– पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ रखी गई
– येलहंका वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा एयरो शो
नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ के लिए अब तक हुईं तैयारियों की समीक्षा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में शीर्ष समिति की बैठक के दौरान की। बैठक में रक्षा मंत्री को एयरो शो के 14वें संस्करण के इंतजामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कर्नाटक के येलहंका वायु सेना स्टेशन में 13-17 फरवरी के बीच होने वाले ‘एयरो इंडिया’ के लिए राजनाथ सिंह ने सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया-2023 केवल एक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि इसमें रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र की बढ़ती ताकत और एक मजबूत व आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ के उदय का प्रदर्शन भी होगा। इस पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ है। कर्नाटक के येलहंका स्थित वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा एयरो शो होगा।
इस रक्षा प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए अब तक 731 प्रदर्शकों ने पंजीकरण कराया है। इसके प्रमुख आयोजनों में ‘रक्षा में संवर्द्धित जुड़ाव के माध्यम से साझी समृद्धि’ विषयवस्तु के साथ रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन और एक सीईओ गोलमेज बैठक शामिल हैं। इसके अलावा मंथन स्टार्ट-अप कार्यक्रम और बंधन समारोह के दौरान समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पांचों दिन शानदार एयरशो का प्रदर्शन इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। इन समारोहों को स्वदेशी हथियारों और उपकरणों के जरिये रक्षा निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देने के लिए फोकस किया गया है।
रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय रक्षा उद्योग परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी उस बदलाव का सबसे बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि न केवल निजी क्षेत्र, बल्कि अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और शिक्षाविद् भी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एयरो इंडिया सभी हितधारकों को संयुक्त रूप से रक्षा व एयरोस्पेस क्षेत्र को मजबूत करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए एक मंच प्रदान करने का माध्यम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एयरो इंडिया का उद्देश्य अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना भी है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम कर्नाटक को विमानन और एयरोस्पेस उद्योग के लिहाज से बढ़ावा देगा। रक्षा मंत्री ने कर्नाटक को देश के आर्थिक विकास में योगदान देने वाले अग्रणी राज्यों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य अपनी कुशल जनशक्ति और मजबूत रक्षा निर्माण इकोसिस्टम के लिए जाना जाता है। यह घरेलू और बहुराष्ट्रीय रक्षा व विमानन कंपनियों के लिए विनिर्माण और अनुसंधान व विकास गतिविधियों के लिए एक पसंदीदा केंद्र है।
बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य सरकार के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इसमें सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और रक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।