मकेर में शिक्षकों ने जलाई अवकाश तालिका संशोधन की प्रतियां, कहा नही रद्द हुआ पत्र तो सरकार भुगतेगी खामियाजा
Maker: शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों के लिए निर्धारित अवकाश तालिका में संशोधन के बाद शिक्षकों में आक्रोश जारी है. गुरुवार की संध्या मकेर प्रखंड संसाधन केंद्र में शिक्षकों द्वारा प्रदर्शन करते हुए अवकाश तालिका में संशोधन के लिए निर्गत पत्र की प्रतियां जलाएं गई.
आक्रोशित शिक्षकों द्वारा सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए निर्गत अवकाश तालिका संशोधन पत्र को अविलंब वापस लेने की मांग की गई.
शिक्षकों का कहना है कि सरकार एक सोंची समझी साजिश के तहत शिक्षकों को टारगेट कर रही है. राज्य के सभी विद्यालयों में निर्धारित अवकाश तालिका में शिक्षा के अधिकार अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू किया जाता रहा है एवं इस वर्ष भी आरटीई के प्रावधानों को पूर्ण किया जा रहा है.
उनका कहना है कि शिक्षा विभाग प्राथमिक विद्यालय में 200 एवं मध्य विद्यालय में 220 दिन के शिक्षण कार्य का हवाला दे रही है, जबकि पूर्व निर्धारित अवकाश तालिका के अनुसार विद्यालयों में 253 दिन का शैक्षणिक कार्य किया जा रहा है.
ऐसे में यह स्पष्ट है कि सरकार की मंशा शिक्षकों के प्रति ठीक नहीं है. एक विशेष कर्मी को टारगेट करते हुए उनका शोषण और समाज में नीचा दिखाने की कार्रवाई की जा रही है.
अगर जारी पत्र अविलंब वापस नहीं होता है तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.