Chhapra: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर के हरिहरक्षेत्र मेला के उद्घाटन को एक सप्ताह होने को है पर आज तक यहां के थियेटरों को लाईसेंस नही मिल सका है. जिस कारण सभी थियेटर संचालको और कलाकारो में हताशा के साथ निराशा देखी जा रही है.

लाइसेंस न मिलने पर संचालको का कहना है कि थियेटर में पैसो का निवेश करने के बाद लाईसेंस का नहीं मिलना हमारे लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.

उनका कहना है कि अगर प्रशासन पहले ही मना कर देती तो हमारे द्वारा थियेटर लगाया ही नही जाता.

थियेटर में बाहर से आए कलाकारो का कहना है कि थियेटर नहीं चलने से उनकी आजीविका बिल्कुल ठप सी हो गई है वो आए तो है यहां कमाने पर थियेटर न चलने से उनका जेब खाली होता जा रहा है.

बताते चले कि इस बार विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में तलवार और अन्य अस्त्रो की बिक्री पर भी पुरी तरह से रोक लगा दी गई है. जिससे दुकानदार भी चिंतित है.

विगत वर्ष भी थियेटर को लेकर नर्तकियों द्वारा छपरा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के आवास का घेराव किया गया था. जिसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ी थी.

New Delhi: लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही सरकार को सवालों में घेर लिया. श्री रूडी ने कहा कि बिहार में टूरिज्म के नाम पर आज तक केंद्र सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया. श्री रूडी ने अपना बातों को रखते हुए कहा कि वो 3 साल से फाइलों को लेकर घूम रहे हैं. लेकिन यह फाइलें भारत सरकार के किस कार्यालय में जाकर कहां विलीन हो जाती हैं उन्हें भी नहीं पता चल पाता.

सारण में डॉलफिन को लेकर सवाल

उन्होंने कहा कि गंगा और गंडक नदी में डॉल्फिन पाई जाती है. जो एक दुर्लभ जंतु है. डॉल्फिन को देखने हम विदेश जाते हैं, लेकिन बिहार के सारण में पाए जाने वाले डॉल्फिन को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही.

बिहार में पर्यटन को लेकर किये सवाल

इसके साथ ही रूडी ने सोनपुर पशु मेला को लेकर भी सदन में सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि सोनपुर में लगने वाला पशु मेला एशिया प्रसिद्ध मेला है. लेकिन मेला के विकास के लिए उनकी बार-बार की गई अपीलों के बावजूद केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने मांग की केंद्र सरकार डॉल्फिन और सोनपुर पशु मेला को इको टूरिज्म के अंतगर्त विकसित करें.

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श्री रुडी ने अपने मौखिक प्रश्न संख्या 207 में पूछा था कि बिहार में केंद्र सरकार इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रही है और क्या बिहार सरकार ने पर्यटन की विभिन्न परियोजनाओं के लिए धनराशि संस्वीकृत करने का अनुरोध किया है ? श्री रुडी ने पर्यटन मंत्री से इसका विवरण मांगा.

पर्यटन मंत्री का जवाब

पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि सभी पर्यटन संबंधी विकास प्रोजेक्ट राज्य सरकार के पास से आने होते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को केवल आवेदन प्राप्त हुए हैं. जबकि इस तरह के किसी भी प्रस्ताव को एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के साथ भेजे जाने चाहिए.

जवाब से असंतुष्ट

पर्यटन मंत्री के जवाब से असंतुष्ट श्री रूडी ने कहा कि राज्य में सोनपुर पशु मेला के विकास के लिए उनकी बार-बार की गई अपीलों के बावजूद केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कोई कदम नहीं उठाया. श्री रूडी ने कहा कि उन्होंने एक डीपीआर भी प्रस्तुत की थी और अगर अधिकारी इसे मंत्री के समक्ष नहीं ले जाते हैं, तो यह संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार का मामला था. पर्यटन मंत्री ने कहा कि मंत्रालय इको टूरिज्म को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अतुल्य भारत 2.0 कैंपेन के तहत बढ़ावा दे रहा है.

Sonpur: 32 दिनों तक चलने वाला विश्व क्षेत्र कार्य प्रसिद्ध सोनपुर मेले का समापन समारोह शनिवार को हुआ. मेले में केंद्र, राज्य सरकार व निजी कंपनियों ने अपने दर्जनों प्रदर्शनी लगाए थे. इन प्रदर्शनियों के लिए विभिन्न विभागों को पुरस्कृत किया गया.

रेल ग्राम को प्रथम पुरस्कर
इसके तहत सोनपुर मेले में केंद्र सरकार प्रदर्शनियों में  रेल ग्राम प्रदर्शनी को प्रथम पुरस्कार मिला है. वहीं द्वितीय पुरस्कार भारतीय स्टेट बैंक की प्रदर्शनी को दिया गया. मेले में केंद्र सरकार की प्रदर्शनी जीवन बीमा निगम को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया.
वही बिहार सरकार की प्रदर्शनी में उमंग योजना को प्रथम पुरस्कार मिला, वहीं द्वितीय पुरस्कार आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लगाई प्रदर्शनी को साथ ही तृतीय पुरस्कार महिला विकास निगम को दिया गया. इसके अलावे अति विशिष्ट पुरस्कार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग व विशेष पुरस्कार बिहार सरकार के परिवहन विभाग की प्रदर्शनी को मिला.

Chhapra: बीती रात हुए दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की जान चली गयी. घटना दिघवारा थाना क्षेत्र के बस्ती जलाल गांव के समीप की है.जहां ट्रक ने बाइक सवार तीन युवकों को कुचल दिया. इस हादसे में मौके पर ही दो युवकों की मौत हो गई है. वहीं तीसरे की मौत भी इलाज के दौरान हो गयी.

इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने छपरा-हाजीपुर पथ जाम दिया. बताया जा रहा है कि तीनों युवक सोनपुर मेला देख कर रात को घर लौट रहे थे. तभी बस्ती जलाल गाँव के समीप ट्रक उन्हें टक्कर मार दी.

हादसे में मरने वालों में तरैया निवासी मनोरंजन पाठक(25), बुलेट शर्मा(19) व तथा दरियापुर थाना क्षेत्र के शीतलपुर निवासी सुबोध शर्मा बताय जा रे हैं. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.।

Sonpur: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर पशु मेला अपने शबाब पर है. सारण ज़िला प्रशासन ने मेले में अब तक बिके पशुओं का आकंड़ा जारी किया है. इसके तहत अबतक सोनपुर मेले से 290 घोड़ो की बिक्री हुई है. जिसमें गुरुवार को 45 घोड़े बेचे गये. इन्हें 70 हज़ार 55 रुपये की अधिकतम कीमत में बेचा गया. हालांकि मेले में 2240 घोड़ो को बेचने के लिए लाया गया है.

इसके अलावें मेले अबतक 83 एच एफ गायों को बेचा जा चुका है. इसके अलावें मेले में इस बार मात्र 147 गायों को बेचने के लिए लाया गया था. साथ ही साथ इस मेले में लाय गए 13 में से 11 मुर्रा भैंसों को बेचा जा चुका है. इन भैंसों को 76 हज़ार रुपय तक की कीमत में बेचा गया है.

इसके साथ ही सोनपुर मेले में 704 भेड़ बकरियां को बेचने हेतु लाया गया है. जिसमें अबतक 452 भेड़ बकरियों की बिक्री हो चुकी है. इसके तहत बकरियों को अधिकतम 15 हज़ार की कीमत में बेचा गया है.

सारण जिला पशुपालन पदाधिकारी जयप्रकाश नारायण ने बताया कि इन पशुओं के लिए मेले में इलाज शिविर भी लगाया गया है.

Chhapra (सोनपुर मेला से सुरभित दत्त की रिपोर्ट): मधुबनी जिले के जयनगर प्रखंड के उसराही की रहने वाली राजदा खातून ने हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के आर्ट एंड क्राफ्ट ग्राम में सीक की कलाकृति (सिक्की कला) की प्रदर्शनी लगायी है. राजदा खातून प्राचीन हस्तशिल्पों में से एक सीक की कला को संजोकर रखते हुए इस कला के गुर सिखाकर अपने जैसी अन्य महिलाओं को भी स्वाबलंबी बना रही है.

छपरा टुडे डॉट कॉम से बातचीत में राजदा बताती है कि उन्होंने सिक्की कला अपनी दादी से सीखी थी. अपनी हस्तशिल्प कला को उन्होंने अपने व्यवसाय का जरिया बना लिया. इसके माध्यम से उन्होंने अपने गाँव की लगभग 80 महिलाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराये. वही अपनी बेटियों को भी इस हस्तशिल्प को सिखलाया ताकि आने वाली पीढ़ियों में भी ऐसी कला जीवित रहे. साथ ही राज्य स्तर पर अवार्ड भी जीते है.

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उन्होंने बताया की मिथिलांचल में सिक्की घास, मुंज घास और खर से विभिन्न प्रकार के सामानों का निर्माण किया जाता है. इस सामानों को शादी-विवाह के अवसर पर बेच कर जीविकोपार्जन भी किया जाता है. पोखर, दियारा और तालाबों में उपजी घास को काट कर उससे इसका निर्माण किया जाता है. साथ ही इससे बनी हुई अनेक प्रकार की कलाकृतियों को बाजार में बेचा जाता है. इस कला को और लोग जाने इसके लिए मेला में प्रदर्शनी लगायी गयी है. 

उन्होंने बताया कि सीक के कलाकृतियों को बनाने में कई दिन लगते है पर जब उसे बेचने के लिए ग्राहकों के समक्ष रखा जाता है तो सही दाम नहीं मिल पाता. एक हस्तशिल्प को बनाने में कलाकार के द्वारा की गयी मेहनत का लोग सही कद्र नहीं करते और उचित कीमत देने में कतराते है. उन्होंने बताया कि सरकार की मदद से इस कला को बचाने के प्रयास हो रहे है पर सरकार को और भी सोचना चाहिए, ताकि जो लोग इस तरह के हस्तशिल्प को बनाते हुए प्राचीन शिल्प कला को जीवंत किये हुए है उन्हें सहायता मिल सके.

आज के दौर में जब प्लास्टिक के बर्तन और कलाकृतियों को लोग ज्यादा पसंद कर रहे है वैसे में इको फ्रेंडली इन सामानों को बनाने वालों को अब ज्यादा जूझना पर रहा है. बावजूद इसके इस प्राचीन हस्तशिल्प हो बचाने और नयी पीढ़ी तक पहुँचाने में अपनी भूमिका निभा रही है.   

Video में देखिये खास बातचीत

Chhapra: विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में इस बार लोगों को इंटरनेशनल किक बॉक्सिंग देखने को मिलेगा. मेले में 8 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग टूर्नामेंट(जेन वारियर्स)का आयोजन किया जाएगा. इस टूर्नामेंट में विदेशी लड़ाके भी हिस्सा ले रहे हैं. जिसमें ब्राजील, अफगानिस्तान व नेपाल के साथ भारतीय लड़ाके भी दो-दो हाथ करते नज़र आएंगे.

टूर्नामेंट का आयोजन छपरा के बॉम्बे जिम और इंडियन मिक्स मार्शल आर्ट्स फेडरेशन(एआईएमएमएएफ) द्वारा संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है. जिसमें देश दुनिया के 16 लड़ाके हिस्सा ले रहे. इस तरह का इवेंट बिहार में पहली बार आयोजित हो रहा है.

8 दिसंबर की शाम को लोगों को रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे. कुल मिलाकर इस प्रतियोगिता में 8 फाइट देखने को मिलेगा. प्रत्येक फाइट 3 मिनट का होगा. इसके अलावा यह आयोजन एक शो स्टॉपर के साथ खत्म होगा. जिसमें ब्राजील के एमएमए योद्धा पाउलो सिल्वा और नेपाल से अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग चैंपियन दीवान श्रेष्ठ के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा.

छपरा स्थित बॉम्बे जिम में आयोजित प्रेस वार्ता में टूर्नामेंट के आयोजक अतुल कुमार ने बताया कि इस टूर्नामेंट में ब्राज़ील, अफगानिस्तान और नेपाल के लड़ाकों के साथ भारतीय लड़ाके भी हिस्सा ले रहे हैं. जिन्हें रिंग में फाइट करते हुए देखना अपने आप में एक रोमांच से भरा होगा. उन्होंने बताया कि किक बॉक्सिंग ‘कॉम्बैट स्पोर्ट्स’ के अंतर्गत आता है और यह सबसे रोमांचक और उत्साह से भरा एक खेल है. हालांकि शहर में इस खेल लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. गांवों में भी इस तरह के खेलों को बढ़ावा मिले. इसके लिए ऐसे आयोजन किये जा रहे हैं.

Chhapra/Sonpur( Surabhit Dutt): अपनी संस्कृति और पौराणिक महत्व के कारण हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला विश्व विख्यात है. मेले में पारंपरिक परिधान और मिष्ठानों की दुकानें सजती है तो वही ग्रामीण संस्कृति की पहचान कई वस्तुएं मिलती है. मेले में देश के लगभग सभी प्रदेशों से व्यापारी पहुंचते है. कोई अपने मवेशियों की खरीद बिक्री के लिए पहुंचता है तो कोई कपड़े और अन्य व्यवसाय के लिए. मेले में मिनी भारत सा नजारा दीखता है.  

सोनपुर मेला में मिलने वाली मिटटी की बनी सिटी और घिरनईया इस मेले में पहुंचे सभी सैलानी को अपनी और आकर्षित करती है. प्राचीन काल में तो इस तरह के मिटटी के बने खिलौनों की मांग थी पर आधुनिक मोबाइल और वीडियो गेम युग में इसे ग्रामीण बच्चे ही खरीदते है. शहरी बच्चे तो इससे दूर ही है.

मेले में दूर दूर से व्यापारी अपने मिष्ठान की दुकान लेकर पहुंचते है. मेले में गुड़ में बनी जलेबी मिलती है जो प्रसिद्द है. इस के साथ ही गया आदि स्थानों से दुकानदार खाजा, गाजा, तिलकुट, बरफी (सभी पारंपरिक मिठाई) लेकर पहुंचते है. 

मेले में गुड़ में बनी जलेबी बनाते फोटो: कबीर

कश्मीर और अन्य जगहों से पहुंचे वस्त्र व्यापारी मेले की शान को बढ़ा रहे है. मेले में आकर्षक परिधानों की खूब बिक्री हो रही है. साथ ही ठण्ड के मौसम को देखते हुए गर्म कपड़े भी बिक रहे है. मेले में प्रत्येक साल कश्मीर, पंजाब, पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों के व्यापारी पहुंचते है. हथकरघा, खादी के परिधानों की भी खूब मांग है. 

मेले में कुटीर उद्योग, बांस आदि शिल्प कला के सामानों की दुकानों पर मिलने वाले सामानों को सैलानी खूब पसंद कर रहे है.

सोनपुर मेला भारत की सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक युग से परिचय करा रहा है. देश दुनिया के लोगों को भारत की परंपरा और संस्कृति को जानने का एक अवसर इस मेले के भ्रमण से मिल रहा है.

Chhapra: समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद की अध्यक्षता में विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2017 के सफल आयोजन हेतु बैठक सम्पन्न हुयी. जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने बताया कि इस वर्ष सोनपुर मेला का उद्घाटन 2 नवम्बर 2017 को होगा, जो 03 दिसम्बर 2017 को सम्पन्न होगा. उन्होंने बताया कि मेला के सफल आयोजन एवं संचालन हेतु 11 कोषांगो का गठन किया गया है. स्वागत समिति कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी अनिल कुमार रमण को बनाया गया है. उनके कार्यो में सहयोग हेतु 10 अन्य पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को कोषांग में रखा गया है.

इस कोषांग का प्रमुख कार्य मेला में आए हुए विशिष्ट एवं गणमान्य अतिथियों का स्वागत करना होगा मेला के उद्घाटना के अवसर पर सभी गणमाण्य अतिथियों को बुके, प्रतीक चिन्ह्/सोवेनायर प्रदान कर सम्मानित करने का कार्य इस कोषांग के द्वारा सम्पन्न किया जायेगा. उद्घाटन एवं समापन के अवसर पर स्वागत संबंधी सभी कार्यों का निष्पादन ससमय कोषांग सुनिश्चित करेगी. यह कोषांग नयाचार पदाधिकारियों के अलग-अलग दल का गठन करेगा एवं विशिष्ट एवं गणमान्य आगंतुको हेतु नयाचार पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करेगा. इस कोषांग का यह भी दायित्व होगा की सम्पूर्ण मेला अवधि के दौरान विशिष्ट एवं गणमान्य आगंतुकों के आगमन के समय उनके आतिथ्य, स्नान, पूजा, मेला क्षेत्र का भ्रमण, आवासन एवं भोजन इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी.

साफ-सफाई एवं पेयजल आपूर्ति कोषांग के वरीय प्रभारी पदाधिकारी के रूप में असैनिक शल्य सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, छपरा प्रभारी पदाधिकारी के रूप में अंजय कुमार राय, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद् छपरा को नामित किया जाता है. हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2017 के अवसर पर सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के उद्देश्य से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को दस जोन में बांटा गया है. जोन की सूची में संलग्न सम्पूर्ण हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2017 में सफाई के लिए चिन्ह्ति क्षेत्रों को जिसमें मेला क्षेत्रों के सभी स्नान घाटों, सड़के, नालियां, सभी पदाधिकारी शिविर, डाक बंगला क्षेत्र एवं मेला क्षेत्र के समीपवर्ती अन्य क्षेत्र भी शामिल है. जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि मेले में खाद्य सामग्री खुले में न रखकर बेचा जाय. विक्रेता खाद्य सामग्री को ढ़क कर रखे. अगर खाद्य सामग्री खुले में रखकर बेचा जा रहा है, तो संबंधित बिक्रेता के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करें.

बैरिकेडिंग, स्नानघाट निर्माण एवं घाट सुरक्षा कोषांग के वरीय प्रभारी पदाधिकारी के रूप में शिवकुमार पंडित, वरीय उप समाहर्ता, सारण प्रभारी पदाधिकारी के रूप में उपेन्द्र पाल, भूमि उप समाहर्ता, सोनपुर एवं अतिरिक्त प्रभारी पदाधिकारी के रूप में जिला अभियंता, जिला परिषद्, सारण को नामित किया जाता है. सोनपुर मेला में सोनपुर गंडक नदी के सभी घाटों एवं पहलेजा घाट में स्नानघाट निर्माण एवं इसकी सुरक्षा हेतु बैरिकेडिंग का कार्य जिला प्रशासन द्वारा कराया जाना है. इस कोषांग का प्रमुख कार्य बैरिकेडिंग के लिए चिन्ह्ति क्षेत्र एवं संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षात्मक कार्यो की सतत् निगरानी करना होगा. मेला के प्रारंभ में स्नान हेतु बड़ी संख्या में आये हुए श्रद्धालुओं/भक्तों को बिना कोई कठिनाई हुए स्नान कार्य को ससमय सम्पन्न कराने का कार्य भी इस कोषांग द्वारा किया जायेगा. इस कोषांग द्वारा स्नान करने हेतु चिन्ह्ति स्थलों यथा पुरानी गंडक पुल घाट, साधु गाछी घाट, काली घाट एवं अन्य घाटों के साथ की पहलेजाघाट पर भी स्नान करने संबंधी सारे कार्यो की भी सुक्ष्म निगरानी पूर्ण सतर्कता के साथ किया जायेगा.

बैठक में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद के अलावें अपर समाहर्ता अरूण कुमार, उपविकास आयुक्त सुनिल कुमार, असैनिल शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ निर्मल कुमार, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी, अनुमंडल पदाधिकारी सोनपुर सुबोध कुमार सहित सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.

 

छपरा/सोनपुर: हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के उद्घाटन के अवसर पर मशहूर पार्श्वगायिका अलका याग्निक ने अपने गीतों से समां बांध दिया.

अलका याग्निक ने कार्यक्रम की शुरुआत फिल्म कुछ-कुछ होता है के गीत तुम पास आये, यूँ मुस्कुराये से की. उनकी मखमली आवाज सुनते ही दर्शकों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया. उन्होंने दर्शकों से भोजपुरी में पूछा ‘कईसन बानी लोग’.

पार्श्वगायिका अलका याग्निक की गीतों पर झूमते श्रोता
पार्श्वगायिका अलका याग्निक की गीतों पर झूमते श्रोता

लगभग दो घंटे की अपनी प्रस्तुति के दौरान उन्होंने कई फिल्मों के लोकप्रिय गीतों को गाया. लाल दुपट्टा गिर गया रे, गजब का है दिन, किसी रोज तुमसे मुलाकात होगी आदि गीतों को गया. उन्होंने जैसे ही जख्म फिल्म का गाना, तुम आये तो आया मुझे याद, गली में आज चाँद निकला गाया दर्शक झुमने लगे. सभी उनकी आवाज की तारीफ करते सुने गए.

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अपने मोबाइल में यादगार पल को कैद करते लोग
अपने मोबाइल में यादगार पल को कैद करते लोग

पर्यटन विभाग के द्वारा सोनपुर मेला को लोकप्रिय बनाने के लिए इस बार कई बड़े कलाकारों को आमंत्रित किया गया है. जिनमे लोक गायिका तृप्ति शाक्या, पार्श्वगायिका कविता पौडवाल, कुमार विशु, अमित पॉल, मनोरंजन ओझा, अभिजीत सावंत, जावेद अली आदि शामिल है.

छपरा(सुरभित दत्त): हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला, एशिया का सबसे बड़ा मेला है. लगभग 5 से 6 किलोमीटर के क्षेत्र में मेला लगता है. इस मेले को लेकर एक बात मशहूर है कि यहाँ सुई से लेकर हाथी तक बिकता है.

वैसे तो हाथियों की खरीदारी पर सरकार ने रोक लगा रखी है. बावजूद इसके मेला में हाथी आकर्षण का केंद्र होते है. मेला में पशुओं की बिक्री होती है. जिनमे खास तौर पर घोड़ा, बैल, भैस, कुत्ते आदि शामिल है. मेला में पक्षी मेला भी लगता है. हरिहर क्षेत्र मेले का एक बड़ा आकर्षण मीना बाजार भी होता है. यहां देश के विभिन्न स्थानों से व्यापारी अपने सामनों के साथ पहुंचते है.

पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सोनपुर मेला उसी स्थान पर लगता है जहां कभी गज और ग्राह में भयंकर युद्ध हुआ था. ऐसी मान्यता है कि गज को बचाने के लिए विष्णु स्वयं यहां आए थे. वही सोनपुर में हरिहरनाथ मंदिर दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हरि (विष्णु) और हर (शिव) की एकीकृत मूर्ति है. इसके मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कभी ब्रह्मा ने इसकी स्थापना की थी.

एक महीने चलता है मेला

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के साथ शुरू होने वाला सोनपुर मेला एक महीने चलता है. गंगा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. पहले आधिकारिक तौर पर मेला सिर्फ 15 दिनों का होता था. लेकिन इस बार 32 दिनों तक चलेगा.

बड़ी संख्या में पहुंचते है विदेशी सैलानी

सोनपुर मेला की प्रसिद्धि इतनी है कि विदेशों से सैलानी इस मेले को देखने बड़ी संख्या में पहुंचते है. मेले में सैलानियों के ठहरने के लिए खास इंतजाम किये जाते है. snp2

 मेले में आने वाले विदेशी मेहमानों के रहने और पर्यटकों के लिए अन्य जरुरी तैयारी की जा रही है. 

12 नवम्बर से 13 दिसंबर तक चलेगा मेला
सोनपुर मेला को लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में है. इस बार मेला का उद्घाटन 12 नवम्बर को होगा. सूबे की पर्यटन मंत्री अनीता देवी मेले का उद्घाटन करेंगी. उद्घाटन सत्र में मशहूर पार्श्व गायिका अलका याग्निक प्रस्तुति देंगी.  मेले का समापन 13 दिसम्बर को होगा. सोनपुर मेला को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट मेला बनाने के लिए तैयारियां जोरो पर है.  

सांस्कृतिक कार्यक्रम की होगी प्रस्तुति 

कला-संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार एवं सूचना जनसम्पर्क विभाग बिहार के द्वारा प्रतिदिन मुख्य पंडाल में राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय, स्थानीय कलाकारो के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमो की प्रस्तुति होगी. मेले में एडवेंचर स्पोर्ट्स की व्यवस्था भी की गयी है.

कैसे पहुंचे सोनपुर मेला
सड़क मार्ग:
राजधानी पटना से 25 किलोमीटर
हाजीपुर से 3 किलोमीटर
जिला मुख्यालय छपरा से 50 किलोमीटर

हवाई मार्ग
नजदीकी एयरपोर्ट, पटना

ट्रेन
हाजीपुर स्टेशन से 3 किलोमीटर
सोनपुर स्टेशन से 1 किलोमीटर
पटना जंक्शन से लगभग 25 किलोमीटर

छपरा(सुरभित दत्त): विश्व प्रसिद्द हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला इस वर्ष 12 नवम्बर से शुरू हो रहा है एक महीने तक चलने वाले इस मेले को लेकर सारण जिला प्रशासन और बिहार पर्यटन ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली है. मेले में पर्यटकों के आगमन, आदर सत्कार से लेकर प्रचार-प्रसार पर खास ध्यान दिया जा रहा है. 

मेले के बेहतर प्रचार प्रसार के लिए जिलाधिकारी दीपक आनंद के निर्देश पर सारण जिला प्रशासन के द्वारा कई कार्य किये जा रहे है. ऐसे में सोशल मीडिया की लोकप्रियता को देखते हुए SONPUR MELA 2016 के नाम से फेसबुक पेज भी बनाया गया है. इस पेज के माध्यम से लोगों को सोनपुर मेला से जुडी जानकारियाँ उपलब्ध करायी जा रही है. सोशल मीडिया पर युवाओं के बढ़ते क्रेज और उन तक मेले की जानकारी पहुँचाने के लिए पहल की गयी है.

जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी राम भगवान सिंह ने छपरा टुडे डॉट कॉम से बताया कि सोशल साइट्स पर एक्टिव लोगों को मेला की हर जानकारी पहुँचाने के उद्देश्य से ऐसी पहल की गयी है. उन्होंने कहा कि सोशल साइट्स और वेबसाइट के माध्यम से जिले के बाहर दूर देश में बैठे लोग भी मेला से जुड़ी नवीनतम जानकारी को जान सकेंगे. इसके लिए एक वेबसाइट को भी लांच किया जायेगा.

आपको बता दें कि सारण जिला प्रशासन द्वारा सोनपुर मेला के प्रचार प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जाता रहा है. लोगों ने इस पहल की खूब सराहना भी की है.