सरकारी विद्यालयों में इन दिनों पांचवी  और आठवीं उत्तीर्ण कर चुके छात्र छात्राओं को ट्रान्सफर सर्टिफिकेट के लिए बार बार चक्कर काटना पड़ रहा है.

शिक्षा विभाग द्वारा अबतक विद्यालयों में टीसी उपलब्ध नहीं कराये जाने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. स्थानांतरण प्रमाण पत्र नहीं मिलने से छात्रों के साथ साथ उनके अभिभावक भी भविष्य को लेकर चिंतित दिख रहे है.

शैक्षणिक सत्र 2016-17 में 9 दिन बीत चुके है. बीते नौ दिनों से छात्र प्रतिदिन विद्यालय के चक्कर काट रहे है लेकिन प्रतिदिन उन्हें निराश हाँथ लग रही है. छात्रों में प्रतिष्ठित उच्च विद्यालयों में नामांकन को लेकर चिंता बनी हुई है.

हालाकि यह स्थिति पूरे जिले की है जिससे थोड़ी राहत है. इसके बावज़ूद जिन विद्यालयों के पास पूर्व के स्थानांतरण पत्र उपलब्ध वह अपने छात्रों को टीसी निर्गत कर रहे है. जिसके कारण उन्होंने नामांकन प्रपत्र भर दिया है जो अन्य छात्रों की चिंता बढ़ा रहा है.

उधर जिला कार्यालय में उपलब्ध टीसी प्रपत्र को भी येन केन प्रकारेण से प्राप्त कर शिक्षक अपने विद्यालय ले जा रहे है.

शिक्षा विभाग और जिला स्तरीय पदाधिकारी और कर्मियों की शिथिलता का खामियाज़ा छात्रों को अपने भविष्य को दांव पर लगाकर चुकाना पर रहा है.

बहरहाल अब देखना होगा कि आखिर कितने दिनों बाद पदाधिकारी और कर्मी सक्रीय होते है, आखिर कब छात्रों को विद्यालय से टीसी मिलेगा जिससे कि उनका नामांकन हो सके.

पटना: सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शनिवार को पेरियार इंटरनेशनल संस्था द्वारा के. वीरमणि सम्मान से सम्मानित किया गया. विधान परिषद की एनेक्सी में इस सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में द्रविड़ कषगम के अध्यक्ष और पेरियार आंदोलन के प्रसिद्ध नेता डॉ. के. वीरमणि ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया. समारोह की अध्यक्षता विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने की.

के. वीरामणि पुरस्कार 2015 स्वयं डॉ. वीरामणि से स्वीकार करते हुए.

Posted by Nitish Kumar on Saturday, April 9, 2016

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह सम्मान पेरियार इंटरनेशनल संस्था द्वारा सामाजिक न्याय के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि, सामाजिक न्याय के मुद्दों पर लंबे समय से संघर्षरत रहने और समाज के वंचित वर्गों का न्यायपूर्ण विकास सुनिश्चित करने के लिए दिया गया.

 

 

रिविलगंज: पंचायत चुनाव 2016 के लिए पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो जाएगी.सारण जिला में 24 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान हेतु रिविलगंज प्रखंड में नामांकन हेतु सभी आवश्यक प्रक्रियाएं शुरू कर दी गईँ हैं.

बुधवार को पत्रक के प्रकाशन के साथ ही गुरुवार से रिविलगंज प्रखंड में त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव हेतु नामांकन प्रारंभ हो जाएगा.

रिविलगंज बीडीओ अंजू कुमारी ने पंचायत चुनाव के सम्बन्ध में बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार नामांकन हेतु सभी तैयारियां पूरी कर ली गईँ हैं.निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव हेतु प्रखंड में पांच सहायक निर्वाची पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है.

रिविलगंज प्रखंड में 9 पंचायत है जिसके अंतर्गत कुल 117 बूथ आते है.प्रखंड स्तरीय चुनाव में रिविलगंज में कुल 61243 मतदाता इस बार वोट करेंगे.

नामांकन प्रक्रिया 3 से 9 मार्च तक चलेगी,वहीं नामांकन जांच 12 मार्च को होगी जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 14 मार्च को निर्धारित किया गया है.

बिहार में राजद-जदयू गठबंधन की सरकार है.कुल मिलाकर लालू राज बिहार में फिर से कायम है. लालू यादव ने बिहार विधान सभा चुनाव के पहले अपनी लडखड़ाती राजनीतिक पारी को अपने अनुभव और बुद्धिमता से जिस प्रकार संभाला है वो उनकी राजनीतिक परिपक्वता का परिचायक है.

लालू प्रसाद यादव ने पहले अपनी धर्मपत्नी राबड़ी देवी फिर अपनी बेटी मीसा भारती के जरिये बिहार की राजनीति में अपने और परिवार के लोगों की साख मजबूत करने का प्रयास किया पर कहीं ना कहीं सत्ता में फ्रंट से लीड करने की उनकी तमन्ना पूरी नहीं हो पा रही थी.

ऐसे में गहन चिंतन के बाद जिस प्रकार लालू यादव ने पूरे आत्मविश्वास से अपने पुत्र तेजप्रताप और तेजस्वी यादव को बिहार की राजनीति में सक्रिय किया है और दोनों को एक मुकाम पर ला खड़ा किया है वो लालू यादव के ‘किंग मेकर’ वाली छवि को सार्थक करता है.

तेजस्वी इस समय बिहार के उप-मुख्यमंत्री है. जबकि तेजप्रताप बिहार के स्वास्थ्य मंत्री. दोनों ही नीतीश सरकार के खासमखास हैं. तेजस्वी ने जिस प्रकार हाल ही में अपने युवा जोश के साथ नीतीश कुमार के साथ कदम से कदम मिलाकर सरकार चलाने में जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वो उनके राजनीतिक कुशलता को दर्शाता है. पिता से मिली सीख और वंशानुगत प्रभाव बिहार की राजनीति में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है.

इस बात से बिहार की जनता भलीभांति अवगत है कि लालू प्रसाद यादव ने समय रहते अपनी राजनीतिक विरासत को जिम्मेदार हाथो में सौंप दिया है. आने वाले समय में दोनों पुत्र बिहार समेत देश की राजनीति में अपनी साख मजबूत करने में सक्षम होंगे. लालू प्रसाद यादव ने अपने डगमगाते राजनीतिक भविष्य को जिस प्रकार आधार दिया है वो उनके विरोधियों के लिए बहुत बड़ी सबक है.

पटना: सूबे में पंचायत चुनाव का बिगुल बाज़ गया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पंचायत चुनाव की तारीखों पर सरकार ने मुहर लगा दी.
पहले चरण का मतदान 24 अप्रैल को अंतिम चरण का मतदान 30 मई को होगा. हर चौथे दिन मतदान होगा. जिला परिषद सदस्य, मुखिया, ग्राम कचहरी सरपंच, पंचायत समिति के सदस्य, ग्राम पंचायत के सदस्य और ग्राम कचहरी पंच के करीब ढाई लाख पदों के लिए मतदान होना है.

चुनाव की अधिसूचना 28 फरवरी को जारी होगी. जिसके साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी.
मतदान 24 अप्रैल, 28 अप्रैल, 2 मई, 6 मई, 10 मई, 14 मई, 18 मई, 22 मई, 26 मई और 30 मई को होगा.

पहले चरण की अधिसूचना 2 मार्च को जारी होगी. दूसरे चरण की 4 मार्च, तीसरा चरण 8 मार्च, चौथा चरण 10 मार्च, पांचवा चरण 11 मार्च, छठा चरण 26 मार्च, सातवां चरण 28 मार्च, आठवां चरण 30 मार्च, नौंवा चरण 4 अप्रैल और दसवें चरण की अधिसूचना 7 अप्रैल को जारी होगी.

पंचायत चुनाव में मुखिया के 8397, सरपंच के 8397, ग्राम पंचायत सदस्य के 114650, ग्राम कचहरी पंच के 114650, पंचायत समिति सदस्य के 11516 और जिला परिषद सदस्य के 1162 पदों के लिए चुनाव होंगे. राज्य में कुल पद 258772 है.

पटना: राजधानी समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में रविवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. रात करीब 11:55 में भूकंप के झटके महसूस किये गए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5 थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में लमजंग में जमीन से 19 किलोमीटर निचे था. उत्तर बिहार के सिवान, गोपालगंज, सारण, पटना, सीतामढ़ी, शिवहर, रक्सौल और मुजफ्फरपुर में झटके महसूस किये गए.  

हालांकि इस दौरान किसी प्रकार की जान-माल के नुकसान होने की कोई सूचना नहीं है. इसके अलावा रविवार दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में भी 5.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसके साथ उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र में दोपहर 1 बज कर 21 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 दर्ज की गई. एहतियात के तौर पर लोग अपने घरों से बाहर निकल गए.

पटना(DNMS): सूबे में उत्पन्न बालू संकट के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है. सरकार ने 2014 के बनाए अपने ही नियमों का उल्लंघन कर बालू उत्खनन का आदेश दिया और जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उक्त नियमों का हवाला देकर बालू खनन पर रोक लगाया तो अब राज्य सरकार ट्रिब्यूनल के खिलाफ ही बयानबाजी कर जहां कोर्ट की अवमानना कर रही है. वहीं केन्द्र सरकार पर झूठा आरोप भी लगा रही है. बालू संकट के मद्देनजर राज्य सरकार की स्थिति ‘नाचे न जाने, आंगन टेढ़ा’ वाली है. उक्त बातें बिहार भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार ने रविवार को पटना में एक प्रेस बयान जारी कर के कहीं.
उन्होंने कहा कि बिहार माइनर मिनरल कंसेशन (एमेंडमेंट) रूल्स, 2014 (Bihar Minor Minerel (Amendment)Rules-2014) के सेक्शन 21 ‘ए’ में राज्य सरकार ने खुद ही प्रावधान किया है कि बिना स्वच्छता प्रमाणपत्र प्राप्त किए कोई भी उत्खनन कार्य नहीं कर सकता है. बिहार सरकार को बताना चाहिए कि उसने अपने ही बनाये नियमों का उल्लंघन कर बालू खनन की बंदोवस्ती कैसे कर दी? इतने दिनों तक बालू का खनन जारी कैसे रहा? 19 जनवरी को ही जब बालू खनन पर ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी तो राज्य सरकार ने अब तक कौन सी कार्रवाई की है? ऐसे में अभी जो बालू संकट उत्पन्न हुआ है, उसके लिए क्या राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार नहीं है?

भाजपा नेता ने कहां कि बिहार के 24 जिलों में 20 लोगों को बालू खनन की बंदोवस्ती की गई जिनमें से मात्र 10 लोगों ने केन्द्र सरकार को स्वच्छता व पर्यावरण क्लियरेंस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया. केन्द्र ने प्रक्रियाओं को पूरा करने की पृच्छा के साथ सभी आवेदन बिहार को भेजा मगर सरकार ने आज तक केन्द्र के पृच्छा का जवाब तक नहीं दिया है. दूसरी ओर 12 प्रस्ताव एक साल बाद इसी माह राज्यस्तरीय इन्वायरमेंटल क्लियरेंस प्राधिकार के पास भेजा गया है, जहां वह लम्बित है. दरअसल राज्य सरकार अपनी नाकामियों के लिए नाहक में केन्द्र सरकार को कोस रही है. 

नवीन सिंह परमार की रिपोर्ट

पटना: माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) इस साल अप्रैल-मई में आयोजित की जायेगी. शिक्षा विभाग द्वारा इसके प्रस्ताव को तैयार कर लिया गया है.

सूबे में माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमशः 11000 और 7000 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति होनी है. जिसके लिए इस बार केवल बीएड डिग्रीधारियों को ही पात्रता परीक्षा (STET) में सम्मिलित होने का मौका मिलेगा.

नई दिल्ली: सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बुधवार को एक युवक ने जूता फेंक दिया. युवक ने मुख्यमंत्री पर पटना के बख्तियारपुर में एक कार्यक्रम के दौरान जूता फेंका. जूता फेकने वाले आरोपी युवक प्रवेश कुमार राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार युवक समस्तीपुर जिले का निवासी है. वह अपनी पूर्व की एक शिकायत का निष्पादन नहीं हो पाने से नाराज था. 

घटना तब हुए जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बख्तियारपुर में पंडित शीलभद्र याजी की पूण्यतिथि पर आयोजित एक समारोह में भाग ले रहे थे. तभी उक्त युवक ने जूता फेंका जो कि मंच के नजदीक जमीन पर जा गिरा. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री का पैतृक गांव कल्याण बिगहा बख्तियारपुर थाना क्षेत्र में ही पड़ता है.

पटना: बिहार विधानसभा की  55 सीटों के लिए चौथे चरण का मतदान जारी है। सुबह 11 बजे तक 27.77% मतदान. अबतक हुए चुनाव में सबसे अधिक मतदान पश्चिमी चंपारण में 31.30%, वहीँ सबसे कम 22.85% मतदान सीतामढ़ी में हुआ है.

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पूर्वी चंपारण के मधुबन विधान सभा क्षेत्र के बूथ संख्या 56-57 पर मतदाताओं की कतार Photo: अवनीश कुमार  

चौथे चरण में सात जिलों – मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज और सीवान की 55 सीटों पर वोट डाले जा रहे है.

सिवान जिले के महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के भगवानपुर में बूथ पर खड़े मतदाता
सिवान जिले के महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के भगवानपुर में बूथ पर खड़े मतदाता Photo :Dharmendra 

सीवान जिले के रघुनाथपुर विधान सभा के बूथ संख्या 150 पर मतदाताओं ने सड़क, आंगनबाड़ी, बिजली सहित अन्य समस्याओं को लेकर वोट बहिष्कार किया है. वहीँ सीवान के दरौली विधान सभा क्षेत्र के गुठनी प्रखंड अंतर्गत देवरिया गांव में भी विकास के लिए वोट का बहिष्कार किया गया है.

2010 के विधानसभा चुनाव में 55 में से 26 सीटों पर बीजेपी और 24 सीटों पर जेडीयू ने जीता था वहीँ आरजेडी को केवल दो सीटों से संतोष करना पड़ा था, जबकि तीन सीटें निर्दलीयों के खाते में गई थीं. लेकिन इस बार महागठबंधन के खेमे से आरजेडी ने 26 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं जबकि जेडीयू ने 21 और कांग्रेस ने आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.

सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनज़र रखते हुए 43 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान सुबह सात से शाम पांच बजे तक होगा, जबकि आठ सीटों पर चार बजे तक होगा और चार सीटों पर मतदान तीन बजे ही खत्म हो जाएगा. 3043 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों और राज्य पुलिस की 1163 कंपनियां (प्रत्येक कंपनी में 100 जवान) तैनात की गयी. नदी में गश्त करने के लिए 38 मोटर बोट को सेवा में लगाया गया है.

मढ़ौरा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आईटीआई मैदान में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नवरात्र के बाद बिहार की जनता का आशीर्वाद लेने का सौभाग्य एक बार फिर मिला है। उन्होंने रैली में भीड़ को देखते हुए कहा कि यह चुनावी रैली नही, रेला भी नही परिवर्तन के संकल्प का मेला लग रहा है. उन्होंने कहा कि यहाँ दिख रहा है कि 8 नवम्बर को बिहार की दिवाली कैसी मनेगी। यह चुनाव बिहार के लिए दो-दो दिवाली लेकर आया है और छोटी दिवाली की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने लद्दाख में हुए स्थानीय निकाय चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां 90 प्रतिशत अल्पसंख्यक और बहुमत बीजेपी को मिली। कांग्रेस के 22 सदस्य थे जनता ने उन्हें साफ़ कर दिया और वह अब 5 पर आ गए। उन्होंने कहा कि जब लद्दाख में बर्फ गिरता है तो बिहार में ठण्ड शुरू हो जाती है उसी तरह लद्दाख की हवा बिहार का माहौल बना रही है एनडीए की जीत पक्की है। मोदी ने कहा कि आपके इस प्रेम ने मुझे जीत लिया है, अपना बना लिया है,  इस प्यार को ब्याज  समेत विकास करके लौटाऊंगा।

प्रधानमंत्री ने नौजवानों से कहा कि जब मै 2019 में वोट मांगने आऊंगा तो मुझे पांच सालों का हिसाब देना होगा। ठीक उसी तरह आपको भी महागठबंधन के लोगों से उनके किये गये कार्यों का जबाब मांगना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में की और जय प्रकाश नारायण, राजेंद्र प्रसाद, गोरख प्रसाद, भिखारी ठाकुर को याद किया। गढ़ देवी को नमन किया।

‘महागठबंधन’ को ‘महास्वार्थबंधन’ बताया

मोदी ने कहा कि  ‘महास्वार्थबंधन’में  पहले तीन लोग थे, बड़े भाई, छोटे भाई और मैडम पर अब चार हो गए है।  बड़े भाई, छोटे भाई, मैडम और तांत्रिक। उन्होंने RJD को राष्ट्रीय जादू टोना दल बताया।

लालू-नीतीश पर जमकर हमला बोला

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम विकास की बात करते है वो केवल मोदी की बात करते है। सीवान और बगल के इलाकों की टिकट जेल में से बांटी जाती है। प्रधानमंत्री ने लालू-नीतीश को छोटा भाई और बड़ा भाई बताते हुए कहा कि उन्होंने मिलाकर 25 साल राज किया उनको काम का हिसाब देना चाहिए। आधा चुनाव ख़त्म हो चूका है उन्होंने क्या हिसाब दिया है, यह लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने कहा की लालू और नीतीश  के दिन समाप्त हो चुके है। वह दिन गया जब आप भावना भड़काते थे। बिहार का नौजवान और उसका ज़मीर जाग चूका है। अब नौजवानों के भविष्य को कुचल नहीं पाएंगे। उन्होंने व्यंग के अंदाज में कहा कि माननीय नीतीश और सबसे बड़े तांत्रिक लालू यादव ने बिहार के नौजवानों को बाहर जाने को मजबूर किया। बिहार में पलायन बढ़ा है कोई नौजवान अपने यार-दोस्त, बूढ़े माँ-बाप को छोड़ के घर से दूर काम करने नहीं जाना चाहता। लेकिन पेट के लिए जाना पड़ता है। modi ने कहा कि दोनों भाई ने मिलकर 25 साल में दो पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है। एक समय था जब बिहार को औधोगिक नगरी के रूप में जाना जाता था। यहाँ का चॉकलेट हिन्दुस्तान भर के लोग खाते थे। इसको किसने बंद किया। उन्होंने कहा कि यदि 25 सैलून में यहाँ बिजली पहुंचती  तो कारखाना बंद नही होता। इनको सिर्फ परिवार की चिंता है जनता की नहीं। बिहार के सबसे ज्यादा गाँव में बड़े भाई-छोटे भाई के कुशासन के कारण अब तक बिजली नहीं पहुंची है। हम बिजली पहुँचाना चाहते है। जिसके लिए भूटान से जल बिजली के लिए समझौता भी हुआ है।

बिहार के लिए 6 सूत्रीय कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा एक ही मंत्र है विकास, विकास और सिर्फ विकास। हर समस्या की एक दवा विकास  ही है। उन्होंने  छः बातों पर विशेष बल देने की बात करते हुए कहा कि नौजवानों को शिक्षा, रोजगार और बुजुर्गों को दवाई। भारत का मार्ग दर्शन करने वाले प्रदेश बिहार के लिए बिजली, सड़क और पानी। नई सरकार के बनते ही कमेटी गठन कर यहाँ कारखानों को शुरू करने की पहल की जायेगी।

भारत को आगे बढ़ना है तो पूर्वी भाग को आगे बढ़ाना होगा। पश्चिम के राज्य आगे बढ़ रहे है वैसे ही बिहार, बंगाल, झारखण्ड को आगे बढ़ाना होगा। भारत की दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत बिहार से होगी। मढ़ौरा में बनने वाले डीजल लोकोमोटिव से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसका काम जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा।

इसके पूर्व केन्द्रीय मंत्री व् छपरा के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि हमे चीनी मिल का सायरन वापस चाहिए। यहाँ के लाखों लोगों को रोज़गार देने वाले फैक्टरी को आप पुनः खुलवाएंगे ऐसी यहाँ के लोगों की अपेक्षा है।  लाखों नौजवानों का आप पर विश्वास है। जिस तरह पश्चिम में सूरज का डूबना तय है वैसे ही महागठबंधन का ढलना तय है और  सूरज जैसे उगता है वैसे ही एनडीए का बिहार में उगेगा।

सभा को सारण जिले के दस विधानसभा के एनडीए प्रत्याशियों ने भी संबोधित किया।

पीएम मोदी को एक झलक देखने के लिए बेचैन दिखे कार्यकर्त्ता

रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक झलक देखने के लिए कार्यकर्त्ता आसपास के बिल्डिंगों, पेड़ यहाँ तक कि होर्डिंग के लिए लगायी गयी बांस पर चढ़ गए। हालाँकि कई बार मंच से इन्हें नीचे उतरने का निवेदन किया गया, यहाँ तक की खुद प्रधानमंत्री ने भी कहा। पर कार्यकर्त्ता मानने को तैयार नहीं थे।

पेड़ पर चढ़े कार्यकर्त्ता
पेड़ पर चढ़े कार्यकर्त्ता

 

 

बांस पर चढ़े कार्यकर्त्ता
बांस पर चढ़े कार्यकर्त्ता

सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त

रैली में सुरक्षा को लेकर जगह जगह बेरिकेडिंग की गयी थी। मेटल डिटेक्टर से चेकिंग की जा रही थी। आने जाने वाले एक-एक लोगों पर नज़र रखी जा रही थी।

वीडियो देखने के लिए यहाँ देखे