छपरा: शहर का एकमात्र व्यवसायिक केंद्र इन दिनों हादसों के इंतज़ार में है. धीरे-धीरे मार्केट में बना छज्जा टूटकर गिर रहा है. जिसके कारण खरीददारी से लेकर दुकानदार सभी परेशान है. लेकिन नगर परिषद पूरी तरह मौन है.
टूट-टूटकर गिर रही छत को लेकर मार्केट के दुकानदारों द्वारा प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए कई बार पत्राचार तथा मिलकर आग्रह किया गया. लेकिन हालात जस के तस बने हुए है.
अब आलम यह है कि दुकानदार इस बात से चिंतित है कि अगर बड़ी घटनाएं घटी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. कई दुकानदारों ने तो अपनी दुकान की छत का स्वयं के खर्च से मरम्मती कराई है, लेकिन नगर परिषद् द्वारा सुविधा तो नदारद है लेकिन दुकान किराये में 10 प्रतिशत की वृद्धि नियमित रूप से जरूर की जाती है.
टूट टूट कर गिर रही छत
दुकानदार अपने व्यवसाय और ग्राहकों को लेकर काफी चिंतित है. टूट टूट कर गिर रही छतों को लेकर हथुआ मार्केट के कपड़ा दुकानदार राजू अग्रवाल ने बताया कि हथुआ मार्केट शहर की शान है बावजूद इसे ठीक रखने की बजाय प्रशासन ने इसके हाल पर छोड़ दिया है. मार्केट के प्रथम भाग में 32 दुकानें है. प्रथम तल से लेकर द्वितीय ताल की छत धीरे धीरे टूटकर गिर रही है. जिसके कारण कभी भी बड़ी घटना घट सकती है. नगर परिषद प्रतिवर्ष नियमित रूप से 10 प्रतिशत किराये में वृद्धि करता है.
नहीं है शौचालय की व्यवस्था
सुविधा के नाम पर इस मार्केट में साफ सफाई तो दूर की बात है. एक शौचालय और पेशाब घर भी नही है. जिससे की यहाँ आने वाले ग्राहकों को सुविधा मिल सके.
राजू अग्रवाल ने बताया कि मार्केट के नक़्शे में बाहरी तरफ से दोनो तरफ सीढ़ी बनाई जानी थी. जिससे ऊपर के दुकानदारों को लाभ होता लेकिन सीढ़ियों को नही बनाया गया.