 मार्च 1940 ई. की शाम को जयप्रकाश नारायण जी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस उन्हें जमशेदपुर जेल ले गयी और वहाँ उन्हें चाईवास जेल में बंद कर दिया गया. ‘‘ भारत छोड़ो आन्दोलन’’ के दौरान जयप्रकाश जी हजारीबाग़ जेल में बंद थे. इस जनक्रांति के आन्दोलन में भाग लेने के लिए उनकी आत्मा छटपटा रही थी. उन्होंने जेल से भागने का निश्चय किया. 6 नवम्बर 1942 को दिवाली के अवसर पर जेल के सभी कर्मचारियों और कैदियों के लिए दावत और नाच गाने के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राम वृक्ष बेनीपुरी जी इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे.

उसी समय जयप्रकाश जी जान की बाज़ी लगाकर नई धोती की रस्सी बनाकर छः मिनट में जेल की दीवार लांघ गए और बाहर निकल गए. बारह घंटे तक रामवृक्ष बेनीपुरी जी ने जयप्रकाश जी बीमारी का बहाना कर के किसी को पता नहीं चलने दिया कि वे जेल से भाग गए है. ब्रिटिश सरकार ने जयप्रकाश जी को जिन्दा या मुर्दा पकड़वाने के लिए दस हजार का ईनाम रखवाया.

उन्होंने नेपाल में आज़ाद दस्ते का गठन किया.1943 ई. में उन्हें एक बार फिर चलती ट्रेन से उन्हें और डॉ. लोहिया को गिरफ्तार कर लिया गया. गांधी जी ने यह साफ़ कर दिया कि दोनों की रिहाई के बिना अंग्रेज सरकार से कोई भी समझौता संभव नहीं है इसके फलस्वरूप दोनों को 1946 ई. में रिहा कर दिया गया. 1954 ई. में उन्होंने गया और बिहार में विनोवा भावे के सर्वोदय आन्दोलन में जीवन समर्पण की घोषणा की .जयप्रकाश जी ने तत्कालीन लोकनीति के पक्ष में राजनीति छोड़ दिया.1960 ई. में वे पुनः राजनीति में आ गए. 1974 ई. में किसानों के बिहार आन्दोलन में उन्होंने सक्रीय भूमिका निभाई.

बिगडती तबियत के बावजूद उन्होंने तात्कालीन सरकार इंदिरा गाँधी के प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध और भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन किया. उनके नेतृत्व में गुजरात में पीपुल्स पार्टी ने चुनाव जीता. 1975 ई. में जब आपातकाल की घोषणा हुई तो आन्दोलन के दौरान वे 600 व्यक्तियों के साथ बंदी बना लिए गए. 7 महीने जेल में रहने के बाद तबियत खराब होने की वजह से उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. उनका निधन 8 अक्टूबर 1979 ई. को ह्रदय रोग और मधुमेह के कारण हुआ.

उनके निधन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उनके सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की….

यह लेखक के निजी विचार है | लेखक नीरज सोनी  

Chhapra: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कोविड-19 को लेकर कई बदलाव किए गए हैं. इस बार प्रत्येक विधानसभा एवं बूथ पर 80 वर्ष से अधिक के मतदाताओं एवं 100 वर्ष से अधिक के मतदाताओं की सूची भी जारी की गई है.

इन मतदाताओं को निर्वाचन आयोग के निर्देश पर खास व्यवस्था मिलेगी. सारण के 10 विधानसभा क्षेत्रों में 80 से 89 साल के कुल 46840 मतदाता है. वही 90 से 99 साल के 10213 और उम्र का शतक पूरा कर चुके यानी 100 साल और उससे अधिक के कुल 488 मतदाता है.       

जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा बताया गया है कि छपरा विधानसभा सीट पर 100 वर्ष से अधिक उम्र के 60 मतदाता हैं. वही एकमा में विधानसभा में 27, मांझी विधानसभा में 41, बनियापुर विधानसभा में 58, तरैया विधानसभा में 43, मढ़ौरा विधानसभा में 43, गरखा विधानसभा में 72, अमनौर विधानसभा में 42, परसा विधानसभा में 42, सोनपुर विधानसभा में 60 और छपरा विधानसभा क्षेत्र में 60 मतदाता उम्र का शतक पूरा कर चुके है.   

सारण की 10 विधानसभा सीट में गरखा विधानसभा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 72 और सबसे कम 41 मांझी विधानसभा में है. 

अस्सी साल से अधिक उम्र के मतदाताओं के साथ दिव्यांग एवं कोविड संक्रमित मतदाताओ की शत प्रतिशत चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के आलोक में प्रशासनिक जुटा है. इन मतदाताओं को घर से ही मत देने को लेकर पोस्टल बैलेट मुहैया कराया जाना है. ऐसे मतदाताओं को चिन्हित करने व उन तक आवश्यक फार्म उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी बीएलओ को सौंपी गई है.

Patna: सारण की 10 विधानसभा सीट में से 6 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ेगी. प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने सूची जारी की है.

जारी की गई सूची के अनुसार सारण जिले के 10 विधानसभा सीटों में से 6 पर भाजपा चुनाव लड़ेगी.

जिनमें बनियापुर, सोनपुर, तरैया, छपरा, गरखा(सु), अमनौर शामिल है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा इन सीटों पर पुराने प्रत्याशियों को ही प्राथमिकता दे सकती है. वही कुछ सीटों में बदलाव भी संभव है.

Chhapra: सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव के नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन सोमवार को पीसी विज्ञान महाविद्यालय के दर्शनशास्त्र के पूर्व प्राध्यापक प्रोफेसर डॉ योगेंद्र यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा भरा.

प्रो यादव ने कहा कि उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा भरा है. उन्होंने खुद को राजद का पुराना सिपाही भी बताया.

नामांकन से पहले शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि इस बार वह चुनाव जीतते हैं तो शिक्षकों की जो भी समस्या है उसे सुलझाने के लिए प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वित्त रहित शिक्षक, नियोजित शिक्षक, अनुदान पर कार्यरत शिक्षकों की जो भी समस्याएं होंगी उन्हें तुरंत सुलझाने का कार्य किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान, स्थाई नौकरी और सरकारी कर्मचारी के तरह दर्जा मिलना चाहिए, शिक्षकों को फिक्स वेतन मिले. शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन, नियोजित शिक्षकों का सेवा शर्त में सुधार वित्त रहित शिक्षकों के लिए वेतनमान फिक्स होना चाहिए तथा नियोजन इकाई को भंग कर नियुक्ति के लिए इकाई व्यवस्था करना भी शामिल है.

Patna: विधान परिषद के द्वीवार्षिक चुनाव के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है.

भाजपा ने बिहार और कर्नाटक में होने वाले चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नामों की लिस्ट जारी की है.

 

बिहार के कोसी स्नातक क्षेत्र से एन के यादव

पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से नवल किशोर यादव

दरभंगा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से सुरेश राय

तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से नरेंद्र सिंह और

सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चन्द्रमा सिंह को पार्टी ने स्वीकृति प्रदान की है.

बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति ने इन प्रत्याशियों को अपनी स्वीकृति दे दी है. राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के हवाले से प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने विज्ञप्ति जारी करते हुए यह जानकारी दी.

Chhapra: सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में नामांकन के लिए अब दो दिन और शेष है. नामांकन 5 अक्टूबर तक किये जा सकेंगे .

नामांकन के पांचवे दिन दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन किया जिनमें जयप्रकाश विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ लाल बाबू यादव और बिहार इंटरमीडिएट वित्त रहित शिक्षक महासंघ के महासचिव गणेश प्रसाद सिंह शामिल है.

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इसके साथ ही इस सीट पर चुनाव के लिए अबतक सात नामांकन हो गए है.

1. लालू प्रसाद यादव —           निर्दलीय
2. डॉ अशोक कुमार यादव — निर्दलीय
3. डॉ रणजीत कुमार —          निर्दलीय
4. केदारनाथ पाण्डेय —          सीपीएम समर्थित प्रत्याशी
5. डॉ चन्द्रमा सिंह —               एनडीए समर्थित प्रत्याशी
6. डॉ लाल बाबू यादव —         निर्दलीय
7. गणेश प्रसाद सिंह —            निर्दलीय

नामांकन का अंतिम दिन 5 अक्टूबर है जिसके बाद 6 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी. विधान परिषद् की सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सीट में लिए मतदान 22 मार्च को होगा.

Chhapra: 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयन्ती के अवसर पर आयुक्त सारण प्रमंडल राबर्ट एल चोंग्थू , पुलिस उप महानिरीक्षक सारण क्षेत्र विजय कुमार वर्मा, जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, पुलिस अधीक्षक धुरत सायली शावला राम के द्वारा छपरा स्थित गाँधी चौक पर स्थापित महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की गयी. इस अवसर पर जिला प्रशासन के सभी वरीय पदाधिकारी एवं शहर के गणमान्य लोगों ने भी महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया. कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन सारण के द्वारा किया गया था.

Chhapra: अखिल भारतीय विधार्थी परिषद् छपरा नगर इकाई द्वारा स्थानीय कार्यालय में भारत के दो महापुरुष पूज्य महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री की जंयती के उपलक्ष्य पर उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

इस उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय संगठन मंत्री धीरज कुमार ने कहा कि भारत के ऐसे दो महापुरुष अपने व्यक्तिव व कार्य से भारत ही नहीं अपितु विश्व को सत्य, अहिंसा का मार्ग प्रशस्त किया. बापू ने प्रत्येक भारतवासी को जाति-धर्म एवं ऊंच-नीच की संकीर्णताओं से ऊपर उठ कर सामाजिक समरसता के मार्ग पर चलना सिखाया. बापू का जीवन-दर्शन एवं आदर्श सदियों तक मानव जाति का पथ आलोकित करते हुए हमें मुश्किल समय में सदैव राह दिखाते रहेंगे. वहीं भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से युवा प्रेरणा लें एवं उनके विराट व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को अपने जीवन में उतारें. ईमानदारी, कर्मठता, दृढ़ता, देशभक्ति, राष्ट्रीय स्वाभिमान, सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं शुचिता, निर्णय क्षमता जैसे सद्गुणों को अवश्य ही अपनाया जाना चाहिए.

इस अवसर पर जिला संगठन मंत्री अभिमन्यु कुमार, विशाल कनोडिया, प्रशांत सिंह, अमर पांडेय, बिकेश बिहारी, प्रकाश कुमार बादल, जयनंदन पंडित, सोनू कुमार, गुलशन कुमार मौके पर उपस्थित रहें.

Chhapra: अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था लायंस क्लब द्वारा एसएस अकैडमी खैरा में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन लायन धीरज कुमार सिंह द्वारा किया गया. इस प्रतियोगिता के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.

लायन धीरज कुमार ने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें दर्जनों छात्र छात्राओं ने भाग लिया. इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रियांशी कुमारी, द्वितीय स्थान प्रिंस कुमार यादव और तृतीय स्थान अंजली कुमारी ने हासिल किया. सभी को एस एस एकेडमी एवं लायंस क्लब द्वारा पुरस्कार दिया गया. इस अवसर पर संभावना पुरस्कार पाने वाले खुशी कुमारी, रितिका कुमारी, प्रेम सिंह, विशाल कुमार, मदन कुमार, उज्वाला खान, जीतू कुमार, गुड़िया कुमारी, कन्या कुमारी आदि ने हासिल किया. एस एस एकेडमी एवं लायंस क्लब छपरा के सदस्यों में छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की.