Chhapra: Corona Virus संक्रमण को लेकर जिले में Lockdown जारी है. Lockdown की इस अवधि में शहर से लेकर गांव तक पूर्ण बंदी है. लोग अपने घरों में हैं और विशेष आवश्यकता वाले जरूरत के सामानों को खरीदारी को लेकर ही सड़क पर आ रहे हैं.

इस दौरान आम जनता के समक्ष सबसे बड़ी समस्या उनके स्वास्थ्य को लेकर है. घरों में बीमार लोगों का इलाज सिर्फ झोलाछाप चिकित्सकों की बदौलत ही चल रहा है. शहर में सभी चिकित्सकों के निजी क्लीनिक बंद है. हालांकि सरकार के निर्देश पर ओपीडी सेवा कार्यरत है. सरकार ने पत्र भी जारी कर निजी क्लीनिक सेवा प्रारंभ करने का आह्वान किया है. दिशा निर्देश के अनुसार क्लीनिक पर मरीज़ो के स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श देने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद निजी क्लीनिक, परामर्श केंद्र बंद है. इसे भी पढ़ें : Whats App ग्रुप में फर्जी मेसेज वायरल करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज

घर में अगर किसी की तबीयत ख़राब हो जा रही है तो वह अपने आसपास रहने वाले चिकित्सकों को ही खोज रहे हैं. किसी तरह वह अपने बीमार परिजन का इलाज करा कर स्वस्थ होने का प्रयास कर रहे हैं. यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की भी है. ग्रामीण क्षेत्र में निजी क्लीनिक पूरी तरह से बंद है. कई अच्छे चिकित्सकों का मोबाइल नंबर भी बंद है जिससे कि उनसे परामर्श नहीं मिल पा रहा है.

सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं के समक्ष हैं इन महिलाओं के परिजन स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर चिंतित हैं. हालांकि सदर अस्पताल में इनका इलाज संभव है. लेकिन सदर अस्पताल में अधिकांश लोग जाने से डर रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चल रही तरह तरह की बातों से लोग काफी सतर्क है. एक अनुमान के अनुसार सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में भी 50% से अधिक कमी आई है. छोटी-मोटी तकलीफ एवं बीमारियों को लेकर आने वाले मरीज अस्पताल से पूरी तरह नदारद है. विशेष परिस्थितियों में ही में इक्का-दुक्का लोग अस्पताल में आ रहे हैं. जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं जो प्रसव के लिए आ रही है. कुल मिलाकर Lockdown में प्राइवेट स्वास्थ्य सेवा बंद होने से आम जनता पूरी तरह से झोलाछाप चिकित्सकों पर ही निर्भर है.

कई लोगों ने भी सोशल मीडिया के जरिए शहर के चिन्हित एवं अच्छे चिकित्सकों से अपने निजी संस्थानों को खोलने की मांग की है. जहां विशेष रूप से नवजात शिशु, वृद्ध एवं महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निजी क्लीनिक चलाने का आह्वान किया जा रहा है. लेकिन निजी क्लिनिक पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेनेंस का पालन ना होने और मरीजों की भीड़ को देखते हुए चिकित्सक भी क्लिनिक खोलने का प्रयास नही कर रहे है.

New Delhi: Corona संक्रमण में ईलाज करने के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर लगातार हो रहे हमले पर केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर एक अध्यादेश पास किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अध्यादेश लाई जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान है. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी. 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी. जबकि एक साल के अंदर फैसला आएगा. इसके तहत 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है. जबकि गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा.

वही स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला करने वालों को उनकी मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई करना होगा.

मुंबई: अनुष्का शर्मा और उनके पति विराट कोहली इन दिनों लॉकडाउन की वजह से घर में ही बंद हैं. क्रिकेट और बॉलीवुड की ये मशहूर जोड़ी आइसोलेशन में अलग-अलग तरीके आजमा कर रहने की कोशिश कर रही है. विराट और अनुष्का कुकिंग, सफाई और बोर्ड गेम्स खेलकर अपना समय काट रहे हैं. ऐसे में अब अनुष्का शर्मा ने एक और मजेदार वीडियो शेयर कर दिया है.

अनुष्का ने पति विराट कोहली के क्रिकेट के दिनों को याद करते हुए एक वीडियो बनाया है. उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा, ‘मुझे लगा वो क्रिकेट के मैदान को मिस कर रहे होंगे. साथ ही लाखों फैन्स को भी जो उन्हें खूब प्यार देते हैं. वो जरूर एक खास तरफ के फैन को मिस कर रहे होंगे. इसीलिए मैंने उन्हें ये एक्सपीरियंस दिया है.

अनुष्का के वीडियो में आप उन्हें विराट कोहली को आवाज लगाते हुए देख सकते हैं. अनुष्का चिल्ला रही हैं ‘ऐ कोहली क्या कर रहा है, कोहली. चौका मार ना कोहली.’ वहीं विराट कोहली उन्हें परेशान होकर देख रहे हैं. ये वीडियो बहुत फनी है.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन है. इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार साफ सफाई पर ज्यादा जोर दे रही है. शहर से लेकर गांव तक सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है. जिससे की इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके.

छपरा नगर निगम ने भी शहरी क्षेत्र के 45 वार्डों में सैनिटाइजर का छिड़काव दूसरे चरण के लॉक डाउन से प्रारंभ किया है. नगर निगम आयुक्त के अनुसार रोस्टर के अनुरूप शहर में सैनिटाइजर का छिड़काव कराया जा रहा है. हालांकि यह कार्य वही किया जाएगा जहां उनका वाहन जा सकता है.

एक घंटे में 326 लोगों ने फेसबुक पर रखी अपनी बात

शहर में सैनिटाइजर छिड़काव को लेकर छपरा टुडे द्वारा अपने फेसबुक पेज के माध्यम से शहर के मोहल्ले में किए जा रहे सैनिटाइजर छिड़काव की जानकारी ली गई. इस पोस्ट के 1 घंटे के अंतराल में कुल 326 फेसबुक यूजर ने अपने कमेंट दिए. यूजर ने कॉमेट में अपने मोहल्ले, वार्ड के नाम के साथ अपना उत्तर दिया. जो चौकाने वाला है. खबर लगाये जाने तक 914 लोगों के कमेंट हमें मिले है.   

इन वार्ड के लोगों ने किये कमेंट

शहर में कुल 45 वार्डोमें से करीब 30 वार्ड में रहने वाले लोगों के साथ अन्य लोगों ने अपनी राय दी. जिसमे वार्ड 1, 2, 3, 4, 5, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 20, 22, 23, 25, 26, 27, 32, 34, 37, 38, 40, 41, 43, 45 में रहने वाले लोग शामिल है. लगभग 95% लोगों ने यह कहा कि उनके मोहल्ले में सेनेटाइजर के छिड़काव का कार्य नहीं हुआ है.वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि छिड़काव हुआ है. हालांकि इससे यह प्रमाणित नहीं होता कि नगर निगम ने छिड़काव नहीं किया है. आम लोगों का यह भी कहना है कि शहर के कई वार्डों में सफाई कार्य भी नहीं चल रहा है. 

2 लाख से अधिक की आबादी, करीब डेढ़ लाख लोगों का घर संकीर्ण गलियों में

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार छपरा नगर निगम के 45 वार्डों में 2 लाख से अधिक लोग रहते हैं. 9 वर्ष बीत जाने के बाद नगर निगम क्षेत्र में एक अनुमान के मुताबिक जनसँख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. छपरा पुराना शहर है, जिसके वार्ड एक ब्रह्मपुर से लेकर वार्ड 45 रौजा तक अगर मुख्य मार्ग को छोड़ दें तो लगभग सभी सड़कें संकीर्ण और तंग गलियां ही हैं. नगर निगम का यह कहना कि सैनिटाइजिंग का काम वही होगा जहां गाड़ी जा सकती है. ऐसे में करीब डेढ़ लाख की आबादी जो खासकर शहरी क्षेत्र के उन गलियों में बसती है वहाँ रहने वाली बड़ी आबादी, वह गालियां इस कार्य से वंचित रहेगी. 

एक गाड़ी और दो कर्मी के सहारे छिड़काव

एक गाड़ी और दो कर्मी शहर पूरे शहर को सैनेटाइज करने में जुटे हैं. वाहन के अंदर से ही बाहर की सड़कों पर फुहारे लगाते हुए सरपट गाड़ी दौड़ रही है. लगता है मानों शहरवासियों की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा हो. हालांकि इस पर भी निगम कर्मियों की अपनी प्रतिक्रिया है. नगर निगम के कर्मी यह कह रहे है कि सिर्फ सड़कों पर छिड़काव किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें: अंततः नगर निगम की खुली नींद, शुरू हुआ सेनेटाइजिंग का काम

उधर कुछ एक वार्ड पार्षद का कहना है कि मुख्य मार्ग पर छिड़काव के बाद नगर निगम के कर्मियों द्वारा गलियों में भी छिड़काव की योजना बन रही है. इसे भी पढ़ें: शहरवासियों ने पूछा आख़िर कब होगा शहर सैनेटाइज, नगर निगम सिर्फ फॉगिग से भगा रहा कोरोना

बहरहाल कोरोना वायरस को लेकर 3 मई तक लॉक डाउन है. पहले चरण में 21 दिन के लॉक डाउन में नगर निगम ने सिर्फ ब्लीचिंग पाउडर एवं एंटी लार्वा का छिड़काव कर शहरवासियों की कोरोना वायरस से सुरक्षा की. वही दूसरे चरण के 19 दिन के लॉक डाउन में सिर्फ वाहन जाने वाली सड़कों पर सरपट वाहनों को दौड़ाकर कर एक बार फिर से लोगों की सुरक्षा कर रही है.

Chhapra: स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से जंग जीतने के लिए एक नई पहल शुरू की है. अब पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर ही कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर घर-घर जाकर सर्वे व स्क्रीनिंग की जायेगी. इस काम में आंगनबाड़ी, आशा व अन्य उत्प्ररेकों की मदद ली जायेगी. इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने आवश्यक निर्देश जारी किया है. सर्वे संबंधित कार्य 16 अप्रैल से प्रारंभ हो गया. इसके लिए टीम का गठन किया गया है.

तीन स्तरों पर ली जाएगी सूचना

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि सर्वे कार्य के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कोविड 19 फॉर्म उपलब्ध कराये गये हैं. इसमें तीन स्तरों पर सूचना उपलब्ध कराने का काम किया जाना है. कोविड 19 फॉर्म के तहत पहला प्रपत्र स्थानीय स्तर पर नियुक्त किये गये दलकर्मी भरेंगे. कोविड 19 फॉर्म के तहत 2, 3 व 3 ए व 4 प्रपत्र को पर्यवेक्षक व फॉर्म 5 जिला स्तर पर भरने का काम किया जायेगा. सर्वे के दौरान प्रत्येक घर में हाउस मार्किंग की जायेगी. संदिग्ध पाये गये व्यक्तियों के घरों पर चिन्हित किया जायेगा.

प्रत्येक दलकर्मी को उपलब्ध कराये जायेंगे सुरक्षा किट

कोविड 19 को लेकर घर घर सर्वे करने वाले प्रत्येक टीम को एक किट जिला द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा. इसमें तीन लेयर वाला 10 पीस मास्क, नॉन स्ट्रॉयल 10 पीस हैंड गलब्स व एक साबुन होंगे. सर्वे के काम में लगे सभी कर्मियों को भ्रमण के लिए पास भी निर्गत किया जाना है. राज्य के अन्य सभी जिलों के जिलांगर्त व विदेश से आये हुए लोगों के गांव व शहर के संबंधित वार्डों में भी गहन सर्वेक्षण का कार्य कर कार्ययोजना तैयार का निर्देश दिया गया है.

ली जाएगी ये जानकारी

पर्यवेक्षक अपने दलकर्मियों के पोषक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक दवा दुकान एवं सामुदायिक व ग्रामीण चिकित्सक से संपर्क कर बुखार के साथ खांसी अथवा सांस लेने में परेशानी वाले चिन्हित मरीजों की विवरणी फॉर्म 3 ए में भरेंगे. दवा दुकान, सामुदायिक व ग्रामीण चिकित्सकों से संदिग्ध मरीजों की विवरणी प्राप्त करने का कार्य अभियान सर्वे के प्रथम दिन तथा छठे दिन किया जायेगा तथा तदनुसार प्राप्त किये गये सूची का सत्यापन कर संदिग्धों की सूची तैयार की जायेगी. इसके बाद यह सूची प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध कराया जाना है.

संदिग्ध पाये गये मरीजों की स्क्रीनिंग एवं टेस्टिंग

कोविड फॉर्म 3 एवं 3 एक में दर्ज आंकड़ों में संदिग्ध लक्षणों के साथ पाये गये व्यक्तियों को कोरेंटाइन करते हुए प्रखंड स्तरीय चिकित्सकों की टीम द्वारा स्क्रीनिंग किये जाने का निर्देश दिया गया है. संदिग्ध मरीजों की जांच हेतु सैंपल संग्रहित किये जायेंगे. स्क्रीनिंग के दौरान सही पाये गये व्यक्तियों को होम कोरेंटाइन हेतु वापस घर भेज दिया जायेगा.

दिये गये हैं वित्तीय दिशा निर्देश भी

कोविड 19 के सर्वे कार्य में लगे प्रत्येक दल कर्मी को प्रतिदिन 200 रुपये की दर से 8 दिनों का भुगतान किया जायेगा. वहीं कोविड 19 के सर्वे कार्य हेतु सुपरवाइजर को प्रतिदिन 400 रुपये की दर से 8 दिनों का भुगतान किया जायेगा. इसमें 300 रुपये मानदेय व 100 रुपये आने जाने के लिए दिया जाना है.

Chhapra: लॉक डाउन में गरीबों की मदद के लिए सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के प्रखंड प्रमुख सह भाजपा युवा नेता डॉ0 राहुल राज ने अपने सभी पार्टी सदस्यों एवं कार्यकर्ताओं की टीम गठित कर सामाजिक दूरियाँ और पूर्ण सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगभग सभी क्षेत्रों के गरीबों एवं असहाय मजदूरों की स्थिति का क्षण-प्रतिक्षण जायजा लेते हुए उन तक भोजन का पैकेट तथा अन्य सेवा स्वरूप राहत सामग्री पहुँचाने हेतु निरंतर प्रयत्नशील है. उनकी यह सकारात्मक विचारधारा लोगों में एक दूसरे के प्रति एक नई जागृति तथा चेतना का विकास करेगा.

उनका यह कहना है कि इस महामारी में जनसेवा के रूप में लोगो तक राहत सामग्री पहुँचाने में सबसे अधिक बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं का परिश्रम एवं प्रयास रहा है. इसका पूरा श्रेय उन्होंने बूथ स्तर के कार्यकर्ता को ही दिया है। यदि वे विकट स्थिति में उनके साथ उनकी मदद हेतु न होते तो यह कार्य शायद संभव नही हो पाता.

अपनी आंतरिक संवेदनाओं को व्यक्त करते हुए उन्होंने सभी बूथ स्तर के कार्यकर्ताओ का आभार प्रकट किया तथा सहृदय उन्हें धन्यवाद भी दिया. सारण सांसद ी राजीव प्रताप रूडी इस कार्य मे अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इसके लिए वे विशेषकर प्रतिदिन सुबह 11 बजे से अपनी कोर कमिटी की बैठक एकत्रित कर तथा ज़ूम एप्लीकेशन के माध्यम से नियंत्रण कक्ष से ही सम्पूर्ण गतिविधियों का पर अपनी पैनी नज़र बनाते हुए मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

कार्यकर्ता सदस्यों द्वारा सूचना प्राप्त होते ही जहाँ-जहाँ जितने पैकेट भोजन की आवश्यकता होती है वहाँ अविलंब भोजन वितरण हेतु भेजते रहते हैं. इस सेवापूर्ण कार्य में भाजपा के सभी कार्यकारिणी सदस्य अपने जी तोड़ मेहनत के साथ निष्ठापूर्ण भाव से लगे हुए हैं.

इसके साथ- साथ सभी मंडियों में कालाबाज़ारी पर भी विशेष ध्यान रखा गया है जिससे लोगों को खाद्य सामग्री खरीदने में कोई कठिनाई न हो. जिला स्तर पर भी इसकी मॉनिटरिंग सारण जिले के भाजपा जिला अध्यक्ष राम दयाल शर्मा जी एवं जिला महामंत्री शांतनु के द्वारा निरंतर की जा रही है.

Chhapra: जिले में विदेश या दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी की जा रही है. जो लोग विदेश या दूसरे राज्यों से आये है उनको होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. इन्हें घर से 14 दिनों तक बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है. ऐसे लोगों की पहचान कर उनके घरों पर पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं. प्रत्येक आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्र में जाकर विदेश और राज्य के बाहर से आने वालों की निगरानी कर रही है. उनके घरों पर कोरोना को लेकर सर्तकता भरी पंपलेट भी चिपका रही है.

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घरों में किए जा रहे क्वारेंटाइन
कोरोना वायरस को लेकर विदेश से जो लोग वापस लौटे हैं उन्हें अपने ही घर में क्वारंटाइन किया जा रहा है. आंगनबाड़ी सेविका व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा उनके साथ कोरोना से बचने के लिए जानकारी भी साझा की जा रही है. वह उन्हें प्रत्येक घंटे 20 सेंकेड हाथ धोने के तरीकों के साथ रोग प्रतिरोधी क्षमता को विकसीत करने के उपाय भी बता रही है. वह लोगों से क्या करें और क्या न करें के बारे में भी लोगेां के बीच पाय बता रही हैं.

अप्रमाणिक बातें न फैलाएं
आंगनबाड़ी सेविका व आशा लोगों को बता रही हैं कि इसके कम ही मामले सामने आए हैं. कोरोना वायरस से प्रभावित मरीज पूर्णतः ठीक हो सकते हैं. जो भी व्यक्ति बाहर से आए हैं वह जिम्मेदार बनें. सोशल मीडिया में अप्रमाणिक बातें न फैलाएं. केवल डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सूचनाओं पर ही भरोसा करें.

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क्या है आंकड़ा ( 5 अप्रैल तक)

•होम क्वारेंटाइन: 10102
•स्कूल क्वारेंटाइन: 714
•स्कूल स्क्रीनिंग: 5714
•आइसोलेशन वार्ड में भर्ती- 2
•जिला क्वारेंटाइन : 17
•सैंपल कलेक्टेड: सारण में 180, पीएमसीएच में 15
•रिपोर्ट- 51
•पॉजिटिव- 1

Chhapra: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सारण जिले में अभी तक कुल 13506 व्यक्तियों को चिकित्सकीय सहायता प्रदान की गई है.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि इनमें से 10182 लोगों को होम कोरेनटाईन में रखा गया है. 5758 लोगों के स्वास्थ्य की जाँच की गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि विभागीय निर्देशानुसार गठित सभी कोषांग सफलतापूर्वक कार्यरत है. जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र 06152-245023 पर 1626 कॉल, जिला नियंत्रण कक्ष 06152-242444 पर 225 कॉल, स्वास्थ्य विभाग सारण, छपरा के नियंत्रण कक्ष 06152-244812 पर 984 कॉल, प्रखंड स्तरीय चिकित्सा केन्द्र पर स्थापित नियंत्रण कक्ष पर 9743 कॉल प्राप्त हुए हैं. सहायता उपलब्ध करायी गयी है.

विदेश से आये 160 लोगों का सेम्पल कलेक्शन
जिलाधिकारी ने बताया कि 20 मार्च से 3 अप्रैल-2020 तक सारण जिले में देश के विभिन्न भागों से आये 1767 व्यक्तियों में 714 व्यक्ति सारण जिला से संबंधित थे, 936 व्यक्ति अन्य जिलों से संबंधित थे तथा 85 लोग अन्य राज्यों से संबंधित थे जिन्हें उनके गंतव्य तक पहुॅचाया गया है. 18 मार्च के बाद सारण जिला में विदेश से आये 160 लोगों का सेम्पल कलेक्शन कर जाँच के लिए भेजा गया है. इसमें एक व्यक्ति का रिपोर्ट पोजेटिव तथा बाकी सब लोगों का रिपोर्ट निगेटिव आया है.

होम कोरेनटाईन के लिए 329 चिन्हित
डीएम ने बताया होम कोरेनटाईन के लिए सभी पंचायतों एवं नगर पंचायतों में 329 विद्यालय चिन्हित है. जहाँ अप्रवासी मजदूरों के अवासन की व्यवस्था की गयी है.

714 लोग है आवासित
वर्तमान में विभिन्न प्रखंडों में कुल 214 पंचायतों में 714 व्यक्ति आवासीत हैं. सभी अंचलों में बने चेक पोस्ट एवं चिन्हित स्थलों पर आ रहे लोगों की स्वास्थ्य जाँच करायी जा रही है एवं आवश्यकतानुसार कोरेनटाईन में रखा जा रहा है. वर्तमान में इंजीनियरिंग काॅलेज, छपरा स्थित राहत केन्द्र में 62 एवं मढ़ौरा उच्च विद्यालय, मढ़ौरा के आपदा राहत केन्द्र में 12 लोगों के आवासन की व्यवस्था की गयी है.

यहां बनाये गए है आइसोलेशन सेंटर
सदर अस्पताल, छपरा स्थित जीएनएम स्कूल एवं सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है जिसमें 215 बेड है. अभी तक 49 लोगों को आईसोलेट किया गया है जिसमें 13 को डिस्चार्ज कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त जिला के 17 होटल को आईसोलेशन सेंटर के रुप में चिन्हित किया गया है. जहाँ 242 बेड की क्षमता है. सारण जिला के इसुआपुर के ग्राम-चाॅदपुर में एक पोजेटिव मामला पाये जाने पर उक्त ग्राम की 3 किलोमीटर परिधि को सील कर सेनिटाईज कर दिया गया है तथा वहाँ चिकित्सकों के दल की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है. बिहार से बाहर में रह रहे सारण जिला के 801 व्यक्तियों के संबंध में सूचना मिली है.

Chhapra: श्री हनुमज्जयन्ती समारोह समिति सारण के सचिव सत्यनारायण शर्मा के द्वारा कोरोना संक्रमितों के हितार्थ मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए एक लाख एक रुपया की सहायता राशि का चेक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन को प्रदान किया गया.

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि श्री हनुमज्जयन्ती समारोह समिति कोरोना संक्रमितों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करती है एवं उनके जल्द स्वास्थ लाभ की कामना श्री हनुमान जी से करती है.उन्होंने जिला प्रशासन के कार्यों की सराहना की और कहा कि सामर्थ्यवान लोगों को आगे आकर सहयोग करना चाहिए. इस अवसर पर मानस मंदिर के व्यवस्थापक सी के वर्मा एवं जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश भी उपस्थित थे.

Chhapra: सारण जिले में कोरोना वायरस संक्रमण से ग्रसित पहला मरीज मिला है. जिसकी पुष्टि जिला प्रशासन ने की है.  जिला प्रशासन ने त्वरित करवाई करते हुए इसुआपुर प्रखंड के संक्रमित गाँव के 3 किलोमीटर की परिधि में क्षेत्र को सील कर दिया है. साथ ही आने और जाने वालों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दी गयी है.

जिला प्रशासन द्वारा जारी सूचना के अनुसार त्वरित रूप से कार्रवाई करते हुए दो पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है जो इस मामले पर पूरी नजर बनाए रखेंगे. यह भी बताया गया है कि पूरे क्षेत्र को सैनेटाइज किया जाए साथ ही साथ इसकी पूरी निगरानी की जाए.

क्वॉरेंटाइन वार्ड में व्यवस्था को किया गया दुरुस्त
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने तथा बचाव के लिए सदर अस्पताल परिसर में जीएनएम स्कूल को क्वॉरेंटाइन वार्ड बनाया गया है. जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमित पॉजिटिव मरीज के परिजनों तथा रिश्तेदारों को लाकर भर्ती किया गया है.

साथ ही आइसोलेशन वार्ड में तैनात कर्मचारियों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

7 किलोमीटर की दूरी तक “बफर जोन” घोषित
संक्रमित गांव की परिधि से लेकर सात किलोमीटर की दूरी तक “बफर जोन” घोषित किया गया है. डीएम ने इसुआपुर के बीडीओ तथा अंचल पदाधिकारी को आदेश दिया है कि पंचायत को चारों तरफ से सील कर आवागमन को पूरी तरह बाधित कर दे और अगले आदेश तक उस गांव को क्वानटाइनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. सभी सरकारी तथा निजी प्रतिष्ठान एवं मार्गो को अगले आदेश तक बंद करने को कहा गया है.

गांव को संक्रमण मुक्त करने का आदेश
डीएम ने गांव को संक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया गया है. जिला मलेरिया पदाधिकारी को संक्रमण मुक्त करने के कार्यों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है क्वरेंटाइनमेंट जोन में रहने वाले सभी परिवारों की गहन निगरानी की जा रही है.

डोर टू डोर पहुंचेगा राशन
जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि इस गांव के सभी परिवारों को आवश्यक राशन सामग्री डोर टू डोर पैकेट तैयार कर आपूर्ति की जाए. इसके लिए प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है. बफर जोन में आने वाले सभी स्वास्थ्य संस्थान सरकारी एवं निजी सहित अन्य चिकित्सकीय संस्थाओं को सूचीबद्ध करते हुए बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों की जांच कर सूचना नियमित रूप से प्राप्त करने का भी सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है.

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक बार फिर देश की जनता का उत्साह बढ़ाया. उन्होंने वीडियो संदेश के माध्‍यम से देश की जनता को संबोधित किया.

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस से जारी इस जंग में पूरे देश का साथ मिल रहा है. इस लड़ाई में सभी मिलकर कोरोना के संकट को चुनौती दे रहे हैं. कोरोना के संकट को भारत के लोग अपने प्रकाश की ताकत का आभास करा रहे हैं.

पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि सभी लोग पांच अप्रैल को रात नौ बजे कुछ देर के लिए अपने घर की लाइट बुझा कर दिये जलाएं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.

प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश में कहा कि हमें कोरोना वायरस से पैदा हुए अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना होगा. रविवार पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए सभी लाइटें बंद करें और मोमबत्तियां, दीये, टॉर्च या मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाएं. उन्होंने कहा कि हम लॉकडाउन के दौरान घर में हैं लेकिन हम अकेले नहीं है क्योंकि पूरे देश की सामूहिक ताकत हममें से प्रत्येक के साथ है.

उन्होंने कहा कि लोगों ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के दौरान अभूतपूर्व अनुशासन और सेवा भाव दिखाया. लॉकडाउन पर मोदी बोले कि लोगों के मन में सवाल आते होंगे कि कितने दिन ऐसे और काटने होंगे. लेकिन कोई अकेला नहीं है. सब एक दूसरा की शक्ति बढ़ा रहे. उन्होंने कहा कि जनता रूपी महाशक्ति से बातचीत करते रहना चाहिए, इससे मनोबल मिलता है, इससे मार्ग ज्यादा स्पष्ट होता है.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ देश इस वक्त एक महाजंग लड़ रहा है. देश में 21 दिनों तक लागू किए गए लॉकडाउन के नौवें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश को संबोधित किया.

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के अंधकार को प्रकाश की ताकत से हराने की जरूरत है. इसके लिए प्रधानमंत्री ने लोगों से रविवार (5 April 2020) को रात नौ बजे नौ मिनट तक दीया जलाने की अपील की है, इसका मकसद एकजुटता का संदेश देने से है.


इस अपील के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘5 अप्रैल यानी इस रविवार को रात नौ बजे लोग अपने घरों से बाहर आएं. घरों की लाइटें बंद करें और दरवाजे पर खड़े होकर दीया जलाएं, मोमबत्ती जलाएं या फिर कुछ भी प्रकाश जलाएं. इस शक्ति के जरिए हम ये संदेश देना चाहते हैं कि देशवासियों के एकजुट होने की बात कही और कहा कि एकजुटता के दमपर ही इस महामारी को मात दी जा सकती है’.