Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर सभी पिछले 12 दिनों से लॉक डाऊन का पालन करते हुए अपने घरों में है. प्रशासन द्वारा जारी निर्देशो के अनुरूप अपने अपने घरों की साफ सफाई में ध्यान दे रहे है. लेकिन घर के बाहर की स्थिति को लेकर उन्हें अब अपने स्वास्थ्य की चिंता सता रही है.
खासकर अब जब जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का जानकारी लोगों को मिली है, तब यह चिंता और बढ़ गयी है. कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मरीज जिले में मिलने के बाद जिले के छोटे छोटे प्रखंडों को सैनेटाइज करने का काम स्थानीय सरकारी कार्यालयों द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है लेकिन छपरा नगर निगम सिर्फ फॉगिग से ही कोरोना वायरस भगाने के प्रयास में है.
रिविलगंज नगर पंचायत, मढ़ौरा नगर पंचायत और इसुआपुर, बनियापुर के पंचायतों में भी सैनेटाइज करने का काम शुरू हो चुका है. लेकिन छपरा नगर निगम इस बात पर चिर निद्रा में सोई है.
शहर के लोगों का कहना है कि नगर निगम बनने के बाद सफाई के नाम पर एक वर्ष में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते है. लेकिन वर्तमान परिस्थिति में इस वैश्विक महामारी के रोकथाम को लेकर कोई योजना फिलहाल नही दिखती है.
नगर निगम द्वारा जिलाधिकारी के निर्देश पर फॉगिग कराई लेकिन वह सिर्फ दिखाने के लिए कुछ मिनटों में पूरे वार्ड में फॉगिग का कार्य समाप्त हो जा रहा है. घरों में फोगिंग नहीं हो रही है. गाड़ी आती है और तेजी से निकल जाती है. लोगों का कहना है कि उसमें भी केमिकल की बजाय किरोसिन तेल की स्मैल ज्यादा आती है. एक बार के बाद फॉगिग का कार्य भी नही हुआ. खासकर गलियों की स्थिति और बद्दतर है जहां ना सफाई होती है ना ही फॉगिग.
शहर को सैनेटाइज करने के सवाल पर नगर निगम के कर्मियों का कहना है कि नगर निगम द्वारा शहर की सफाई कराई जा रही है. सभी वार्डो में मच्छरों से बचाव को लेकर एन्टी लार्वा का छिड़काव कराया गया है. साथ ही ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराया गया है. हालांकि ये कार्य कहा हो रहे है यह नगर निगम के पदाधिकारी ही बता पाएंगे क्योंकि आम लोग तो अभी भी अपने शहर के सैनेटाइज करनी की मांग करते नजर आ रहे है.
बहरहाल कोरोना महामारी ने सारण में दस्तक दी है. अभी स्थिति सामान्य है. जिला प्रशासन की मुस्तैदी निश्चित तौर ओर इस महामारी पर विराम चिन्ह लगाएगी. लेकिन नगर निगम की स्थिलता आम जनता को अपनी सुरक्षा के प्रति चिंता करने पर विवश कर रही है.