असुरत्व को पराजित कर धर्म की रक्षा के लिए हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म

असुरत्व को पराजित कर धर्म की रक्षा के लिए हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म

बनियापुर: श्री कृष्ण प्रणामी धर्म श्री निजानंद सम्प्रदाय के संत श्री गोविन्द जी महाराज के द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्री मद् भागवत कथा का आयोजन किया गया. हरपुर कराह गढ़देवी मंदिर के प्रांगण में आयोजित यह कार्यक्रम 25 से 30 अगस्त तक रोज शाम 7 बजे से 11 बजे रात्रि तक चलेगा. कथा वाचक गोविन्द जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के अवतार लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान का अवतार अनेको कार्य के लिये हुआ था.

उन्होंने कहा कि जब धरती पर जब जब आसुरी शक्तियो के द्वारा पृथ्वी और पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियो को कष्ट पहुँचाया जाता है तथा देवत्त्व को पराजित कर साधु , गौ , ब्राह्मण वेद , यज्ञ आदि को नष्ट करने का प्रयास किया जाता है. तब तब भगवान विष्णु धरती पर अवतार लेकर असुरत्व को पराजित कर धर्म की रक्षा करते हुए देवत्व की स्थापना करते है. अभी जो द्वापर युग में अवतार हुआ था उसमे भगवान के तीन स्वरूप प्रकट हुए थे. इस अवतार में विष्णु के कलेवर में ही श्री कृष्ण पुरुषोत्तम एवम् उनके अंश गौलोक धाम के राधिका पति श्री कृष्ण का भी समावेश था. इस तरह वृन्दावन में 11 वर्ष 52 दिन तक अक्षरातीत श्री कृष्ण की लीला हुई एवम् उसके बाद 7 दिन गोकुल में 4 दिन मथुरा में कंस वध करने वाले राधिका पति श्री कृष्ण की लीला हुई फिर द्वारका में लीला करने वाले सोलहो कला पूर्ण भगवान श्री विष्णु कृष्ण की लीला हुई.

इस अवसर पर मुखिया शिवजी दास, गढ़देवी मंदिर के सचिव कमला सिंह, पुजेरी दीनानाथ सिंह, बृजकिशोर गुप्ता, राम प्रवेश सिंह, मुरारी सिंह, समिति राजेंद्र सिंह, संत लाल गुप्ता, सोनू शर्मा आदि उपस्थित थे.

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