बलबीर गिरी बने श्री निरंजनी एवं बाघम्बरी गद्दी के श्रीमहंत

बलबीर गिरी बने श्री निरंजनी एवं बाघम्बरी गद्दी के श्रीमहंत

प्रयागराज: पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी एवं बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर का बलबीर गिरी को मंगलवार को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानन्द महराज ने तिलक लगाकर एवं चादर ओढ़ाकर मठ बाघम्बरी गद्दी का महंत नियुक्त किया है।

निरंजनी अखाड़े के महंत नरेन्द्र गिरे के षोडशी के अवसर पर मंगलवार को बाघम्बरी मठ परिसर में उनके चित्र पर पूरे देश से आए संतों ने पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महराज एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी महराज ने बलवीर गिरि को तिलक लगाकर और चादर ओढ़ाकर उन्हें मठ बाघंबरी गद्दी का महंत नियुक्त कर दिया।

इसके साथ ही दूसरे अखाड़ों के संतों ने भी महंताई की चादर ओढ़ाकर बलवीर गिरि को महंत के रूप में स्वीकार किया। महंताई की चादर विधि पूरी होने के साथ ही षोडशी भंडारा भी शुरू हो गया, जिसमें साधु-संतों के साथ ही आम भक्तों को भी भोजन करवाया गया।

चादर ओढ़ाने वालों में प्रेम गिरी, बालकानन्द महाराज, मथुरा के विद्यानन्द, विष्णु चैतन्य, आशुतोष गिरी, किन्नर अखाड़े के मण्डलेश्वर कौशिल्या, जम्बू के अमरपुरी, निर्मल अखाड़े के ज्ञानदेव महराज, विश्व हिन्दू परिषद के दिनेश चन्द्र, हरियाणा के अनूप भारतीय दूर दराज से आये संन्त शामिल थे।

मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री ने भी भेजी चादरषोडशी कार्यक्रम में तीनों अनि अखाड़े शामिल नहीं हुए
कई अखाड़ों के सदस्यों ने चादर ओढ़ाकर बलवीर गिरि को आशीर्वाद दिया। इसी बीच चर्चा यह भी रही कि तीन अनि अखाड़ों की तरफ से कोई पदाधिकारी चादर विधि में शामिल नहीं हुआ। जिसके पीछे उनका हरिद्वार कुम्भ के दौरान हुआ आपसी विवाद वजह बताया गया है। इसके अलावा सभी अखाड़ों के पदाधिकारी चादर पोशी में शामिल हुए। यह जानकारी अखाड़े सचिव रविन्द्र पुरी ने बताया कि दिगम्बर अनी, निर्मोही अनी एवं निर्माणी अनी इस कार्यक्रम में नहीं आए।

सनातन धर्म को आगे बढ़ाएंगे : बलवीर गिरि
निरंजनी अखाड़े का उत्तराधिकारी घोषित होने के बाद महंत बलबीर गिरि ने कहा कि आगे मठ मंदिरों की देखभाल सहित सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। हम गुरू महंत नरेन्द्र गिरी नहीं बन सकते हैं, लेकिन उनके जीवन के आदर्शों को निभाने का पूरा प्रयास करूंगा।

श्री महंत गिरि ने कहा कि जो जिम्मेदारी गुरु महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने उन्हें दी है, वह पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं और आगे बढ़ाते रहेंगे। गुरुदेव किस तरह से मठ का संचालन करते थे और गुरुदेव का सब के प्रति किस तरह से व्यवहार था। इसकी वह 20 वर्षों से स्मरण करते आ रहे हैं। और उनसे बड़ी सीख ली है।

एक सवाल के जवाब में कहा कि मठ की संपत्ति जैसी है वैसी रहेगी और इसको और आगे बढ़ाने का काम करेंगे। कोई विवाद संपत्ति को लेकर न उत्पन्न हो इसलिए अखाड़ों की निगरानी में हमेशा काम करूंगा। समय-समय पर अखाड़े के महंत इसकी जांच करते रहेंगे।

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