नगरा: खैरा थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के पूरब से थाना पुलिस ने शुक्रवार को गुप्त सुचना के आधार पर छापेमारी की. जहाँ से दो सौ ग्राम का पोलोथिन में बनाया हुआ 30 पाउच शराब को जब्त किया गया. हालांकि इस छापेमारी में धंधेबाज भागने में सफल रहा. धंधेबाज को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.

थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि गुप्त सुचना के आधार पर छापेमारी की गयी. रेलवे स्टेशन के पास से दो सौ ग्राम पोलोथिन में 30 पाउच शराब बरामद किया गया है.हालांकि इस छापेमारी में कारोबारी मनोज राम उर्फ़ बौना भागने में सफल रहा.जिसके लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.

मधुबनी: मधुबनी से सीतामढ़ी जा रही यात्री बस मधुबनी के बेनीपट्टी में तालाब में गिर गयी. इस हादसे में 50 से अधिक लोगों के मरने की बात कही जा रही है. हालांकि इसकी प्रशासनिक पुष्टि नहीं की गयी है, लेकिन बस में 50 यात्रियों के सवार होने की बात बतायी जा रही है, जिनमें से कुछ ही यात्रियों के बचने की बात कही जा रही है. हादसा दिन में 11.45 बजे के आसपास हुआ. पप्राप्त जानकारी के अनुसार बस एक साइकिल सवार के बचाने के चक्कर में चालक बस से नियंत्रण खो बैठा और बस सड़क से लगभग तीस फुट नीचे तालाब में चली गयी.

घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गयी. बस में सवार यात्री तो चीख भी नहीं सके, क्योंकि पूरी बस पानी में डूब गयी थी. स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी, लेकिन लगभग एक घंटे के बाद बेनीपट्टी डीएसपी निर्मला कुमारी मौके पर पहुंची, तब तक लोगों का गुस्सा बढ़ चुका था. लोगों ने डीएसपी को मौके से जाने को कह दिया. इस समय तक हजारों की संख्या में लोग मौके पर जुट गये थे और स्थानीय लोग तालाब से बस निकालने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उसमें सफल नहीं हो पा रहे थे. दिन में लगभग तीन बजे मधुबनी में डीडीसी हाकिम प्रसाद व सदर एसडीओ शाहिद परवेज मौके पर पहुंचे, लेकिन गुस्साये लोगों ने पथराव करके उन्हें मौके से वापस जाने को मजबूर कर दिया. इसके लगभग आधे घंटे के बाद मौके पर डीएम व एसपी  भी पहुंचे. उन्हें भी लोगों ने भागने पर मजबूर कर दिया. इस बीच मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम को भी लोगों ने भगा दिया था. उस गाड़ी में तोड़फोड़ की गयी, जिससे टीम आयी थी.

छपरा: ‘नशा मुक्त भारत’ अभियान को सफल बनाने के लिए जनता दल युनाइटेड (युवा) के कार्यकर्त्ता पदयात्रा करेंगे. सारण जिला युवा जदयू के जिलाध्यक्ष गुड्डू सिंह ने बताया कि महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष पर आयोजित होने वाली पद यात्रा आगामी 15 सितम्बर को पटना के गांधी मैदान से प्रारम्भ होगी जिसका शुभारम्भ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हरी झंडी दिखाकर करेंगे.

उन्होंने बताया कि पद यात्रा में सारण जिला युवा जदयू के कार्यकर्त्ता बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे. जिले के सभी प्रखंड अध्यक्ष एवं तमाम पदाधिकारियों को इस सन्दर्भ में सूचित किया जा चुका है. पद यात्रा के माध्यम से ‘नशा मुक्त भारत’ बनाने का सन्देश दिया जाएगा. यह पदयात्रा 15 सितम्बर से प्रारम्भ होकर विभिन्न जिलों से होते हुए 26 सितम्बर को चंपारण के भितिहरवा आश्रम पहुंचेगी.

छपरा: आईआईटी में नामांकन को लेकर आयोजित परीक्षा का परिणाम आने के साथ ही छपरा न्यायाधीश कालोनी में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी.

छपरा के एडीजे ओमप्रकाश कुमार के बेटे अश्विनी ने जेईई परीक्षा में पूरे बिहार में दूसरा स्थान हासिल कर अपना और अपने परिवार सहित पूरे जिले का नाम रौशन किया है. बेटे की इस कामयाबी पर पिता को बधाई देने वाले लोगो के फोन आने शुरू गये. पूरे कालोनी में इस कामयाबी पर जश्न का माहौल देखा गया. बता दें इस बार जेईई एडवांस 2016 परीक्षा आईआईटी गुवाहाटी द्वारा आयोजित की गई है.

जेईई मेन क्वालीफाई करने के बाद दो लाख परीक्षार्थियों ने 22 मई को एडवांस की परीक्षा दी थी. रविवार को रिजल्ट घोषित होने के बाद सफल उम्मीदवारों की ऑल इंडिया रैंक भी घोषित किया जाएगा.

सफल छात्र देश की तमाम आईआईटी और आईएसएम (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स, धनबाद) के इंजीनियरिंग कोर्सेज में प्रवेश ले सकेंगे. इसके अलावा आईआईएसईआर, राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में भी आईआईटी एडवांस्ड के स्कोर से ही दाखिला मिलता है.

पटना: बिहार में इस बार मानसून 18 जून तक पंहुचने की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में प्रवेश कर गया है. यह तमिलनाडु, कर्नाटक तथा दक्षिण बंगाल की खाड़ी के शेष हिस्सों में आगे बढ़ रहा है.

बिहार समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना है. उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश सामान्य के मुकाबले 108 प्रतिशत रहेगी जबकि पूर्वोत्तर में 94 प्रतिशत बारिश होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.

‘अगर दिल से मेहनत की जाए तो एक ना दिन आपकी मेहनत का रंग निखर कर ज़रूर आता है’, ये कहना है ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और ‘मसान’ जैसी मशहूर फिल्म में अपनी अदाकारी का जलवा दिखा चुके बॉलीवुड अभिनेता सत्यकाम आनंद का.

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फिल्म ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर का एक दृश्य’

सत्यकाम ने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में विधायक जेपी सिंह के किरदार में अपनी अभिनय का लोहा मनवाया है. इसके अलावा इन्होंने नीरज घेवन की फिल्म ‘मसान’ और अनुराग कश्यप की ‘शॉर्ट्स’ कई टीवी सीरियलों में भी सशक्त भूमिका निभाई है. 

भोजपुर (आरा) के रहने वाले सत्यकाम आनंद ने काफी मेहनत से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है. छपरा टुडे ने सत्यकाम आनंद से खास बातचीत की और उनके संघर्ष की कहानी और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानने की कोशिश की.

छपरा टुडे: आपने अपने हुनर के दम पर बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. आरा जैसे छोटे से शहर से मुंबई तक का सफर कैसा रहा है?

सत्यकाम: ये संघर्ष काफी लंबा रहा. आरा से निकलकर बॉलीवुड में पहचान मिलने में करीब 16 17 साल लग गए. इस बीच मैंने कई उतार चढ़ाव भी देखे. शुरुआती दिनों में दिल्ली में रहा. वहां कई थिएटर का हिस्सा बना. फिर धीरे धीरे मुंबई की ओर चला आया.

छपरा टुडे: आपको ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से एक सशक्त अभिनेता के तौर पर पहचान मिली है. विधायक जेपी सिंह के रोल को निभाना कितना मुश्किल रहा?

सत्यकाम: विधायक जेपी सिंह जैसे दमदार रोल को निभाने का सारा श्रेय मैं  अपने डायरेक्टर अनुराग कश्यप सर को दूंगा. अनुराग सर ऐसे डायरेक्टर हैं जो हर कैरेक्टर में एक अलग जान फूंक सकते हैं. अनुराग सर ने इस रोल को निभाने में मेरी काफी मदद की. अनुराग सर अपने फिल्म के हर एक कैरेक्टर पर इतनी मेहनत करते हैं कि उसका नतीजा हमेशा ही अच्छा ही होता है. 

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छपरा टुडे: ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का मशहूर डायलग ‘बेटा तुमसे ना हो पाएगा’ काफी मशहूर हो गया है. ये डायलग आप पर ही फिल्माया गया है जब आपके पिता का रोल निभा रहे तिग्मांशु धूलिया आपसे ये बात कहते हैं. तब आपने कभी सोचा था कि ये डायलग इतना मशहूर हो जाएगा?

सत्यकाम: सच मानिए तो बिल्कुल नहीं. ये सबकुछ अचानक हुआ था. हम शूटिंग कर रहे थे और स्क्रिप्ट के मुताबिक डायलग बोले जा रहे थे. इस सीन को तिग्मांशु सर ने अपने अभिनय के दम पर मज़बूत बनाया था. इस डायलग के खत्म होते ही जैसे अनुराग सर ने कट बोला सब लोग हंस हंस लोटपोट हो रहे थे.

छपरा टुडे: अपनी शुरुआती दिनों में जब आप आरा में थे तब आप अपने अभिनय के शौक को कैसे पूरा करते थे?

सत्यकाम: मेरा झुकाव फिल्मों के प्रति शुरू से रहा है. आरा में घर से 20 मिनट की दूरी पर ही एक सिनेमा हॉल हुआ करता था. जब मन करता था हम वहां पहुंच जाते थे. साथ ही साथ मैं वहां भी थिएटर से जुड़ा रहा और छोटे-मोटे रोल करते रहा.

छपरा टुडे: आप के छोटे शहर के मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. आपके पिता एक स्कूल टीचर हैं. ऐसे में अपने आपको अपने परिवार को ये समझाना कितना मुश्किल रहा कि आप एक एक्टर बनना चाहते हैं?

सत्मकाम: मेरे लिए ये काफी मुश्किलों से भरा वक्त था. एक छोटे शहर से होने के नाते वहां कला और एक्टिंग को लेकर उतनी जागरुकता नहीं थी. लेकिन, मैं हमेशा शहर के रंगमंच से जुड़ा रहा और स्थानीय थिएटर के साथ मिलकर कई काम किए. धीरे धीरे एक्टिंग की ओर मेरा रुझान बढ़ता गया और फिर मैं दिल्ली के लिए निकल पड़ा.

छपरा टुडे: दिल्ली में आने के बाद जिंदगी कितनी बदली? 

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फिल्म ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर का एक दृश्य’

 

सत्यकाम: दिल्ली में आने के बाद भी संघर्ष जारी रहा. हां, इस दौरान कई अच्छे थिएटर आर्टिस्ट और रंगमंच से जुड़े लोगों से मिलना हुआ. इस दौरान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से जुड़े कई लोगों के संपर्क में आया. दिल्ली में इस दौरान मैंने कई थिएटर किए और अपनी अभिनय की कला को तराशने का मौका मिला. 

छपरा टुडे: अनुराग कश्यप और नीरज घेवन जैसे निर्देशक और मनोज वाजपेयी, तिग्मांशु धूलिया, नवाज़ुद्दीन सिद्दकी और संजय मिश्र जैसे बेहतरीन कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

सत्यकाम: ये सारे नाम अपने अपने क्षेत्र के बड़े नाम हैं. अनुराग सर एक बेहद ही क्रिएटिव डायरेक्टर हैं जो अपने कलाकारों पर काफी विश्वास करते हैं और उन्हें अपने काम में निखार लाने की पूरी आज़ादी देते हैं. मनोज सर, तिग्मांशु सर, नवाजुद्दीन जी के साथ काम कर के काफी कुछ सीखने को मिलता है. निश्चित तौर पर इनके साथ काम करके मेरी एक्टिंग में काफी सुधार हुआ है.

छपरा टुडे: फिलहाल किन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं?

सत्यकाम: मेरी फिल्म ‘मिसेज स्कूटर’ बन कर तैयार है जिसका निर्देशन शिलादित्य मौलिक ने किया है. लेकिन, किसी कारण से ये फिल्म अब तक रिलीज नहीं हो पाई है. इसके अलावा भी कई अनाम प्रोजेक्ट्स हैं जिनपर काम चल रहा है और बहुत जल्द वो पर्दे पर नज़र आ जाएंगे.

छपरा टुडे: आपने ‘AMBA’ नाम से एक संस्था बनाई है. इसके बारे में कुछ बताइए.

सत्यकाम: ‘AMBA’ का पूरा नाम दरअसल ‘अश्लीलता मुक्त भोजपुरी एसोसिएशन’ है. ऐसा देखा गया है कि भोजपुरी में बनने वाली  फिल्म को ज्यादातर लोग अच्छा नहीं मानते. इन दिनों अश्लीलता और फूहड़पन भोजपूरी फिल्मों की पहचान बन गई है. भोजपुरी फिल्मों के गिरते स्तर की वजह से भोजपुरी के सम्मान को ठेस पहुंच रही है.

मैं कुछ लोगों के साथ मिलकर इसके खिलाफ एक मुहिम चला रहा हूं और भोजपूरी के सम्मान को वापस दिलाने की कोशिश कर रहा हूं. इस संस्था की कोशिश ये है कि भोजपूरी फिल्मों और गानों को जल्द से जल्द अश्लीलता से मुक्त कराया जाए ताकि भोजपुरी और भोजपुरी फिल्मों को बराबर का सम्मान मिल सके. 

फिल्म शॉर्ट्स में अभिनेत्री हम कुरैशी के साथ सत्र्काम आनंद
फिल्म शॉर्ट्स में अभिनेत्री हम कुरैशी के साथ सत्यकाम आनंद

 

छपरा टुडे: आपके इस मुहिम और अब तक के संघर्ष की कहानी सुनकर निश्चित ही आज की युवा पीढ़ी को एक सीख मिलेगी और उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा. छपरा टुडे से बात करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. छपरा टुडे आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता है.

सत्यकाम: छपरा भी भोजपुर और भोजपुरी से उतना ही जुड़ा हुआ है. मैं छपरा के लोगों से भी अपील करता हूं कि भोजपुरी के सम्मान की इस लड़ाई में वो भी मेरा पूरा सहयोग करें. इसके लिए वो ‘AMBA’ के फेसबुक पेज से जुड़कर हमारी इस लड़ाई में भाग ले सकते हैं. छपरा टुडे को भी बहुत बहुत धन्यवाद.

 

छपरा: सरकारी विद्यालयों में छात्रों की शैक्षणिक स्थिति बेहतर बनाने के उद्देश्य से कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा.

बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक संजीवनी सिन्हा द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान को पत्र भेजकर तीन चरणों में मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया है.  श्री सिन्हा ने कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2016-2017 मे विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धि में सुधार को लेकर विशेष प्रयास की आवश्यकता है. जिसके लिए बच्चों के सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन को प्रक्रिया बद्ध तरीके से कराना जरुरी है. वर्ग 1 से 8 तक के छात्रों का मूल्यांकन मासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक किया जाएगा.

शिक्षा परियोजना द्वारा मूल्यांकन कार्य को लेकर मार्गदर्शिका,  मासिक शैक्षिक कैलेंडर, और प्रश्न पत्र को जिला कार्यालय को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की तैयारी में है.

प्रभात किरण हिमांशु की रिपोर्ट

आपराधिक गतिविधियों के लिए देश भर में चर्चित बिहार का जिला सीवान एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. इस बार चर्चा का केंद्र बना है पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड. सीवान के हिन्दुस्तान अखबार के प्रभारी की बीच बाजार गोली मार कर हत्या कर दी जाती है. हालांकि सीवान के लिए ऐसी घटनाएं कोई नई बात नहीं रही है पर अपनी कलम को ताकत बनाकर मुद्दों को उजागर करने वाले एक साहसिक पत्रकार को जिस प्रकार गोली मारी जाती है वो विरोध के निम्न स्तर का परिचायक है.

पत्रकार जब अपनी लेखनी से सच को उजागर करने का प्रयास करता है तो कई बार उससे प्रभावित लोगों में विरोधाभास झलकता है पर विरोध के रूप में किसी की हत्या कर देना सर्वथा अनुचित है.

13 मई की शाम सीवान में जो हुआ उससेआज पूरा देश सोंचने पर मजबूर है. अपराधियों के लिए भले ही ये हत्याकांड एक पेशेवर अपराध रहा हो पर उस अपराध से पत्रकारिता जगत एवं आम समाज में जो खौफ़नाक दर्द उठा है उसकी कराह सालों तक बरक़रार रहेगी.

दरअसल ये हुआ क्यों! पुलिस बता रही है कि हत्या में पेशेवर अपराधी संलिप्त हो सकते है. राजदेव रंजन मुख्यधारा के पत्रकार थे. 25 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे. ऐसे में अपनी बेबाक लेखनी से कई लोगों की नजर की किरकिरी बनना स्वाभाविक है. पूर्व में भी उनपर हमले हुए और कई बार धमकियां मिली पर हत्या करने का दुस्साहस अपराधी कभी जुटा नहीं सके. 13 मई को अपराधियों का दृष्टिकोण एकदम से बदल जाना और राजदेव रंजन की नृशंस हत्या कर देना विरोधाभास का परिणाम है या सोंची समझी साजिश का नतीजा पुलिस इसकी जाँच कर रही है.

सीवान में अपराध की घटना हो और बाहुबली पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन की चर्चा ना हो ऐसा हो नहीं सकता. राजदेव रंजन हत्याकांड के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है. शक की सुई मो.शहाबुद्दीन की ओर भी इशारा कर रही है. पर ऐसा क्यों है! हत्याकांड के बाद पुलिस शक के आधार पर पूर्व सांसद के करीबी शार्प शूटर मुंशी मियां को शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर से गिरफ्तार करती है. ये वही मुंशी मियां है जिसपर शहाबुद्दीन के इशारों पर कई हत्याओं में संलिप्त रहने का आरोप लग चूका है. पुलिस का ये मानना है कि हत्या के सूत्र सीवान जेल से जुड़े हो सकते हैं ऐसे में मो. शहाबुद्दीन को एहतियात के तौर पर सीवान जेल से भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है. हालांकि प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर सात अन्य कुख्यातों को भी बक्सर एवं मोतिहारी जेल शिफ्ट किया गया है पर अबतक हत्याकांड में संलिप्त लोगों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी ऐसे में कैदियों का जेल ट्रान्सफर पुलिस की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब भी मशक्कत कर रही है.

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड का अपना एक राजनैतिक नजरिया भी है. विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बताने में जुटा है. सरकार को कठघड़े में खड़ा करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. ऐसा होना स्वाभाविक भी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकार के परिवार के लिए ना तो कोई खास मुआवजे का ऐलान किया है ना ही उनके परिवार से मिलने तक की जहमत उठाई है. साथ ही छोटे बड़े किसी भी मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने वाले लालू प्रसाद यादव भी इस घटना क्रम से अबतक अपनी दूरी बनाये हुए हैं.

चुकि मो.शहाबुद्दीन राजद के नेता हैं और लालू यादव के खासमखास भी ऐसे में अगर शाहबुद्दीन जांच के घेरे में आते हैं तो नीतीश कुमार को इस मामले में डिफेंड करना मुश्किल हो सकता है. शायद यही कारण है कि सुशासन बाबू अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी इस मुद्दे का जिक्र कर चुके हैं.

इन सब के बीच दिवंगत राजदेव रंजन का परिवार न्याय के लिए इन्तजार में है. राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की आँखे रो-रो कर सूख चुकी हैं. उनके बेटे और बेटियों को हौसले की जरूरत है. तमाम पत्रकार संगठन एवं उससे जुड़े लोग अपनी तरफ से पूरी कोशिश में जुटे है कि स्व.राजदेव के परिवार को आर्थिक सहायता और इन्साफ मिल सके. आज पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना राजदेव हत्याकांड वक्त के साथ कई सवाल खड़े कर चूका है. देखने वाली बात होगी कि जीत कलम की होती है या हमेशा की तरह गोलियों की आवाज से सच को दबाने का इरादा कामयाब होगा.

छपरा: बिहार एथेलेटिक्स संघ की सामान्य परिषद् की बैठक रविवार को प्रथम बार छपरा में हुई आयोजित हुई. बैठक में राज्य स्तरीय पदाधिकारियों का हुआ चुनाव. विधान परिषद् के पूर्व उप सभापति सलीम परवेज़ को बिहार एथेलेटिक्स संघ का अध्यक्ष चुना गया. 

परिषद् की बैठक में उपाध्यक्ष, सचिव और सह सचिव का भी चयन किया गया. कुमार सिद्धार्थ, राम बालक यादव, संदीप कुमार, सिंह और शिवेश्वर प्रसाद शुक्ला को उपाध्यक्ष बनाया गया है. वही अरुण कुमार और मुकेश कुमार सिंह को सचिव. जबकि अतुल कुमार, गजेन्द्र कुमार सिंह, पंकज कुमार ज्योति, राजीव कुमार और विनय कुमार को सह-सचिव बनाया गया है.

छपरा: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त हो गया. सुबह सवेरे नदियों के घाटों पर पहुँच भगवान् भास्कर के दर्शन देने का इतजार किया. भगवान् भास्कर के दर्शन देते ही व्रतियों द्वारा अर्घ्य दिया गया.  

इस से पहले मंगलवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को व्रतियों ने अर्घ्य दिया. शहर से लेकर गाँव तक सभी तालाबों, नदियों के किनारे व्रतियों ने अर्घ्य दिया.

Live: शहर के राजेंद्र सरोवर से छठ पूजा लाइव #छठ चैती छठ के अवसर पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने राजेंद्र सरोवर पर पहुंची व्रती

Posted by Chhapra Today on Tuesday, April 12, 2016

चैत्र के महीने में मनाए जाने वाले इस पर्व का खास महत्व है. कार्तिक में मनाए जाने वाले छठ के समान चैती छठ भी काफी लोकप्रिय है. नहाय-खाय से शुरू होकर खरना और उसके बाद संध्याकालीन अर्घ्य और फिर प्रातः काल में भगवान सूर्य की आराधना तक श्रद्धा और समर्पण के साथ इस पर्व को मनाया जाता है.

छठ-पर्व को लेकर बाजारों में बढ़ी रौनक

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लोकआस्था के इस पर्व को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है. कलसुप, नारियल, फल-मूल, आम की लकड़ियाँ, ईख इत्यादि से पूरा बाजार काफी सुन्दर और त्यौहारमय दिख रहा है. 

कलसुप 50 रुपये तो 80 रुपये बिक रहा नारियल 

छठ पूजा के सामानों की बिक्री बाज़ारों में हो रही है.  कलसुप 50 से 60 रूपए जोड़ा, नारियल 80 से 100 रूपए जोड़ा की कीमत से बेचा जा रहा है वहीं आम की लकड़ी 70 से 100 रूपए पसेरी (प्रति 5 किलो) की दर से बिक रही है.  20160410204855

कच्चे फलों को उनकी ताजगी के अनुसार कीमत लगाकर बेचा जा रहा है. ईख की कीमत 30 से 40 रूपए जोड़ा, अंगूर 100 से 120 रूपए प्रति किलो और सेब 70 से 80 रूपए प्रति किलो है.  ch

छठ घाटों की हो रही साफ़-सफाई

चैती छठ के लिए शहर के विभिन्न घाटों की साफ़-सफाई की जा रही है. छठ-पूजा समिति के कार्यकर्ताओं ने छठ-घाटों की साफ़-सफाई और व्यवस्था को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. 

इसे भी पढ़े नहाय खाय के साथ शुरू हुआ आस्था का महापर्व चैती छठ

पटना: सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शनिवार को पेरियार इंटरनेशनल संस्था द्वारा के. वीरमणि सम्मान से सम्मानित किया गया. विधान परिषद की एनेक्सी में इस सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में द्रविड़ कषगम के अध्यक्ष और पेरियार आंदोलन के प्रसिद्ध नेता डॉ. के. वीरमणि ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया. समारोह की अध्यक्षता विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने की.

के. वीरामणि पुरस्कार 2015 स्वयं डॉ. वीरामणि से स्वीकार करते हुए.

Posted by Nitish Kumar on Saturday, April 9, 2016

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह सम्मान पेरियार इंटरनेशनल संस्था द्वारा सामाजिक न्याय के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि, सामाजिक न्याय के मुद्दों पर लंबे समय से संघर्षरत रहने और समाज के वंचित वर्गों का न्यायपूर्ण विकास सुनिश्चित करने के लिए दिया गया.

 

 

रिविलगंज: पंचायत चुनाव 2016 के लिए पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो जाएगी.सारण जिला में 24 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान हेतु रिविलगंज प्रखंड में नामांकन हेतु सभी आवश्यक प्रक्रियाएं शुरू कर दी गईँ हैं.

बुधवार को पत्रक के प्रकाशन के साथ ही गुरुवार से रिविलगंज प्रखंड में त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव हेतु नामांकन प्रारंभ हो जाएगा.

रिविलगंज बीडीओ अंजू कुमारी ने पंचायत चुनाव के सम्बन्ध में बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार नामांकन हेतु सभी तैयारियां पूरी कर ली गईँ हैं.निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव हेतु प्रखंड में पांच सहायक निर्वाची पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है.

रिविलगंज प्रखंड में 9 पंचायत है जिसके अंतर्गत कुल 117 बूथ आते है.प्रखंड स्तरीय चुनाव में रिविलगंज में कुल 61243 मतदाता इस बार वोट करेंगे.

नामांकन प्रक्रिया 3 से 9 मार्च तक चलेगी,वहीं नामांकन जांच 12 मार्च को होगी जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 14 मार्च को निर्धारित किया गया है.