नवरात्रि के छठे दिन हुई माता कात्यायनी की पूजा अर्चना

नवरात्रि के छठे दिन हुई माता कात्यायनी की पूजा अर्चना

Chhapra:  चैत्र नवरात्रि के छठे दिन रविवार को माता कात्यायनी की पूजा की गई। मां दुर्गा के इस स्वरूप का अवतार कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में हुआ था, इसलिए इन्हें माता कात्यायनी कहा जाता है।

मां कात्यायनी को शहद और पीले रंग का भोग अत्यंत प्रिय है। कात्यायनी मां का शरीर सोने की तरह चमकीला है। कात्यायनी मां शेर पर सवार चार भुजाएं वाली हैं, इनके बायें हाथ में कमल, तलवार व दाहिनें हाथों में स्वास्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा लिए हुए हैं। माता कात्यायनी की पूजा में पीले रंग के वस्त्र पहनने की मान्यता है।

मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था। महिषासुर का संहार करने के कारण इन्हें दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी महिसासुरमर्दिनी कहा जाता है। नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करें। सुबह नहाने के बाद पीले रंग का वस्त्र धारण करें। मंदिर या पूजा की जगह को गंगाजल से शुद्ध कर लें। पूजा प्रारंभ करने से पहले मां को स्मरण करें और हाथ में फूल लेकर संकल्प लें।

मां को फूल अर्पित करें। इसके बाद कुमकुम, अक्षत, फूल आदि और सोलह श्रृंगार चढ़ाएं। फिर मां कात्यायनी को प्रिय भोग शहद-मिठाई इत्यादि का भोग लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें। मां कात्यायनी की पूजा करने से रोग-शोक, कष्ट और भय दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही इनकी पूजा से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। जिन लोगों की शादी में देर हो रही है, उन्हें शीघ्र विवाह या प्रेम संबंधी मामलों के लिए चैत्र नवरात्रि के छठे दिन शाम को मां कात्यायनी को हल्दी की तीन गांठ चढ़ाएं। सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए पीले फूल चढ़ाते हुए ‘ॐ कात्यायनी महामये महायोगिन्यधीश्वरी। नंद गोप सुतं देहि पतिं में कुरुते नम:।। मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने पर विवाह के योग बनेगा।

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें