Chhapra: छपरा के श्यामचक मुहल्ला स्थित संजीवनी नर्सिंग होम में सोमवार 12 जून की रात को जन्मजात विकारों के साथ एक बच्ची का जन्म हुआ । जिसे देखने के बाद लोगों में वह बच्ची कौतूहल का विषय बन गए। दरअसल नवजात बच्ची को 4-4 हाथ-पैर, दो दिल और दो स्पाइनल कॉर्ड थे,लेकिन एक ही सिर था। इसे मेडिकल साइंस की भाषा में (congenital disorders) कंजेनेटल डिसॉर्डर कहते हैं। इस बच्ची का जन्म सीजेरियन डिलीवरी से हुआ था। हालांकि बच्ची जन्म लेने के बाद मात्र 20 मिनट तक ही जीवित रह सकी।
नर्सिंग होम संचालक चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार बताते हैं कि मेडिकल टर्म में इसे कंजेनेटल एनोमलिस कहा जाता है। उन्होंने बताया कि यह बहुत कम देखने को मिलता है। ऐसा तब होता है जब, गर्भाशय में एक अंडे से दो बच्चे बनते है। इस प्रक्रिया में समय रहते दोनो अलग हो गए तो जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं, लेकिन किसी कारणवश दोनो अलग नही हो पाते तो फिर उस परिस्थिति में ऐसे बच्चों का जन्म होता है। इतना ही नही उनके जन्म के समय भी गर्भवती महिला को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फिलहाल प्रसूता स्वस्थ है और डॉक्टरों की देखरेख में उसका इलाज जारी है।
जन्मजात विकारों को संरचनात्मक या कार्यात्मक विसंगतियों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो अंतर्गर्भाशयी जीवन के दौरान होती हैं। जन्म दोष, जन्मजात विसंगतियाँ या जन्मजात विकृतियाँ भी कहा जाता है, ये स्थितियाँ जन्म से पहले विकसित होती हैं और जन्म से पहले या बाद में या जीवन में पहचानी जा सकती हैं। दुनिया भर में अनुमानित 6% बच्चे जन्मजात विकार के साथ पैदा होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों हजारों मौतें होती हैं।