Chhapra: केरल के कन्नानोर से 1345 प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन छपरा पहुंची. छपरा जंक्शन पर जिलास्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा ट्रेन से आये श्रमिक बंधुओं की आगवानी की गयी. इसके बाद बारी-बारी से लोगों के उतरने का सिलसिला शुरू हुआ.

प्लेटफार्म से बाहर निकलने पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी जिसके लिए 18 काउण्टर बनाये गये थे. जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराये गये फुड पैकेट्स और पानी का बोतल दिया गया. इस ट्रेन से कुल 335 नन्हे-मुन्हें प्यारे बच्चे भी आयें. बच्चों को अलग से बिस्कीट, टॉफी और कुरकुरे का पैकेट दिया गया.

जिसके बाद लोगों को उनके गंतब्य के जिलों में बसों के माध्यम से भेज दिया गया. आज आनेवालों में 1298 प्रवासी बिहार के अन्य जिलों के थे, जबकि 47 प्रवासी सारण जिले के थे.

Chhapra: सारण जिला के दो क्वारेंटीन केन्द्रों में आवासित प्रवासियों से शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद किया. मुख्यमंत्री ने उनका हाल-चाल जाना. साथ-साथ उपलब्ध करायी गयी व्यवस्थाओं के संबंध में फीड बैक लिया.

गड़खा के प्रखंड स्तरीय क्वारेंटीन केन्द्र मध्य विधालय चैनपुर भैंसवारा एवं रिविलगंज प्रखंड के राजकीय मघ्य विधालय सेमरिया पूर्वी में रह रहे प्रवासी श्रमिकों से मुख्यमंत्री ने जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने क्वारेंटीन केन्द्र पर रह रहे प्रवासियों से पूछा कि वे लोग कहाँ से आये हैं, वहाँ क्या करते थे. यहाँ आकर उन्हें कैसा लग रहा है.

वही मध्य विधालय चैनपुर भैंसमारा, गड़खा में रह रहे प्रवासी श्रमिक पिन्टू कुमार माँझी ने कहा कि वे 14 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से मुंबई से यहाँ आये हैं. स्टेशन पर स्क्रीनिंग हुयी, खाने का पैकेट और पानी बोतल दिया गया. निबंधन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मध्य विधालय चैनपुर, भैंसवारा लाया गया. उन्होंने बताया कि यहाँ की व्यवस्थाएं बहुत अच्छी है. समय पर खाना, नाश्ता मिल रहा है. मेस कमिटी बनी हुयी है। हम लोगों के सुझाव पर साप्ताहिक मेन्यू चार्ट बना हुआ है. उसी के अनुसार खाना खिलाया जा रहा है.

पंजाब के पटियाला शहर से आये सोनू कुमार ने बताया कि वे वहाँ आइसक्रिम फैक्ट्री में कार्य करते थे. उन्होंने मुख्यमंत्री को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि सरकार के द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए स्थानीय स्तर पर हीं रोजगार की व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है.

रिविलगंज के क्वारेंटीन केन्द्र के एक युवक ने बताया कि वह मुंबई में इलेक्ट्रीशियन का कार्य करते थे, वहीं रेवाड़ी, हरियाणा से आयी एक महिला ने कहा कि अब हमलोग बाहर नही जाना चाहते है. यहाँ कि सभी व्यवस्थाएं अच्छी है. इस पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता प्रकट की.

रिविलगंज केन्द्र पर अपर समाहर्त्ता डॉ गगन के द्वारा मुख्यमंत्री को वहाँ की व्यवस्था के बारे में बताया गया.

इसके पूर्व जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन द्वारा मुख्यमंत्री को बताया गया कि कैम्पों में रह रहे लोगों का स्किल मैपिंग कराया जा रहा है. जिनका खाता बिहार में नही है उनका खाता खुलवाया जा रहा है. अभी तक 4000 प्रवासी श्रमिकों को जॉब कार्ड बनवाया गया है. मध्य विधालय चैनपुर भैंसवारा केन्द्र की कुल क्षमता 110 है जिसमें अभी 102 लोग यहाँ आवासित है. यहाँ भी 70 लोगों का जॉब कार्ड बनाया गया है. 43 लोगों का खाता भी खुलवाया गया है.

Chhapra: कोरोना संक्रमण के इस दौर में जब सब कुछ बंद है. दूसरे राज्यों से जिले में प्रवासियों का आना जारी है. प्रवासियों को रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा Quarantine Center बनाया गया है. जिले के सभी 20 प्रखंडों में प्रवासियों को रखने के लिए बनाए गए केंद्रों पर प्रवासियों को खाना, नाश्ता और रहने की विशेष की गई है.

एक और जहाँ दूसरे जिलों से इन सेंटरों में अव्यवस्था की बातें सामने आ रही है. वही सारण में Quarantine centers में उन सभी प्रवासियों के शारीरिक विकास और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को लेकर सुबह शाम योग कराया जा रहा है. इसके साथ साथ प्रवासियों के लिए कई केंद्रों पर खेल की व्यवस्था भी की गई है.

Quarantine center पर प्रवासी फुटबॉल और क्रिकेट जैसे खेल को खेल कर समय व्यतीत कर रहे है. कई केंद्रों पर लोगों द्वारा खेले जा रहे इन खेलों से दूसरे लोगों में खेल के प्रति रुझान बढ़ रहा है. Quarantine के 14 दिनों में केंद्रों पर रहना जहाँ बोझिल लग रहा था. ऐसे में केंद्रों पर खेल के आयोजन से उनका मन भी लग रहा है साथ ही साथ उनके पुराने दिन भी लौट आये है. 

Quarantine सेंटर पर रह रहे लोगों का कहना है कि भाग दौड़ और पैसा कमाने की जद्दोजहद में कब समय बीत गया पता ही नही चला. परदेश से आने के बाद Quarantine center पर रहने का मौका मिला है. अब 14 दिन रहने के दौरान समय व्यतीत नही हो रहा है. ऐसे में इन खेलों के आयोजन से जहाँ शारीरिक विकास हो रहा है. वही अपनी खेल क्षमता वापस आ रही है. साथ ही पारस्परिक सहयोग और मानसिक शांति भी मिल रही है.  

इसके साथ ही जिला प्रशासन के प्रवासियों के लिए इन केन्द्रों पर टेलीविजन की भी व्यवस्था की गयी है. जिससे इन सबका मनोरंजन जो सके.  

Chhapra: Lockdown में दूसरे राज्यो में फंसे लोगों के पास अब आर्थिक संकट है. ऐसे में छपरा के समर्थवान लोगों द्वारा लगातार राशन के साथ आर्थिक मदद भी जारी है.

छपरा के रहने वालो की मदद को लेfकर कई सामाजिक लोगों ने हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया. वही समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने छपरा के अलग- अलग प्रखंड के रहने वाले युवाओं को अकॉउंट में पैसा डाला गया. जिनमें परसा, मकेर, रिविलगंज, छपरा व अन्य प्रखंड के युवा शामिल हैं.

ये लोग अलग अलग प्रदेशों रहते है जिनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी है. राजस्थान, दिल्ली, सूरत, महाराष्ट्र में कल-कारखाने बंद होने की स्थिति में उनलोगों काफी परेशानी हो रही है. इसे भी पढ़ें: ग्रामीण क्षेत्रों मे निर्माण कार्य शुरु कराने की अनुमति, आमलोग अभी 3 मई तक रहेंगे लॉकडाउन: जिलाधिकारी

सोशल मीडिया पर बाहर फंसे लोगों ने मदद के लिए गुहार लगाई तो यह पहल शुरू की गई. समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने उनके बैंक अकाउंट डिटेल्स लेकर नेटबैंकिंग के माध्यम से कई लोगों के अकॉउंट में पैसा डाला. अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के बाद लोगों ने मुंह पर मास्क लगा एक ग्रुपिंग फोटो शेयर भेजा और समाजसेवी को तहे दिल से धन्यवाद देते हुए खुशी जाहिर की.

समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार व केंद्र सरकार से भी अनुरोध करते हैं कि बाहर फंसे बिहारी लोगों की मदद ससमय करते रहे, जो कि यूपी-बिहार के ही लोग हैं. इसमें अन्य सामाजिक लोगों से भी आग्रह है कि अपने क्षेत्र के बाहर फंसे लोगों की मदद के लिए आगे आये. इसमें परसा के दिनेश राय, सुरेश मांझी, अनिल पंडित, लव कुमार, बिमलेश कुमार सिंह, मकेर के राहुल कुमार, पिंटू कुमार, नीरज कुमार, लालजी, धनु कुमार, छपरा के श्रीकांत कुमार, अरविंद सिंह, संजय मिश्र, रिविलगंज के अनुज कुमार, राकेश कुमार, उपेंद्र कुमार शामिल हैं.