करिंगा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की पुरातत्व विभाग ने दी मंजूरी

करिंगा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की पुरातत्व विभाग ने दी मंजूरी

छपरा: सारणवासियों के लिए अच्छी खबर. छपरा शहर के पश्चिमी छोर पर बनियापुर रोड पर अवस्थित करिंगा को पर्यटन क्षेत्र रूप में विकसित करने की मंजूरी पर्यटन विभाग ने दे दी है. ऐसा करिंगा के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए किया गया है.

आपको बता दें कि डीएम दीपक आनंद ने विस्तृत कार्य योजना तैयार कर एक करोड़ 67 लाख 14 हजार दो सौ रूपये की स्वीकृति का प्रस्ताव पर्यटन विभाग को दिसम्बर 2015 में भेजा था. डीएम के प्रस्ताव पर पुरातत्व निदेशक अतुल कुमार वर्मा ने हर्ष रंजन कुमार, वरीय तकनीकी पदाधिकारी पुरातत्व निदेशालय से स्थल की जांच करायी. जिसके बाद स्थल का निरीक्षण कर पुरातत्व विभाग के पदाधिकारी ने डीएम के प्रस्ताव को जनहित एवं कार्यहित में अत्यधिक लाभकारी बताया है. 

क्या है इतिहास

करिंगा छपरा मुख्यालय से पश्चिम 5 किलोमीटर दूरी पर छपरा-बनियापुर मेन रोड पर अवस्थित है. करिंगा का इतिहास बहुत पूराना है और ऐतिहासिक अभिलेखों से पता चलता है कि 1770 ई0 तक यह डच के कब्जे में रहा है. करिंगा के पास एक पूराना डच सिमेट्री था, जहां डच गर्वनर जैकवस वैन हर्न की याद में एक स्मारक बनाया गया था. जो उस समय की महत्ता का प्रमाण है.

17वीं सदी के अंत और 18वीं सदी के प्रारंभ में यूरोपियन व्यापारी कंपनी के यह आकर्षन का केन्द्र भी रहा है. इसके ऐतिहासिक स्वरूप को देखते हुए करिंगा के विकास का जिलाधिकारी दीपक आनंद ने निर्णय लेते हुए कहा था कि इस क्षेत्र को समुन्नत बनाया जायेगा अब वह सपना साकार होने जा रहा है.  

इसके विकसित होने और पर्यटक केंद्र के रूप में पहचान मिलने से क्षेत्र के लोगों को भी फायदा पहुँचने की उम्मीद है.

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