Chhapra: जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को नियंत्रण के लिए टीकाकरण का कार्य किया जाना है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए निजी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत हेल्थ केयर सर्विस प्रोवाइडर एवं अन्य कर्मचारियों का डेटाबेस संग्रह कर ऑनलाइन पंजीकरण करना है। सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने टीम का गठन किया है। कर्मचारियों का डेटाबेस संग्रह करने और पंजीकरण करने में एयर इंडिया की टीम के द्वारा सहयोग किया जाएगा। सिविल सर्जन ने पत्र लिखकर सभी निजी नर्सिंग होम अस्पताल व क्लीनिक के संचालकों को यह जानकारी दी है कि आपके स्वास्थ संस्थानों में कार्यरत हेल्थ केयर सर्विस प्रोवाइडर एवं कर्मचारियों का डेटाबेस संग्रहण एवं पंजीकरण ऑनलाइन किया जाना है। इसके लिए केयर इंडिया के प्रतिनिधि आपके स्वास्थ्य संस्थान में आवश्यक सहयोग करने के लिए भ्रमण करेंगे। केयर इंडिया के प्रतिनिधि डेटाबेस पंजीकरण एवं डाटा एंट्री में सहयोग करेंगे। इसके लिए सिविल सर्जन ने प्रखंडवार टीम का गठन किया है। सभी प्रखंडों में केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक के नेतृत्व में टीम बनाई गई है।

केयर इंडिया की टीम करेगी डेटाबेस तैयार करने में सहयोग:

सिविल सर्जन ने केयर इंडिया के प्रतिनिधियों की टीम बनाई है। सभी प्रखंडों में प्रखंड प्रबंधक के नेतृत्व में टीम बनाई गई है। ये सभी कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार करने में सहयोग करेंगे।

निजी व सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर लगेगा टीका:

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार सभी हेल्थ केयर वर्कर से संबंधित डेटाबेस तैयार किया जाना है। जिसके अंतर्गत राज्य सरकार नियंत्रण सरकारी एवं निजी हेल्थ केयर सर्विस प्रोवाइडर्स और अन्य हेल्थ वर्कर सम्मिलित होंगे। जिनका प्राथमिकता व वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार कोविड-19 का टीका किए जाने की संभावना है। सरकारी सेवा संस्थान का आंकड़ा प्रखंड स्वास्थ्य संस्थान के द्वारा जिला में उपलब्ध कराया जा रहा है। निजी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व अन्य हेल्थ केयर वर्कर से संबंधित आंकड़ों के संकलन एवं संग्रहण में निर्धारित पोर्टल पर अपलोड करने में सहयोग प्रदान के लिए केयर इंडिया के कर्मियों का सहयोग लिया जा रहा है।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,-
– एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
– अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
– आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।

• एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जा रहा है जागरूक

• आरोग्य दिवस पर कोविड प्रोटोकॉल का किया जा रहा है पालन

• टीकाकरण सत्र पर आने वाले लाभार्थियों को किया जा रहा प्रेरित

Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के रोक थाम के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है। विभाग के द्वारा हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित किये जाने वाले आरोग्य दिवस पर भी लाभार्थियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। टीकाकरण सत्र पर आने वाले महिलाओं बच्चों व उनके परिजनों को कोरोना से बचाव के लिए जारी संदेशों को अनुपालन करने के लिए एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा जागरूक किया जा रहा है। जिले के दरियापुर प्रखंड के यदुरामपुर में आयोजित आरोग्य दिवस पर कार्यरत एएनएम कुमारी अनिता ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए अभी सावधानी हीं बेहतर विकल्प है। क्योंकि फिलहाल इसका वैक्सीन नहीं आया है। इसलिए जरूरी है कि जब भी घर से बाहर निकलें तो चेहरे पर मास्क जरूर लगाये। भीड़भाड़ वाले जगहों पर जाने से बचें। अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें। सतर्कता बहुत जरूरी है।


बच्चों व महिलाओं को किया प्रतिरक्षित
दरियापुर के केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक शशांक शेखर ने बताया कि आरोग्य दिवस पर आने वाले बच्चों व गर्भवती महिलाओं को प्रतिरक्षित किया गया तथा नियमित टीकाकरण के महत्व पर चर्चा की गयी। एएनएम और आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा महिलाओं की काउंसलिंग भी की गयी। जिसमें नवजात शिशुओं के विशेष देखभाल पर जोर दिया गया। साथ हीं टीकाकरण स्थल पर आनेवाली महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी गयी तथा स्थाई व अस्थाई साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित भी किया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों पर आनेवाली महिलाओं के बीच इच्छानुसार परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का नि:शुल्क वितरण भी किया गया।


टीकाकरण से कई तरह की बीमारियों से होता है बचाव
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि शिशुओं व गर्भवती महिलाओं के नियमित टीकाकरण उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाता है। टीकाकरण से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है ताकि उनके रोग से लड़ने की क्षमता विकसित हो सके। गर्भवती व नवजात को डिप्थीरिया से बचाने के लिए टीडी के दो टीके दिए जाते हैं। टीबी से बचाने के लिए बीसीजी, हेपेटाइटिस से बचाने के लिए हेप-बी, पोलियो से बचाव के लिए ओपीवी एवं आईपीवी, डिप्थीरिया, परट्यूसिस, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी व हिमोफिलेस इंफ्लुएंजी से बचाव हेतु पेंटावेंट, डायरिया से बचाव हेतु रोटा वायरस का टीका, न्यूमोकोकस के संक्रमण से बचाव हेतु पीसीवी, खसरे व रुबेला से बचाव हेतु एमआर और जापानी बुखार से बचाव के लिए जेई का टीका लगाया जा रहा है।

शारीरिक दूरी का रखा जा रहा ख्याल
टीकाकरण के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों लाभार्थियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षात्मक यथा: सभी स्तर पर व्यक्तिगत दूरी, कम से कम 6 फीट की दूरी, मुंह को ढक कर रखने, हाथ धोने एवं स्वास्थ्य संबंधित दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन 
• एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें
• सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें
• अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं
• आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें
• छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें

New Delhi: Corona संक्रमण में ईलाज करने के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर लगातार हो रहे हमले पर केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर एक अध्यादेश पास किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अध्यादेश लाई जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान है. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी. 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी. जबकि एक साल के अंदर फैसला आएगा. इसके तहत 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है. जबकि गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा.

वही स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला करने वालों को उनकी मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई करना होगा.

Chhapra: स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से जंग जीतने के लिए एक नई पहल शुरू की है. अब पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर ही कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर घर-घर जाकर सर्वे व स्क्रीनिंग की जायेगी. इस काम में आंगनबाड़ी, आशा व अन्य उत्प्ररेकों की मदद ली जायेगी. इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने आवश्यक निर्देश जारी किया है. सर्वे संबंधित कार्य 16 अप्रैल से प्रारंभ हो गया. इसके लिए टीम का गठन किया गया है.

तीन स्तरों पर ली जाएगी सूचना

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि सर्वे कार्य के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कोविड 19 फॉर्म उपलब्ध कराये गये हैं. इसमें तीन स्तरों पर सूचना उपलब्ध कराने का काम किया जाना है. कोविड 19 फॉर्म के तहत पहला प्रपत्र स्थानीय स्तर पर नियुक्त किये गये दलकर्मी भरेंगे. कोविड 19 फॉर्म के तहत 2, 3 व 3 ए व 4 प्रपत्र को पर्यवेक्षक व फॉर्म 5 जिला स्तर पर भरने का काम किया जायेगा. सर्वे के दौरान प्रत्येक घर में हाउस मार्किंग की जायेगी. संदिग्ध पाये गये व्यक्तियों के घरों पर चिन्हित किया जायेगा.

प्रत्येक दलकर्मी को उपलब्ध कराये जायेंगे सुरक्षा किट

कोविड 19 को लेकर घर घर सर्वे करने वाले प्रत्येक टीम को एक किट जिला द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा. इसमें तीन लेयर वाला 10 पीस मास्क, नॉन स्ट्रॉयल 10 पीस हैंड गलब्स व एक साबुन होंगे. सर्वे के काम में लगे सभी कर्मियों को भ्रमण के लिए पास भी निर्गत किया जाना है. राज्य के अन्य सभी जिलों के जिलांगर्त व विदेश से आये हुए लोगों के गांव व शहर के संबंधित वार्डों में भी गहन सर्वेक्षण का कार्य कर कार्ययोजना तैयार का निर्देश दिया गया है.

ली जाएगी ये जानकारी

पर्यवेक्षक अपने दलकर्मियों के पोषक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक दवा दुकान एवं सामुदायिक व ग्रामीण चिकित्सक से संपर्क कर बुखार के साथ खांसी अथवा सांस लेने में परेशानी वाले चिन्हित मरीजों की विवरणी फॉर्म 3 ए में भरेंगे. दवा दुकान, सामुदायिक व ग्रामीण चिकित्सकों से संदिग्ध मरीजों की विवरणी प्राप्त करने का कार्य अभियान सर्वे के प्रथम दिन तथा छठे दिन किया जायेगा तथा तदनुसार प्राप्त किये गये सूची का सत्यापन कर संदिग्धों की सूची तैयार की जायेगी. इसके बाद यह सूची प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध कराया जाना है.

संदिग्ध पाये गये मरीजों की स्क्रीनिंग एवं टेस्टिंग

कोविड फॉर्म 3 एवं 3 एक में दर्ज आंकड़ों में संदिग्ध लक्षणों के साथ पाये गये व्यक्तियों को कोरेंटाइन करते हुए प्रखंड स्तरीय चिकित्सकों की टीम द्वारा स्क्रीनिंग किये जाने का निर्देश दिया गया है. संदिग्ध मरीजों की जांच हेतु सैंपल संग्रहित किये जायेंगे. स्क्रीनिंग के दौरान सही पाये गये व्यक्तियों को होम कोरेंटाइन हेतु वापस घर भेज दिया जायेगा.

दिये गये हैं वित्तीय दिशा निर्देश भी

कोविड 19 के सर्वे कार्य में लगे प्रत्येक दल कर्मी को प्रतिदिन 200 रुपये की दर से 8 दिनों का भुगतान किया जायेगा. वहीं कोविड 19 के सर्वे कार्य हेतु सुपरवाइजर को प्रतिदिन 400 रुपये की दर से 8 दिनों का भुगतान किया जायेगा. इसमें 300 रुपये मानदेय व 100 रुपये आने जाने के लिए दिया जाना है.

Chhapra: समाहरणालय सभागार में जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रमों में बेहतर व उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों, एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं को जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा सम्मानित किया गया. 

इस दौरान जिलाधिकारी ने 5 चिकित्सक, 5 आशा व 3 एएनएम को मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस मौके पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि काम करने वालों को सम्मानित करने से एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास होता है. ऐसी प्रतिस्पर्धा से स्वास्थ्य के क्षेत्र में समुदाय को काफी फायदा मिलता है. उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों की सराहना करते हुए कहा बेहतर काम और मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार ही इस मिशन को सफल बना रहा है. आशा कार्यकर्ता ही स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र बिंदु हैं. परिवार नियोजन ही नहीं बल्कि जो भी स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, उनकी सफलता में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका बेहद अहम है. इसलिए उन्हें सतत प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उत्कृष्ट काम को सम्मान मिलना चाहिए.

इन साधनों में बेहतर प्रदर्शन करने पर मिला सम्मान
परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता में साधनों के उपयोग को बढ़ाने की जरूरत होती है. इसे ध्यान में रखते हुए ही पुरस्कार निर्धारित किये गए हैं. पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी, प्रसव् उपरांत महिला नसबंदी एवं कॉपर टी के उपयोग बढ़ाने में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया गया है. इसके अलावा परिवार नियोजन के साधन इस्तेमाल करने के लिए लोगों को प्रेरित करने वाले आशाओं को भी सम्मानित किया गया है.

इनको किया गया सम्मानित
गड़खा के डॉ मेहा कुमारी, तरैया से डॉ. श्रीनाथ प्रसाद, रिविलगंज से डॉ. रीना सिन्हा, मकेर से डॉ. प्रियंका प्रयदर्शनी, परसा से एएनएम अंजू देवी, मशरक से एएनएम रमबिका कुमारी, सोनपुर से एएनएम महेश्वरी कुमारी, आशा बिदुं कुमारी, पिंकी देवी, आशा देवी, सदर प्रखंड से रिंकी देवी, मासूमगंज से पिंकी देवी, जननी सूर्या क्लिनिक से डॉ. अर्जुन प्रसाद साहू को परिवार नियोजन कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया.

इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. टीएन सिंह, एसीएमओ डॉ. सरोज सिंह, डीपीसी रमेश चंद्र प्रसाद, डीएमएनई भानू शर्मा, गौरव कुमार समेत अन्य मौजूद थे.

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Chhapra: स्थानीय श्रीप्रकाश ऑर्नामेंट्स, इंडियन बुलियन ज्वेलर्स असोसिएशन व युवा क्रांति रोटी बैंक के संयुक्त तत्वावधान में एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें कुल 1140 मरीज़ों की जाँच हुई.

शिविर सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चला. जिसमें मुख्य अतिथि IBJA के प्रदेश अशोक कुमार गुप्ता व विशिष्ट अतिथि के रूप में DIG सारण विजय कुमार वर्मा व SP हरकिशोर राय शामिल हुए. श्री प्रकाश ऑर्नामेंट्स के वरुण प्रकाश, राखी गुप्ता, युवा क्रांति रोटी बैंक के संस्थापक ईं विजय राज सभी ने मिल कर शिविर का उद्घाटन किया.


शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों के द्वारा आज इस शिविर में सभी मरीजों की पूर्ण जाँच की गई. डॉ अनामिका सिन्हा डेंटिस्ट, डॉ प्रियंका रानी स्त्री एवं प्रसूति रोग, डॉ सुनील शर्मा होमेओपेथी, डॉ राजेश कुमार फिजिशियन, डॉ प्रदीप मिश्र आँख, डॉ अमित कुमार हड्डी रोग सभी ने मिल कर इस शिविर को सफ़ल बनाया.

वरुण प्रकाश ने कहा कि आज एक इतिहास रचा गया हमारे क्षेत्र में मरीजों को मुफ्त चिकित्सा इतने बड़े पैमाने पर पहली बार किया गया. सभी को धन्यवाद और हम आगे भी ऐसे आयोजन करते रहेंगे.

Chhapra: ठंड का प्रकोप बढ़ते ही जिले में हार्ट अटैक व ब्रेन हैमरेज के मामले बढ़ गए हैं. कार्डियोलॉजी सम्बंधित अस्पताल में भी मरीजों की संख्या का इजाफा हुआ है.

डॉक्टराें के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में बढ़ती सर्दी की वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ गया है.

छोटी चीजों को न करें नजर अंदाज: डॉ मधुकर

ब्रेन स्ट्रोक व हर्ट अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर छ्परा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ मधुकर बताते हैं कि कड़ाके की ठंड अपने साथ सिर्फ सर्दी-खांसी ही नहीं बल्कि ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा भी लाती है, जो कि जानलेवा है. जाड़ो में हार्ट अटैक की संभावना डेढ़ से दो फीसदी बढ़ जाती है. उच्च रक्तचाप वाले लोगों में यह ज्यादा होता है. लोगों को बाएं हाथ व छाती में बायीं ओर दर्द हो तो ऐसे लोगों को हार्ट अटैक आ सकता है. इसके अलावें पेट मे भी जलन महसूस होती है, इन सब छोटी चीज़ों को लोग नज़र अंदाज़ करते हैं. ऐसे में डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

ब्रेन स्ट्रोक का बढ़ा ख़तरा

डॉ मधुकर बताते हैं कि लोगों को ठंड से बचाव रक्त की पतली नलिकाएं संकरी हो जाती हैं, जिससे रक्त का दबाव बढ़ जाता है. अधिक ठंड पड़ने या ठंडे मौसम के अधिक समय तक रहने पर खासकर उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों में स्थिति अधिक गंभीर हो जाती है रखना होगा खान पान में सावधानी बरतें वहीं मोटापा पर भी ध्यान देने की जरूरत है. ब्रेन स्ट्रोक को लेकर डॉक्टर बतातें हैं कि शरीर का रक्तचाप बढ़ता है, जिसके कारण बाहर की धमनियां सिकुड़ जाती हैं. वहीं रक्त धमनियों में क्लॉटिंग होने से स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है. अत्यधिक दबाव बढ़ने से धमनियां फट जाती हैं.

Chhapra: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने सारण में कालाजार उन्मूलन अभियान की जांच की. पहले दिन टीम ने गड़खा प्रखंड व जिला मुख्यालय सदर अस्पताल में जांच किया. टीम ने इस दौरान अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं तथा संसाधनों की समीक्षा की. साथ ही चिकित्सकों तथा कर्मचारियों के कार्यों की भी जांच की गयी.

केंद्रीय टीम के द्वारा दो दिनों तक जिले के विभिन्न प्रखंडों में की जायेगी जांच
टीम में नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज प्रोग्राम अधिकारी तथा डब्ल्यूएचओ के अधिकारी शामिल थे. केंद्रीय टीम के द्वारा दो दिनों तक जिले के विभिन्न प्रखंडों में कालाजार उन्मूलन अभियान की जांच की जायेगी.

पहले दिन गड़खा व सदर अस्पताल में किया जांच
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की व डब्लयूएचओ की ज्वाइंट टीम ने पहले दिन सारण जिले के गड़खा प्रखंड व सदर अस्पताल में उपलब्ध संसधानों व सुविधाओं के बारे में जानकारी लिया. अभियान के जांच करने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से छपरा सदर अस्पताल, अमनौर, पानापुर, तरैया गरखा प्रखंडों का भी टीम के द्वारा जायजा लिया जायेगा.

कालाजार पर काबू पाने में मिली सफलता
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार उन्मूलन अभियान को विशेष रुप से सारण जिले में चलाया जा रहा है. यह जिला कालाजार से अत्यधिक प्रभावित रहा है, जिसके कारण राज्य सरकार तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष नजर है. इस जिले में कालाजार पर काबू पाने में काफी सफलता मिली है, जिसे समझने के लिए केंद्रीय टीम ने सर्वेक्षण किया है.

मरीजों व परिजनों से लिया फिडबैक
केंद्रीय टीम के अधिकारियों द्वारा गड़खा प्रखंड के गांवों व अस्पतालों में मरीजों से फिडबैक लिया गया. जिसमें अधिकारियो के द्वारा अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों तथा सुविधाओ के बारे में फिडबैक लिया गया. वहीं सरकार द्वारा मरीजों को दी जाने वाली राशि के बारे में भी जानकारी ली गयी.

पदाधिकारियों के साथ समीक्षा
टीम ने दिन भर जांच करने के बाद शाम में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान टीम ने पदाधिकारियों को कई आवश्यक-दिशा निर्देश भी दिए. मरीजों द्वारा मिले फिडबैक के आधार पर सुविधाओं में सुधार लाने का निर्देश दिया गया.

Chhapra: परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ पुरुषों की सहभागिता भी जरुरी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई स्तर पर सार्थक प्रयास भी किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक राज्य के सभी जिलों में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा. ‘पुरुषों की अब है बारी, परिवार नियोजन में भागीदारी’ इस बार के पुरुष नसबंदी पखवाड़े की थीम होगी. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सिविल सर्जन को पत्र लिखकर इस आयोजन के विषय में विस्तार से दिशा निर्देश दिया है.

दो चरणों में मनेगा पखवाड़ा :

पत्र के माध्यम से बताया गया कि यह पखवाड़ा दो चरणों में होगा. 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक पहला चरण होगा, जिसमें लाभार्थियों को परिवार नियोजन पर जानकारी दी जाएगी. 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक दूसरा चरण चलेगा जिसमें विभिन्न आयोजनों के माध्यम से लोगों को पुरुष नसबंदी सेवा प्रदान की जाएगी.

नसबंदी शिविर का होगा आयोजन :

पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के सफ़ल संचालन के उद्देश्य से पखवाड़ा के दौरान सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पर स्थायी सेवा एवं जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल के साथ फर्स्ट रेफरल यूनिट पर न्यूनतम एक नसबंदी शिविर के आयोजन करने के निर्देश दिए गए हैं. पुरुष नसबंदी के लिए जिले में सर्जन की अनुपलब्धता होने पर संबंधित मेडिकल कॉलेजों से समन्वय स्थापित करते हुए सर्जन की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाएगी.

एनजीओ एवं अवकाश प्राप्त चिकित्सक भी करेंगे सहयोग:

 पखवाड़ा के दौरान अवकाश प्राप्त एनएसवी के सर्जन, एक्रिडेटेड निजी नर्सिंग होम एवं पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक्रिडेटेड एनजीओ या चिकित्सक का भी नियमित सहयोग लिया जाएगा. 

जागरूकता पर होगा ज़ोर: सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि  21 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक समुदाय में लोगों को परिवार नियोजन पर जागरूक किया जाएगा. इसके लिए आरोग्य दिवस का उपयोग करते हुए पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के संबंध में आम लोगों को जानकारी दी जाएगी. परिवार नियोजन परामर्श केंद्र, मैटरनिटी वार्ड एवं टीकाकेंद्र केन्द्रों जैसे अन्य अन्य स्थलों पर परामर्शदाता, स्टाफ नर्स एवं एएनएम द्वारा लाभार्थियों को परिवार नियोजन पर जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम बॉक्स एवं डिस्पले ट्रे को सुनिश्चित करते हुए आवश्यक गर्भनिरोधक की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाएगी.

सारथी वैन से प्रचार-प्रसार:

इस दौरान सारथी वैन के जरिए भी समुदाय स्तर पर लोगों को परिवार नियोजन पर जागरूक किया जाएगा। प्रत्येक दिन वैन 10 स्थलों पर घूमकर परिवार नियोजन का संदेश देने का काम करेगी. इसके लिए प्रत्येक दिन का रूट प्लान भी किया जाएगा.

न्यूनतम एक पुरुष नसबंदी होगा अनिवार्य :

इस पखवाड़े के दौरान प्रत्येक स्वास्थ्य उप केंद्र पर कार्यरत एएनएम एवं प्रत्येक आशा फैसिलिटेटर को एक-एक पुरुष नसबंदी करवाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही इस पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन के अन्य सेवाएं जैसे महिला नसबंदी, कॉपर टी एवं नवीन गर्भनिरोधक अंतरा सुई पर भी विशेष बल दिया जाएगा.

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Chhapra: स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में हुई. इस दौरान जिलाधिकारी ने पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि स्वास्थ्य से जुड़ी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लक्ष्य हॉसिल किया जाय.

आयुष्मान भारत के तहत् गोल्ड कार्ड बनाये जाने की धीमी रफ्तार पर जिलाधिकारी के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी और प्रत्येक प्रखण्ड में प्रतिदिन पाँच सौ गोल्ड कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया जिसमें प्रखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत कार्यरत सभी सीएससी को भी सम्मिलित किया गया. जिलाधिकारी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजनान्तर्गत लगभग 13 लाख 50 हजार गोल्ड कार्ड बनाये जाने हैं जबकि अभी तक 80 हजार गोल्ड कार्ड हीं बनाये गये हैं.

समीक्षा में पाया गया कि सितम्बर माह में 5500 कार्ड हीं बनाये गये हैं. उस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार प्रत्येक गरीब तक स्वास्थ्य सेवाऐं उपलब्ध करा रही है और इसमें जहाँ कहीं भी बाधा उत्पन्न होगी या शिथिलता पायी जाएगी तो कठोर कर्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी के द्वारा निदेश दिया गया कि जिन प्रखण्डों में पिछले माह 200 से कम कार्ड बना है. वहाँ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक से स्पष्टीकरण किया जाय. बैठक में बताया गया कि जिला में 15 अस्पतालों को इस योजनान्तर्गत् पंजीकृत किया गया है.

जिला में एम्बुलेंस के माध्यम से मरीजों की निःशुल्क सेवा प्रदान की जा रही है. जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि प्रतिदिन इसका स्ट्राइक रेट 8 से घट कर 7 हुआ है जिसपर जिला समन्वयक एम्बुलेंस से स्पष्टीकरण किया गया. जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी अस्पताल में आने वाली सभी प्रसूता को हर हाल में एम्बुलेंस से हीं उसके घर भेजना सुनिश्चित किया जाय.

पूर्ण टीकाकरण की समीक्षा में पाया गया कि पूर्व के माह में जहाँ जिला का औसत 101 प्रतिशत रहा था वहीं इस बार यह 92 प्रतिशत पर गिर कर आ गया है. इसुआपुर, माँझी, रिविलगंज तथा नगरा में इसकी उपलव्धि उपेक्षाकृत कम पायी गयी. इस पर वहाँ के बीएचएम से स्पष्टिकरण करने का निदेश दिया गया. जिलाधिकारी ने अमनौर, गड़खा और परसा में इसकी उपलब्धि 100 प्रतिशत से अधिक रहने पर प्रशंसा की और निदेश दिया कि किसी भी प्रखण्ड में यह उपलब्धि 100 प्रतिशत से कम नहीं रहना चाहिए. इससे संबंधित ड्यूलिस्ट को अद्यतन करने का भी निदेश दिया गया.

एएनसी (एन्टी नेटल केयर) की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिन प्रखण्डों का औसत जिला के औसत से कम है वहाँ के बीएचएम से स्पष्टीकरण किया जाय. एकमा, सदर छपरा, रिविलगंज में औसत कम पायी गयी. यहाँ पर एएनसी पंजीकरण भी कम पायी गई. जिलाधिकारी के द्वारा एएनसी के चौथा चरण का लक्ष्य 80 प्रतिशत दिया गया. वर्तमान में यह 57 प्रतिशत पाया गया. इस मामले में बीएचएम माँझी का 10 प्रतिशत मानदेय काटने का निदेश भी दिया गया. माँझी, मशरख, रिविलगंज पानापुर लाहलादपुर, अमनौर तरैया मढ़ौरा और सोनपुर में संस्थागत प्रसव की संख्या अपेक्षानुरुप नही पाये जाने पर जिलाधिकारी के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी तथा माँझी और रिविलगंज के बीएचएम पर आरोप पत्र गठित करने का निदेश दिया गया.

सदर अस्पताल में भी इस संबंध में स्थ्ति सुधारने का निदेश डीएस और हास्पीटल मैनेजर को दिया गया. सोनपुर अनुमण्डल अस्पताल में सी-सेक्शन में कमी पायी गयी जिसपर वहाँ के सर्जन से स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया गया. जिलाधिकारी ने स्पष्ट निदेश दिया गया कि जननी बाल सुरक्षा योजना का कोई मामला लम्बित नहीं रहना चाहिए तथा संस्थागत प्रसव एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभन्वितों की सूची ई-जननी पोर्टल पर अपलोड होना चिहिए.

जिलाधिकारी ने कहा कि जिन प्रखण्डों में इन्ट्री शून्य है वहाँ के प्रभारी पदाधिकारी, बीएचएम ओर एकाउन्टेंट का बेतन बंद किया जाय. आमनौर, दिघवारा, लहलादपुर, मशरख और पानापुर में इन्ट्री शून्य पायी गयी.

जिलाधिकारी के द्वारा टीबी के मरीजों की पहचान करने और उनका समुचित इलाज करने का निदेश देते हुए कहा गया कि इस सम्बंध में विकास मित्रों के साथ बैठक करे और महादलित टोलों में कैम्प लगायें. सारण जिला को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

जिलाधिकारी के द्वारा डेंगू और चिकनगुनिया के बचाव हेतु जल जमाव वाले क्षेत्रों में टोमोफोस का छिड़काव कराने का निदेश दिया गया. बैठक में बताया गया कि 21 से 27 अक्टूबर के बीच विश्व आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह का आयोजन किया गया है जिसपर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी लोगों को आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे कई विमारियों से बचा जा सकता है.

जिलाधिकारी के द्वारा सभी स्थानांतरित एएनएम को 24 अक्टूबर तक हर हाल में नये पदस्थापन के स्थान पर योगदान कर लेने का निदेश दिया और कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर कार्रवायी के लिए तैयार रहें.  बैठक में प्रशिक्षु आईएएस वैभव श्रीवास्तव सिविल सर्जन, डीएस, चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस, एमओआईसी, सीडीपीओ, बीएचएम आदि उपस्थित थे.

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Chhapra: रोटरी छपरा के द्वारा शनिवार को मंडल कारा छपरा में कैदियों के स्वास्थ्य जांच के लिए मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया.

हेल्थ कैंप का उद्घाटन क्लब की पूर्व गवर्नर डॉ बिंदु सिंह ने किया. इस अवसर पर 124 कैदियों की जांच की गई. जिसमें आंख की बीमारी से ग्रसित 23 कैदी. स्क्रीन के बीमारी से ग्रसित 26 एवं डेंटल के 25 कैदियों का विभिन्न चिकित्सकों ने जांच किया और सलाह दी, वहीं जेल के बागवानी में फलदार पेड़ लगाकर मंडल कारा को सुशोभित किया.

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इस अवसर पर जेल सुपरिटेंडेंट एमके सिन्हा, क्लब के अध्यक्ष डॉ बीके सिन्हा, सचिव अमरेंद्र सिंह, डॉ सुरेश प्रसाद सिंह, शहजाद आलम, वीणा शरण समेत क्लब के सदस्य उपस्थित थे.

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Chhapra: लायंस क्लब छपरा टाउन द्वारा एनीमिया फ्री इंडिया अभियान के तहत शहर के गर्ल्स स्कूल में एनीमिया की जांच कर निशुल्क दवा का वितरण किया गया. इस अभियान के साथ लगभग 100 से अधिक छात्राओं का डॉक्टर द्वारा जांच किया.

लायंस क्लब छपरा टाउन के अध्यक्ष कुंवर जयसवाल ने बताया कि एनीमिया फ्री इंडिया अभियान लायंस क्लब द्वारा विभिन्न जगहों पर चलाया जा रहा है और लायंस क्लब द्वारा इस अभियान को तेज किया गया है.

गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका प्रियंका कुमारी ने कहा कि लायंस क्लब द्वारा बच्चियों के स्वास्थ्य की जांच की गई. जो उन्हें स्वस्थ रखने की दिशा में सार्थक कदम है.

इस अवसर पर सचिव कबीर, कोषाध्यक्ष विकी गुप्ता, गोविंद सोनी, संदीप स्वानिहाल, रोहित प्रधान, अमरनाथ, विकास समर आनंद, अली अहमद आदि दर्जनों सदस्य उपस्थित थे.