Patna: मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोडा के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग के पूर्ण दल ने बिहार के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से पटना में मुलाकात की. जनता दल यूनाईटेड ने मांग की कि निर्वाचन आयोग मतदाताओं के बीच मतदान पर्ची वितरित करने की जिम्मेदारी ले. पार्टी ने आयोग की बैठक में सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की.

कांग्रेस ने दस मतदान केन्द्रों के बीच एक चिकित्सा दल तैनात करने की मांग की. दूसरी ओर लोक जनशक्ति पार्टी ने आग्रह किया कि पंचायत चुनावों की तर्ज पर विधानसभा चुनाव के मतदान केन्द्र हों.

बाद में आयोग का दल सारण, सीवान, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर सहित 26 जिलों के पुलिस आयुक्तों और जिला मजिस्ट्रेटों के साथ पटना में समीक्षा बैठक की गई.

निर्वाचन आयोग का यह दल आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्य के तीन दिन के दौरे पर है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्र और राजीव कुमार भी हैं. आयोग के इस दल ने कल बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. बिहार अकेला ऐसा राज्य है जहां कोविड-19 महामारी के दौरान विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं.

निर्वाचन आयोग कल गया जाएगा, जहां 12 जिलों के जिला मजिस्‍ट्रेटो और पुलिस अधीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी. इन जिलों में औरंगाबाद, कैमूर और रोहताश शामिल है. दिल्‍ली वापसी से पहले निर्वाचन आयोग बिहार के मुख्‍य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ समीक्षा बैठक करेगा.

Chhapra: सारण जिले में पिछले कई हफ्तों से लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में आत्महत्या की खबरें लगातार आ रही हैं. पिछले दिनों छपरा शहर में भी युवकों द्वारा फांसी लगाने का मामला सामने आया था। हालांकि अब तक सभी आत्महत्याओं में यह खुलासा नहीं हो पाया है कि आत्महत्या का कारण क्या रहा है.

सारण जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के बहुआरा गांव में एक युवक ने एक पेड़ में गमछा के सारे अपने को फांसी लगा लिया. मृतक मढ़ौरा थाना क्षेत्र के कदम टोला निवासी मुकुलधन प्रसाद का 30 वर्षीय पुत्र राजेश कुमार बताया जाता है. वही गरखा थाना क्षेत्र के अलोनी गांव में 23 वर्षीय युवक ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक अलोनी गांव निवासी अखिलेश माझी का 23 वर्ष पुत्र पंकज राज बताया जाता है. पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. घटना के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

Chhapra: लॉक डाउन के बीच छपरा में बन रहे भारत के सबसे लंबे डबल डेकर पुल का निर्माण करीब एक महीने बाद पुनः शुरू हो गया है. बता दें कि लॉक डाउन की घोषणा होने के बाद से डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य पूरी तरह बंद हो गया था. सरकार के निर्देश के बाद अब पुल का निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है.

निर्माण कार्य में जुटे इंजीनियर, तकनीक पदाधिकारियों व अन्य श्रमिको का स्वास्थ्य पर खासा ध्यान रखा जा रहा है. साइट पर काम करने आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक दिन दिन में तीन बार टेम्परेचर स्क्रीनिंग किया जा रहा है. पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि निर्माण कार्य स्थल पर सैनिटाइजर, पानी मास्क आदि की भी व्यवस्था की गई है ताकि मजदूरों को किसी भी प्रकार से कोई परेशानी ना हो.

लॉक डाउन होने की वजह से आधा से अधिक श्रमिक काम पर नहीं लौटे हैं, जिसके कारण पुल का निर्माण कार्य अभी बेहद धीमी गति से हो रहा है. होली के बाद से ही कुछ दिनों बाद लॉक डाउन हो गया था, जिस वजह से मजदूर वापस काम पर नहीं लौट सके. वहीं कई श्रमिक कोरोनावायरस के संक्रमण के भय से काम पर नहीं आए हैं. इसी बीच आधे मजदूरों के साथ ही पुल का धीमी गति से निर्माण कार्य चालू है. पहले फेज में फाइलिंग का कार्य पूरा करके पिल्लर देने का कार्य किया जा रहा है. वहीं दूसरे फेज में अलियर स्टैंड पोखरा से नगरपालिका चौक तक पाइलिंग का कार्य संपन्न किया जा रहा है.

लगभग 370 करोड़ की लागत से बनने वाले डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा करना है. पुल के निचले डेक की लंबाई 2500 मीटर है, वहीं ऊपरी डेक
की लंबाई 3520 मीटर है. यह डबल डेकर पुल भिखारी चौक, गांधी चौक, मौना चौक, नगरपालिका चौक होते हुए बस स्टैंड तक बन रहा है.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जारी Lockdown के दूसरे चरण में 20 अप्रैल को आमजनता को किसी भी तरह की रियायत नही मिली. प्रशासन ने खुले तौर पर यह कह दिया है कि सिर्फ कुछ सरकारी दफ्तरों में कामकाज को लेकर निर्धारित शर्तो पर काम करने की छूट मिली है. लेकिन आम जनता के लिए Lockdown अभी पूर्व की तरह जारी है.

लेकिन इन घोषणाओं और प्रचार प्रसार का कोई असर शहर के कुछ इलाकों में नही दिख रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात बेवज़ह सड़कों पर लोगों का घूमना जारी है, मटरगस्ती करने वाले सड़कों पर गप्पेबाजी का मजमा लगा ले रहे है.

स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब रोक के बावजूद समोसे, चाट, चाय, पान और गुटखा की दुकानें खुली हो. प्रशासनिक आदेश की धज्जियां और होने वाली कार्रवाई से बेख़ौफ़ ठेले वाले दुकानदार और खरीददार सड़कों पर खड़े होकर स्वाद की चुस्कियां ले रहे है.

प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 20 अप्रैल के बाद भी होटल और मिठाई दुकाने, चाय, पान, तम्बाकू की दुकानें नही खुलेगी. लेकिन नियमों को धत्ता बताते हुए शहर के मौना चौक पर समोसा, चाट, चाय, पान, गुटखा की ठेले वाली दुकानें सज रही है. बेधड़क लोग जिनमे सबसे ज्यादा युवा शामिल है उनकी भीड़ इन दुकानों पर जुट रही है. कुछ चोरी छिपे तो कुछ निर्भीक होकर खाने पीने वाली इन दुकानों को खोल रहे है. शाम के समय चौक से साढ़ा रोड जाने वाली सड़क आम दिनों की तरह लग रही है. वही साहेबगंज जाने वाली सड़क खाली दिखती है. मौना चौक एवं उससे जाने वाले चारों दिशाओं से पुलिस की उपस्थिति नदारद है जिसका यह दुकानदार खूब फ़ायदा उठा रहे है. समय समय पर हो रही पेट्रोलिंग के दौरान ही इनकी दुकान छिप जाती है.

हालांकि इन दुकानदारों से कही ज्यादा दोष उनलोगों का है जो अपने जीवन को दांव पर लगाकर न सिर्फ Lockdown को तोड़ रहे है बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग भी पूरी तरह समाप्त कर रहे है. सरकार और प्रशासन ने सिर्फ जनउपयोगी सामग्री की दुकानों को खुलने तथा आवश्यक पड़ने पर ही आम जनता को घर से बाहर निकलने का आदेश दिया है. ऐसे में कुछेक लोगों की यह लापरवाही पूरे शहर और जिले को परेशानी में डाल सकती है.

मढ़ौरा: थाना क्षेत्र के मिर्जापुर में दो पक्ष के युवक आपस में भिड़ गए और एक युवक को मारपीट कर जख्मी कर दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला कुछ यूं था कि एक युवक प्रधानमंत्री को गाली दे रहा था. तभी दूसरे युवकों ने उसे समझाया लेकिन वह नहीं समझा. बात देखते ही देखते बढ़ गई और एक पक्ष में एक युवक की लाठी-डंडे से पिटाई कर दी.

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जख्मी युवक का इलाज मढ़ौरा रेफरल अस्पताल में हुआ. घटना की सूचना मिलते थानाध्यक्ष संदीप सिंह मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. घटना के बाद से गांव में तनाव को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन पुलिस गश्ती बढ़ा दी है और लॉकडाउन में सख्ती कर दी है. जख्मी युवक के बयान पर एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की जा रही है.

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Chhapra: लॉक डाउन के पहले चरण में अंतिम दिन आखिरकार नगर निगम द्वारा शहर को सैनिटाइज करने का काम शुरू किया गया. पहले चरण के lockdown में 21वे दिन नगर निगम के कर्मियों द्वारा शहरी क्षेत्र के कई वार्डों सहित साढ़ा ढाला रेल ओवर ब्रिज एवं अन्य मुख्य मार्गों की सैनिटाइजिंग की गई.

जानकारी के अनुसार नगर निगम के सभी 45 वार्डों में सैनिटाइजिंग का कार्य किया जाएगा. इसके साथ साथ मुख्य सड़कों की भी सैनिटाइज किया जाएगा. हालांकि इस कार्य से शहर की बड़ी आबादी लाभान्वित नही होगी जिसका मुख्य कारण है गालियां और सकीर्ण सड़कें. जहाँ नगर निगम की गाड़ी नही पहुंच सकती.छपरा नगर निगम के आयुक्त संजय कुमार उपाध्याय का कहना है कि निगम क्षेत्र के सभी 45 वार्डों की सड़कों, सहायक सड़कों व जहां तक गाड़ियां जाती हैं वहां सैनिटेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके लिए रोस्टर बनाकर दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि सोडियम हाइपो क्लोराइड का घोल बनाकर शहर में छिड़काव किया जा रहा है.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री की अपील का असर जनता पर सीधे दिख रहा है. शनिवार को संध्या समय से ही सड़को पर चहल पहल कम दिख रही है. आम दिनों की तरह लोगो के साथ साथ सड़को पर वाहनों का परिचालन भी कम था. आलम यह था कि लोग जरूरत के अनुसार ही सड़क पर थे, कुछेक को छोड़ दे तो लगभग सभी कोरोना वायरस को लेकर चर्चा में मशगूल थे. हर तरफ सिर्फ 22 मार्च और जनता कर्फ्यू की बात चल रही थी.

शहर के मुख्य चौराहे पर 21 मार्च को रात 8:30 बजे की यह तस्वीर जनता के समर्थन को बता रही है. अमूमन इस चौराहे पर प्रायः 11 बजे से ऐसी स्थिति उत्पन्न होती थी जो 8: 30 बजे दिख रही है. शहर के अन्य सड़को का भी यही हाल है. शहर का अतिव्यस्त हथुआ मार्केट पूरी तरह बंद है, साहेबगंज में कुछेक दुकानों को छोड़ सभी बन्द है, मौना चौक पर कुछेक दुकानों को छोड़ सभी दुकानें पूरी तरह बंद है. इसी तरह से शहर के अन्य स्थानों का भी यही हाल है. भगवान बाजार में मुख्य चौराहा छपरा जंक्शन के कारण थोड़ी बहुत चहल पहल में है. लेकिन यहां भी अन्य दिनों की तरह रौनक नही है.कुल मिलाकर छपरा शहरवासी कोरोना वायरस को लेकर जनता कर्फ्यू की अपील में अपनी शत प्रतिशत भागीदारी दे रहे है.

Chhapra: आस्था के महापर्व छठ उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ संपन्न हो गया . व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रख अर्घ्य दिया. उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद सभी ने पारण किया और प्रसाद वितरण किया.

 पारंपरिक लोक गीतों के साथ महिलाओं ने छठ घाटों पर कोशी भरा. अहले सुबह लोग छठ पूजा घाटों पर पहुंचे. पहले कोशी भरने की परंपरा को पूरा किया गया.

इस दौरान घाटों पर अलौकिक दृश्य देखने को मिला. सभी छठ महापर्व में लीन दिखे. व्रतियों को घाटों पर लाने उन्हें कोई कष्ट ना हो इसके लिए खास इंतजाम किये गए थे.

पूजन सामग्री का हुआ वितरण
शहर के पूजा घाटों पर दूध, पुष्प, अगरबत्ती आदि का वितरण भी पूजा समितियों के द्वारा किया गया.

खूब ली गयी सेल्फी
छठ पूजा में दूर दूर से अपने शहर पहुंचे लोगों ने घाटों पर अपनों के साथ खूब मस्ती की और इस दौरान सेल्फी का भी दौर चला.

सुरक्षा को लेकर पूजा समितियां रही सजग
महापर्व के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूजा समितियों ने अपने स्तर से व्यापक इंतजाम किये थे. पूजा समितियों के स्वयंसेवक लगातार लोगों पर ध्यान दे रहे थे. लाउडस्पीकर के माध्यम से जरुरी निर्देश दिए जा रहे थे. वही घाटों पर गोताखोर और नाव की व्यवस्था भी की गयी थी.

छपरा टुडे डॉट कॉम की टीम भी शहर के विभन्न घाटों पर मौजूद रही और आपतक वीडियो, LIVE और तस्वीरों को पहुँचाया. हमारा यह प्रयाश आपको कैसा लगा बताइयेगा ज़रुर. अपने feedback आप हमें chhapratoday@gmail.com पर भेज सकते है.


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Chhapra: दीपावली, लक्ष्मी पूजा और लोक आस्था का महापर्व छठ के अवसर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में विधि-व्यवस्था को लेकर बैठक की गयी. जिसमें पुलिस अधीक्षक श्री हरकिशोर राय के साथ-साथ जिलास्तरीय पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.

जिलाधिकारी ने कहा कि छठ पूजा के महातम्य को देखते हुए सभी छठ घाटों का का निरिक्षण करने और खतरनाक घाटों को चिन्हित करते हुए इनकी सूचना स्थानीय लोगों को पहले देने का निर्देश दिया. उन्होंने माइकिगं भी कराने का निर्देश दिया. चिन्हित घाटों ओएर पोस्टर या फ्लैक्स लगा के निर्देश दिए.

छठ घाटों की वैरिकेटिंग के कराने के निर्देश
साथ ही जिन घाटों पर छठ किया जाना है वहाँ वैरिकेटिंग कराकर लाल झण्डे़ का निशान लगाने और नाव एवं गोताखोरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए साथ ही गोताखोरों का नाम और मोबाइल नम्बर पहले ही प्राप्त कर लिया जाय.

घाटों पर करें पर्याप्त लाइटिंग व्यवस्था
घाटों पर पूजा समितियों से वार्ता कर पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था करायी जाय. वैसें घाट जहाँ बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित होती है वहाँ पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगायी जाय. वहाँ के लिए एस डी आर एफ की टीम व्यवस्था भी करायी जा रही है.

छठ घाटों पर आतिशबाजी पूर्णतः प्रतिबंधित
छठ घाटों पर आतिशबाजी पूर्णतः प्रतिबंधित करने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि वैसे तलाब जो ज्यादे गहरे है अगर वहाँ छठ पूजा की जानी है तो वहा भी वैरिकेटिंग करायी जाय.

कालीपूजा के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया कि थाना स्तर पर शांति समितियों की बैठक कर लिया जाय एवं कालीपूजा के लिए स्थापित किये जाने वाले मूर्ति हेतु अनुज्ञप्ति दिया जाय तथा मूर्ति के विसर्जन का मार्ग तथा समय निर्धारित कर दिया जाय. इन अवसर पर डीजे पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. केवल लाउडस्पीकर का उपयोग किया जाय.

रात्रि के 10 बजे के बाद नहीं होगी पटाखाबाजी
पर्व त्योहार के अवसर पर किये जाने वाले पटाखाबाजी के संदर्भ में जिलाधिकारी ने कहा कि पटाखाबाजी रात्रि के 10 बजे के बाद नहीं किया जाय इसे सभी थाना प्रभारी सुनिश्चित करायें. पटाखा दुकान खुले स्थान पर हो पतली गली में नही हो यह भी सुनिश्चित करायी जाय. पटाखा भण्डारण का जगह भी भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में नहीं होना चाहिए यह भी देखें. वैसे पटाखे जिसे प्रतिबंधित कर दिया गया है उसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने कहा कि रात्रि में पुलिस बाधा दी गयी है. सुनसान इलाको में विशेष व्यवस्था रखी जा रही है. होटल, वस स्टैण्ड एवं अन्य सार्वजनिक सथलों की जाँच की जा रही है. पर्व-त्योहार के अवसर पर यातायात को सुचारू रखने की व्यवस्था की गयी है. उन्होने कहा कि छपरा जंक्शन से पुलिस के द्वारा रात्रि बस सेवा उपलब्ध करायी जा रही है यात्रिगण उसका भी उपयोग कर सकते है.

Chhapra: अगर आप छपरा शहर की सड़कों पर चल रहे हैं तो आप अपने साथ पानी का बोतल जरूर रखें, जिससे कि प्यास लगने के दौरान आपकी प्यास बुझ सकें. खासकर यह जिम्मेवारी तब और बढ़ जाती है जब आपके साथ कोई छोटा बच्चा या फिर बुजुर्ग साथ मे हो. क्योकि छपरा शहर के किसी भी सड़क और आपको पानी के लिए चापाकल नही मिलेगा. अगर आपको कही चापाकल दिख भी गया तो उसमें से पानी नही निकलता है. हालांकि यह बात सिर्फ गर्मी के दिनों की नही है जाड़े और बरसात के दिनों में भी यह समस्या बनी होती है. लेकिन इस गंभीर समस्या पर ना तो नगर निगम और ना ही जिला प्रशासन कुछ कर रहा है. बीते दिनों नगर निगम द्वारा गर्मी के कारण पेयजल की आवश्यकता को देखते हुए शहर के चिन्हित 2 से 4 स्थानों पर मटका रखकर लोगो को पानी पिलाया जा रहा था, लेकिन यह हिंदी के उस कहावत के अनुसार थी कि ‘ऊँट के मुँह में जीरा के फोरन’ अब यह मटका पेयजल स्टॉल भी दिखाई नही दे रहा है. जनता प्यास और गर्मी से त्रस्त है और पदाधिकारी तथा नेता एसी और आरओ का पानी पीने में मस्त है.

भिखारी चौक…

छपरा शहर के मुख्य मार्ग के किनारों और चौक चौराहों पर पेयजल की समस्या आम बात है. शहर के पूर्वी छोड़ भिखारी ठाकुर चौक से शहर की शुरुआत होती है. शहर और ग्रामीण क्षेत्र का मिलाजुला परिवेश होने के कारण सड़क के किनारे और घर तथा दुकानों के सामने चापाकल मिल जाएगा जहाँ से आपकी प्यास बुझ जाएगी. लेकिन यह समस्या गांधी चौक से शुरू होती है.

गांधी चौक…एक

गांधी चौक पर सरकारी चापाकल देखने को तो मिलेगा लेकिन पानी शायद ही मिल जाये. इस चौराहें पर दिघवारा, डोरीगंज, भेल्दी, मकेर और गरखा जाने के लिए वाहन स्टैंड है जो अवैध है. लोगों की भीड़ और स्टैंड होने के कारण खाने पीने की दुकानों की संख्या ज्यादा है और सभी जगह दुकानों में चापाकल है जो आनेजाने वाले लोगो की प्यास बुझाते है. शाम होते ही दुकाने बंद और साथ साथ मिलने वाले पानी की व्यवस्था भी बंद. लेकिन सरकारी स्तर पर यहाँ ऐसा कुछ नही है जिससे कि इस रास्ते से होकर गुजरने वाले को चापाकल दिखे और वह अपनी प्यास बुझा ले.

मेवा लाल चौक…शून्य

यहाँ से यातायात व्यस्था के लिए एकल मार्ग शुरू होता है. मुमकिन है कि लोग भी अपनी सुविधा के लिए गाड़ी छोड़ पैदल यात्रा शुरू करते है. चौक संकीर्ण है बावजूद इसके यहाँ तीनों दिशाओं में कही भी एक चापाकल नही है. जिससे कोई पानी की जरूरत की पूरा करे. यहाँ तक कि इस चौक पर ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों को भी इस गर्मी में किसी दुकान से ही पानी मिलने की उम्मीद बनी रहती है. अगर दुकाने बंद रही तो किसी ना किसी घर से ही पानी को मांगकर अपनी प्यास बुझानी पड़ेगी.

मौना चौक…एक

मौना चौक शहर का व्यवसायिक केंद्र जहाँ पूरे दिन करोड़ो का कारोबार होता है. फल, सब्जी, मसाला और न जाने कितनी ऐसी चीजें जो यहाँ खरीदी और बेची जाती है. पूरे जिले से लोग खुदरा और थोक खरीददारी के लिये यहाँ पहुंचते है. लेकिन पानी का जरूरत सिर्फ एक चापाकल से पूरी होती है. चापाकल सरकारी जरूर है लेकिन इसकी देखभाल स्थानीय लोग अपने पैसे के सहयोग से करते है. यही कारण है कि इस पूरे बाजार में जहाँ सुबह 5 बजे से लेकर रात के बारह बजे तक लोग आते जाते है यह एक अकेला चापाकल लोगो की प्यास बुझाता है.

सलेमपुर चौक…एक

सलेमपुर चौक को मुख्य रूप से लोग कोर्ट कचहरी जाने के लिए प्रयोग करते है. भीड़ भी ज्यादा है. एक सरकारी चापाकल है जिससे कभी पानी निकलता है तो कभी नही.

नगरपालिका चौक…एक चापाकल

नगरपालिका चौक शासन प्रशासन का केंद्र स्थल यानी कि पूरा प्रशासनिक महकमा ही इस चौक के इर्द गिर्द दिखता है. नगर निगम कार्यालय भी इसी चौक पर है. प्रतिदिन इस चौक से होकर हजारों लोग आनाजाना करते है.धरना प्रदर्शन और राजनीतिक चर्चा भी इसी चौराहे पर होती है लेकिन सबो के बीच एक चापाकल ही लोगों की प्यास बुझाता है.

थाना चौक…शून्य

शहर का केंद्र बिंदु, नगर थाना, महिला थाना, कंट्रोल रूम, आयुक्त कार्यालय, पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय सब इसी चौक पर है. शहर का मुख्य मार्केट हथुआ मार्केट भी यही है लेकिन चापाकल की संख्या यहाँ एक भी नही है. चारों दिशाओं में किसी भी सड़क पर कई मीटर दूर तक यहाँ एक चापाकल नही है जिससे लोग अपनी प्यास बुझा सकें.

साहेबगंज चौक…शून्य

शहर का व्यवसायिक हब साहेबगंज चौक जो कपड़ो के मार्केट के रूप में जाना जाता है.थोड़ी दूर पर सोनारपट्टी भी है जिसके कारण यह खास केंद्र है.सरकारी स्तर पर यहाँ एक भी चापाकल नही है. यहाँ के मंदिर के बगल में एक चापाकल सरकारी है भी तो वह खराब अवस्था मे होने के कारण लोगो ने वहाँ अपनी दुकानें लगा दी.

साढा ढाला चौक… शून्य

ग्रामीण क्षेत्रों से आनेजाने की लिए एक मात्र चौक लेकिन सरकारी चापाकल की संख्या शून्य. यहाँ आने वाले लोगों की प्यास मिठाई दुकान के आगे लगे चापाकल से बुझती है.

योगिनियां कोठी चौक… शून्य

रेल ओवर ब्रिज बनने के बाद यह चौक शहर के लिए एक लाइफ लाइन की तरह काम करता है. ग्रामीण क्षेत्रों और बायपास सड़क से शहर में आने के लिए इसी चौक से गुजरना होता है. चौक पर मंदिर और मंदिर के बगल में एक चापाकल यही एक चापाकल लोगो की उम्मीद है जिससे उनकी प्यास बुझती है.

अस्पताल चौक और दारोगा राय चौक… शून्य

अस्पताल चौक पर भी सरकारी चापाकल की संख्या शून्य है. यहाँ से गुजरने वाले लोग या तो अस्पताल में लगे एक चापाकल या फिर पीर बाबा के मजार से ही पीने का पानी ले सकते है. दरोगा राय चौक की भी स्थिति यही है यहाँ भी सरकारी चापाकल नही है. इस चौक से पुराने पोस्टमार्टम घर जाने वाली सड़क में एक चापाकल है जो इस चौक पर बने नर्सिंग होम में ईलाज कराने आने वाले लोगो की प्यास बुझाता है.

प्रतिवर्ष लाखों खर्च के बाद भी नही हुई मुक्कमल व्यवस्था

शहर में पेयजल आपूर्ति के नाम पर प्रतिवर्ष नगर निगम द्वारा लाखों रुपये का खर्च किया जाता है. भीषण गर्मी को देखते हुए हाल ही में जिलाधिकारी ने सभी सरकारी चापाकल की मरम्मती और प्रत्येक वार्ड में चापाकल लगाने का निर्देश दिया था लेकिन यह निर्देश शायद फ़ाइल तक ही सीमित रह गया. शहर के मुख्य सड़क से गुजरने वाले लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे है. अंदर मुहल्लों की हालत तो और खराब है. किसी तरह लोग पानी की खरीददारी कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे है. सरकार और प्रशासनिक तंत्र जमीनी हक़ीक़त को जानने का प्रयास नही कर रही है और ना ही अपने दिए आदेशों पर हुई करवाई की जांच कर रही है.

बहरहाल जनता को ही अपने हक के लिये सरकार और महकमें को जगाना होगा, उन्हें जमीनी हकीकतों से रूबरू कराना होगा, तभी जाकर चौक चौराहों और गलियों में पीने का पानी सरकारी चापाकलों से मिल सकता है.

Chhapra: भगवान बाजार थाना क्षेत्र के नबीगंज मोहल्ले में चोरों नेचोरी की बड़ी घटना को अंजाम दिया है. नबीगंज मोहल्ले में स्थित एक घर से शातिर चोरों ने 9 लाख के सामानों की चोरी कर ली. चोरों ने नवीगंज नागेश्वर कॉलोनी निवासी मुकेश रंजन के घर चोरी की घटना को अंजाम दिया है. मुकेश पेशे से मेडिकल रिप्रजेंटेटिव है.
मुकेश ने बताया कि उनके घर से लगभग 7 लाख के गहने, नगद व अन्य समान चोरों ने चुरा लिए. घटना के बाद परिवार वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी अब आगे की कार्यवाही चल रही.
बताया जा रहा है कि चोरों ने घर के छत से अंदरप्रवेश किया और कमरे में सो रहे लोगों को कमरे में ही बंद कर दिया. वहीं जो कमरा खुला था. उसी कमरे में से सामानों की चोरी की फिर घर को बाहर से बंद करके चले गए.

कुछ दिन पहले शहर से बाहर गए मुकेश के भाई जब बुधवार को घर पहुंचे तो बाहर से घर को बंद पाया. जब उन्होंने फोन किया तो पता चला कि घरवाले भीतर ही है. घरवाले जब नींद से जगे तो वो अचंभित पड़ गए उन्होंने देखा कि घर में सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा है. घर में चोरी हो गई है.

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शहर में इन दिनों चोरी की घटना आम बात हो गई है. कहीं बंद घर से लाखों के सामान की चोरी हो रही है तो कहीं रातों-रात चोर पूरा का पूरा घर ही साफ कर दे रहे हैं. लोगों को अब घर की सुरक्षा और चोरों का भय सताने लगा है.

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Chhapra: रमजानुल मुबारक का अलविदा जुमा (जुमातुलविदा) की नमाज़ आज (शुक्रवार) को अदा की जाएगी. रमज़ान के जुमा की तो खास अहमियत होती ही है लेकिन अलविदा जुमा को छोटी ईद मानी जाती है.

रमजान के महीने में जुमा के दिन की फजीलत और बरकत खास बताई गई है. इस दिन की शुरूआत भी आम दिनों की तरह ही होती है. लेकिन दोपहर खास होती है. मस्जिदों में अजान होने से पहले ही लोग पहुंचना शुरू कर देते है. हाफिज और इमाम इस मौके पर खास तकरीर किया करते हैं. फिर अलविदा जुमा की नमाज़ पढ़ी जाती है.
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