दाउदपुर: बिजली विभाग के लापरवाही एक बार फिर सामने आई है. जिस कारण दो यूवकों को अपनी जान गवानी पड़ी है. सड़क पर टूट कर गिरे धारा प्रवाहित हाइटेंसन तार के चपेट में आने से टरवां गांव के दो युवकों की झुलस कर मौत हो गई.

घटना कोपा थाना क्षेत्र के हसुलाही बगीचा के समीप नहर के किनारे की है. जलालपुर से छठ का बाजार कर मोटरसाईकिल से घर लौटने के क्रम में सड़क पर टूट कर गिरे धारा प्रवाहित हाइ टेंसन तार के चपेट में आने से टरवां पोझियार गांव के दो युवकों की झुलस कर मौत हो गई. वही छठ पूजा के लिए आम की लकड़ी लेकर जा रहा एक युवक झुलसकर बुरी तरह जख्मी हो गया.

जख्मी युवक का प्राथमिक उपचार के बाद छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार टारवां गांव निवासी शिवकुमार प्रसाद का 23 वर्षीय पुत्र मिथिलेश प्रसाद एवं उसी गांव के कोपा थाने के चौकीदार मुक्तिनाथ मांझी का पुत्र 21 वर्षीय विनोद पासवान छठ-व्रत के लिए सामान की खरीदारी कर जलालपुर से लौट रहे थे. इसी दौरान हाईटेंशन तार टूट कर गिर गया और चपेट में आने से दोनों की मौत हो गयी.

घटना की जानकारी मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में मातम छा गया. बड़ी संख्या ग्रामीणों ने पहुंचकर विद्युत् विभाग के प्रति आक्रोश व्यक्त किया. कोपा थानाध्यक्ष मनीष कुमार भी दलबल के साथ पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेजा दिया.

सीवान: पचरुखी प्रखंड मुख्यालय स्थित महात्मा गांधी स्मारक उच्च विद्यालय के परिसर में रविवार को सीवान के जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार के नेतृत्व में पौधारोपण किया गया. इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि अगर हमें अपना वर्तमान व भविष्य बचाना है तो हम सभी को वर्ष में कम से कम पांच पौधा आवश्य रूप से लगाना होगा. 

उन्होंने कहा कि अपने भविष्य के लिए हमें पौधारोपण को एक अभियान के रूप में लेना होगा.

इस मौके पर पचरुखी बीडीओ संजय प्रसाद, सी.ओ. गिन्नी लाल प्रसाद और पचरुखी थानाध्यक्ष गौड़ी शंकर बैठा सहित दर्जनों की संख्या में प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे.
साभार: श्रीनारद मीडिया, सीवान

सीवान: सीवान पुलिस ने शनिवार को विशेष समकालीन अभियान चलाकर 228 वारंटियों गिरफ्तार किया. पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार साह के निर्देश पर शनिवार को चलाए गए विशेष समकालीन अभियान में पुलिस ने विभिन्न कांडों के 228 वारंटियों गिरफ्तार किया. जिनमें 46 वारंटियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया शेष वारंटियों को जमानत पर छोङ दिया गया.

पुलिस सूत्रों से मिलीं जानकारी के अनुसार विशेष समकालीन अभियान के तहत 101 वारंट व 06 कुर्की-जब्ती का निष्पादन किया गया

साभार: श्रीनारद मीडिया, सीवान

सीवान (नवीन सिंह परमार): गया में सोमवार को नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हुए सीवान के दरौली प्रखंड के खरदरा गांव के रवि कुमार सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार की रात्रि खरदरा गांव पहुंचा. बुधवार को सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में तिरंगे में लिपटा शहीद की अंतिम यात्रा खरदरा से चल कर सरयू नदी के तट दरौली पहुंचा.CRP

शहीद के अंतिम यात्रा में जहाँ प्रशासनिक अधिकारियों की काफिला चल रहा था. वही स्थानीय लोग विशेष कर के युवाओं का जन-सैलाब उमड़ पड़ा था. शहीद रवि सिंह का सीवान के दरौली घाट पर पुरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि कर दिया गया. सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में शहीद के पिता मिथलेश सिंह ने जब अपने कलेजे के टूकङे को मुखाग्नि दिया तो पुरा वातावरण भारत माता की जय व शहीद रवि सिंह अमर रहे नारों गुंज ऊठा.

CRPF के जवानों ने दिया अपने दिवंगत साथी को दिया गॉड-ऑफ़-ऑनर

शहीद रवि के अंतिम संस्कार के पहले CRPF के द्वारा अपने शहीद साथी को अंतिम विदाई के रूप में गॉड-ऑफ़-ऑनर दिया गया. इस मौके पर ग्रुप कमांडेंट विनय राय, सहाय कमांडेंट मुरली झा, डिप्टी कमांडेंट सरवर खान अपने जवानों के साथ उपस्थित थे.

सीवान जिलाधिकारी ने दी सरकार की ओर से श्रद्धांजलि CRPF SIWAN 1

दरौली घाट पर ही सरकार की ओर से शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र समर्पित कर के सीवान जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार ने अंतिम विदाई दी. इस मौके पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार साह, अपर पुलिस अधीक्षक अरविन्द कुमार, प्रशासन के अधिकारियों में BDO चंदन कुमार, CO संजीव कुमार सिन्हा, CO कमलेश कुमार, दरौली थानाध्यक्ष अशोक कुमार, आंदर थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुशवाहा सहित दर्जनों की संख्या में स्थानीय नागरिक व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.

 

साभार: श्रीनारद मीडिया सर्विसेज, सीवान

सीवान: पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकाण्ड में गिरफ्तार मुख्य आरोपी लड्डन मियां की शुक्रवार को सीवान सीजेएम कोर्ट में पेशी हुई. कोर्ट ने पेशी के दौरान लड्डन से उसके नार्को टेस्ट के बारे में उसकी राय को जाना, जिस पर लड्डन ने अपना नार्को टेस्ट कराने से साफ़ इनकार कर दिया.

आरोपी लड्डन ने अपने नार्को टेस्ट करने से इनकार सम्बन्धी एक लिखित आवेदन भी कोर्ट को समर्पित किया है.

गौरतलब है कि लड्डन मियां को पुलिस ने तीन दिनों की रिमांड पर लिया था. बावजूद इसके उसने हत्या के संबंध में पुलिस को कुछ भी नहीं बताया था. जिसके बाद पुलिस के द्वारा उसके नार्को टेस्ट कराने के लिए कोर्ट से अनुमति हेतु आवेदन दिया है.

छपरा/सीवान: सारण जिला पत्रकार संघ की ओर से मंगलवार को सीवान के दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन के परिजनों को सवा लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई. सारण जिला के पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने सीवान स्थित उनके आवास पर पहुंचकर पत्नी आशा रंजन और बेटी साक्षी रंजन को संबंधित राशि की जमा रसीद सौंपी.

संघ द्वारा ये रुपये दिवंगत पत्रकार की सुपुत्री साक्षी के सुकन्या समृद्धि योजना के खाते में जमा किये गये हैं ताकि उसके भविष्य की जरूरत के समय काम आ सके. इस कार्य में जिले के तमाम पत्रकारों के अलावा कुछ सामाजिक संगठनों और विभिन्न वर्ग के लोगों ने भी सहयोग किया है.

प्रतिनिधि मंडल में राकेश कुमार सिंह, विद्याभूषण श्रीवास्तव, सुशील कुमार सिंह, पंकज कुमार, मुकुंद सिंह, देवेन्द्र श्रीवास्तव, जाकिर अली, शकील हैदर, मुकेश कुमार यादव और कबीर अहमद शामिल थे.

पत्रकारों ने बिहार सरकार द्वारा अब तक कोई आर्थिक सहायता नहीं दिये जाने या इस सम्बन्ध में किसी तरह की घोषणा नहीं किये जाने पर आश्चर्य जताया. पत्रकार संघ ने इसे पीड़ित परिवार के प्रति नाइंसाफी बताया. संघ ने सरकार इस पर जल्द विचार कर 25 लाख अनुग्रह राशि देने और पत्नी की शिक्षिका की नौकरी को स्थायी करने की मांग की. संघ ने अपराधियों को जल्द सजा दिलाने की भी मांग की.

सीवान: पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुख्यात लड्डन मियां ने गुरुवार को सीवान CJM कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. कोर्ट ने लड्डन को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस लड्डन को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.पुलिस ने लड्डन मियां को सरेंडर करने के लिए पूर्व में ही नोटिस जारी कर दिया था.

सीवान पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार साह ने लड्डन की गिरफ्तारी जल्द से जल्द सुनिश्चित कराने के लिए उसके घर कुछ दिन पूर्व एक इश्तेहार चस्पा करवाया था साथ ही लड्डन के रामनगर (सीवान) स्थित घर के कुर्की के लिए भी CJM कोर्ट से आदेश माँगा था.

विदित हो की सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में पुलिस ने 5 अपराधियों की गिरफ्तारी पहले ही कर ली है. हत्याकांड के मास्टरमाइंड लड्डन मियां के गिरफ्तारी के लिए भी गैर जमानती वारंट जारी किया गया था.

लड्डन मियां के आत्मसमर्पण के बाद पत्रकार हत्याकांड से जुड़े कई राज खुल सकते हैं. हालांकि लड्डन को रिमांड में लेने के बाद पुलिसिया पूछताछ के बाद ही हत्या के कारणों का पता चल सकेगा. लड्डन का पुलिस के गिरफ्त में आना इस हत्याकांड के अनुसन्धान में काफी महत्वपूर्ण साबित होगा.

सीवान: विगत कई वर्षों से अपनी आपराधिक गतिविधियों के कारण चर्चित सीवान का कुख्यात अपराधी रईस खान और उसके साथी कुख्यात आफ़ताब मियां को सीवान पुलिस एवं एसटीएफ की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गुप्त सूचना के आधार पर सिसवन थानाक्षेत्र के ग्यासपुर से गिरफ्तार कर लिया है.गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को बड़ी मात्र में हथियार और रूपए बरामद हुए हैं.

सीवान पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार साह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस को रईस खान की तालाश काफी दिनों से थी.उन्होंने बताया कि रईस की गिरफ्तारी एक बड़ी कामयाबी है.

बरामद हथियारों की सूची:
रेगुलर कारबाइन-1
कारबाइन का मैगजीन-2
पिस्टल-1
पिस्टल का मैगजीन-3
हैण्ड ग्रेनेड-2
गोली-51

इसके साथ पुलिस ने 1 लाख 12 हजार रूपए नगद, 4 मोटरसाइकल एवं मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है.

विदित हो कि रईस खान सीवान के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन का करीबी माना जाता है, जिसपर पूर्व से भी आर्म्स एक्ट की कई धाराएं लगी थीं. सीवान पुलिस को रईस खान की काफी दिनों से तालाश थी. पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड का मास्टर माइंड लड्डन मियां भी रईस खान का शागिर्द बताया जा रहा है. रईस का बड़ा भाई कुख्यात अयूब खान पूर्व में ही सीवान जेल में कैद है.

प्रभात किरण हिमांशु की रिपोर्ट

आपराधिक गतिविधियों के लिए देश भर में चर्चित बिहार का जिला सीवान एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. इस बार चर्चा का केंद्र बना है पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड. सीवान के हिन्दुस्तान अखबार के प्रभारी की बीच बाजार गोली मार कर हत्या कर दी जाती है. हालांकि सीवान के लिए ऐसी घटनाएं कोई नई बात नहीं रही है पर अपनी कलम को ताकत बनाकर मुद्दों को उजागर करने वाले एक साहसिक पत्रकार को जिस प्रकार गोली मारी जाती है वो विरोध के निम्न स्तर का परिचायक है.

पत्रकार जब अपनी लेखनी से सच को उजागर करने का प्रयास करता है तो कई बार उससे प्रभावित लोगों में विरोधाभास झलकता है पर विरोध के रूप में किसी की हत्या कर देना सर्वथा अनुचित है.

13 मई की शाम सीवान में जो हुआ उससेआज पूरा देश सोंचने पर मजबूर है. अपराधियों के लिए भले ही ये हत्याकांड एक पेशेवर अपराध रहा हो पर उस अपराध से पत्रकारिता जगत एवं आम समाज में जो खौफ़नाक दर्द उठा है उसकी कराह सालों तक बरक़रार रहेगी.

दरअसल ये हुआ क्यों! पुलिस बता रही है कि हत्या में पेशेवर अपराधी संलिप्त हो सकते है. राजदेव रंजन मुख्यधारा के पत्रकार थे. 25 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे. ऐसे में अपनी बेबाक लेखनी से कई लोगों की नजर की किरकिरी बनना स्वाभाविक है. पूर्व में भी उनपर हमले हुए और कई बार धमकियां मिली पर हत्या करने का दुस्साहस अपराधी कभी जुटा नहीं सके. 13 मई को अपराधियों का दृष्टिकोण एकदम से बदल जाना और राजदेव रंजन की नृशंस हत्या कर देना विरोधाभास का परिणाम है या सोंची समझी साजिश का नतीजा पुलिस इसकी जाँच कर रही है.

सीवान में अपराध की घटना हो और बाहुबली पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन की चर्चा ना हो ऐसा हो नहीं सकता. राजदेव रंजन हत्याकांड के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है. शक की सुई मो.शहाबुद्दीन की ओर भी इशारा कर रही है. पर ऐसा क्यों है! हत्याकांड के बाद पुलिस शक के आधार पर पूर्व सांसद के करीबी शार्प शूटर मुंशी मियां को शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर से गिरफ्तार करती है. ये वही मुंशी मियां है जिसपर शहाबुद्दीन के इशारों पर कई हत्याओं में संलिप्त रहने का आरोप लग चूका है. पुलिस का ये मानना है कि हत्या के सूत्र सीवान जेल से जुड़े हो सकते हैं ऐसे में मो. शहाबुद्दीन को एहतियात के तौर पर सीवान जेल से भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है. हालांकि प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर सात अन्य कुख्यातों को भी बक्सर एवं मोतिहारी जेल शिफ्ट किया गया है पर अबतक हत्याकांड में संलिप्त लोगों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी ऐसे में कैदियों का जेल ट्रान्सफर पुलिस की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब भी मशक्कत कर रही है.

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड का अपना एक राजनैतिक नजरिया भी है. विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बताने में जुटा है. सरकार को कठघड़े में खड़ा करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. ऐसा होना स्वाभाविक भी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकार के परिवार के लिए ना तो कोई खास मुआवजे का ऐलान किया है ना ही उनके परिवार से मिलने तक की जहमत उठाई है. साथ ही छोटे बड़े किसी भी मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने वाले लालू प्रसाद यादव भी इस घटना क्रम से अबतक अपनी दूरी बनाये हुए हैं.

चुकि मो.शहाबुद्दीन राजद के नेता हैं और लालू यादव के खासमखास भी ऐसे में अगर शाहबुद्दीन जांच के घेरे में आते हैं तो नीतीश कुमार को इस मामले में डिफेंड करना मुश्किल हो सकता है. शायद यही कारण है कि सुशासन बाबू अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी इस मुद्दे का जिक्र कर चुके हैं.

इन सब के बीच दिवंगत राजदेव रंजन का परिवार न्याय के लिए इन्तजार में है. राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की आँखे रो-रो कर सूख चुकी हैं. उनके बेटे और बेटियों को हौसले की जरूरत है. तमाम पत्रकार संगठन एवं उससे जुड़े लोग अपनी तरफ से पूरी कोशिश में जुटे है कि स्व.राजदेव के परिवार को आर्थिक सहायता और इन्साफ मिल सके. आज पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना राजदेव हत्याकांड वक्त के साथ कई सवाल खड़े कर चूका है. देखने वाली बात होगी कि जीत कलम की होती है या हमेशा की तरह गोलियों की आवाज से सच को दबाने का इरादा कामयाब होगा.