Chhapra(Surabhit Dutt): भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह के अवसर पर शहर के राजेन्द्र स्टेडियम में भारतीय संस्कृति के कई रंग देखने को मिले. ग्रामीण परिवेश में संस्कृति के कई ऐसे आयाम है जो आज के आधुनिक युग में पीछे छूटते जा रहे है. अपनी संस्कृति से रूबरू कराने के लिए किए जा रहे इस आयोजन को भिखारी ठाकुर से जोड़ा गया है जो स्वयं ग्रामीण संस्कृति और विधाओं को नाटक के जरिये विश्व पटल से अवगत कराने के लिए जाने जाते है.

इस आयोजन के पहले दिन खासियत यह रही कि लोगों को खास कर नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से अवगत होने का मौका मिला. कार्यक्रम की शुरुआत रस्म चौकी से हुई. जिसके बाद मधुबनी से पहुंचे कलाकारों ने रघुवीर यादव के नेतृत्व में सलेस अनुष्ठानिक का मंचन किया. ग्रामीण क्षेत्रों के इन रस्म रिवाजों से लोग अवगत नही हो रहे जिसको यहां दर्शाया गया. इस तीन दिवसीय आयोजन के अगले दो दिन स्थानीय लोगों को कला संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिलेगा.

सुमन कुमार, उपसचिव, संगीत नाटक अकादमी

संगीत नाटक अकादमी के उप सचिव सुमन कुमार ने बताया कि भिखारी ठाकुर अपनी कृतियों से आज के इस दौर में भी प्रासंगिक है. संगीत नाटक अकादमी ने भिखारी ठाकुर को कलाकार होने का सम्मान दिया है. इससे रंगमंच को एक दिशा मिल रही है. अकादमी ने रंगमंडल में प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की कोशिश हो रही है. अगले तीन दिनों तक भिखारी के नाटक, गीत, अनुष्ठानिक देखने को मिलेंगे. इसके माध्यम से दशा और दिशा ठीक करने की कोशिश होगी.

आयोजक जैनेन्द्र दोस्त ने बताया कि भिखारी ठाकुर रंग-शतक को लेकर लोग पूछते है कि शतक कैसे हुआ. ऐसे में उनकी एक उक्त प्रासंगिक है जिसमे उन्होंने कहा है कि 

तीस बरिस के उमीर भइल, बेधलस खुब कलिकाल के मइल।

नाच मंडली के धरी साथ, लेक्चर दिहिं कही जय रघुनाथ।।

जैनेन्द्र दोस्त, आयोजक

भिखारी ठाकुर बीसवीं शताब्दी के बड़े नाटककार कलाकारों में से एक रहे है. अपने नाच-नाटक दल की स्थापना कर उन्होंने नाटकों के माध्यम से तत्कालीन समाज की समस्याओं और कुरूतियों को सहज तरीके से नाच शैली में मंच पर प्रस्तुत करने का काम किया. उनके नाच दल भिखारी ठाकुर रंगमंडल ने अपनी 100 वर्ष की रंगमंचीय यात्रा को इस वर्ष पूरा किया है.

इस आयोजन में अगले तीन दिनों तक लोगों को सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखने को मिलेगी. हालांकि आयोजकों के द्वारा बेहतर प्रचार प्रसार ना करने से लोगो को कार्यक्रम की जानकारी कम हुई और पहले दिन भीड़ कम ही दिखी.   

Chhapra: राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा आहुत बिहार बंद को लेकर गुरुवार को शहर में मिला जुला असर देखने को मिला. दुकानें बंद रही और सड़कों पर व्यावसायिक वाहनों का परिचालन बंद रहा. वही ट्रेनों को भी कुछ समय के लिए रोका. बंद समर्थकों ने जगह जगह आगजनी कर सड़क को जाम कर दिया. जिससे आवागमन में परेशानी हुई.

शहर के ब्रह्मपुर, नगरपालिका चौक, बाजार समिति, नगर थाना चौक पर ज्यादा असर देखने को मिला जहां बंद समर्थक जुटे रहे. दुकानदारों ने हंगामे की आशंका के मद्देनज़र अपने अपने दुकानों को बंद रखना ही मुनासिब समझा. हालांकि दोपहर बाद दुकानें खुल गयी.

बंद दुकाने

राजद कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही सड़क जाम करना शुरू कर दिया था. शहर के ब्रहमपुर पुल के करीब सड़क पर टायर जला कर प्रदर्शन किया गया. हालांकि कुछ देर बाद पुलिस द्वारा सड़क जाम हटवा कर आवागमन बहाल करा दिया गया.

इसे भी पढ़े: भाजपा-जदयू ने राजद के बिहार बंद को बताया फ्लॉप

राजद के कार्यकर्त्ता और नेता जिलाध्यक्ष जिलानी मोबिन के नेतृत्व में नगरपालिका चौक पर जुटे.

बंद को लेकर मढ़ौरा के विधायक जितेंद्र कुमार राय ने कहा कि बालू की नीति से मजदूर से लेकर आम आवाम त्रस्त था जिसे लेकर पार्टी के आह्वान पर बंद किया गया है. लोगों ने स्वतः बंद का समर्थन करते हुए दुकानों को बंद रखा है.

तरैया के विधायक मुंद्रिका प्रसाद राय ने कहा कि बालू के व्यवसाय से जुड़े लोग बेरोजगार हो गए है. बंद का असर शहर से लेकर प्रखण्डों तक देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ हमेशा आंदोलन करती रहेगी.

छपरा के पूर्व विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि सरकार बालू बंद कराकर आम मजदूरों को परेशान कर रही है. मजदूर दाने दाने के लिए मोहताज़ हो गए है. लोगों ने स्वतः ही बंद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि सरकार यदि जमीनी स्तर पर मजदूरों का भला करें तो हमारा भी समर्थन रहेगा.

युवा राजद नेता सुनील राय ने कहा कि सरकार ने मजदूरों को बर्बाद करने पर तुली है. मजदूरों के सामने बेरोजगारी आ गयी है. सरकार के कथनी और करनी में फर्क है.

 


इस अवसर पर प्रिंस कुमार, नदीम शेख, शाकिर आलम, रवि कुमार, आतिश राजपूत, मनोहर यादव, राजन इकबाल, जीवन आयु समेत सैकड़ो राजद कार्यकर्ता उपस्थित थे.

कोहरे में वाहन चलाते समय बरते ये सावधानियां

Chhapra: भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने जिस विद्यालय में पढ़कर शिक्षा ग्रहण की उस विद्यालय को आज लोग जिला स्कूल के नाम से कम शिक्षा विभाग के दफ्तर के नाम से ज्यादा जानते है. विद्यालय का पता विद्यार्थियों के नामांकन के लिए कम विभागीय पत्र को भेजने के लिए ज्यादा होता है.

जिला स्कूल में दो विद्यालय संचालित किए जाते है. एक वह विद्यालय जहां डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने शिक्षा ग्रहण की थी वही वर्षों पूर्व इसी परिसर में जिला स्कूल नवस्थापित की स्थापना की गई. जिला स्कूल में अब वर्ग 9 से 10 एवं 11 और 12 वी कक्षा तक की पढ़ाई की होती है.

वही जिला स्कूल नवस्थापित विद्यालय सिर्फ कक्षा 10 तक ही संचालित होता है. दोनों विद्यालय में करीब 1200 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते है. वही शिक्षकों की संख्या जिला स्कूल के माध्यमिक में 2 और उच्चतर मध्यमिक में 15 से अधिक है साथ ही 4 चपरासी भी कार्यरत है. नवस्थापित विद्यालय में माध्यमिक के 07 शिक्षक है जबकि उच्चतर माध्यमिक में शिक्षक नही रहने के कारण मान्यता मिलने के बावजूद भी छात्रों का नामांकन नही लिया जाता है. 

जिला स्कूल में भवनों की संख्या पर्याप्त है. देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने जिन वर्ग कक्षों में शिक्षा प्राप्त की थी आज उन कमरों के अलावे दो दर्जन से अधिक कमरे दोनों ही विद्यालयों के नाम पर है. लेकिन अफ़सोस की उन दो दर्जन कमरों में से महज एक 12 कमरों में ही छात्र शिक्षा ग्रहण करते है अन्य चार पांच कमरों में विद्यालय का कार्यालय चलता है. वही शेष सभी कमरों में शिक्षा विभाग द्वारा अतिक्रमण है.

जिला स्कूल में जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के अलावे जिला कार्यक्रम पदाधिकारी लेखा योजना, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आरएमएसए एवं साक्षरता, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन का कार्यालय है. जहां पदाधिकारियों के व्यक्तिगत कक्ष के अलावे दो से तीन कमरे कार्यालय के काम के लिए अतिक्रमण में है. विद्यालय परिषर में पूरे दिन शिक्षकों और आमजन की भीड़ जमा रहती है जिससे छात्रों को पठन पाठन में ज्यादा कठिनाई होती है.

विगत दिनों चली थी गोली

जिला स्कूल परिसर में किसी व्यक्तिगत कारणों से विगत दिनों गोली चलने की वारदात हुई थी. जिससे छात्रों में भय का माहौल व्याप्त है. आये दिन कार्यालय परिसर में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन वाद विवाद होना आम बात है. जिससे विद्यालय का शैक्षणिक माहौल पूरी तरह से बिगड़ चुका है.

शिक्षा विभाग के सचिव ने भेजा है पत्र

सूबे के उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षणिक अवरोध की समाप्ति को लेकर शिक्षा विभाग के सचिव रोबर्ट एल चोंगथू द्वारा दिनांक 7 नवंबर 17 को पत्र निर्गत करते हुए सभी जिला पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया था.

जारी पत्र में छात्रों के भविष्य को लेकर विद्यालयी कार्यो में हो रहे अवरोध और कानून व्यवस्था की समस्या को लेकर सभी उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया गया था.

वर्षों से है महिला पुलिस बल का अतिक्रमण

जिला स्कूल के कमरों में शिक्षा विभाग के अतिक्रमण के साथ साथ पुलिस बलों का भी अतिक्रमण है.विगत करीब दो वर्षों से बिहार महिला पुलिस बल की दर्जनों पुलिस यही रहती है. दो कमरों में एक पूरा बटालियन रहता है.

क्या कहते है प्रधानाध्यापक

जिला स्कूल और जिला स्कूल नवस्थापित विद्यालय के प्राचार्य अरुण कुमार सिंह ने बताया कि देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने जहाँ शिक्षा ग्रहण की उस विद्यालय का प्राचार्य बनना मेरे लिए गौरव की बात है.

जिला स्कूल की गरिमा के प्रति प्रशासन से लेकर शिक्षक तक को सचेत होने की जरूरत है. विद्यालय के अतिक्रमण को लेकर वह काफी निराश है.

अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कई बार विभागीय पदाधिकारी को पत्र भेजा गया लेकिन कोई सार्थक पहल नही हुई ही. उन्होंने बताया कि 1 जुलाई से उन्होंने विद्यालय का प्रभार ग्रहण किया है तब से वह विद्यालय की उन्नाति के लिये प्रयासरत है.

Chhapra/Sonpur( Surabhit Dutt): अपनी संस्कृति और पौराणिक महत्व के कारण हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला विश्व विख्यात है. मेले में पारंपरिक परिधान और मिष्ठानों की दुकानें सजती है तो वही ग्रामीण संस्कृति की पहचान कई वस्तुएं मिलती है. मेले में देश के लगभग सभी प्रदेशों से व्यापारी पहुंचते है. कोई अपने मवेशियों की खरीद बिक्री के लिए पहुंचता है तो कोई कपड़े और अन्य व्यवसाय के लिए. मेले में मिनी भारत सा नजारा दीखता है.  

सोनपुर मेला में मिलने वाली मिटटी की बनी सिटी और घिरनईया इस मेले में पहुंचे सभी सैलानी को अपनी और आकर्षित करती है. प्राचीन काल में तो इस तरह के मिटटी के बने खिलौनों की मांग थी पर आधुनिक मोबाइल और वीडियो गेम युग में इसे ग्रामीण बच्चे ही खरीदते है. शहरी बच्चे तो इससे दूर ही है.

मेले में दूर दूर से व्यापारी अपने मिष्ठान की दुकान लेकर पहुंचते है. मेले में गुड़ में बनी जलेबी मिलती है जो प्रसिद्द है. इस के साथ ही गया आदि स्थानों से दुकानदार खाजा, गाजा, तिलकुट, बरफी (सभी पारंपरिक मिठाई) लेकर पहुंचते है. 

मेले में गुड़ में बनी जलेबी बनाते फोटो: कबीर

कश्मीर और अन्य जगहों से पहुंचे वस्त्र व्यापारी मेले की शान को बढ़ा रहे है. मेले में आकर्षक परिधानों की खूब बिक्री हो रही है. साथ ही ठण्ड के मौसम को देखते हुए गर्म कपड़े भी बिक रहे है. मेले में प्रत्येक साल कश्मीर, पंजाब, पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों के व्यापारी पहुंचते है. हथकरघा, खादी के परिधानों की भी खूब मांग है. 

मेले में कुटीर उद्योग, बांस आदि शिल्प कला के सामानों की दुकानों पर मिलने वाले सामानों को सैलानी खूब पसंद कर रहे है.

सोनपुर मेला भारत की सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक युग से परिचय करा रहा है. देश दुनिया के लोगों को भारत की परंपरा और संस्कृति को जानने का एक अवसर इस मेले के भ्रमण से मिल रहा है.

Chhapra: देश को एक सूत्र में बंधाने वाले के लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई गई. इस अवसर पर स्थानीय विधायक डॉ सीएन गुप्ता के नेतृत्व में Run For Unity कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

Run For Unity की शुरुआत शहर के राजेन्द्र स्टेडियम से हुई. जो नगरपालिका चौक पहुंच कर समाप्त हुई. Run For Unity में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल थे. 

इस अवसर पर विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने कहा कि राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाले सरदार साहेब को हम सभी याद कर रहे है. यह आयोजन देश के सभी लोगों को एकजुट होने का संदेश देता है ताकि देश तरक्की कर सके.

वही भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सेंगर ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के बाद इसे एकीकृत करने वाले सरदार पटेल की जयंती मनाई जा रही है. इसके माध्यम से देश की एकता अखण्डता को सुरक्षित रखने का संदेश आम लोगों में जायेगा.


मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश प्रसाद, संगठन प्रभारी रमेश श्रीवास्तव, पूर्व विधायक जनक सिंह, पूर्व विधायक ज्ञान चाँद मांझी, श्याम बिहारी अग्रवाल, अशोक सिंह, कुमार भार्गव, व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक आदित्य अग्रवाल समेत के सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे.

 

(सुरभित दत्त)

छठ पूजा की परंपरा दूर देश रहने वाले लोगों को उनके घर की ओर खींचती है. सालों भर अपने घर से दूर रह जीवन यापन करने वाले लोग छठ पर्व के अवसर पर घर जरूर आते है. छठ पूजा अपनी संस्कृति और परम्पराओं से परिचय कराती है. नई पीढ़ी को परंपरा से अवगत कराती है.

छठ पर्व पर रिश्तों को जोड़ने का एक मौका होता है जब घर का हर सदस्य, पड़ोसी सभी द्वेष मिटा कर एक साथ घाट पर पूजा करने पहुंचते है और एक दूसरे की मदद भी करते है. दूर-देश और विदेश में रहने वाले लोग भी अपने गांव देहात तक पहुंचते है और आस्था के महापर्व छठ में सम्मिलित होते है. कई महीनों से छुट्टी मिलने का इंतज़ार कर रहे लोग छुट्टी मिलते ही अपनी मिटटी से जुड़े इस महान पर्व में शामिल होने पहुंचते है.

छठ पूजा के चार दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. जिसके पूर्व लोग तैयारियों में जुटे जाते है.
आम हो या खास सभी छठपूजा में घर पहुंच कर चार दिवसीय इस अनुष्ठान में सम्मिलित होना चाहते है. शहर से लेकर गांव तक पूजा की रौनक देखते ही बनती है. बाज़ारों में सजे फल के दुकानों से लेकर सुप और दउरा तक. संध्या अर्घ्य और फिर प्रातःकाल में भगवान भास्कर को अर्घ्य समर्पित किया जाता है. तब जाकर यह पर्व संपन्न होता है.  

महापर्व छठ: अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य संपन्न

बदलते दौर में छठ पूजा ने भी व्यापक रूप ले लिया है. गांव और शहर के नदी, पोखर के घाटों पर होने वाला छठ पूजा अब महानगरों तक पहुंच चुका है. वैसे लोग जो छठ पूजा में घर नही आ सकते वे जहां है वही पूजा कर रहे है. छठ पूजा की महिमा को जानने के बाद अन्य राज्यों के लोग भी छठ पूजा करने लगे है. दिल्ली हो या अमेरिका का टेक्सास हर जगह बिहार के लोग है और वे सभी छठ के महत्व को समझते हुए पूजा करने में व्यस्त होते है.


आधुनिक दौर में छठ पर्व की महत्ता विधमान है. आज भी लोग छठ पूजा को सभी त्योहारों से उपर मानते है. इस पूजा में साक्षात भगवान् भास्कर की पूजा की जाती है. नदियों घाटों पर अर्घ्य देने के लिए शाम और फिर सुबह में लोग पहुंचते है. इसे लेकर साफ़ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. सभी लोग साफ़ सफाई में मदद करते है, चाहे वह किसी भी धर्म के हो.

छठ पूजा अपनी संस्कृति से जोड़े रखने और उसका महत्त्व बताने का एक महान पर्व है. तो आइये हम सब भी जुड़े अपनी संस्कृति से और छठ के इस महान पर्व में शामिल हो.

||जय छठी मैया||

दिवाली के अवसर पर छपरा टुडे डॉट कॉम के पाठकों ने हमे रंग-बिरंगी रंगोली भेजी है.

Chhapra/Patna: सीबीएसई द्वारा आयोजित हिंदी महोत्सव प्रतियोगिता में सेंट्रल पब्लिक स्कूल के छात्रों ने सफलता हासिल की है.

अंतर विद्यालयी प्रतियोगिताओं में लगभग 1500 स्कूल की टीमों ने भाग लिया. सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल विद्यालय के छात्रा प्रिया रॉय ने भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया एवं अनुप्रिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. वही निबंध लेखन प्रतियोगिता में आरोही ने तृतीय स्थान प्राप्त विद्यालय के साथ साथ सारण का भी नाम रौशन किया है.

पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी के कर कमलों के द्वारा प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया.

गौरतलब है कि छपरा की ओर से मात्र सीपीएस के प्रतिभागियों में प्रतियोगिता में भाग लिया और परचम लहराया.

इस उपलब्धि के लिए विद्यालय के निदेशक हरेन्द्र सिंह को भी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.निदेशक हरेन्द्र सिंह ने विद्यालय के छात्रों को विजयी प्रतिभागियों से प्रेरणा लेने की बात कही। स्वागत में विद्यालय के प्राचार्य और प्रबंधक विकास कुमार आदि मौजूद थे.

देश और दुनिया के इतिहास में आज के दिन कई घटनाएं हुईं, जिनमें ये प्रमुख हैं

1902: दिग्‍गज समाजवादी नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्‍म हुआ था.

1916: समाजसेवी चंडिका अमृतराव देशमुख का जन्‍म हुआ था.

1942: महानायक अमिताभ बच्‍चन का जन्‍म हुआ था.

1987: भारत की शांति सेना ने श्रीलंका में ऑपरेशन पवन की शुरुआत की. यह अभियान लिट्टे का कब्‍जा खत्‍म कर जाफना को मुक्‍त कराने के लिए छेड़ा गया था.

2008: को बेल्जियम के एक नेत्रहीन ड्राइवर ने धरती पर सबसे तेज गति से गाड़ी चलाने का नया विश्व रिकार्ड बनाया था.

Chhapra: सारण पुलिस कप्तान के निर्देश पर बुधवार को शहर के थाना चौक पर ऑटो चालकों पर कार्यवाई की गई. लाइसेंस, ऑनर बुक, इंश्योरेंस, फिटनेस, प्रदूषण और परमिट नही रहने वाले 20 ऑटो चालकों को पुलिस ने पकड़ा और ऑन द स्पोर्ट चालान काटा. जब तक शहर में अभियान चलता रहा तब तक ऑटो चालकों में हड़कंप मचा रहा.

यातायात प्रभारी नीलमणि रंजन ने छपरा टुडे डॉट कॉम से बात करते हुए बताया कि पुलिस कप्तान के निर्देश पर ये अभियान चलाया जा रहा है जो लगातार चलाया जाएगा. अब तक 20 ऑटो को पकड़ के चालान काटा जा चुका है. उन्होंने कहा कि बाइक के बाद ये सबसे बड़ा अभियान है.

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1455179271204559&id=408219679233862

दर्शन करें शहर के विभिन्न पंडालों में स्थापित माँ की प्रतिमा